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बांग्लादेशी मुस्लिमों की घुसपैठ: हिंदुओं पर जारी अत्याचार बॉर्डर पर तनाव बढ़ा

बांग्लादेश में हिंदुओं पर अत्याचार

बांग्लादेश में इस समय सांप्रदायिक हिंसा का महौल है। देश की राजधानी ढाका में हिंदू समुदाय के लोग एकजुट होकर इन अत्याचारों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं। लेकिन ग्रामीण इलाकों में रहने वाले हिंदू लोग अब भी डरे हुए हैं। कुछ तो भारत आने की कोशिश कर रहे हैं, ताकि वे अपनी जीवन और संपत्ति को बचा सकें। हाल ही में कई ऐसी तस्वीरें सामने आई हैं जिनमें बांग्लादेशी हिंदू भारत-बांग्लादेश बॉर्डर पर इकट्ठा हुए दिखाई देते हैं। इन हिंदुओं को भारत में घुसने से पहले BSF के जवानों ने समझा बुझाकर वापस भेज दिया।

असम मुख्यमंत्री का बड़ा खुलासा

असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा ने खुलासा किया है कि इस समय बांग्लादेश से हिंदू लोगों को मारा और सताया जा रहा है, जबकि दूसरी ओर मुस्लिम समुदाय के लोग बिना किसी अनुमति के भारत में घुसपैठ कर रहे हैं। उन्होंने यह भी बताया कि बांग्लादेश में अंतरिम सरकार बनने के बावजूद वहां की हिंसा की घटनाएं थमने का नाम नहीं ले रही हैं। कट्टरपंथियों के हमले के डर से बांग्लादेश के हिंदू अपने परिवार और संपत्ति को सुरक्षित नहीं मानते हैं।

घुसपैठ की घटनाएं

बांग्लादेश बॉर्डर पर घुसपैठ की घटनाएं आम हो चुकी हैं। एक हालिया घटना में असम के करीमगंज बॉर्डर पर चार बांग्लादेशी नागरिकों को घुसपैठ करते हुए पकड़ा गया। इन घुसपैठियों के नाम मोइतुर शेख, मुशैर मुल्लाह, तानिया मुल्लाह और रीता मुल्लाह हैं। असम पुलिस ने उन्हें बॉर्डर पर ही रोक कर वापस खदेड़ दिया। असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा ने इन घुसपैठियों की तस्वीरें सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर साझा की हैं।

बॉर्डर की सुरक्षा

बांग्लादेश में तख्तापलट के बाद से भारत-बांग्लादेश बॉर्डर पर सुरक्षा बढ़ाई गई है। बीएसएफ के जवान दिन-रात गश्त कर रहे हैं, ताकि कोई भी अवैध रूप से भारत में प्रवेश न कर सके। भारत-बांग्लादेश बॉर्डर की कुल लंबाई 4,096 किलोमीटर है, जिसमें से 2,217 किलोमीटर का हिस्सा पश्चिम बंगाल से लगता है। इसके अलावा, त्रिपुरा से 856 किलोमीटर, मिजोरम से 318 किलोमीटर, मेघालय से 443 किलोमीटर, और असम से 262 किलोमीटर का बॉर्डर हिस्सा है।

कट्टरपंथियों का डर

बांग्लादेश में कट्टरपंथियों का डर बरकरार है। हाल ही में बॉर्डर पर कई सारे बांग्लादेशी हिंदू इकट्ठा होकर भारत में घुसने का प्रयास करते नजर आए। बीएसएफ ने उन्हें समझा बुझाकर वापस भेज दिया। बांग्लादेश के हिंदू भारत में घुसने के लिए परमिशन मांगते हैं, जबकि बांग्लादेशी मुसलमान दशकों से बिना किसी परमिशन के भारत में घुस आते हैं।

घुसपैठ की बढ़ती घटनाएं

असम, पश्चिम बंगाल, और झारखंड जैसे राज्यों में बांग्लादेशी घुसपैठियों की संख्या बढ़ती जा रही है। ये घुसपैठिये अब उत्तराखंड तक भी पहुँच चुके हैं। तीन महीने पहले बांग्लादेश से एक शख्स उत्तराखंड के रुड़की में आया था, जिसे पुलिस ने पकड़कर जेल भेज दिया है।

बॉर्डर की चुनौतियाँ

बॉर्डर की सुरक्षा एक बड़ी चुनौती बनी हुई है। बीएसएफ के जवान लगातार यह सुनिश्चित करने की कोशिश कर रहे हैं कि कोई भी अवैध रूप से भारत में प्रवेश न कर सके। इसके बावजूद, अवैध घुसपैठ की घटनाएं थमने का नाम नहीं ले रही हैं।

निष्कर्ष

बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे अत्याचारों के बीच, बॉर्डर पर हो रही घुसपैठ भारत के लिए एक गंभीर समस्या बन गई है। सरकार को इस मुद्दे पर ध्यान देने की जरूरत है ताकि देश की सुरक्षा को सुनिश्चित किया जा सके।

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