लखीमपुर खेरी के अनोखे घटनाक्रम से सनसनी
लखीमपुर खेरी, उत्तर प्रदेश एक बार फिर चर्चा में है, इस बार वजह है जिले के डिप्टी सीएमओ साहब का अनोखा व्यवहार। जहां जिले के लोग डेंगू और मलेरिया जैसी गंभीर बीमारियों से जूझ रहे हैं, वहीं जिले के डिप्टी सीएमओ लालजी पासी ने एक नया मुद्दा खड़ा कर दिया है। आरोप है कि डिप्टी सीएमओ साहब आधी रात को एक आशा वर्कर को फोन कर उससे शादी करने का दबाव बना रहे हैं। इस मामले ने जिले में खूब चर्चा बटोरी है और प्रशासनिक अधिकारियों को भी शर्मसार कर दिया है।
आशा वर्कर की शिकायत से मचा कोहराम
इस मामले का खुलासा तब हुआ, जब आशा वर्कर कमरजहां ने जिलाधिकारी (डीएम) के समक्ष अपने दर्द को साझा किया और डिप्टी सीएमओ साहब की पोल खोल दी। आशा वर्कर ने बताया कि डिप्टी सीएमओ साहब ने सितंबर महीने में कई बार फोन कर उसे शादी के लिए मजबूर करने की कोशिश की। जब आशा वर्कर ने अपने पति को यह बात बताई तो हनीफ अहमद ने तुरंत सीएमओ (मुख्य चिकित्सा अधिकारी) से शिकायत की, परंतु कोई एक्शन नहीं लिया गया। मजबूर होकर उन्होंने डीएम के पास शिकायत दर्ज करवाई।
रात में शादी के फोन काल्स
आशा वर्कर के पति हनीफ अहमद ने बताया कि डिप्टी सीएमओ लालजी पासी दिन और रात में फोन कॉल्स करते हैं। 29 अगस्त की रात करीब 10 बजे और 30 अगस्त को दिन में 12 बजे अलग-अलग मोबाइल नंबरों से फोन कर शादी का दबाव बनाया गया। डिप्टी सीएमओ की तरफ से शादी न करने पर जान से मारने की धमकी भी दी गई। हनीफ ने कहा कि लालजी पासी ने देर रात को भी फोन कर परेशान किया और अलग-अलग नंबरों से कॉल आते हैं।
शिकायत सुनकर डीएम की प्रतिक्रिया
जब आशा कमरजहां ने डीएम को यह स्थिति बताई तो डीएम समेत अन्य सभी अधिकारी हैरान रह गए। डीएम ने तुरंत इस मामले की जांच के आदेश दिए और यह सुनिश्चित करने की बात कही कि आरोपी को सजा मिलेगी। डीएम ने कहा, “यह मामला अत्यंत गंभीर है और हम इस पर कार्रवाई करेंगे।”
सीएमओ की प्रतिक्रिया
मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर संतोष गुप्ता ने कहा कि आशा वर्कर शिकायत लेकर आई थी और उसने जो रिकॉर्डिंग सुनाई, उसमें ना तो डिप्टी सीएमओ की आवाज थी और न ही उनका फोन नंबर। डॉक्टर गुप्ता ने कहा, “हम इस मामले की जांच करेंगे और जो भी आरोपी होगा, उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।” यह बात सुनकर लोगों के मन में एक सवाल खड़ा हो गया कि क्या सच में डिप्टी सीएमओ दोषी हैं या यह कोई साजिश है।
जिले में मलेरिया और डेंगू का बढ़ता प्रभाव
इस अद्वितीय घटना के बीच, लखीमपुर खेरी के लोग मलेरिया और डेंगू से जूझ रहे हैं। इस संक्रामक बीमारी की वजह से जिले में स्वास्थ्य सेवाएं प्रभावित हो रही हैं, और लोग अपनी जान बचाने के लिए अस्पतालों की तरफ भाग रहे हैं। मलेरिया से प्रभावित लोगों की संख्या बढ़ती जा रही है, जबकि डेंगू भी तेजी से फैल रहा है। लेकिन इन महत्वपूर्ण मुद्दों के बीच डिप्टी सीएमओ का नाम अनावश्यक विवादों में घसीटा जा रहा है।
मामले की सामाजिक और आर्थिक प्रभाव
इस मामले ने सामाजिक दृष्टिकोण से भी कई सवाल खड़े कर दिए हैं। क्या एक सरकारी अधिकारी का यह व्यवहार स्वीकार्य है? इससे जिले की स्वास्थ्य सेवाओं पर भी प्रभाव पड़ सकता है। इसके अलावा, ऐसे मामले जिले की छवि को भी धूमिल करते हैं और यहां के निवासियों में असुरक्षा की भावना को बढ़ावा देते हैं।
क्या होगी आगे की कार्रवाई
यह देखने योग्य होगा कि इस मामले में आगे क्या कदम उठाए जाते हैं। क्या डिप्टी सीएमओ पर लगे आरोपों की सच्चाई सामने आएगी? या फिर यह मामला भी अन्य प्रशासनिक मामलों की तरह धीरे-धीरे ठंडे बस्ते में चला जाएगा? फिलहाल, सभी की नजरें डीएम की जांच पर हैं और आशा है कि न्याय होगा।
लखीमपुर खेरी का यह मामला हमें यह सोचने पर मजबूर कर देता है कि कैसे एक सरकारी अधिकारी की अनुपयुक्त हरकतें जिले की स्वास्थ्य सेवाओं और सामाजिक व्यवस्था को प्रभावित कर सकती हैं। उम्मीद की जाती है कि इस मामले में सही और निर्णायक कदम उठाए जाएंगे और जिले के लोगों को इससे राहत मिलेगी।