दिल्ली में बारिश की स्थिति
राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में जून के अंत में मॉनसून ने दस्तक दी थी और सभी को उम्मीद थी कि अब झमाझम बारिश शुरू हो जाएगी। लेकिन, जब से मॉनसून आया है, तब से बूंदाबांदी के अलावा कोई विशेष बारिश नहीं हुई है। पहले भी बारिश को लेकर किए गए पूर्वानुमान लगातार गलत साबित हुए हैं। अब भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने एक बार फिर बारिश को लेकर येलो अलर्ट जारी किया है और बुधवार और गुरुवार (24 और 25 जुलाई) को हल्की से मध्यम बारिश की संभावना जताई है। इसके साथ ही अगले कुछ दिनों में तापमान में भी गिरावट का अनुमान लगाया गया है।
अन्य राज्यों में बारिश का हाल
जबकि दिल्ली में बारिश का बेसब्री से इंतजार हो रहा है, देश के अन्य हिस्सों में बारिश कहर बरपा रही है। गुजरात और महाराष्ट्र में भारी बारिश के बाद जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। मुंबई, नागपुर, अहमदाबाद और सूरत जैसे शहरों में वॉटर लॉगिंग की समस्या हो रही है। सूरत में तो बाढ़ जैसे हालात हैं, जिससे लोगों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। इसी बीच, इन राज्यों में बारिश का सिलसिला जारी रहने की संभावना है।
दिल्ली में मंगलवार को हल्की बारिश
मंगलवार को दिल्ली के कुछ इलाकों में हल्की बारिश हुई थी, जिससे तापमान में थोड़ी गिरावट आई थी। लेकिन, धूप खिलने और बादल छंटने के बाद एक बार फिर से गर्मी बढ़ गई और उमस ने लोगों की मुश्किलें बढ़ा दीं। मौसम विभाग (IMD) के अनुसार, आज दिल्ली में हल्की से मध्यम बारिश हो सकती है। अनुमान के मुताबिक, आज का अधिकतम तापमान 34 डिग्री सेल्सियस और न्यूनतम तापमान 26 डिग्री सेल्सियस के आसपास रहेगा।
अलर्ट के बाद भी दिल्ली में बारिश क्यों नहीं?
मॉनसून के आगमन के बाद 28 जून को दिल्ली में जोरदार बारिश हुई थी, जिसके कारण कई इलाकों में जलभराव हो गया था। इसके बाद से बारिश की उम्मीदें बरकरार थीं, लेकिन मानसून ने दिल्लीवासियों को निराश किया है। मौसम विशेषज्ञों के अनुसार, ‘मॉनसून ट्रफ’ के मध्य भारत की ओर बढ़ने और फिर गुजरात की ओर शिफ्ट होने के कारण दिल्ली में बारिश नहीं हो रही है। वहीं, गुजरात में भारी बारिश हो रही है, जिससे कई शहरों में जनजीवन अव्यवस्थित हो गया है।
राजस्थान की हालात
राजस्थान में हालात सामान्य से कुछ अलग हैं। राज्य की राजधानी जयपुर समेत कई हिस्सों में अधिकतम तापमान सामान्य से ऊपर बना हुआ है। हवा में नमी की मात्रा ज्यादा होने से लोग उमस भरी गर्मी का सामना कर रहे हैं। मौसम केंद्र जयपुर के अनुसार, बीकानेर संभाग में तापमान 36-43 डिग्री सेल्सियस के बीच बना हुआ है, जो सामान्य से 2-5 डिग्री सेल्सियस ऊपर है। अगले 24 घंटे में उमस भरी गर्मी बनी रहने के बाद तापमान में 2-3 डिग्री सेल्सियस की गिरावट आने की संभावना है।
मध्य प्रदेश में भारी बारिश और तबाही
मध्य प्रदेश में भारी बारिश ने कहर बरपा रखा है। छतरपुर जिले के घुवारा क्षेत्र के कुटोरा गांव के पास धसान नदी में अचानक बाढ़ आ जाने से 48 चरवाहे और मजदूर फंस गए थे, जिन्हें कड़ी मशक्कत के बाद रेस्क्यू किया गया। प्रदेश के जबलपुर, खजुराहो, धार, भोपाल, बैतूल, गुना, ग्वालियर, इंदौर, खंडवा, शिवपुरी, उज्जैन, दमोह, मंडला, नरसिंहपुर, नौगांव, रीवा, सागर, टीकमगढ़, उमरिया और बालाघाट में भारी बारिश हो रही है, जिससे जनजीवन प्रभावित हुआ है।
गुजरात में बाढ़ जैसे हालात
गुजरात में भारी बारिश के बाद विभिन्न जिलों में भीषण जलभराव की स्थिति है। सूरत में स्थिति सबसे गंभीर है, जहां बाढ़ जैसे हालात बन गए हैं और लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। मौसम विभाग के अनुसार, अगले दो दिन तक गुजरात के कई हिस्सों में भारी बारिश की संभावना बनी रहेगी।
महाराष्ट्र में बारिश से जनजीवन अस्त-व्यस्त
महाराष्ट्र में भी पिछले कुछ दिनों से भारी बारिश हो रही है, जिससे जनजीवन बाधित है। मुंबई और नागपुर समेत कई शहरों में वॉटर लॉगिंग की समस्या है। साथ ही, धामनी बांध के विसर्जन के चलते पालघर जिले में सूर्या नदी के किनारे बसे गांवों को चेतावनी जारी की गई है। बांध से धीरे-धीरे पानी छोड़ा जा रहा है ताकि जलस्तर बढ़े नहीं, लेकिन आसपास के गांवों को सतर्क रहने के लिए कहा गया है।
अन्य राज्यों में भी असर
देश के अन्य हिस्सों में भी मॉनसून का असर दिख रहा है। कोलकाता, चेन्नई, बेंगलुरु और अन्य महानगरों में भी मौसम का मिजाज बदल चुका है। हालांकि, दिल्ली में अब भी लोग बारिश की उम्मीद में बैठे हैं। मौसम विभाग और प्रशासन की ओर से निरंतर स्थिति पर नजर रखी जा रही है।
निष्कर्ष
राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में मॉनसून की बेसब्री से प्रतीक्षा की जा रही है। हालांकि अलर्ट जारी हो चुके हैं, लेकिन मौसम की अनिश्चितता ने लोगों को चिंता में डाल दिया है। बीच-बीच में झमाझम बारिश की उम्मीदें बनती-बिगड़ती हैं। इस स्थिति में अब सिर्फ समय ही बताएगा कि दिल्ली में कब और कितनी तेज बारिश होगी। मौसम विभाग के नित्य अपडेट्स और स्थिति के अनुसार ही आगे के फैसले लिए जा सकते हैं।