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गुजरात में चला ‘पीला पंजा’ बुलडोजर ने पीर दरगाह की जमींदोज पिछले 3 दिन में गिराए गए 200 घर


Bulldozer Action on Dwarka Dargah: गुजरात के अंदर बुलडोजर एक्शन जारी है. पिछले कई दिनों से बुलडोजर गरज रहा है. इसी बीच ताजा मामला द्वारका से सामना आया है. यहां बनी हजरत पंज पीर की दरगाह पर प्रशासन ने बुलडोजर का पंजा चला दिया है. जानकारी मुताबिक द्वारका जिले के ओखा में गुजरात मेरीटाइम बोर्ड (GMB) की ज़मीन पर अवैध रूप से बनी  हज़रत पंज पीर की दरगाह को प्रशासन द्वारा ध्वस्त कर दिया गया है.
पिछले तीन दिनों से द्वारका के बेट-द्वारका में अवैध रूप से बने करीब 200 घरों को गिरा कर हजारों वर्ग मीटर सरकारी ज़मीन को खाली करवाया गया है.

इसके अलावा पिरोटन द्वीप पर लगभग 4 000 वर्ग फीट में फैले अवैध अतिक्रमण के खिलाफ भी अधिकारियों बुलडोजर कार्रवाई की. यह कदम राष्ट्रीय सुरक्षा और क्षेत्र के समुद्री पारिस्थितिकी तंत्र की रक्षा के लिए उठाया गया था. पिरोटन द्वीप पांच एसपीएम (सिंगल पॉइंट मूरिंग) के पास मौजूद है, जो देश के 60 फीसद कच्चे तेल की आपूर्ति करते हैं. यह द्वीप मरीन नेशनल पार्क का भी हिस्सा है और अवैध कब्जे समुद्री जीवन, खास तौर पर प्रवाल भित्तियों को काफी नुकसान पहुंचा रहे थे. 

गुजरात सरकार के सूचना विभाग के मुताबिक कब्जे की वजह से लोगों की बढ़ती अनधिकृत आवाजाही ने राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए गंभीर चिंताएं पैदा कर दी हैं. यह जगह एनडीपीएस (नारकोटिक ड्रग्स एंड साइकोट्रोपिक सब्सटेंस) से संबंधित गतिविधियों के लिए लैंडिंग पॉइंट बनने का जोखिम रखता था. कब्जे और उससे जुड़ी अनधिकृत गतिविधियों ने अहम इंडस्ट्रीज और डिफेंस के लिए गंभीर जोखिम पैदा किया.
सिक्योरिटी की सख्त व्यवस्था
रिपोर्ट के मुताबिक पूरे ऑपरेशन में सीनियर अधिकारियों और पुलिस अधिकारियों समेत कुल 1000 कर्मचारी शामिल हैं. कार्रवाई शुरू होने से पहले प्रशासन और पुलिस विभाग के सीनियर अधिकारियों ने बड़े स्तर योजना बनाई और सभी आवश्यक तैयारियां पूरी भी कीं. जिला पुलिस प्रमुख, अन्य अधिकारियों और प्रशासनिक अधिकारियों के साथ, ऑपरेशन के दौरान भी प्रक्रिया पर नज़र रखने के लिए मौके पर मौजूद रहे. इसके अलावा कार्रवाई की निगरानी के लिए ड्रोन कैमरों का इस्तेमाल किया गया.
पिछले तीन दिनों से द्वारका के बेट-द्वारका में अवैध रूप से बने करीब 200 घरों को गिरा कर हजारों वर्ग मीटर सरकारी ज़मीन को खाली करवाया गया है.

इसके अलावा पिरोटन द्वीप पर लगभग 4 000 वर्ग फीट में फैले अवैध अतिक्रमण के खिलाफ भी अधिकारियों बुलडोजर कार्रवाई की. यह कदम राष्ट्रीय सुरक्षा और क्षेत्र के समुद्री पारिस्थितिकी तंत्र की रक्षा के लिए उठाया गया था. पिरोटन द्वीप पांच एसपीएम (सिंगल पॉइंट मूरिंग) के पास मौजूद है, जो देश के 60 फीसद कच्चे तेल की आपूर्ति करते हैं. यह द्वीप मरीन नेशनल पार्क का भी हिस्सा है और अवैध कब्जे समुद्री जीवन, खास तौर पर प्रवाल भित्तियों को काफी नुकसान पहुंचा रहे थे. 

गुजरात सरकार के सूचना विभाग के मुताबिक कब्जे की वजह से लोगों की बढ़ती अनधिकृत आवाजाही ने राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए गंभीर चिंताएं पैदा कर दी हैं. यह जगह एनडीपीएस (नारकोटिक ड्रग्स एंड साइकोट्रोपिक सब्सटेंस) से संबंधित गतिविधियों के लिए लैंडिंग पॉइंट बनने का जोखिम रखता था. कब्जे और उससे जुड़ी अनधिकृत गतिविधियों ने अहम इंडस्ट्रीज और डिफेंस के लिए गंभीर जोखिम पैदा किया.
सिक्योरिटी की सख्त व्यवस्था
रिपोर्ट के मुताबिक पूरे ऑपरेशन में सीनियर अधिकारियों और पुलिस अधिकारियों समेत कुल 1000 कर्मचारी शामिल हैं. कार्रवाई शुरू होने से पहले प्रशासन और पुलिस विभाग के सीनियर अधिकारियों ने बड़े स्तर योजना बनाई और सभी आवश्यक तैयारियां पूरी भी कीं. जिला पुलिस प्रमुख, अन्य अधिकारियों और प्रशासनिक अधिकारियों के साथ, ऑपरेशन के दौरान भी प्रक्रिया पर नज़र रखने के लिए मौके पर मौजूद रहे. इसके अलावा कार्रवाई की निगरानी के लिए ड्रोन कैमरों का इस्तेमाल किया गया.
इसके अलावा पिरोटन द्वीप पर लगभग 4 000 वर्ग फीट में फैले अवैध अतिक्रमण के खिलाफ भी अधिकारियों बुलडोजर कार्रवाई की. यह कदम राष्ट्रीय सुरक्षा और क्षेत्र के समुद्री पारिस्थितिकी तंत्र की रक्षा के लिए उठाया गया था. पिरोटन द्वीप पांच एसपीएम (सिंगल पॉइंट मूरिंग) के पास मौजूद है, जो देश के 60 फीसद कच्चे तेल की आपूर्ति करते हैं. यह द्वीप मरीन नेशनल पार्क का भी हिस्सा है और अवैध कब्जे समुद्री जीवन, खास तौर पर प्रवाल भित्तियों को काफी नुकसान पहुंचा रहे थे. 

गुजरात सरकार के सूचना विभाग के मुताबिक कब्जे की वजह से लोगों की बढ़ती अनधिकृत आवाजाही ने राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए गंभीर चिंताएं पैदा कर दी हैं. यह जगह एनडीपीएस (नारकोटिक ड्रग्स एंड साइकोट्रोपिक सब्सटेंस) से संबंधित गतिविधियों के लिए लैंडिंग पॉइंट बनने का जोखिम रखता था. कब्जे और उससे जुड़ी अनधिकृत गतिविधियों ने अहम इंडस्ट्रीज और डिफेंस के लिए गंभीर जोखिम पैदा किया.
सिक्योरिटी की सख्त व्यवस्था
रिपोर्ट के मुताबिक पूरे ऑपरेशन में सीनियर अधिकारियों और पुलिस अधिकारियों समेत कुल 1000 कर्मचारी शामिल हैं. कार्रवाई शुरू होने से पहले प्रशासन और पुलिस विभाग के सीनियर अधिकारियों ने बड़े स्तर योजना बनाई और सभी आवश्यक तैयारियां पूरी भी कीं. जिला पुलिस प्रमुख, अन्य अधिकारियों और प्रशासनिक अधिकारियों के साथ, ऑपरेशन के दौरान भी प्रक्रिया पर नज़र रखने के लिए मौके पर मौजूद रहे. इसके अलावा कार्रवाई की निगरानी के लिए ड्रोन कैमरों का इस्तेमाल किया गया.
गुजरात सरकार के सूचना विभाग के मुताबिक कब्जे की वजह से लोगों की बढ़ती अनधिकृत आवाजाही ने राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए गंभीर चिंताएं पैदा कर दी हैं. यह जगह एनडीपीएस (नारकोटिक ड्रग्स एंड साइकोट्रोपिक सब्सटेंस) से संबंधित गतिविधियों के लिए लैंडिंग पॉइंट बनने का जोखिम रखता था. कब्जे और उससे जुड़ी अनधिकृत गतिविधियों ने अहम इंडस्ट्रीज और डिफेंस के लिए गंभीर जोखिम पैदा किया.
सिक्योरिटी की सख्त व्यवस्था
रिपोर्ट के मुताबिक पूरे ऑपरेशन में सीनियर अधिकारियों और पुलिस अधिकारियों समेत कुल 1000 कर्मचारी शामिल हैं. कार्रवाई शुरू होने से पहले प्रशासन और पुलिस विभाग के सीनियर अधिकारियों ने बड़े स्तर योजना बनाई और सभी आवश्यक तैयारियां पूरी भी कीं. जिला पुलिस प्रमुख, अन्य अधिकारियों और प्रशासनिक अधिकारियों के साथ, ऑपरेशन के दौरान भी प्रक्रिया पर नज़र रखने के लिए मौके पर मौजूद रहे. इसके अलावा कार्रवाई की निगरानी के लिए ड्रोन कैमरों का इस्तेमाल किया गया.
रिपोर्ट के मुताबिक पूरे ऑपरेशन में सीनियर अधिकारियों और पुलिस अधिकारियों समेत कुल 1000 कर्मचारी शामिल हैं. कार्रवाई शुरू होने से पहले प्रशासन और पुलिस विभाग के सीनियर अधिकारियों ने बड़े स्तर योजना बनाई और सभी आवश्यक तैयारियां पूरी भी कीं. जिला पुलिस प्रमुख, अन्य अधिकारियों और प्रशासनिक अधिकारियों के साथ, ऑपरेशन के दौरान भी प्रक्रिया पर नज़र रखने के लिए मौके पर मौजूद रहे. इसके अलावा कार्रवाई की निगरानी के लिए ड्रोन कैमरों का इस्तेमाल किया गया.

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