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‘जरूरी नहीं कि सरकार जो भी वादे करे वो…’ अजित पवार के बयान से क्यों गरमाई महाराष्ट्र की सिसायत?


Ajit Pawar: महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजित पवार अपने एक बयान से विवादों में घिर गए हैं. उन्होंने शुक्रवार 28 मार्च 2025 को पुणे के बारामती इलाके में एक कार्यक्रम के दौरान किसानों को 31 मार्च तक फसल चुकाने के लिए कहा. इसके अलावा उन्होंने कई योजनाओं से सरकार पर बढ़ रहे बोझ को लेकर बातचीत की. पवार के ये बयान विवादों में बदल चुके हैं, जिसका बचाव उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने किया है. उन्होंने कहा कि सरकार की ओर से चुनावी घोषणापत्र में किए गए सभी वादों को पूरा किया जाएगा.  
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’31 मार्च तक चुका दें लोन…’ 
अजित पवार ने अपने बयान में कहा,’ 28 मार्च को मैं इस कार्यक्रम के जरिए महाराष्ट्र के लोगों को स्पष्ट रूप से सूचित करना चाहता हूं कि वे 31 मार्च तक अपने फसल लोन चुका दें. चुनाव के दौरान किए गए वादे हमेशा सीधे तौर पर काम में नहीं आते. वर्तमान परिस्थितियों को देखते हुए भविष्य में फैसले लिए जाएंगे, हालांकि अभी और अगले साल भी लिए गए लोन को चुकाना होगा. सकारात्मक बात यह है कि जीरो प्रतिशत इंटरेस्ट पर लोन लेने की व्यवस्था की गई है.’

अजित पवार ने आगे कहा,’ चाहे महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस हों या उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे, उनका ध्यान लोगों की भलाई पर ही रहता है. 
बिल माफ करने में आ रहे पसीने 
अजित पवार ने राज्य की वित्तीय प्रतिबद्धताओं पर बातचीत करते हुए महाराष्ट्र के 7.20 लाख करोड़ के बजट को संभालने की चुनौतियों पर रोशनी डाली. उन्होंने कहा कि बिल माफ करने में ही सरकार का 65,000 करोड़ तक का खर्चा आता है. उन्होंने कहा,’ जो भी कहा गया है, वह सीधे तौर पर लागू नहीं होता क्योंकि 7.20 लाख करोड़ का बजट पेश करते समय, तकरीबन 65,000 करोड़ रुपए के इलेक्ट्रिसिटी बिल माफ कर दिए गए हैं, जिसका अर्थ है कि आप नहीं बल्कि हम सरकार को इसे चुकाना पड़ता है.’  
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योजनाओं से बढ़ रहा बोझ 
पवार ने कई योजनाओं के कारण पड़े वित्तीय बोझ पर भी बात की, जिसमें लाडकी बहिन योजना के लिए आवंटित 45,000 करोड़ है. साथ ही उन्होंने पेंशन, वेतन और लोन ब्याज भुगतान के लिए 3.5 लाख करोड़ रुपए की आवश्यकता के बारे में बताया. उन्होंने कहा,’ अगर हम 65,000 करोड़ रुपए और 3.5 लाख करोड़ रुपए जोड़ें तो तकरीबन 4.25 लाख रुपये पहले ही खर्च हो चुके हैं. बाकी बचे पैसों से बिजली, पानी, सड़क, स्कूल की किताबें और यूनिफॉर्म जैसी जरूरी खर्चों को पूरा करना होगा.
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’31 मार्च तक चुका दें लोन…’ 
अजित पवार ने अपने बयान में कहा,’ 28 मार्च को मैं इस कार्यक्रम के जरिए महाराष्ट्र के लोगों को स्पष्ट रूप से सूचित करना चाहता हूं कि वे 31 मार्च तक अपने फसल लोन चुका दें. चुनाव के दौरान किए गए वादे हमेशा सीधे तौर पर काम में नहीं आते. वर्तमान परिस्थितियों को देखते हुए भविष्य में फैसले लिए जाएंगे, हालांकि अभी और अगले साल भी लिए गए लोन को चुकाना होगा. सकारात्मक बात यह है कि जीरो प्रतिशत इंटरेस्ट पर लोन लेने की व्यवस्था की गई है.’

अजित पवार ने आगे कहा,’ चाहे महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस हों या उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे, उनका ध्यान लोगों की भलाई पर ही रहता है. 
बिल माफ करने में आ रहे पसीने 
अजित पवार ने राज्य की वित्तीय प्रतिबद्धताओं पर बातचीत करते हुए महाराष्ट्र के 7.20 लाख करोड़ के बजट को संभालने की चुनौतियों पर रोशनी डाली. उन्होंने कहा कि बिल माफ करने में ही सरकार का 65,000 करोड़ तक का खर्चा आता है. उन्होंने कहा,’ जो भी कहा गया है, वह सीधे तौर पर लागू नहीं होता क्योंकि 7.20 लाख करोड़ का बजट पेश करते समय, तकरीबन 65,000 करोड़ रुपए के इलेक्ट्रिसिटी बिल माफ कर दिए गए हैं, जिसका अर्थ है कि आप नहीं बल्कि हम सरकार को इसे चुकाना पड़ता है.’  
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योजनाओं से बढ़ रहा बोझ 
पवार ने कई योजनाओं के कारण पड़े वित्तीय बोझ पर भी बात की, जिसमें लाडकी बहिन योजना के लिए आवंटित 45,000 करोड़ है. साथ ही उन्होंने पेंशन, वेतन और लोन ब्याज भुगतान के लिए 3.5 लाख करोड़ रुपए की आवश्यकता के बारे में बताया. उन्होंने कहा,’ अगर हम 65,000 करोड़ रुपए और 3.5 लाख करोड़ रुपए जोड़ें तो तकरीबन 4.25 लाख रुपये पहले ही खर्च हो चुके हैं. बाकी बचे पैसों से बिजली, पानी, सड़क, स्कूल की किताबें और यूनिफॉर्म जैसी जरूरी खर्चों को पूरा करना होगा.
’31 मार्च तक चुका दें लोन…’ 
अजित पवार ने अपने बयान में कहा,’ 28 मार्च को मैं इस कार्यक्रम के जरिए महाराष्ट्र के लोगों को स्पष्ट रूप से सूचित करना चाहता हूं कि वे 31 मार्च तक अपने फसल लोन चुका दें. चुनाव के दौरान किए गए वादे हमेशा सीधे तौर पर काम में नहीं आते. वर्तमान परिस्थितियों को देखते हुए भविष्य में फैसले लिए जाएंगे, हालांकि अभी और अगले साल भी लिए गए लोन को चुकाना होगा. सकारात्मक बात यह है कि जीरो प्रतिशत इंटरेस्ट पर लोन लेने की व्यवस्था की गई है.’

अजित पवार ने आगे कहा,’ चाहे महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस हों या उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे, उनका ध्यान लोगों की भलाई पर ही रहता है. 
बिल माफ करने में आ रहे पसीने 
अजित पवार ने राज्य की वित्तीय प्रतिबद्धताओं पर बातचीत करते हुए महाराष्ट्र के 7.20 लाख करोड़ के बजट को संभालने की चुनौतियों पर रोशनी डाली. उन्होंने कहा कि बिल माफ करने में ही सरकार का 65,000 करोड़ तक का खर्चा आता है. उन्होंने कहा,’ जो भी कहा गया है, वह सीधे तौर पर लागू नहीं होता क्योंकि 7.20 लाख करोड़ का बजट पेश करते समय, तकरीबन 65,000 करोड़ रुपए के इलेक्ट्रिसिटी बिल माफ कर दिए गए हैं, जिसका अर्थ है कि आप नहीं बल्कि हम सरकार को इसे चुकाना पड़ता है.’  
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योजनाओं से बढ़ रहा बोझ 
पवार ने कई योजनाओं के कारण पड़े वित्तीय बोझ पर भी बात की, जिसमें लाडकी बहिन योजना के लिए आवंटित 45,000 करोड़ है. साथ ही उन्होंने पेंशन, वेतन और लोन ब्याज भुगतान के लिए 3.5 लाख करोड़ रुपए की आवश्यकता के बारे में बताया. उन्होंने कहा,’ अगर हम 65,000 करोड़ रुपए और 3.5 लाख करोड़ रुपए जोड़ें तो तकरीबन 4.25 लाख रुपये पहले ही खर्च हो चुके हैं. बाकी बचे पैसों से बिजली, पानी, सड़क, स्कूल की किताबें और यूनिफॉर्म जैसी जरूरी खर्चों को पूरा करना होगा.
अजित पवार ने आगे कहा,’ चाहे महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस हों या उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे, उनका ध्यान लोगों की भलाई पर ही रहता है. 
बिल माफ करने में आ रहे पसीने 
अजित पवार ने राज्य की वित्तीय प्रतिबद्धताओं पर बातचीत करते हुए महाराष्ट्र के 7.20 लाख करोड़ के बजट को संभालने की चुनौतियों पर रोशनी डाली. उन्होंने कहा कि बिल माफ करने में ही सरकार का 65,000 करोड़ तक का खर्चा आता है. उन्होंने कहा,’ जो भी कहा गया है, वह सीधे तौर पर लागू नहीं होता क्योंकि 7.20 लाख करोड़ का बजट पेश करते समय, तकरीबन 65,000 करोड़ रुपए के इलेक्ट्रिसिटी बिल माफ कर दिए गए हैं, जिसका अर्थ है कि आप नहीं बल्कि हम सरकार को इसे चुकाना पड़ता है.’  
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योजनाओं से बढ़ रहा बोझ 
पवार ने कई योजनाओं के कारण पड़े वित्तीय बोझ पर भी बात की, जिसमें लाडकी बहिन योजना के लिए आवंटित 45,000 करोड़ है. साथ ही उन्होंने पेंशन, वेतन और लोन ब्याज भुगतान के लिए 3.5 लाख करोड़ रुपए की आवश्यकता के बारे में बताया. उन्होंने कहा,’ अगर हम 65,000 करोड़ रुपए और 3.5 लाख करोड़ रुपए जोड़ें तो तकरीबन 4.25 लाख रुपये पहले ही खर्च हो चुके हैं. बाकी बचे पैसों से बिजली, पानी, सड़क, स्कूल की किताबें और यूनिफॉर्म जैसी जरूरी खर्चों को पूरा करना होगा.
बिल माफ करने में आ रहे पसीने 
अजित पवार ने राज्य की वित्तीय प्रतिबद्धताओं पर बातचीत करते हुए महाराष्ट्र के 7.20 लाख करोड़ के बजट को संभालने की चुनौतियों पर रोशनी डाली. उन्होंने कहा कि बिल माफ करने में ही सरकार का 65,000 करोड़ तक का खर्चा आता है. उन्होंने कहा,’ जो भी कहा गया है, वह सीधे तौर पर लागू नहीं होता क्योंकि 7.20 लाख करोड़ का बजट पेश करते समय, तकरीबन 65,000 करोड़ रुपए के इलेक्ट्रिसिटी बिल माफ कर दिए गए हैं, जिसका अर्थ है कि आप नहीं बल्कि हम सरकार को इसे चुकाना पड़ता है.’  
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योजनाओं से बढ़ रहा बोझ 
पवार ने कई योजनाओं के कारण पड़े वित्तीय बोझ पर भी बात की, जिसमें लाडकी बहिन योजना के लिए आवंटित 45,000 करोड़ है. साथ ही उन्होंने पेंशन, वेतन और लोन ब्याज भुगतान के लिए 3.5 लाख करोड़ रुपए की आवश्यकता के बारे में बताया. उन्होंने कहा,’ अगर हम 65,000 करोड़ रुपए और 3.5 लाख करोड़ रुपए जोड़ें तो तकरीबन 4.25 लाख रुपये पहले ही खर्च हो चुके हैं. बाकी बचे पैसों से बिजली, पानी, सड़क, स्कूल की किताबें और यूनिफॉर्म जैसी जरूरी खर्चों को पूरा करना होगा.
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योजनाओं से बढ़ रहा बोझ 
पवार ने कई योजनाओं के कारण पड़े वित्तीय बोझ पर भी बात की, जिसमें लाडकी बहिन योजना के लिए आवंटित 45,000 करोड़ है. साथ ही उन्होंने पेंशन, वेतन और लोन ब्याज भुगतान के लिए 3.5 लाख करोड़ रुपए की आवश्यकता के बारे में बताया. उन्होंने कहा,’ अगर हम 65,000 करोड़ रुपए और 3.5 लाख करोड़ रुपए जोड़ें तो तकरीबन 4.25 लाख रुपये पहले ही खर्च हो चुके हैं. बाकी बचे पैसों से बिजली, पानी, सड़क, स्कूल की किताबें और यूनिफॉर्म जैसी जरूरी खर्चों को पूरा करना होगा.
योजनाओं से बढ़ रहा बोझ 
पवार ने कई योजनाओं के कारण पड़े वित्तीय बोझ पर भी बात की, जिसमें लाडकी बहिन योजना के लिए आवंटित 45,000 करोड़ है. साथ ही उन्होंने पेंशन, वेतन और लोन ब्याज भुगतान के लिए 3.5 लाख करोड़ रुपए की आवश्यकता के बारे में बताया. उन्होंने कहा,’ अगर हम 65,000 करोड़ रुपए और 3.5 लाख करोड़ रुपए जोड़ें तो तकरीबन 4.25 लाख रुपये पहले ही खर्च हो चुके हैं. बाकी बचे पैसों से बिजली, पानी, सड़क, स्कूल की किताबें और यूनिफॉर्म जैसी जरूरी खर्चों को पूरा करना होगा.

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