Karnataka Deputy Chief Minister DK Shivakumar: कर्नाटक में इन दिनों आरक्षण देने के मामले को लेकर बवाल मचा है. अब इस मामले में उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार का बड़ा बयान आया है. उन्होंने बीजेपी द्वारा लगाए गए आरोपों को खारिज कर दिया है. साथ ही शिवकुमार ने बीजेपी को खुला चैलेंज देते हुए बताया है कि अगर बीजेपी उन पर लगाए हुए आरोपो को सही साबित कर दे तो मैं राजनीति से संन्यास ले लूं, आइए समझते हैं पूरा मामला. कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री डी. के. शिवकुमार ने मंगलवार को विपक्षी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के इस दावे का खंडन किया कि उन्होंने धर्म आधारित आरक्षण के लिए संविधान में संशोधन का सुझाव दिया था.
राजनीति से ले लूंगा संन्यास: डीके शिवकुमार
कांग्रेस नेता ने कहा कि अगर यह आरोप सही साबित हुआ तो वह राजनीति से संन्यास लेने के लिए तैयार हैं. उपमुख्यमंत्री ने भाजपा पर उनके राजनीतिक रुख को बर्दाश्त न कर पाने के कारण ‘झूठे दावे प्रसारित’ करने का आरोप लगाया. शिवकुमार ने यह भी बताया कि कांग्रेस आलाकमान ने उनकी टिप्पणियों के बारे में पूछताछ की थी. मैंने जिस समाचार चैनल के कार्यक्रम में बयान दिया था उसकी समीक्षा के बाद पार्टी के लोगों को विश्वास हो गया कि मैंने कोई भी ऐसी टिप्पणी नहीं की थी.
चार प्रतिशत आरक्षण लागू करने के फैसले का बचाव
समाचार चैनल के कार्यक्रम में शिवकुमार ने सार्वजनिक अनुंबधों में मुसलमानों के लिए चार प्रतिशत आरक्षण लागू करने के अपनी सरकार के फैसले का बचाव किया था. एक सवाल के जवाब में शिवकुमार ने कहा, ‘क्या मैं पागल हूं. इस मुद्दे को उठाने वाले पागल हो गए हैं. भाजपा नेता मेरे इंटरव्यू में कही गई बातों को स्वीकार नहीं कर सकते, न ही वे मेरे राजनीतिक रुख को बर्दाश्त कर सकते हैं.
मैंने संविधान बदलने की बात कभी नहीं की
मैंने संविधान बदलने के बारे में कहां कहा है. यह तो उनकी पार्टी के सदस्य ही हैं जिन्होंने इस बारे में बात की है.’ पत्रकारों से बात करते हुए उन्होंने कहा, ‘अगर मैंने कभी संविधान बदलने की बात कही तो मैं राजनीति से संन्यास लेने को तैयार हूं. क्या वे (भाजपा) इस चुनौती को स्वीकार करेंगे. उन्हें यह सत्यापित करने दीजिए कि मैंने ऐसा कहां कहा.’ भाजपा के आरोपों को ‘निराधार’ बताते हुए उन्होंने मीडिया और राजनीतिक पर्यवेक्षकों से उनका पूरा इंटरव्यू देखने का आग्रह किया. (इनपुट भाषा से)
राजनीति से ले लूंगा संन्यास: डीके शिवकुमार
कांग्रेस नेता ने कहा कि अगर यह आरोप सही साबित हुआ तो वह राजनीति से संन्यास लेने के लिए तैयार हैं. उपमुख्यमंत्री ने भाजपा पर उनके राजनीतिक रुख को बर्दाश्त न कर पाने के कारण ‘झूठे दावे प्रसारित’ करने का आरोप लगाया. शिवकुमार ने यह भी बताया कि कांग्रेस आलाकमान ने उनकी टिप्पणियों के बारे में पूछताछ की थी. मैंने जिस समाचार चैनल के कार्यक्रम में बयान दिया था उसकी समीक्षा के बाद पार्टी के लोगों को विश्वास हो गया कि मैंने कोई भी ऐसी टिप्पणी नहीं की थी.
चार प्रतिशत आरक्षण लागू करने के फैसले का बचाव
समाचार चैनल के कार्यक्रम में शिवकुमार ने सार्वजनिक अनुंबधों में मुसलमानों के लिए चार प्रतिशत आरक्षण लागू करने के अपनी सरकार के फैसले का बचाव किया था. एक सवाल के जवाब में शिवकुमार ने कहा, ‘क्या मैं पागल हूं. इस मुद्दे को उठाने वाले पागल हो गए हैं. भाजपा नेता मेरे इंटरव्यू में कही गई बातों को स्वीकार नहीं कर सकते, न ही वे मेरे राजनीतिक रुख को बर्दाश्त कर सकते हैं.
मैंने संविधान बदलने की बात कभी नहीं की
मैंने संविधान बदलने के बारे में कहां कहा है. यह तो उनकी पार्टी के सदस्य ही हैं जिन्होंने इस बारे में बात की है.’ पत्रकारों से बात करते हुए उन्होंने कहा, ‘अगर मैंने कभी संविधान बदलने की बात कही तो मैं राजनीति से संन्यास लेने को तैयार हूं. क्या वे (भाजपा) इस चुनौती को स्वीकार करेंगे. उन्हें यह सत्यापित करने दीजिए कि मैंने ऐसा कहां कहा.’ भाजपा के आरोपों को ‘निराधार’ बताते हुए उन्होंने मीडिया और राजनीतिक पर्यवेक्षकों से उनका पूरा इंटरव्यू देखने का आग्रह किया. (इनपुट भाषा से)
चार प्रतिशत आरक्षण लागू करने के फैसले का बचाव
समाचार चैनल के कार्यक्रम में शिवकुमार ने सार्वजनिक अनुंबधों में मुसलमानों के लिए चार प्रतिशत आरक्षण लागू करने के अपनी सरकार के फैसले का बचाव किया था. एक सवाल के जवाब में शिवकुमार ने कहा, ‘क्या मैं पागल हूं. इस मुद्दे को उठाने वाले पागल हो गए हैं. भाजपा नेता मेरे इंटरव्यू में कही गई बातों को स्वीकार नहीं कर सकते, न ही वे मेरे राजनीतिक रुख को बर्दाश्त कर सकते हैं.
मैंने संविधान बदलने की बात कभी नहीं की
मैंने संविधान बदलने के बारे में कहां कहा है. यह तो उनकी पार्टी के सदस्य ही हैं जिन्होंने इस बारे में बात की है.’ पत्रकारों से बात करते हुए उन्होंने कहा, ‘अगर मैंने कभी संविधान बदलने की बात कही तो मैं राजनीति से संन्यास लेने को तैयार हूं. क्या वे (भाजपा) इस चुनौती को स्वीकार करेंगे. उन्हें यह सत्यापित करने दीजिए कि मैंने ऐसा कहां कहा.’ भाजपा के आरोपों को ‘निराधार’ बताते हुए उन्होंने मीडिया और राजनीतिक पर्यवेक्षकों से उनका पूरा इंटरव्यू देखने का आग्रह किया. (इनपुट भाषा से)
मैंने संविधान बदलने की बात कभी नहीं की
मैंने संविधान बदलने के बारे में कहां कहा है. यह तो उनकी पार्टी के सदस्य ही हैं जिन्होंने इस बारे में बात की है.’ पत्रकारों से बात करते हुए उन्होंने कहा, ‘अगर मैंने कभी संविधान बदलने की बात कही तो मैं राजनीति से संन्यास लेने को तैयार हूं. क्या वे (भाजपा) इस चुनौती को स्वीकार करेंगे. उन्हें यह सत्यापित करने दीजिए कि मैंने ऐसा कहां कहा.’ भाजपा के आरोपों को ‘निराधार’ बताते हुए उन्होंने मीडिया और राजनीतिक पर्यवेक्षकों से उनका पूरा इंटरव्यू देखने का आग्रह किया. (इनपुट भाषा से)
