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फडणवीस-शिंदे में हो गया सीजफायर! इस फैसले ने बवाल को रोका; अब किस करवट लेगी सियासत?


Maharashtra Politics: महाराष्ट्र में महायुति सरकार बनने के बाद से लगातार खटपट की  खबरें सामने आ रही हैं. चर्चा थी की मु्ख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और डिप्टी सीएम एकनाथ शिंदे के बीच कोल्ड वॉर चल रही है. कहा जा रहा है कि मनमुताबिक चीजें न होने पर शिंदे बात-बात पर फडणवीस से नाराज हो जाते हैं. चुनाव के बाद भले ही उन्होंने सीएम की कुर्सी भाजपा की तरफ खिसका दी थी, लेकिन बदले में उन्होंने फडणवीस से स्वतंत्र रूप से काम करने की आजादी मिलने की उम्मीद जताई थी, हालांकि ऐसा नहीं हुआ. अब माना जा रहा है कि दोनों नेताओं के बीच चल रहा कोल्ड वॉर समाप्त हो चुका है. 
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महायुति में खटपट 
एकनाथ शिंदे और देवेंद्र फडणवीस के बीच खटपट की चर्चा तब तेज हुई जब फडणवीस ने एक IAS अधिकारी को महाराष्ट्र राज्य सड़क परिवहन निगम ( MSRTC) का प्रमुख बनाने के अपने फैसले को पलट दिया. दरअसल IAS अधिकारी संजय सेठी को राज्य परिवहन बोर्ड के अध्यक्ष के रूप में नियुक्त किया गया था, लेकिन परिवहन विभाग शिवसेना गुट के मंत्री प्रताप सरनाइक के पास है. ऐसे में शिंदे गुट के नेताओं को फडणवीस का यह फैसला उनके विभाग में सीधा हस्तक्षेप माना जा रहा था, जिससे एकनाथ शिंदे नाराज हो गए. 
MSRTC का प्रमुख बदला
अब माना जा रहा है कि महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम एकनाथ शिंदे ने सीएम देवेंद्र फडणवीस से प्रताप सरनाइक को वापस राज्य परिवहन बोर्ड के अध्यक्ष की जिम्मेदारी सौंपने का आग्रह किया. वहीं फडणवीस ने भी इस आग्रह को स्वीकार किया. सरनाइक ने भी इसके लिए सोशल मीडिया पर फडणवीस को धन्यनाद किया, लेकिन जब उन्हें बाद में पता चला कि फैसले को लेकर कोई आधिकारिक आदेश जारी नहीं किया गया है तो उन्होंने चुपचाप पोस्ट डिलीट कर दिया. माना जा रहा है कि फडणवीस का यह फैसला दोनों नेताओं के बीच नाराजगी दूर करने का प्रयास है. 
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महायुति में क्यों बढ़ी खटपट? 
बता दें महाराष्ट्र में सीएम देवेंद्र फडणवीस की ओर से लिए गए कई फैसलों के कारण महायुति सरकार में खटपट की खबरें सामने आई हैं. इसमें नासिक और रायगढ़ में शिवसेना का संरक्षण मंत्री शिवसेना से न चुनना, ज्यादातर शिवसेना के नेताओँ की Y+ सिक्योरिटी वापस लेना, स्वास्थ्य विभाग के लिए 900 से ज्यादा एंबुलेंस खरीदना और MSRTC के लिए 1310 बसें खरीदना जैसे कई फैसले शामिल हैं.
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महायुति में खटपट 
एकनाथ शिंदे और देवेंद्र फडणवीस के बीच खटपट की चर्चा तब तेज हुई जब फडणवीस ने एक IAS अधिकारी को महाराष्ट्र राज्य सड़क परिवहन निगम ( MSRTC) का प्रमुख बनाने के अपने फैसले को पलट दिया. दरअसल IAS अधिकारी संजय सेठी को राज्य परिवहन बोर्ड के अध्यक्ष के रूप में नियुक्त किया गया था, लेकिन परिवहन विभाग शिवसेना गुट के मंत्री प्रताप सरनाइक के पास है. ऐसे में शिंदे गुट के नेताओं को फडणवीस का यह फैसला उनके विभाग में सीधा हस्तक्षेप माना जा रहा था, जिससे एकनाथ शिंदे नाराज हो गए. 
MSRTC का प्रमुख बदला
अब माना जा रहा है कि महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम एकनाथ शिंदे ने सीएम देवेंद्र फडणवीस से प्रताप सरनाइक को वापस राज्य परिवहन बोर्ड के अध्यक्ष की जिम्मेदारी सौंपने का आग्रह किया. वहीं फडणवीस ने भी इस आग्रह को स्वीकार किया. सरनाइक ने भी इसके लिए सोशल मीडिया पर फडणवीस को धन्यनाद किया, लेकिन जब उन्हें बाद में पता चला कि फैसले को लेकर कोई आधिकारिक आदेश जारी नहीं किया गया है तो उन्होंने चुपचाप पोस्ट डिलीट कर दिया. माना जा रहा है कि फडणवीस का यह फैसला दोनों नेताओं के बीच नाराजगी दूर करने का प्रयास है. 
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महायुति में क्यों बढ़ी खटपट? 
बता दें महाराष्ट्र में सीएम देवेंद्र फडणवीस की ओर से लिए गए कई फैसलों के कारण महायुति सरकार में खटपट की खबरें सामने आई हैं. इसमें नासिक और रायगढ़ में शिवसेना का संरक्षण मंत्री शिवसेना से न चुनना, ज्यादातर शिवसेना के नेताओँ की Y+ सिक्योरिटी वापस लेना, स्वास्थ्य विभाग के लिए 900 से ज्यादा एंबुलेंस खरीदना और MSRTC के लिए 1310 बसें खरीदना जैसे कई फैसले शामिल हैं.
महायुति में खटपट 
एकनाथ शिंदे और देवेंद्र फडणवीस के बीच खटपट की चर्चा तब तेज हुई जब फडणवीस ने एक IAS अधिकारी को महाराष्ट्र राज्य सड़क परिवहन निगम ( MSRTC) का प्रमुख बनाने के अपने फैसले को पलट दिया. दरअसल IAS अधिकारी संजय सेठी को राज्य परिवहन बोर्ड के अध्यक्ष के रूप में नियुक्त किया गया था, लेकिन परिवहन विभाग शिवसेना गुट के मंत्री प्रताप सरनाइक के पास है. ऐसे में शिंदे गुट के नेताओं को फडणवीस का यह फैसला उनके विभाग में सीधा हस्तक्षेप माना जा रहा था, जिससे एकनाथ शिंदे नाराज हो गए. 
MSRTC का प्रमुख बदला
अब माना जा रहा है कि महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम एकनाथ शिंदे ने सीएम देवेंद्र फडणवीस से प्रताप सरनाइक को वापस राज्य परिवहन बोर्ड के अध्यक्ष की जिम्मेदारी सौंपने का आग्रह किया. वहीं फडणवीस ने भी इस आग्रह को स्वीकार किया. सरनाइक ने भी इसके लिए सोशल मीडिया पर फडणवीस को धन्यनाद किया, लेकिन जब उन्हें बाद में पता चला कि फैसले को लेकर कोई आधिकारिक आदेश जारी नहीं किया गया है तो उन्होंने चुपचाप पोस्ट डिलीट कर दिया. माना जा रहा है कि फडणवीस का यह फैसला दोनों नेताओं के बीच नाराजगी दूर करने का प्रयास है. 
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महायुति में क्यों बढ़ी खटपट? 
बता दें महाराष्ट्र में सीएम देवेंद्र फडणवीस की ओर से लिए गए कई फैसलों के कारण महायुति सरकार में खटपट की खबरें सामने आई हैं. इसमें नासिक और रायगढ़ में शिवसेना का संरक्षण मंत्री शिवसेना से न चुनना, ज्यादातर शिवसेना के नेताओँ की Y+ सिक्योरिटी वापस लेना, स्वास्थ्य विभाग के लिए 900 से ज्यादा एंबुलेंस खरीदना और MSRTC के लिए 1310 बसें खरीदना जैसे कई फैसले शामिल हैं.
MSRTC का प्रमुख बदला
अब माना जा रहा है कि महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम एकनाथ शिंदे ने सीएम देवेंद्र फडणवीस से प्रताप सरनाइक को वापस राज्य परिवहन बोर्ड के अध्यक्ष की जिम्मेदारी सौंपने का आग्रह किया. वहीं फडणवीस ने भी इस आग्रह को स्वीकार किया. सरनाइक ने भी इसके लिए सोशल मीडिया पर फडणवीस को धन्यनाद किया, लेकिन जब उन्हें बाद में पता चला कि फैसले को लेकर कोई आधिकारिक आदेश जारी नहीं किया गया है तो उन्होंने चुपचाप पोस्ट डिलीट कर दिया. माना जा रहा है कि फडणवीस का यह फैसला दोनों नेताओं के बीच नाराजगी दूर करने का प्रयास है. 
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महायुति में क्यों बढ़ी खटपट? 
बता दें महाराष्ट्र में सीएम देवेंद्र फडणवीस की ओर से लिए गए कई फैसलों के कारण महायुति सरकार में खटपट की खबरें सामने आई हैं. इसमें नासिक और रायगढ़ में शिवसेना का संरक्षण मंत्री शिवसेना से न चुनना, ज्यादातर शिवसेना के नेताओँ की Y+ सिक्योरिटी वापस लेना, स्वास्थ्य विभाग के लिए 900 से ज्यादा एंबुलेंस खरीदना और MSRTC के लिए 1310 बसें खरीदना जैसे कई फैसले शामिल हैं.
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महायुति में क्यों बढ़ी खटपट? 
बता दें महाराष्ट्र में सीएम देवेंद्र फडणवीस की ओर से लिए गए कई फैसलों के कारण महायुति सरकार में खटपट की खबरें सामने आई हैं. इसमें नासिक और रायगढ़ में शिवसेना का संरक्षण मंत्री शिवसेना से न चुनना, ज्यादातर शिवसेना के नेताओँ की Y+ सिक्योरिटी वापस लेना, स्वास्थ्य विभाग के लिए 900 से ज्यादा एंबुलेंस खरीदना और MSRTC के लिए 1310 बसें खरीदना जैसे कई फैसले शामिल हैं.
महायुति में क्यों बढ़ी खटपट? 
बता दें महाराष्ट्र में सीएम देवेंद्र फडणवीस की ओर से लिए गए कई फैसलों के कारण महायुति सरकार में खटपट की खबरें सामने आई हैं. इसमें नासिक और रायगढ़ में शिवसेना का संरक्षण मंत्री शिवसेना से न चुनना, ज्यादातर शिवसेना के नेताओँ की Y+ सिक्योरिटी वापस लेना, स्वास्थ्य विभाग के लिए 900 से ज्यादा एंबुलेंस खरीदना और MSRTC के लिए 1310 बसें खरीदना जैसे कई फैसले शामिल हैं.

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