Telangana Earthquake News: तेलंगाना में बुधवार सुबह-सुबह भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए, जिससे अफरा-तफरी मच गई और लोग घरों से बाहर निकल आए. राष्ट्रीय भूकंप विज्ञान केंद्र (NCS) के अनुसार, तेलंगाना के मुलुगु जिले में सुबह करीब 7:27 बजे भूकंप के झटके महसूस किए गए, जिसकी तीव्रता रिक्टर स्केल पर 5.3 मापी गई. हालांकि, अभी तक भूकंप से किसी तरह के नुकसान की जानकारी नहीं है, लेकिन अचानक आए झटकों से लोग घबरा गए और अपने-अपने घरों से बाहर निकल आए.
40 किलोमीटर गहराई में था भूकंप का केंद्र
राष्ट्रीय भूकंप विज्ञान केंद्र (NCS) के अनुसार, तेलंगाना के मुलुगु जिले में बुधवार सुबह करीब 7:27 बजे भूकंप (Earthquake) के तेज झटके महसूस किए गए और इसका केंद्र मुलुगु क्षेत्र में 40 किलोमीटर की गहराई में था. अभी तक भूकंप से किसी हानि या बड़े नुकसान की तत्काल कोई रिपोर्ट नहीं मिली है.
क्यों आता है भूकंप?
बता दें कि पृथ्वी के अंदर 7 प्लेट्स हैं, जो लगातार घूमती रहती हैं. जहां ये प्लेट्स ज्यादा टकराती हैं, वह जोन फॉल्ट लाइन कहलाता है. बार-बार टकराने से प्लेट्स के कोने मुड़ते हैं. जब ज्यादा दबाव बनता है तो प्लेट्स टूटने लगती हैं और नीचे की एनर्जी बाहर आने का रास्ता खोजती है. इसी डिस्टर्बेंस के बाद भूकंप (Earthquake) आता है.
कब कितनी तबाही लाता है भूकंप?
रिक्टर स्केल
असर
0 से 1.9
सिर्फ सीज्मोग्राफ से ही पता चलता है.
2 से 2.9
हल्का कंपन महसूस हो सकता है.
3 से 3.9
ऐसा लगता है कोई ट्रक आपके नजदीक से गुजर गया हो.
4 से 4.9
शीशे की खिड़कियां टूट सकती हैं. दीवारों पर टंगी फ्रेम गिर सकती हैं.
5 से 5.9
घर में रखे फर्नीचर हिल सकते हैं.
6 से 6.9
इमारतों की नींव दरक सकती है. ऊपरी मंजिलों को नुकसान हो सकता है.
7 से 7.9
इमारतें गिर सकती हैं. जमीन के अंदर पाइप फट सकते हैं.
8 से 8.9
इमारतों सहित बड़े पुल भी गिर सकते हैं और सुनामी का खतरा मंडराने लगता है.
9 और उससे ज्यादा
पूरी तबाही. कोई मैदान में खड़ा हो तो उसे धरती लहराते हुए दिखेगी. समंदर नजदीक हो तो सुनामी का खतरा.
छत्तीसगढ़ तक महसूस हुए झटके
तेलंगाना में आए भूकंप (Telangana Earthquake) के झटके छत्तीसगढ़ तक महसूस किए गए. भूकंप का असर बस्तर संभाग के कई इलाकों में देखा गया और जगदलपुर में भी भूकंप के झटके महसूस किए गए थे. इसके अलावा छत्तीसगढ़ के बीजापुर और सुकमा में भूकंप के झटके महसूस किए गए.
जोन II में आता है तेलंगाना
भारत में चार भूकंपीय क्षेत्र हैं- जोन II, जोन III, जोन IV और जोन V. भूकंप का खतरा जोन V में सबसे ज्यादा होता है, जबकि जोन II में भूकंप का खतरा कम होता है. तेलंगाना को जोन II यानी भूकंप की कम तीव्रता वाले क्षेत्र में रखा गया है. देश का लगभग 11 प्रतिशत हिस्सा जोन V में आता है, लगभग 18% जोन IV में, लगभग 30% जोन III में और शेष जोन II में आता है.(इनपुट- न्यूज़ एजेंसी एएनआई)
40 किलोमीटर गहराई में था भूकंप का केंद्र
राष्ट्रीय भूकंप विज्ञान केंद्र (NCS) के अनुसार, तेलंगाना के मुलुगु जिले में बुधवार सुबह करीब 7:27 बजे भूकंप (Earthquake) के तेज झटके महसूस किए गए और इसका केंद्र मुलुगु क्षेत्र में 40 किलोमीटर की गहराई में था. अभी तक भूकंप से किसी हानि या बड़े नुकसान की तत्काल कोई रिपोर्ट नहीं मिली है.
क्यों आता है भूकंप?
बता दें कि पृथ्वी के अंदर 7 प्लेट्स हैं, जो लगातार घूमती रहती हैं. जहां ये प्लेट्स ज्यादा टकराती हैं, वह जोन फॉल्ट लाइन कहलाता है. बार-बार टकराने से प्लेट्स के कोने मुड़ते हैं. जब ज्यादा दबाव बनता है तो प्लेट्स टूटने लगती हैं और नीचे की एनर्जी बाहर आने का रास्ता खोजती है. इसी डिस्टर्बेंस के बाद भूकंप (Earthquake) आता है.
कब कितनी तबाही लाता है भूकंप?
रिक्टर स्केल
असर
0 से 1.9
सिर्फ सीज्मोग्राफ से ही पता चलता है.
2 से 2.9
हल्का कंपन महसूस हो सकता है.
3 से 3.9
ऐसा लगता है कोई ट्रक आपके नजदीक से गुजर गया हो.
4 से 4.9
शीशे की खिड़कियां टूट सकती हैं. दीवारों पर टंगी फ्रेम गिर सकती हैं.
5 से 5.9
घर में रखे फर्नीचर हिल सकते हैं.
6 से 6.9
इमारतों की नींव दरक सकती है. ऊपरी मंजिलों को नुकसान हो सकता है.
7 से 7.9
इमारतें गिर सकती हैं. जमीन के अंदर पाइप फट सकते हैं.
8 से 8.9
इमारतों सहित बड़े पुल भी गिर सकते हैं और सुनामी का खतरा मंडराने लगता है.
9 और उससे ज्यादा
पूरी तबाही. कोई मैदान में खड़ा हो तो उसे धरती लहराते हुए दिखेगी. समंदर नजदीक हो तो सुनामी का खतरा.
छत्तीसगढ़ तक महसूस हुए झटके
तेलंगाना में आए भूकंप (Telangana Earthquake) के झटके छत्तीसगढ़ तक महसूस किए गए. भूकंप का असर बस्तर संभाग के कई इलाकों में देखा गया और जगदलपुर में भी भूकंप के झटके महसूस किए गए थे. इसके अलावा छत्तीसगढ़ के बीजापुर और सुकमा में भूकंप के झटके महसूस किए गए.
जोन II में आता है तेलंगाना
भारत में चार भूकंपीय क्षेत्र हैं- जोन II, जोन III, जोन IV और जोन V. भूकंप का खतरा जोन V में सबसे ज्यादा होता है, जबकि जोन II में भूकंप का खतरा कम होता है. तेलंगाना को जोन II यानी भूकंप की कम तीव्रता वाले क्षेत्र में रखा गया है. देश का लगभग 11 प्रतिशत हिस्सा जोन V में आता है, लगभग 18% जोन IV में, लगभग 30% जोन III में और शेष जोन II में आता है.(इनपुट- न्यूज़ एजेंसी एएनआई)
राष्ट्रीय भूकंप विज्ञान केंद्र (NCS) के अनुसार, तेलंगाना के मुलुगु जिले में बुधवार सुबह करीब 7:27 बजे भूकंप (Earthquake) के तेज झटके महसूस किए गए और इसका केंद्र मुलुगु क्षेत्र में 40 किलोमीटर की गहराई में था. अभी तक भूकंप से किसी हानि या बड़े नुकसान की तत्काल कोई रिपोर्ट नहीं मिली है.
क्यों आता है भूकंप?
बता दें कि पृथ्वी के अंदर 7 प्लेट्स हैं, जो लगातार घूमती रहती हैं. जहां ये प्लेट्स ज्यादा टकराती हैं, वह जोन फॉल्ट लाइन कहलाता है. बार-बार टकराने से प्लेट्स के कोने मुड़ते हैं. जब ज्यादा दबाव बनता है तो प्लेट्स टूटने लगती हैं और नीचे की एनर्जी बाहर आने का रास्ता खोजती है. इसी डिस्टर्बेंस के बाद भूकंप (Earthquake) आता है.
कब कितनी तबाही लाता है भूकंप?
रिक्टर स्केल
असर
0 से 1.9
सिर्फ सीज्मोग्राफ से ही पता चलता है.
2 से 2.9
हल्का कंपन महसूस हो सकता है.
3 से 3.9
ऐसा लगता है कोई ट्रक आपके नजदीक से गुजर गया हो.
4 से 4.9
शीशे की खिड़कियां टूट सकती हैं. दीवारों पर टंगी फ्रेम गिर सकती हैं.
5 से 5.9
घर में रखे फर्नीचर हिल सकते हैं.
6 से 6.9
इमारतों की नींव दरक सकती है. ऊपरी मंजिलों को नुकसान हो सकता है.
7 से 7.9
इमारतें गिर सकती हैं. जमीन के अंदर पाइप फट सकते हैं.
8 से 8.9
इमारतों सहित बड़े पुल भी गिर सकते हैं और सुनामी का खतरा मंडराने लगता है.
9 और उससे ज्यादा
पूरी तबाही. कोई मैदान में खड़ा हो तो उसे धरती लहराते हुए दिखेगी. समंदर नजदीक हो तो सुनामी का खतरा.
छत्तीसगढ़ तक महसूस हुए झटके
तेलंगाना में आए भूकंप (Telangana Earthquake) के झटके छत्तीसगढ़ तक महसूस किए गए. भूकंप का असर बस्तर संभाग के कई इलाकों में देखा गया और जगदलपुर में भी भूकंप के झटके महसूस किए गए थे. इसके अलावा छत्तीसगढ़ के बीजापुर और सुकमा में भूकंप के झटके महसूस किए गए.
जोन II में आता है तेलंगाना
भारत में चार भूकंपीय क्षेत्र हैं- जोन II, जोन III, जोन IV और जोन V. भूकंप का खतरा जोन V में सबसे ज्यादा होता है, जबकि जोन II में भूकंप का खतरा कम होता है. तेलंगाना को जोन II यानी भूकंप की कम तीव्रता वाले क्षेत्र में रखा गया है. देश का लगभग 11 प्रतिशत हिस्सा जोन V में आता है, लगभग 18% जोन IV में, लगभग 30% जोन III में और शेष जोन II में आता है.(इनपुट- न्यूज़ एजेंसी एएनआई)
क्यों आता है भूकंप?
बता दें कि पृथ्वी के अंदर 7 प्लेट्स हैं, जो लगातार घूमती रहती हैं. जहां ये प्लेट्स ज्यादा टकराती हैं, वह जोन फॉल्ट लाइन कहलाता है. बार-बार टकराने से प्लेट्स के कोने मुड़ते हैं. जब ज्यादा दबाव बनता है तो प्लेट्स टूटने लगती हैं और नीचे की एनर्जी बाहर आने का रास्ता खोजती है. इसी डिस्टर्बेंस के बाद भूकंप (Earthquake) आता है.
कब कितनी तबाही लाता है भूकंप?
रिक्टर स्केल
असर
0 से 1.9
सिर्फ सीज्मोग्राफ से ही पता चलता है.
2 से 2.9
हल्का कंपन महसूस हो सकता है.
3 से 3.9
ऐसा लगता है कोई ट्रक आपके नजदीक से गुजर गया हो.
4 से 4.9
शीशे की खिड़कियां टूट सकती हैं. दीवारों पर टंगी फ्रेम गिर सकती हैं.
5 से 5.9
घर में रखे फर्नीचर हिल सकते हैं.
6 से 6.9
इमारतों की नींव दरक सकती है. ऊपरी मंजिलों को नुकसान हो सकता है.
7 से 7.9
इमारतें गिर सकती हैं. जमीन के अंदर पाइप फट सकते हैं.
8 से 8.9
इमारतों सहित बड़े पुल भी गिर सकते हैं और सुनामी का खतरा मंडराने लगता है.
9 और उससे ज्यादा
पूरी तबाही. कोई मैदान में खड़ा हो तो उसे धरती लहराते हुए दिखेगी. समंदर नजदीक हो तो सुनामी का खतरा.
छत्तीसगढ़ तक महसूस हुए झटके
तेलंगाना में आए भूकंप (Telangana Earthquake) के झटके छत्तीसगढ़ तक महसूस किए गए. भूकंप का असर बस्तर संभाग के कई इलाकों में देखा गया और जगदलपुर में भी भूकंप के झटके महसूस किए गए थे. इसके अलावा छत्तीसगढ़ के बीजापुर और सुकमा में भूकंप के झटके महसूस किए गए.
जोन II में आता है तेलंगाना
भारत में चार भूकंपीय क्षेत्र हैं- जोन II, जोन III, जोन IV और जोन V. भूकंप का खतरा जोन V में सबसे ज्यादा होता है, जबकि जोन II में भूकंप का खतरा कम होता है. तेलंगाना को जोन II यानी भूकंप की कम तीव्रता वाले क्षेत्र में रखा गया है. देश का लगभग 11 प्रतिशत हिस्सा जोन V में आता है, लगभग 18% जोन IV में, लगभग 30% जोन III में और शेष जोन II में आता है.(इनपुट- न्यूज़ एजेंसी एएनआई)
बता दें कि पृथ्वी के अंदर 7 प्लेट्स हैं, जो लगातार घूमती रहती हैं. जहां ये प्लेट्स ज्यादा टकराती हैं, वह जोन फॉल्ट लाइन कहलाता है. बार-बार टकराने से प्लेट्स के कोने मुड़ते हैं. जब ज्यादा दबाव बनता है तो प्लेट्स टूटने लगती हैं और नीचे की एनर्जी बाहर आने का रास्ता खोजती है. इसी डिस्टर्बेंस के बाद भूकंप (Earthquake) आता है.
कब कितनी तबाही लाता है भूकंप?
रिक्टर स्केल
असर
0 से 1.9
सिर्फ सीज्मोग्राफ से ही पता चलता है.
2 से 2.9
हल्का कंपन महसूस हो सकता है.
3 से 3.9
ऐसा लगता है कोई ट्रक आपके नजदीक से गुजर गया हो.
4 से 4.9
शीशे की खिड़कियां टूट सकती हैं. दीवारों पर टंगी फ्रेम गिर सकती हैं.
5 से 5.9
घर में रखे फर्नीचर हिल सकते हैं.
6 से 6.9
इमारतों की नींव दरक सकती है. ऊपरी मंजिलों को नुकसान हो सकता है.
7 से 7.9
इमारतें गिर सकती हैं. जमीन के अंदर पाइप फट सकते हैं.
8 से 8.9
इमारतों सहित बड़े पुल भी गिर सकते हैं और सुनामी का खतरा मंडराने लगता है.
9 और उससे ज्यादा
पूरी तबाही. कोई मैदान में खड़ा हो तो उसे धरती लहराते हुए दिखेगी. समंदर नजदीक हो तो सुनामी का खतरा.
छत्तीसगढ़ तक महसूस हुए झटके
तेलंगाना में आए भूकंप (Telangana Earthquake) के झटके छत्तीसगढ़ तक महसूस किए गए. भूकंप का असर बस्तर संभाग के कई इलाकों में देखा गया और जगदलपुर में भी भूकंप के झटके महसूस किए गए थे. इसके अलावा छत्तीसगढ़ के बीजापुर और सुकमा में भूकंप के झटके महसूस किए गए.
जोन II में आता है तेलंगाना
भारत में चार भूकंपीय क्षेत्र हैं- जोन II, जोन III, जोन IV और जोन V. भूकंप का खतरा जोन V में सबसे ज्यादा होता है, जबकि जोन II में भूकंप का खतरा कम होता है. तेलंगाना को जोन II यानी भूकंप की कम तीव्रता वाले क्षेत्र में रखा गया है. देश का लगभग 11 प्रतिशत हिस्सा जोन V में आता है, लगभग 18% जोन IV में, लगभग 30% जोन III में और शेष जोन II में आता है.(इनपुट- न्यूज़ एजेंसी एएनआई)
कब कितनी तबाही लाता है भूकंप?
रिक्टर स्केल
असर
0 से 1.9
सिर्फ सीज्मोग्राफ से ही पता चलता है.
2 से 2.9
हल्का कंपन महसूस हो सकता है.
3 से 3.9
ऐसा लगता है कोई ट्रक आपके नजदीक से गुजर गया हो.
4 से 4.9
शीशे की खिड़कियां टूट सकती हैं. दीवारों पर टंगी फ्रेम गिर सकती हैं.
5 से 5.9
घर में रखे फर्नीचर हिल सकते हैं.
6 से 6.9
इमारतों की नींव दरक सकती है. ऊपरी मंजिलों को नुकसान हो सकता है.
7 से 7.9
इमारतें गिर सकती हैं. जमीन के अंदर पाइप फट सकते हैं.
8 से 8.9
इमारतों सहित बड़े पुल भी गिर सकते हैं और सुनामी का खतरा मंडराने लगता है.
9 और उससे ज्यादा
पूरी तबाही. कोई मैदान में खड़ा हो तो उसे धरती लहराते हुए दिखेगी. समंदर नजदीक हो तो सुनामी का खतरा.
छत्तीसगढ़ तक महसूस हुए झटके
तेलंगाना में आए भूकंप (Telangana Earthquake) के झटके छत्तीसगढ़ तक महसूस किए गए. भूकंप का असर बस्तर संभाग के कई इलाकों में देखा गया और जगदलपुर में भी भूकंप के झटके महसूस किए गए थे. इसके अलावा छत्तीसगढ़ के बीजापुर और सुकमा में भूकंप के झटके महसूस किए गए.
जोन II में आता है तेलंगाना
भारत में चार भूकंपीय क्षेत्र हैं- जोन II, जोन III, जोन IV और जोन V. भूकंप का खतरा जोन V में सबसे ज्यादा होता है, जबकि जोन II में भूकंप का खतरा कम होता है. तेलंगाना को जोन II यानी भूकंप की कम तीव्रता वाले क्षेत्र में रखा गया है. देश का लगभग 11 प्रतिशत हिस्सा जोन V में आता है, लगभग 18% जोन IV में, लगभग 30% जोन III में और शेष जोन II में आता है.(इनपुट- न्यूज़ एजेंसी एएनआई)
छत्तीसगढ़ तक महसूस हुए झटके
तेलंगाना में आए भूकंप (Telangana Earthquake) के झटके छत्तीसगढ़ तक महसूस किए गए. भूकंप का असर बस्तर संभाग के कई इलाकों में देखा गया और जगदलपुर में भी भूकंप के झटके महसूस किए गए थे. इसके अलावा छत्तीसगढ़ के बीजापुर और सुकमा में भूकंप के झटके महसूस किए गए.
जोन II में आता है तेलंगाना
भारत में चार भूकंपीय क्षेत्र हैं- जोन II, जोन III, जोन IV और जोन V. भूकंप का खतरा जोन V में सबसे ज्यादा होता है, जबकि जोन II में भूकंप का खतरा कम होता है. तेलंगाना को जोन II यानी भूकंप की कम तीव्रता वाले क्षेत्र में रखा गया है. देश का लगभग 11 प्रतिशत हिस्सा जोन V में आता है, लगभग 18% जोन IV में, लगभग 30% जोन III में और शेष जोन II में आता है.(इनपुट- न्यूज़ एजेंसी एएनआई)
तेलंगाना में आए भूकंप (Telangana Earthquake) के झटके छत्तीसगढ़ तक महसूस किए गए. भूकंप का असर बस्तर संभाग के कई इलाकों में देखा गया और जगदलपुर में भी भूकंप के झटके महसूस किए गए थे. इसके अलावा छत्तीसगढ़ के बीजापुर और सुकमा में भूकंप के झटके महसूस किए गए.
जोन II में आता है तेलंगाना
भारत में चार भूकंपीय क्षेत्र हैं- जोन II, जोन III, जोन IV और जोन V. भूकंप का खतरा जोन V में सबसे ज्यादा होता है, जबकि जोन II में भूकंप का खतरा कम होता है. तेलंगाना को जोन II यानी भूकंप की कम तीव्रता वाले क्षेत्र में रखा गया है. देश का लगभग 11 प्रतिशत हिस्सा जोन V में आता है, लगभग 18% जोन IV में, लगभग 30% जोन III में और शेष जोन II में आता है.(इनपुट- न्यूज़ एजेंसी एएनआई)
जोन II में आता है तेलंगाना
भारत में चार भूकंपीय क्षेत्र हैं- जोन II, जोन III, जोन IV और जोन V. भूकंप का खतरा जोन V में सबसे ज्यादा होता है, जबकि जोन II में भूकंप का खतरा कम होता है. तेलंगाना को जोन II यानी भूकंप की कम तीव्रता वाले क्षेत्र में रखा गया है. देश का लगभग 11 प्रतिशत हिस्सा जोन V में आता है, लगभग 18% जोन IV में, लगभग 30% जोन III में और शेष जोन II में आता है.(इनपुट- न्यूज़ एजेंसी एएनआई)
भारत में चार भूकंपीय क्षेत्र हैं- जोन II, जोन III, जोन IV और जोन V. भूकंप का खतरा जोन V में सबसे ज्यादा होता है, जबकि जोन II में भूकंप का खतरा कम होता है. तेलंगाना को जोन II यानी भूकंप की कम तीव्रता वाले क्षेत्र में रखा गया है. देश का लगभग 11 प्रतिशत हिस्सा जोन V में आता है, लगभग 18% जोन IV में, लगभग 30% जोन III में और शेष जोन II में आता है.(इनपुट- न्यूज़ एजेंसी एएनआई)
