आदिगाम में सफल अभियान का निष्कर्ष
जम्मू-कश्मीर में महीने भर चले चुनावी माहौल के बाद दक्षिण कश्मीर के कुलगाम जिले के आदिगाम गांव में सुरक्षा बलों ने एक और सफल आतंकवाद विरोधी अभियान को अंजाम दिया। इस कार्रवाई में दो आतंकियों को मार गिराया गया है और मुठभेड़ स्थल से दो एके-47 राइफलें, हथियार और गोलाबारूद भी बरामद किया गया है। आतंकियों के शव बरामद कर लिए गए हैं, लेकिन अभी उनकी पहचान की पुष्टि नहीं हो पाई है।
तलाशी अभियान की शुरुआत
सुरक्षा बलों को तड़के सुबह खुफिया सूत्रों से आतंकियों की मौजूदगी की सूचना मिली। इसके तुरंत बाद, सुरक्षाबलों ने गांव में एक व्यापक तलाशी अभियान शुरू किया। प्रारंभिक जांच में, आतंकियों ने तलाशी दल पर गोलीबारी की, जिससे सेना के चार जवान और एएसपी रैंक का एक पुलिस अधिकारी घायल हो गए। घायलों की स्थिति फिलहाल स्थिर बताई जा रही है।
मुठभेड़ की शुरुआत
आतंकियों की गोलीबारी का सुरक्षाबलों द्वारा प्रभावी ढंग से जवाब दिया गया और इसके परिणामस्वरूप कुलगाम जिले के आदिगाम क्षेत्र में एक व्यापक मुठभेड़ शुरू हो गई। मुठभेड़ के दौरान, सुरक्षाबलों की और अधिक टुकड़ियां मौके पर बुलाई गई और इलाके के सभी प्रवेश और निकास मार्गों को सील कर दिया गया। इससे आतंकियों की भागने की संभावनाएं समाप्त हो गईं।
आतंकियों का छिपना और हमला
ऑपरेशन में शामिल एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने जानकारी दी कि जिन घरों में आतंकवादी छिपे हुए थे, उन्हें घेर लिया गया था। इस कार्रवाई से घबरा कर आतंकियों ने भागने की कोशिश की लेकिन वे घेराबंदी को पार नहीं कर पाए और एक गौशाला में जा छिपे। सेना और जम्मू-कश्मीर पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों ने मौके पर पहुंचकर ऑपरेशन की निगरानी की।
आईजीपी कश्मीर का बयान
इस अभियान की विस्तृत जानकारी देते हुए आईजीपी कश्मीर वी के बिरधी ने ज़ी न्यूज़ से बातचीत में कहा कि इलाके में आतंकियों की मौजूदगी से संबंधित विशेष खुफिया जानकारी मिलने के बाद अभियान शुरू किया गया था। बिरधी ने बताया कि मुठभेड़ कुलगाम के आदिगाम देवसर इलाके में तड़के सुबह शुरू हुई और अभियान खत्म होने के बाद आतंकियों के बारे में विस्तृत जानकारी साझा की जाएगी।
सुरक्षाबलों की सतर्कता
आतंगी घटना के बाद, सुरक्षाबलों ने अपने सतर्कता को और बढ़ा दिया है। पूरे इलाके को चारों ओर से महफ़ूज़ बंद कर दिया गया है ताकि किसी भी संभावित खतरे को तुरंत निष्क्रिय किया जा सके। आम जनता से भी अनुरोध किया गया है कि वे सुरक्षा बलों के साथ सहयोग करें और किसी भी संदिग्ध गतिविधि की सूचना दें।
जम्मू-कश्मीर की सुरक्षा में बढ़ोतरी
इस अभियान के समापन के साथ, जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा बलों ने एक बार फिर साबित कर दिया है कि वे किसी भी तरह की आतंकवादी गतिविधियों को नहीं सहेंगे और हर संभव तरीके से आम जनता की सुरक्षा सुनिश्चित करेंगे। इन अभियानों से आतंकवादियों का मनोबल कमजोर होता है और क्षेत्र में शांति और स्थिरता पुनर्स्थापित होती है।
भूमिका में स्थिरता
एक ओर जहां चुनाव ने राजनीतिक हलचल को जन्म दिया, वहीं ऐसे सफल आतंकवाद विरोधी अभियानों से सरकार और सुरक्षा बलों की सराहना की जा रही है। जम्मू-कश्मीर में स्थिरता और शांति लाने के प्रयासों में यह अभियान मील का पत्थर साबित हो सकता है।
यह घटना इस बात का संकेत है कि जम्मू-कश्मीर की सुरक्षा स्थिति अब भी पूरी तरह से बनाए रखने के लिए कई चुनौतियों का सामना कर रही है, लेकिन सुरक्षा बल पूरी तत्परता और जोश के साथ इन चुनौतियों का सामना करने के लिए तैयार हैं।