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बाबा बागेश्वर का संदेश: हिंदुओं को एकजुट कर डिजिटल पहचान बदलने का आवाहन

बांग्लादेश के हिंदुओं से प्रेरणा

बांग्लादेश के हिंदुओं ने योगी आदित्यनाथ के महामंत्र को समझ लिया है और एकजुट हो गए हैं। भारत में, जहां जातियों में बंटवारा जारी है, वहां कुछ संतों ने एकता की जिम्मेदारी उठाई है। इन संतों में एक नाम है बाबा बागेश्वर का। बाबा बागेश्वर ने अपने अनुयायियों से आह्वान किया है कि वे डिजिटल दुनिया में अपनी पहचान बदलें।

डिजिटल पहचान बदलने की अपील

बाबा बागेश्वर ने सभी हिंदुओं से अपने सोशल मीडिया प्रोफाइल में “हिंदू” शब्द जोड़ने की अपील की है। उन्होंने निर्देश दिया है कि जातिगत पहचान को छोड़ा जाए और उसके स्थान पर अपने नाम के साथ ‘हिंदू’ जोड़ा जाए। इसका उद्देश्य हिंदुओं को जातियों में बांटना नहीं बल्कि उन्हें एकजुट करना है।

जाति के आगे हिंदू क्यों लगाएं?

बाबा बागेश्वर ने डिजिटल युग में इस मंत्र को क्यों दिया? क्या इसके पीछे किसी तरह का राजनीतिक मकसद है या यह हिंदू एकता की ओर एक कदम है? इन सवालों के जवाब बाबा बागेश्वर ने खुद अपने अनुयायियों को दिए। उनका कहना है, “ब्राह्मण, ठाकुर, क्षत्रिय और वैश्य अब सिर्फ नहीं रहे; वे पहले हिंदू हैं।”

सोशल मीडिया पर एकजुटता

मध्य प्रदेश के छतरपुर में एक कथा के दौरान बाबा बागेश्वर ने अपने अनुयायियों से कहा कि वे अपने मोबाइल निकालें और लाइव वीडियो बनवाएं ताकि यह संदेश और आगे फैल सके। उन्होंने जोर देकर कहा कि सभी अनुयायी अपने सोशल मीडिया हैंडल में ‘हिंदू’ लिखें – चाहे वह फेसबुक हो, इंस्टाग्राम या कोई और प्लेटफॉर्म। बाबा का उद्देश्य यह है कि लोग समझें कि अब हिंदू जातियों में बंटे नहीं, बल्कि एकजुट हैं।

लव जिहाद और सुरक्षा

नाम के साथ ‘हिंदू’ जोड़ने का एक और बड़ा उद्देश्य लव जिहाद को रोकना है। बाबा बागेश्वर का मानना है कि सोशल मीडिया पर लोग अक्सर धर्म छिपाकर दूसरों को धोखा देते हैं। हाल ही में दिल्ली में एक मामले का उद्घाटन हुआ, जहां किसी ने अपनी पहचान छुपाकर धोखा दिया और एक निर्दोष जान चली गई।

एक बड़ा सामाजिक संदेश

बाबा बागेश्वर के इस संदेश का मूल उद्देश्य है कि जातिगत राजनीति के पैरोकारों को यह समझ में आए कि हिंदू अब एकजुट हैं। वह चाहते हैं कि यह संदेश धर्म विशेष के लोगों में जाए कि हिंदू समाज अब एकजुट होकर खड़ा है।

नया ट्रेंड और बदलाव का आरंभ

बाबा बागेश्वर के इस आह्वान ने एक नए ट्रेंड की शुरुआत की है। यह एक सामाजिक बदलाव है जो लोगों को जातिगत सीमाओं से बाहर निकलने का अवसर देता है और एक साझा पहचान के तहत उन्हें एकजुट करता है।

समाज के लिए एक मौलिक दृष्टिकोण

बाबा बागेश्वर का यह संदेश सिर्फ एक डिजिटल परिवर्तन नहीं, बल्कि एक व्यापक सामाजिक आंदोलन की नींव है। यह एक व्यापक और सकारात्मक दृष्टिकोण है जो समाज को नई दिशा दे सकता है।

इस प्रकार, बाबा बागेश्वर का यह विशेष आवाहन हिंदू समाज को एक नई पहचान और एकजुटता की दिशा में प्रेरित करने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है। बाबा के यह विचार डिजिटल युग के अनुरूप परिवर्तन और नई सोच को बढ़ावा देने के उद्देश्य से समाज में एक नई जागरूकता लाने का प्रयास है।

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