प्रस्तावना
भारत के राजनीतिक परिदृश्य में, जहां विभिन्न राज्यों की सरकारें अपने-अपने विकास मॉडल का पालन करती हैं, उत्तर प्रदेश का योगी मॉडल अक्सर चर्चा में रहता है। हाल ही में हिमाचल प्रदेश की कांग्रेस सरकार के कुछ मंत्रियों द्वारा इस मॉडल की प्रशंसा की गई है, जिससे विभिन्न राजनीतिक प्रश्न उठ खड़े हुए हैं।
योगी मॉडल की तारीफ़
हिमाचल प्रदेश के शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर ने एक सार्वजनिक मंच पर उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ के तहत चल रहे शिक्षा मॉडल की सराहना की। उनके अनुसार, योगी मॉडल ने शिक्षा के क्षेत्र में कई सकारात्मक परिवर्तन लाए हैं और इसे हिमाचल प्रदेश में लागू करने की आवश्यकता पर उन्होंने ज़ोर दिया।
पूर्व में भी दिया गया समर्थन
यह पहली बार नहीं है जब कांग्रेस के किसी नेता ने योगी मॉडल का समर्थन किया हो। इससे पहले, हिमाचल प्रदेश के मंत्री विक्रमादित्य ने यूपी की तर्ज़ पर रेहड़ी वालों के लिए नेम प्लेट अनिवार्य करने का प्रस्ताव दिया था, जो कि एक स्वागत योग्य कदम माना गया था। हालांकि, कांग्रेस आलाकमान की नाराजगी के चलते उन्हें अपने बयान से पीछे हटना पड़ा था।
भ्रष्टाचार और प्रशासनिक सुधार
योगी मॉडल की तारीफ के पीछे मुख्य कारणों में से एक भ्रष्टाचार मुक्त शासन और प्रशासनिक सुधार हैं। उत्तर प्रदेश में योगी सरकार ने कई ऐसे कदम उठाए हैं जो प्रशासन के अंदर पारदर्शिता और जवाबदेही को बढ़ावा देते हैं। यही कारण है कि देश के अन्य राज्यों द्वारा इस मॉडल की प्रशंसा की जाती है।
कांग्रेस की स्थिति
इस परिस्थिति में यह सवाल उठता है कि क्या कांग्रेस के पास खुद का कोई विकास मॉडल है या वह सिर्फ दिखावे के लिए योगी मॉडल का विरोध करती है। विभिन्न कांग्रेस नेताओं द्वारा योगी मॉडल की खुलकर प्रशंसा करने के बावजूद, पार्टी के भीतर एक स्पष्ट रणनीति की कमी दिखाई देती है।
विकास के लिए राजनीति से ऊपर उठने की आवश्यकता
सियासत में अक्सर प्रभावी मॉडल और नीतियों का समर्थन उनके राजनीतिक दलों के रंग से ऊपर उठकर किया जाना चाहिए। यह जरूरी है कि राज्यों की सरकारें विकास पर ध्यान केंद्रित करें, भले ही वह मॉडल किसी विरोधी दल का क्यों न हो।
निष्कर्ष
समय आ गया है कि भारत की राजनीतिक पार्टियां वास्तव में उन मॉडलों और नीतियों का समर्थन करें, जो जनहित में हैं। योगी मॉडल की सराहना इस बात का संकेत है कि राजनीतिक नीति-निर्माण में तटस्थता को अपनाना कितना आवश्यक हो सकता है। आने वाले समय में यह देखना दिलचस्प होगा कि कांग्रेस इस दिशा में कौन से कदम उठाती है।