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जाकिर हुसैन के निधन के बाद उनके अकाउंट से परिवार का पहला भावुक इंस्टाग्राम पोस्ट जानें क्या लिखा


Zakir Hussain first post after death:  पिछले सोमवार को मशहूर तबला वादक और पद्म विभूषण उस्ताद जाकिर हुसैन का निधन हो गया. उनके परिवार ने पुष्टि की है कि वह रेयर लंग डिजीज इडियोपैथिक पल्मोनरी फाइब्रोसिस (Idiopathic pulmonary fibrosis) से जूझ रहे थे. वह पिछले 2 हफ्ते से अमेरिका के सैन फ्रांसिस्को के एक हॉस्पिटल में भर्ती थे. वहां हालत बिगड़ने पर उन्हें आईसीयू में एडमिट किया गया था, वहीं उन्होंने आखिरी सांस ली.
सुपुर्द-ए-खाक के बाद पहली पोस्ट
जाने माने तबला वादक जाकिर हुसैन को सैन फ्रांसिस्को में सुपुर्द-ए-खाक किए जाने के कुछ दिनों बाद उनके परिवार ने रविवार को उनके आधिकारिक ‘इंस्टाग्राम अकाउंट’ पर एक मार्मिक ‘पोस्ट’ साझा की. प्रसिद्ध तबला वादक हुसैन का 15 दिसंबर को अमेरिकी शहर सैन फ्रांसिस्को के एक अस्पताल में निधन हो गया था. वह 73 वर्ष के थे. तबला वादक के परिवार ने उनके इंस्टाग्राम अकाउंट से एक श्वेत-श्याम चित्र साझा किया. चित्र में हुसैन, पत्नी एंटोनिया मिनेकोला, बेटियों अनीसा और इसाबेला के हाथ थामे नजर आ रहे हैं. इंस्टाग्राम पर साझा किए गए ‘पोस्ट’ में ‘कैप्शन’ लिखा है, ‘‘शाश्वत रहेगा प्रेम.’’
गुरुवार को किया गया सुपुर्द-ए-खाक
विश्व के सबसे महान तबला वादकों में से एक हुसैन को गुरुवार को सैन फ्रांसिस्को के फर्नवुड कब्रिस्तान में सुपुर्द-ए-खाक किया गया. प्रसिद्ध तबला वादक उस्ताद अल्ला रक्खा के पुत्र जाकिर हुसैन का जन्म नौ मार्च 1951 को हुआ था. उन्हें उनकी पीढ़ी के सबसे महान तबला वादकों में से एक माना जाता है. हुसैन ने अपने करियर में पांच ग्रैमी पुरस्कार जीते, जिनमें से तीन इस साल की शुरुआत में 66वें ग्रैमी पुरस्कार में मिले थे. भारत के सबसे प्रसिद्ध शास्त्रीय संगीतकारों में से एक हुसैन को 1988 में ‘पद्म श्री’, 2002 में ‘पद्म भूषण’ और 2023 में ‘पद्म विभूषण’ से सम्मानित किया गया. इनपुट भाषा से भी
सुपुर्द-ए-खाक के बाद पहली पोस्ट
जाने माने तबला वादक जाकिर हुसैन को सैन फ्रांसिस्को में सुपुर्द-ए-खाक किए जाने के कुछ दिनों बाद उनके परिवार ने रविवार को उनके आधिकारिक ‘इंस्टाग्राम अकाउंट’ पर एक मार्मिक ‘पोस्ट’ साझा की. प्रसिद्ध तबला वादक हुसैन का 15 दिसंबर को अमेरिकी शहर सैन फ्रांसिस्को के एक अस्पताल में निधन हो गया था. वह 73 वर्ष के थे. तबला वादक के परिवार ने उनके इंस्टाग्राम अकाउंट से एक श्वेत-श्याम चित्र साझा किया. चित्र में हुसैन, पत्नी एंटोनिया मिनेकोला, बेटियों अनीसा और इसाबेला के हाथ थामे नजर आ रहे हैं. इंस्टाग्राम पर साझा किए गए ‘पोस्ट’ में ‘कैप्शन’ लिखा है, ‘‘शाश्वत रहेगा प्रेम.’’
गुरुवार को किया गया सुपुर्द-ए-खाक
विश्व के सबसे महान तबला वादकों में से एक हुसैन को गुरुवार को सैन फ्रांसिस्को के फर्नवुड कब्रिस्तान में सुपुर्द-ए-खाक किया गया. प्रसिद्ध तबला वादक उस्ताद अल्ला रक्खा के पुत्र जाकिर हुसैन का जन्म नौ मार्च 1951 को हुआ था. उन्हें उनकी पीढ़ी के सबसे महान तबला वादकों में से एक माना जाता है. हुसैन ने अपने करियर में पांच ग्रैमी पुरस्कार जीते, जिनमें से तीन इस साल की शुरुआत में 66वें ग्रैमी पुरस्कार में मिले थे. भारत के सबसे प्रसिद्ध शास्त्रीय संगीतकारों में से एक हुसैन को 1988 में ‘पद्म श्री’, 2002 में ‘पद्म भूषण’ और 2023 में ‘पद्म विभूषण’ से सम्मानित किया गया. इनपुट भाषा से भी
गुरुवार को किया गया सुपुर्द-ए-खाक
विश्व के सबसे महान तबला वादकों में से एक हुसैन को गुरुवार को सैन फ्रांसिस्को के फर्नवुड कब्रिस्तान में सुपुर्द-ए-खाक किया गया. प्रसिद्ध तबला वादक उस्ताद अल्ला रक्खा के पुत्र जाकिर हुसैन का जन्म नौ मार्च 1951 को हुआ था. उन्हें उनकी पीढ़ी के सबसे महान तबला वादकों में से एक माना जाता है. हुसैन ने अपने करियर में पांच ग्रैमी पुरस्कार जीते, जिनमें से तीन इस साल की शुरुआत में 66वें ग्रैमी पुरस्कार में मिले थे. भारत के सबसे प्रसिद्ध शास्त्रीय संगीतकारों में से एक हुसैन को 1988 में ‘पद्म श्री’, 2002 में ‘पद्म भूषण’ और 2023 में ‘पद्म विभूषण’ से सम्मानित किया गया. इनपुट भाषा से भी

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