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जयशंकर ने पाकिस्तान को आईना दिखाते हुए लगाई लताड़ थरूर बोले- राइट! मंत्री जी ने सही कहा


Shashi Tharoor Echoes S Jaishankar: कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों के साथ होने वाले अत्याचारों पर चिंता जताते हुए कहा कि वहां की स्थिति बेहद परेशान करने वाली है. विदेश मंत्री जयशंकर के पाकिस्तान को फटकार लगाने और आईना दिखाने वाले बयान का समर्थन करते हुए थरूर ने कहा, ‘वहां के हालात पर सबकी नजर है. जयशंकर का बयान इस बात का संकेत है कि हम पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों की भलाई के बारे में चिंतित हैं. इस मामले में एक और मुश्किल ये है कि फिलहाल भारत और पाकिस्तान के बीच कोई वास्तविक बातचीत नहीं चल रही है. अन्यथा हम अपनी चिंताओं को सीधे व्यक्त कर सकते थे और प्रॉपर एक्शन की मांग कर सकते थे.’
मंत्री का बयान तथ्यात्मक रूप से सही
कांग्रेस नेता ने कहा, ‘मंत्री का बयान पूरी तरह से तथ्यात्मक था और हमें इस बात पर ध्यान देना चाहिए कि हमारे पड़ोसी देश में बेहद परेशान करने वाली स्थिति है.’ थरूर की टिप्पणी जयशंकर के संसद में दिए गए उस बयान के बाद आई, जिसमें उन्होंने कहा- ‘भारत, पाकिस्तान और बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों पर हो रहे हमलों पर बहुत बारीकी से नजर रख रहा है. नई दिल्ली की स्थिति पर पूरी नजर बनी हुई है. पड़ोसी देश की कट्टरपंथी ताकतें हमलावर हैं. कट्टर मानसिकता नहीं बदली है.’
जयशंकर ने गिनाए सबूत
जयशंकर ने सदन को बताया, ‘पाकिस्तान में सिख समुदाय से जुड़ी तीन घटनाएं हुईं. एक केस में सिख परिवार पर हमला हुआ. दूसरी घटना में एक पुराने गुरुद्वारे को फिर से खोलने के कारण सिख परिवार को धमकाया गया. सिख समुदाय की एक लड़की के साथ अपहरण और धर्मांतरण का भी एक मामला सामने आया था. इसी के साथ अहमदिया समुदाय से जुड़े दो मामले थे. एक केस में उनकी मस्जिद को सील कर दिया गया और हैवानियत के दूसरे मामले में, 40 कब्रों को तोड़ दिया गया और ईसाई समुदाय से जुड़ा एक मामला था. जहां एक ईसाई व्यक्ति जो कथित तौर पर मानसिक रूप से अस्थिर था, उस पर ईशनिंदा का आरोप लगाया गया था’.
ह्यूमन राइट्स फोकस पाकिस्तान की रिपोर्ट में क्या?
तीन दिन पहले आई ह्यूमन राइट्स फोकस पाकिस्तान (HRFP) की रिपोर्ट में 2025 की पहली तिमाही के दौरान पाकिस्तान में हिंदूओं, इसाई समुदाय और अन्य अल्पसंख्यकों पर होने वाले हमलों की तादात में हो रही तेज बढ़ोतरी पर चिंता जताई गई थी. रिपोर्ट में अल्पसंख्यकों से हो रही हैवानियत की निंदा करते हुए कहा गया है कि कट्टरपंथी नेताओं का राजनीतिक हस्तियों पर असर होने के चलते, अल्पसंख्यको को राहत और न्याय नहीं मिल पा रहा है.
HRFP के चीफ नवीद वाल्टर ने कहा, ‘पाकिस्तान में धार्मिक अल्पसंख्यकों पर हमले बढ़े हैं, उनकी हत्याएं हो रही हैं. ईशनिंदा के आरोपों में उनको फंसाया जा रहा है. इसके अलावा उनका अपहरण करके जबरन धर्मांतरण और जबरन विवाह कराने के मामले थमने का नाम नहीं ले रहे हैं. वहां गैर मुस्लिमों की पीड़ा को समझने वाला कोई नहीं है. उनकी उपेक्षा पर ध्यान न देना और भी दर्दनाक है.
मंत्री का बयान तथ्यात्मक रूप से सही
कांग्रेस नेता ने कहा, ‘मंत्री का बयान पूरी तरह से तथ्यात्मक था और हमें इस बात पर ध्यान देना चाहिए कि हमारे पड़ोसी देश में बेहद परेशान करने वाली स्थिति है.’ थरूर की टिप्पणी जयशंकर के संसद में दिए गए उस बयान के बाद आई, जिसमें उन्होंने कहा- ‘भारत, पाकिस्तान और बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों पर हो रहे हमलों पर बहुत बारीकी से नजर रख रहा है. नई दिल्ली की स्थिति पर पूरी नजर बनी हुई है. पड़ोसी देश की कट्टरपंथी ताकतें हमलावर हैं. कट्टर मानसिकता नहीं बदली है.’
जयशंकर ने गिनाए सबूत
जयशंकर ने सदन को बताया, ‘पाकिस्तान में सिख समुदाय से जुड़ी तीन घटनाएं हुईं. एक केस में सिख परिवार पर हमला हुआ. दूसरी घटना में एक पुराने गुरुद्वारे को फिर से खोलने के कारण सिख परिवार को धमकाया गया. सिख समुदाय की एक लड़की के साथ अपहरण और धर्मांतरण का भी एक मामला सामने आया था. इसी के साथ अहमदिया समुदाय से जुड़े दो मामले थे. एक केस में उनकी मस्जिद को सील कर दिया गया और हैवानियत के दूसरे मामले में, 40 कब्रों को तोड़ दिया गया और ईसाई समुदाय से जुड़ा एक मामला था. जहां एक ईसाई व्यक्ति जो कथित तौर पर मानसिक रूप से अस्थिर था, उस पर ईशनिंदा का आरोप लगाया गया था’.
ह्यूमन राइट्स फोकस पाकिस्तान की रिपोर्ट में क्या?
तीन दिन पहले आई ह्यूमन राइट्स फोकस पाकिस्तान (HRFP) की रिपोर्ट में 2025 की पहली तिमाही के दौरान पाकिस्तान में हिंदूओं, इसाई समुदाय और अन्य अल्पसंख्यकों पर होने वाले हमलों की तादात में हो रही तेज बढ़ोतरी पर चिंता जताई गई थी. रिपोर्ट में अल्पसंख्यकों से हो रही हैवानियत की निंदा करते हुए कहा गया है कि कट्टरपंथी नेताओं का राजनीतिक हस्तियों पर असर होने के चलते, अल्पसंख्यको को राहत और न्याय नहीं मिल पा रहा है.
HRFP के चीफ नवीद वाल्टर ने कहा, ‘पाकिस्तान में धार्मिक अल्पसंख्यकों पर हमले बढ़े हैं, उनकी हत्याएं हो रही हैं. ईशनिंदा के आरोपों में उनको फंसाया जा रहा है. इसके अलावा उनका अपहरण करके जबरन धर्मांतरण और जबरन विवाह कराने के मामले थमने का नाम नहीं ले रहे हैं. वहां गैर मुस्लिमों की पीड़ा को समझने वाला कोई नहीं है. उनकी उपेक्षा पर ध्यान न देना और भी दर्दनाक है.
कांग्रेस नेता ने कहा, ‘मंत्री का बयान पूरी तरह से तथ्यात्मक था और हमें इस बात पर ध्यान देना चाहिए कि हमारे पड़ोसी देश में बेहद परेशान करने वाली स्थिति है.’ थरूर की टिप्पणी जयशंकर के संसद में दिए गए उस बयान के बाद आई, जिसमें उन्होंने कहा- ‘भारत, पाकिस्तान और बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों पर हो रहे हमलों पर बहुत बारीकी से नजर रख रहा है. नई दिल्ली की स्थिति पर पूरी नजर बनी हुई है. पड़ोसी देश की कट्टरपंथी ताकतें हमलावर हैं. कट्टर मानसिकता नहीं बदली है.’
जयशंकर ने गिनाए सबूत
जयशंकर ने सदन को बताया, ‘पाकिस्तान में सिख समुदाय से जुड़ी तीन घटनाएं हुईं. एक केस में सिख परिवार पर हमला हुआ. दूसरी घटना में एक पुराने गुरुद्वारे को फिर से खोलने के कारण सिख परिवार को धमकाया गया. सिख समुदाय की एक लड़की के साथ अपहरण और धर्मांतरण का भी एक मामला सामने आया था. इसी के साथ अहमदिया समुदाय से जुड़े दो मामले थे. एक केस में उनकी मस्जिद को सील कर दिया गया और हैवानियत के दूसरे मामले में, 40 कब्रों को तोड़ दिया गया और ईसाई समुदाय से जुड़ा एक मामला था. जहां एक ईसाई व्यक्ति जो कथित तौर पर मानसिक रूप से अस्थिर था, उस पर ईशनिंदा का आरोप लगाया गया था’.
ह्यूमन राइट्स फोकस पाकिस्तान की रिपोर्ट में क्या?
तीन दिन पहले आई ह्यूमन राइट्स फोकस पाकिस्तान (HRFP) की रिपोर्ट में 2025 की पहली तिमाही के दौरान पाकिस्तान में हिंदूओं, इसाई समुदाय और अन्य अल्पसंख्यकों पर होने वाले हमलों की तादात में हो रही तेज बढ़ोतरी पर चिंता जताई गई थी. रिपोर्ट में अल्पसंख्यकों से हो रही हैवानियत की निंदा करते हुए कहा गया है कि कट्टरपंथी नेताओं का राजनीतिक हस्तियों पर असर होने के चलते, अल्पसंख्यको को राहत और न्याय नहीं मिल पा रहा है.
HRFP के चीफ नवीद वाल्टर ने कहा, ‘पाकिस्तान में धार्मिक अल्पसंख्यकों पर हमले बढ़े हैं, उनकी हत्याएं हो रही हैं. ईशनिंदा के आरोपों में उनको फंसाया जा रहा है. इसके अलावा उनका अपहरण करके जबरन धर्मांतरण और जबरन विवाह कराने के मामले थमने का नाम नहीं ले रहे हैं. वहां गैर मुस्लिमों की पीड़ा को समझने वाला कोई नहीं है. उनकी उपेक्षा पर ध्यान न देना और भी दर्दनाक है.
जयशंकर ने गिनाए सबूत
जयशंकर ने सदन को बताया, ‘पाकिस्तान में सिख समुदाय से जुड़ी तीन घटनाएं हुईं. एक केस में सिख परिवार पर हमला हुआ. दूसरी घटना में एक पुराने गुरुद्वारे को फिर से खोलने के कारण सिख परिवार को धमकाया गया. सिख समुदाय की एक लड़की के साथ अपहरण और धर्मांतरण का भी एक मामला सामने आया था. इसी के साथ अहमदिया समुदाय से जुड़े दो मामले थे. एक केस में उनकी मस्जिद को सील कर दिया गया और हैवानियत के दूसरे मामले में, 40 कब्रों को तोड़ दिया गया और ईसाई समुदाय से जुड़ा एक मामला था. जहां एक ईसाई व्यक्ति जो कथित तौर पर मानसिक रूप से अस्थिर था, उस पर ईशनिंदा का आरोप लगाया गया था’.
ह्यूमन राइट्स फोकस पाकिस्तान की रिपोर्ट में क्या?
तीन दिन पहले आई ह्यूमन राइट्स फोकस पाकिस्तान (HRFP) की रिपोर्ट में 2025 की पहली तिमाही के दौरान पाकिस्तान में हिंदूओं, इसाई समुदाय और अन्य अल्पसंख्यकों पर होने वाले हमलों की तादात में हो रही तेज बढ़ोतरी पर चिंता जताई गई थी. रिपोर्ट में अल्पसंख्यकों से हो रही हैवानियत की निंदा करते हुए कहा गया है कि कट्टरपंथी नेताओं का राजनीतिक हस्तियों पर असर होने के चलते, अल्पसंख्यको को राहत और न्याय नहीं मिल पा रहा है.
HRFP के चीफ नवीद वाल्टर ने कहा, ‘पाकिस्तान में धार्मिक अल्पसंख्यकों पर हमले बढ़े हैं, उनकी हत्याएं हो रही हैं. ईशनिंदा के आरोपों में उनको फंसाया जा रहा है. इसके अलावा उनका अपहरण करके जबरन धर्मांतरण और जबरन विवाह कराने के मामले थमने का नाम नहीं ले रहे हैं. वहां गैर मुस्लिमों की पीड़ा को समझने वाला कोई नहीं है. उनकी उपेक्षा पर ध्यान न देना और भी दर्दनाक है.
जयशंकर ने सदन को बताया, ‘पाकिस्तान में सिख समुदाय से जुड़ी तीन घटनाएं हुईं. एक केस में सिख परिवार पर हमला हुआ. दूसरी घटना में एक पुराने गुरुद्वारे को फिर से खोलने के कारण सिख परिवार को धमकाया गया. सिख समुदाय की एक लड़की के साथ अपहरण और धर्मांतरण का भी एक मामला सामने आया था. इसी के साथ अहमदिया समुदाय से जुड़े दो मामले थे. एक केस में उनकी मस्जिद को सील कर दिया गया और हैवानियत के दूसरे मामले में, 40 कब्रों को तोड़ दिया गया और ईसाई समुदाय से जुड़ा एक मामला था. जहां एक ईसाई व्यक्ति जो कथित तौर पर मानसिक रूप से अस्थिर था, उस पर ईशनिंदा का आरोप लगाया गया था’.
ह्यूमन राइट्स फोकस पाकिस्तान की रिपोर्ट में क्या?
तीन दिन पहले आई ह्यूमन राइट्स फोकस पाकिस्तान (HRFP) की रिपोर्ट में 2025 की पहली तिमाही के दौरान पाकिस्तान में हिंदूओं, इसाई समुदाय और अन्य अल्पसंख्यकों पर होने वाले हमलों की तादात में हो रही तेज बढ़ोतरी पर चिंता जताई गई थी. रिपोर्ट में अल्पसंख्यकों से हो रही हैवानियत की निंदा करते हुए कहा गया है कि कट्टरपंथी नेताओं का राजनीतिक हस्तियों पर असर होने के चलते, अल्पसंख्यको को राहत और न्याय नहीं मिल पा रहा है.
HRFP के चीफ नवीद वाल्टर ने कहा, ‘पाकिस्तान में धार्मिक अल्पसंख्यकों पर हमले बढ़े हैं, उनकी हत्याएं हो रही हैं. ईशनिंदा के आरोपों में उनको फंसाया जा रहा है. इसके अलावा उनका अपहरण करके जबरन धर्मांतरण और जबरन विवाह कराने के मामले थमने का नाम नहीं ले रहे हैं. वहां गैर मुस्लिमों की पीड़ा को समझने वाला कोई नहीं है. उनकी उपेक्षा पर ध्यान न देना और भी दर्दनाक है.
ह्यूमन राइट्स फोकस पाकिस्तान की रिपोर्ट में क्या?
तीन दिन पहले आई ह्यूमन राइट्स फोकस पाकिस्तान (HRFP) की रिपोर्ट में 2025 की पहली तिमाही के दौरान पाकिस्तान में हिंदूओं, इसाई समुदाय और अन्य अल्पसंख्यकों पर होने वाले हमलों की तादात में हो रही तेज बढ़ोतरी पर चिंता जताई गई थी. रिपोर्ट में अल्पसंख्यकों से हो रही हैवानियत की निंदा करते हुए कहा गया है कि कट्टरपंथी नेताओं का राजनीतिक हस्तियों पर असर होने के चलते, अल्पसंख्यको को राहत और न्याय नहीं मिल पा रहा है.
HRFP के चीफ नवीद वाल्टर ने कहा, ‘पाकिस्तान में धार्मिक अल्पसंख्यकों पर हमले बढ़े हैं, उनकी हत्याएं हो रही हैं. ईशनिंदा के आरोपों में उनको फंसाया जा रहा है. इसके अलावा उनका अपहरण करके जबरन धर्मांतरण और जबरन विवाह कराने के मामले थमने का नाम नहीं ले रहे हैं. वहां गैर मुस्लिमों की पीड़ा को समझने वाला कोई नहीं है. उनकी उपेक्षा पर ध्यान न देना और भी दर्दनाक है.
तीन दिन पहले आई ह्यूमन राइट्स फोकस पाकिस्तान (HRFP) की रिपोर्ट में 2025 की पहली तिमाही के दौरान पाकिस्तान में हिंदूओं, इसाई समुदाय और अन्य अल्पसंख्यकों पर होने वाले हमलों की तादात में हो रही तेज बढ़ोतरी पर चिंता जताई गई थी. रिपोर्ट में अल्पसंख्यकों से हो रही हैवानियत की निंदा करते हुए कहा गया है कि कट्टरपंथी नेताओं का राजनीतिक हस्तियों पर असर होने के चलते, अल्पसंख्यको को राहत और न्याय नहीं मिल पा रहा है.
HRFP के चीफ नवीद वाल्टर ने कहा, ‘पाकिस्तान में धार्मिक अल्पसंख्यकों पर हमले बढ़े हैं, उनकी हत्याएं हो रही हैं. ईशनिंदा के आरोपों में उनको फंसाया जा रहा है. इसके अलावा उनका अपहरण करके जबरन धर्मांतरण और जबरन विवाह कराने के मामले थमने का नाम नहीं ले रहे हैं. वहां गैर मुस्लिमों की पीड़ा को समझने वाला कोई नहीं है. उनकी उपेक्षा पर ध्यान न देना और भी दर्दनाक है.
HRFP के चीफ नवीद वाल्टर ने कहा, ‘पाकिस्तान में धार्मिक अल्पसंख्यकों पर हमले बढ़े हैं, उनकी हत्याएं हो रही हैं. ईशनिंदा के आरोपों में उनको फंसाया जा रहा है. इसके अलावा उनका अपहरण करके जबरन धर्मांतरण और जबरन विवाह कराने के मामले थमने का नाम नहीं ले रहे हैं. वहां गैर मुस्लिमों की पीड़ा को समझने वाला कोई नहीं है. उनकी उपेक्षा पर ध्यान न देना और भी दर्दनाक है.

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