PM Narendra Modi: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अंतरिक्ष यात्री सुनीता विलियम्स और क्रू-9 टीम की धरती पर सुरक्षित वापसी के बाद ट्विटर पर अपनी खुशी जाहिर की. पीएम ने ट्विटर पर सुनीता विलियम्स के साथ एक पुरानी तस्वीर शेयर करते हुए कैप्शन में लिखा कि आपका स्वागत है क्रू-9, धरती ने आपको मिस किया. यह उनके धैर्य साहस और मानवीय भावना की परीक्षा रही. सुनीता विलियम्स और क्रू-9 के अंतरिक्ष यात्रियों ने एक बार फिर हमें दिखाया है कि दृढ़ता का वास्तव में क्या मतलब है. अज्ञात के सामने उनका अटूट दृढ़ संकल्प हमेशा लाखों लोगों को प्रेरित करेगा.
सपनों को हकीकत में बदलने का साहस रखना…
इसी पोस्ट में पीएम मोदी ने आगे लिखा कि अंतरिक्ष रिसर्च का मतलब है मानवीय क्षमता की सीमाओं को आगे बढ़ाना सपने देखने का साहस करना और उन सपनों को हकीकत में बदलने का साहस रखना. सुनीता विलियम्स ने एक आइकान के रूप में अपने पूरे करियर में इस भावना का उदाहरण दिया है. हमें उन सभी पर बहुत गर्व है जिन्होंने क्रू-9 की सुरक्षित वापसी सुनिश्चित करने के लिए अथक मेहनत की. उन्होंने दिखाया है कि जब सटीकता जुनून से मिलती है और तकनीक दृढ़ता से मिलती है तो क्या होता है.
भारत आने का निमंत्रण भी दिया..
इससे पहले पीएम मोदी ने सुनीता विलियम्स के नाम एक चिट्ठी भी लिखी थी और उन्हें भारत आने का निमंत्रण भी दिया था. सुनीता विलियम्स और बुच विलमोर साथ ही नासा के निक हैग और रूसी अंतरिक्ष यात्री अलेक्जेंडर गोर्बुनोव नौ महीने के लंबे मिशन के बाद पृथ्वी पर वापस लौटे हैं. एस्ट्रोनॉट्स को स्पेसएक्स के ड्रैगन अंतरिक्ष यान द्वारा सुरक्षित रूप से फ्लोरिडा के तट पर उतारा गया. धरती पर लौटे अंतरिक्ष यात्रियों को एक सुंदर और अप्रत्याशित अनुभव हुआ. उनका स्वागत डॉल्फिन ने किया. ड्रैगन कैप्सूल के समुद्र में उतरते ही डॉल्फिन कैप्सूल के आसपास तैरते हुए देखे गए.
यह एक लगभग जादुई क्षण था जब डॉल्फिन ने ड्रैगन कैप्सूल के चारों ओर चक्कर लगाया इससे पहले कि इसे रिकवरी पोत पर रखा जाता. रिकवरी टीम ने कैप्सूल के साइड हैच को सावधानी से खोला जो सितंबर के बाद से पहली बार खुला था. अंतरिक्ष यात्रियों को कैप्सूल से बाहर निकाला गया और 45 दिनों के पुनर्वास कार्यक्रम के लिए ह्यूस्टन ले जाया गया. क्रू-9 की पृथ्वी पर वापसी में अपनी चुनौतियां थीं. मूल रूप से यह मिशन केवल आठ दिनों तक चलने वाला था. लेकिन इसे नौ महीने लग गए.
सपनों को हकीकत में बदलने का साहस रखना…
इसी पोस्ट में पीएम मोदी ने आगे लिखा कि अंतरिक्ष रिसर्च का मतलब है मानवीय क्षमता की सीमाओं को आगे बढ़ाना सपने देखने का साहस करना और उन सपनों को हकीकत में बदलने का साहस रखना. सुनीता विलियम्स ने एक आइकान के रूप में अपने पूरे करियर में इस भावना का उदाहरण दिया है. हमें उन सभी पर बहुत गर्व है जिन्होंने क्रू-9 की सुरक्षित वापसी सुनिश्चित करने के लिए अथक मेहनत की. उन्होंने दिखाया है कि जब सटीकता जुनून से मिलती है और तकनीक दृढ़ता से मिलती है तो क्या होता है.
भारत आने का निमंत्रण भी दिया..
इससे पहले पीएम मोदी ने सुनीता विलियम्स के नाम एक चिट्ठी भी लिखी थी और उन्हें भारत आने का निमंत्रण भी दिया था. सुनीता विलियम्स और बुच विलमोर साथ ही नासा के निक हैग और रूसी अंतरिक्ष यात्री अलेक्जेंडर गोर्बुनोव नौ महीने के लंबे मिशन के बाद पृथ्वी पर वापस लौटे हैं. एस्ट्रोनॉट्स को स्पेसएक्स के ड्रैगन अंतरिक्ष यान द्वारा सुरक्षित रूप से फ्लोरिडा के तट पर उतारा गया. धरती पर लौटे अंतरिक्ष यात्रियों को एक सुंदर और अप्रत्याशित अनुभव हुआ. उनका स्वागत डॉल्फिन ने किया. ड्रैगन कैप्सूल के समुद्र में उतरते ही डॉल्फिन कैप्सूल के आसपास तैरते हुए देखे गए.
यह एक लगभग जादुई क्षण था जब डॉल्फिन ने ड्रैगन कैप्सूल के चारों ओर चक्कर लगाया इससे पहले कि इसे रिकवरी पोत पर रखा जाता. रिकवरी टीम ने कैप्सूल के साइड हैच को सावधानी से खोला जो सितंबर के बाद से पहली बार खुला था. अंतरिक्ष यात्रियों को कैप्सूल से बाहर निकाला गया और 45 दिनों के पुनर्वास कार्यक्रम के लिए ह्यूस्टन ले जाया गया. क्रू-9 की पृथ्वी पर वापसी में अपनी चुनौतियां थीं. मूल रूप से यह मिशन केवल आठ दिनों तक चलने वाला था. लेकिन इसे नौ महीने लग गए.
भारत आने का निमंत्रण भी दिया..
इससे पहले पीएम मोदी ने सुनीता विलियम्स के नाम एक चिट्ठी भी लिखी थी और उन्हें भारत आने का निमंत्रण भी दिया था. सुनीता विलियम्स और बुच विलमोर साथ ही नासा के निक हैग और रूसी अंतरिक्ष यात्री अलेक्जेंडर गोर्बुनोव नौ महीने के लंबे मिशन के बाद पृथ्वी पर वापस लौटे हैं. एस्ट्रोनॉट्स को स्पेसएक्स के ड्रैगन अंतरिक्ष यान द्वारा सुरक्षित रूप से फ्लोरिडा के तट पर उतारा गया. धरती पर लौटे अंतरिक्ष यात्रियों को एक सुंदर और अप्रत्याशित अनुभव हुआ. उनका स्वागत डॉल्फिन ने किया. ड्रैगन कैप्सूल के समुद्र में उतरते ही डॉल्फिन कैप्सूल के आसपास तैरते हुए देखे गए.
यह एक लगभग जादुई क्षण था जब डॉल्फिन ने ड्रैगन कैप्सूल के चारों ओर चक्कर लगाया इससे पहले कि इसे रिकवरी पोत पर रखा जाता. रिकवरी टीम ने कैप्सूल के साइड हैच को सावधानी से खोला जो सितंबर के बाद से पहली बार खुला था. अंतरिक्ष यात्रियों को कैप्सूल से बाहर निकाला गया और 45 दिनों के पुनर्वास कार्यक्रम के लिए ह्यूस्टन ले जाया गया. क्रू-9 की पृथ्वी पर वापसी में अपनी चुनौतियां थीं. मूल रूप से यह मिशन केवल आठ दिनों तक चलने वाला था. लेकिन इसे नौ महीने लग गए.
यह एक लगभग जादुई क्षण था जब डॉल्फिन ने ड्रैगन कैप्सूल के चारों ओर चक्कर लगाया इससे पहले कि इसे रिकवरी पोत पर रखा जाता. रिकवरी टीम ने कैप्सूल के साइड हैच को सावधानी से खोला जो सितंबर के बाद से पहली बार खुला था. अंतरिक्ष यात्रियों को कैप्सूल से बाहर निकाला गया और 45 दिनों के पुनर्वास कार्यक्रम के लिए ह्यूस्टन ले जाया गया. क्रू-9 की पृथ्वी पर वापसी में अपनी चुनौतियां थीं. मूल रूप से यह मिशन केवल आठ दिनों तक चलने वाला था. लेकिन इसे नौ महीने लग गए.