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बिहार: IAF हेलीकॉप्टर बाढ़ राहत में करते हुए सीतामढ़ी में गिरा


बिहार के सीतामढ़ी जिला से एक हैरान कर देने वाली खबर सामने आई है। भारतीय वायुसेना का एक एयर एम्बुलेंस और सहायता सामग्री लेकर जा रहा हेलीकॉप्टर बाढ़ग्रस्त इलाके में हादसे का शिकार हो गया। फिलहाल प्राप्त जानकारियों के मुताबिक यह हेलीकॉप्टर मुजफ्फरपुर के पास बाढ़ के पानी में गिरा था। राहत की बात यह है कि हादसे में किसी की जान नहीं गई और सभी सवार सुरक्षित हैं।

हेलीकॉप्टर की आपात लैंडिंग

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, बाढ़ राहत अभियान के दौरान भारतीय वायुसेना के एडवांस लाइट हेलीकॉप्टर को सीतामढ़ी सेक्टर में आपात लैंडिंग करनी पड़ी। यह हेलीकॉप्टर दो पायलट समेत कुल चार लोगों को लेकर जा रहा था। एयरफोर्स के जवान और पायलट सब सुरक्षित हैं।

हादसे की जांच

मुजफ्फरपुर के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) राकेश कुमार ने बताया कि यह हेलीकॉप्टर दरभंगा से लौट रहा था और तब यह दुर्घटना हुई। यह हेलीकॉप्टर बाढ़ग्रस्त औराई प्रखंड में लैंड किया गया। स्थानीय निवासियों द्वारा फौरन मदद मिलने पर सभी सवार बाहर सुरक्षित निकाल लिए गए थे।

स्वास्थ्य जांच और इलाज

मुजफ्फरपुर के जिलाधिकारी सुब्रत कुमार सेन ने पुष्टि की है कि सभी सवार भारतीय वायुसेना के जवान सुरक्षित हैं। हालांकि, यह सुनिश्चित करने के लिए उन्हें स्वास्थ्य परीक्षण एवं इलाज के लिए श्रीकृष्ण मेडिकल कॉलेज अस्पताल भेजा गया।

बिहार में बाढ़ की वर्तमान स्थिति

बिहार में वर्तमान में बाढ़ की स्थिति गंभीर बनी हुई है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मंगलवार को कोसी, गंडक और गंगा नदियों के बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का हवाई सर्वेक्षण किया। उन्होंने प्रशासन को राहत एवं बचाव कार्य को युद्धस्तर पर चलाने का निर्देश दिया है।

नेपाल में भारी बारिश से बाढ़

इस आपदा का एक प्रमुख कारण नेपाल में हो रही भारी बारिश है। 29 सितंबर को कोसी बैराज, वीरपुर से लगभग 6,61,295 क्यूसेक पानी छोड़ा गया था, जो कि 1968 के बाद सर्वाधिक है। इसी प्रकार गंडक नदी पर बने वाल्मीकिनगर बैराज से भी पिछले कुछ दिनों में भारी मात्रा में पानी छोड़ा गया है, जिससे बिहार की स्थिति और बिगड़ गई है।

राहत और बचाव कार्य

राज्य आपदा प्रबंधन विभाग के अनुसार, बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में केंद्रीय एजेंसी के सहयोग से राहत सामग्री वितरित की जा रही है। भारतीय वायुसेना के हेलीकॉप्टरों की सहायता से सीतामढ़ी और दरभंगा जिले के बाढ़ग्रस्त गांवों में सूखे राशन के पैकेट गिराए जा रहे हैं। अब तक करीब 2,26,000 लोगों को सुरक्षित स्थान पर ले जाया गया है।

मुख्यमंत्री का निर्देश

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अधिकारियों को प्रभावित इलाकों में राहत कार्य युद्धस्तर पर जारी रखने का निर्देश दिया है। उन्होंने जनता से अपील की है कि वे प्रशासनिक निर्देशों का पालन करें और सुरक्षित स्थानों पर जाएं।

बाढ़ से प्रभावित आबादी

राज्य सरकार के आंकड़ों के अनुसार, बाढ़ से हजारों घरों को नुकसान पहुंचा है और लाखों लोग अपने घरों से विस्थापित हो चुके हैं। जिला प्रशासन विभिन्न राहत कैंपों में लोगों के लिए भोजन और चिकित्सकीय सुविधाएं सुनिश्चित कर रहा है।

स्थानीय और राष्ट्रीय एजेंसियों का सहयोग

राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ), राज्य आपदा मोचन बल (एसडीआरएफ), और स्थानीय नावों की मदद से लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जा रहा है। प्रशासन का कहना है कि स्थिति को नियंत्रित करने के प्रयास जारी हैं और जल्द ही स्थिति को सामान्य करने का प्रयास किया जा रहा है।

भविष्य की तैयारियां

राज्य सरकार और केंद्रीय एजेंसियों के बीच लगातार हो रही बैठकें निर्धारित कर रही हैं कि कैसे इस आपदा की चुनौतियों का सबसे बेहतर तरीके से सामना किया जाए। बिहार के बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में अभी भी उच्च स्तर की सतर्कता बरतने की जरूरत है।

(एजेंसी इनपुट के साथ)

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