पटना के सरकारी बंगले से गायब हो रहे सामान का मामला अब बिहार की सियासत में उथल-पुथल मचा रहा है। पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव के इस बंगले की चर्चा आज हर राजनीतिक गलियारे में है। यह बंगला तेजस्वी यादव को तब अलॉट हुआ था, जब वे उपमुख्यमंत्री के पद पर थे, लेकिन अब उन्होंने यह बंगला खाली कर दिया है। बीजेपी का आरोप है कि तेजस्वी यादव ने बंगला खाली करते वक्त अपने साथ सारा सरकारी सामान भी उठा ले गए हैं।
क्या-क्या हुआ गायब?
बीजेपी के नेताओं का दावा है कि तेजस्वी यादव ने 5 देशरत्न मार्ग स्थित सरकारी बंगले को इतना खाली किया है कि उसमें बिछे कालीन से लेकर दीवारों पर लगे बिजली के स्विच, एसी, फ्रिज, टीवी, सोफा, बेड जैसे सभी सामान तक हटा लिए गए हैं। बिजली के सॉकेट तक निकालने की बात भी बीजेपी की ओर से कही जा रही है। यहां तक कि बगीचे में लगे फव्वारे और बाथरूम की टोंटियों तक गायब हैं।
बिहार बीजेपी का एतराज
बीजेपी ने इस मामले को बड़ा मुद्दा बनाते हुए राजद और तेजस्वी यादव को कठघरे में खड़ा किया है। उनके अनुसार, अगर किसी मंत्री को सरकारी आवास छोड़ने को कहा जाता है तो यह जिम्मेदारी होती है कि वह सरकारी सामान नहीं हटाएं। उनका कहना है कि तेजस्वी यादव ने सरकारी बंगले से वह सभी चीजें हटा दी हैं, जो यहां की सुविधाएँ और संसाधन थे।
आरजेडी का जवाब
बीजेपी के आरोपों को आरजेडी ने पूरी तरह से नकारा है। उनका कहना है कि बीजेपी बिना किसी सबूत के तेजस्वी यादव पर आरोप लगा रही है। आरजेडी के नेता बीजेपी के इन आरोपों को राजनीतिक साजिश बता रहे हैं। वे कहते हैं कि तेजस्वी यादव ने कोई सरकारी सामान नहीं हटाया है। अगर कोई सबूत होता तो बीजेपी को सामने लाना चाहिए।
बिहार सरकार का रुख
बिहार के भवन निर्माण मंत्री जयंत राज का कहना है कि इस विषय की जाँच करवाई जाएगी। उन्होंने आदेश दिए हैं कि बंगले की जांच करके यह देखा जाए कि वहां से कौन-कौन से सामान गायब हुए हैं। यदि कोई सरकारी चीजें गायब होंगी तो उसके लिए कानूनी कार्रवाई की जाएगी। भवन निर्माण विभाग को इसके लिए जल्द ही कार्रवाई करने के निर्देश दिए गए हैं।
क्या वाकई ये सामान निजी थे?
तेजस्वी यादव के समर्थक इस बात पर जोर दे रहे हैं कि उन्होंने बंगले में निजी खर्चे से सामान लगाए थे और वही सामान उन्होंने शिफ्ट करते समय साथ ले लिया। बिहार सरकार के निर्देश अनुसार, मंत्री के ठहराव के लिए फर्नीचर सहित अन्य सुविधाएँ खुद से खरीदने का प्रावधान है। यह रकम छह लाख रुपय तक की हो सकती है।
राजनीतिक बहस का नया केंद्र
इस मुद्दे ने बिहार की राजनीति को एक नया विषय दे दिया है। जहां बीजेपी इस मामले को भ्रष्टाचार से जोड़कर देख रही है, वहीं आरजेडी इसे राजनीति से प्रेरित समझ रही है। इस बीच, बिहार की जनता यह जानने के लिए इंतजार कर रही है कि आखिर सच क्या है।
उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी का नया निवास
तेजस्वी यादव के इस पुराने बंगले में अब बिहार के मौजूदा उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी शिफ्ट होने वाले हैं। उनके आवास के लिए इस बंगले की मरम्मत और सजावट का काम जारी है। देखते हैं कि जांच में क्या खुलासे होते हैं और क्या कदम उठाए जाते हैं।
इस मामले ने बिहार की राजनीति में नई हलचल पैदा कर दी है और आगे क्या सामने आता है, यह देखना दिलचस्प होगा। राजद और बीजेपी के बीच इस विवाद का समाधान क्या होगा, यह जानने के लिए जनता को इंतजार करना पड़ सकता है।