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बिहार चुनाव 2025: एनडीए की नई रणनीति

बिहार चुनाव 2025 की तैयारी

बिहार विधानसभा चुनाव 2025 की तैयारियों को ध्यान में रखते हुए एनडीए ने कमर कस ली है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने चुनाव की दिशा में बढ़ते हुए कई योजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास किया है। यह सुनिश्चित करने के लिए कि बिहार के मतदाताओं के बीच उनकी सरकार की विकास योजनाएं पहुँच सके, नीतीश कुमार ने पिछले गुरुवार को पंचायती राज विभाग के अंतर्गत 7180 करोड़ रुपये की लागत से 2615 पंचायत भवनों और राज्य पंचायत संसाधन केंद्र का शिलान्यास किया। इसके साथ ही कई अन्य महत्वपूर्ण परियोजनाओं का भी उद्घाटन किया गया।

एनडीए की सामरिक बैठक

इस तैयारी को और मजबूत करने के लिए मुख्यमंत्री के आवास पर एनडीए नेताओं की एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की गई। इस बैठक में जनता दल-यूनाइटेड (जद-यू), भारतीय जनता पार्टी (भाजपा), लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास), राष्ट्रीय लोक मोर्चा और हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा समेत एनडीए के प्रमुख नेता शामिल हुए। बैठक का मुख्य उद्देश्य एनडीए के घटक दलों के बीच बेहतर तालमेल स्थापित करना और आगामी चुनावों में अधिकतम सीटों पर जीत हासिल करना था।

जद(यू) के राष्ट्रीय महासचिव अशोक चौधरी के अनुसार, एनडीए का लक्ष्य 243 विधानसभा सीटों में से 200 से अधिक सीटों पर जीत दर्ज करना है। इस लक्ष्य को पाने के लिए घटक दलों के बीच सही तालमेल की आवश्यकता है।

पुलिस और नौकरियों में नए नियुक्तियाँ

नीतीश कुमार सरकार ने राज्य में बेरोजगारी की स्थिति को भी गंभीरता से लिया है। उन्होंने पिछले सप्ताह 1239 नवनियुक्त पुलिस अवर निरीक्षकों को नियुक्ति प्रमाणपत्र सौंपे और पुलिसकर्मियों की 78 हजार से ज्यादा नई नियुक्तियाँ करने का भी लक्ष्य निर्धारित किया है। इसके अलावा, विभिन्न विभागों में करीब पांच लाख नौकरियाँ देने का लक्ष्य रखा गया है, जिससे राज्य में रोजगार के अवसर बढ़ेंगे।

लोकसभा चुनाव का प्रभाव

भाजपा प्रदेश अध्यक्ष दिलीप जायसवाल का यह मानना है कि हाल के लोकसभा चुनाव में बेहतर समन्वय की वजह से पार्टी को सफलता मिली। इस सफल अनुभव को विधानसभा चुनाव में भी दोहराने का लक्ष्य है। इसके पीछे की मंशा दो-तिहाई सीटें जीतने की है।

पिछली बगावत का समाधान

लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के प्रदेश अध्यक्ष राजू तिवारी ने 2020 के विधानसभा चुनाव के दौरान चिराग पासवान की बगावत पर कहा कि यह अब बीती बात हो चुकी है। उनके अनुसार, इस बार का चुनाव तैयारी और रणनीति पर अधिक केंद्रित होगा, और इससे कार्यकर्ताओं में सकारात्मक संदेश जाएगा।

विकास योजनाओं पर जोर

नीतीश कुमार विकास योजनाओं को धरातल पर उतारने के लिए प्रतिबद्ध हैं। उन्होंने 13 जिला पंचायत संसाधन केंद्रों, 65 पंचायत सरकार भवन, ई-ग्राम कचहरी कोर्ट मैनेजमेंट सिस्टम तथा जिला परिषद् पोर्टल का उद्घाटन किया। यह सभी प्रयास इस विचार को मजबूत करते हैं कि ‘विकास’ ही चुनावी लड़ाई के मुख्य मुद्दा होगा।

सार्वजनिक सुरक्षा में विस्तार

बिहार की कानून व्यवस्था को मजबूत करने के उद्देश्य से डीजीपी को सार्वजनिक रूप से लक्ष्य दिया गया है कि वह अगले छह महीने में पुलिसकर्मियों की बड़ी संख्या में भर्ती का प्रबंध करें। इसके तहत कई पुल-पुलियों और मार्गों के निर्माण का लक्ष्य भी मार्च तक पूर्ण किया जाना है।

एक सामूहिक उद्देश्य की दिशा में

इन सभी योजनाओं और रणनीतियों के जरिए एनडीए का उद्देश्य बिहार के लोगहित और विकास को प्राथमिकता देना है। आगामी चुनावों में एनडीए सरकार अपने कार्यकर्ताओं और योजनाओं के बल पर एक मजबूत पकड़ बनाना चाहती है, ताकि वे ना सिर्फ सत्ता में बने रहें, बल्कि विकास की रफ्तार को और भी तेज कर सकें।

(इनपुट: एजेंसियां)

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