पांच लोगों पर भेड़ियों का हमला
यूपी के बहराइच में भेड़ियों की आतंक की कहानी खत्म होने का नाम नहीं ले रही थी कि मध्यप्रदेश के खंडवा जिले में भी भेड़ियों के हमले की घटना सामने आई है। शुक्रवार को खंडवा जिले के मालगांव में एक भेड़िया ने एक ही परिवार के पांच सदस्यों पर हमला कर दिया, जिससे वे गंभीर रूप से घायल हो गए।
संदीप वासकाले, हरसूद के पुलिस उपमंडल अधिकारी (एसडीपीओ), ने बताया कि यह घटना तड़के करीब 2:30 बजे की है जब परिवार सो रहा था। हमले के दौरान परिवार के सदस्यों ने जोर-जोर से चिल्लाना शुरू कर दिया, जिसके बाद पड़ोसी और अन्य लोग मौके पर पहुंचे और भेड़िये को भागने पर मजबूर किया।
घायल सदस्यों का इलाज जारी
संभवतया, इस हमले में एक महिला और चार पुरुष घायल हुए हैं। सभी घायलों का इलाज खंडवा मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में चल रहा है। वन विभाग के अधिकारी राकेश दामोर ने बताया कि सभी घायलों को रेबीज के टीके और आवश्यक दवाइयाँ दी गई हैं।
दामोर ने ‘पीटीआई-भाषा’ के साथ बातचीत में कहा, “जंगली जानवर को अब तक पकड़ा नहीं जा सका है और उसका पता लगाने के प्रयास जारी हैं। हालांकि, यह अभी स्पष्ट नहीं हो पाया है कि यह भेड़िया था या किसी अन्य प्रजाति का जंगली जानवर।”
भेड़िया या सियार: पहचान में उलझन
जंगली जानवर की पहचान को लेकर विशेष कठिनाइयाँ सामने आ रही हैं। वासकाले ने बताया कि सोशल मीडिया पर प्रसारित कथित वीडियो क्लिप के आधार पर जानवर की पहचान भेड़िये के रूप में करना अभी संभव नहीं है। उन्होंने कहा, “वीडियो में मुझे वह जानवर सियार जैसा दिखाई दे रहा है, जो भेड़िये से थोड़ा छोटा होता है। हालांकि, इसकी पुष्टि करना अभी जल्दबाजी होगी।”
खंडवा वन विभाग की टीम अब इस विषय पर गहन जांच कर रही है और जानवर की सही पहचान करने की कोशिश कर रही है।
बहराइच के बाद मध्यप्रदेश में हमला
यह घटना ऐसे समय में हुई है जब उत्तर प्रदेश के बहराइच में भेड़ियों के हमले राष्ट्रीय स्तर पर सुर्खियां बटोर रहे हैं। पिछले दो महीनों में, बहराइच जिले में भेड़ियों के हमलों में सात बच्चों सहित आठ लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि करीब तीन दर्जन लोग घायल हुए हैं।
बहराइच की इन घटनाओं के बाद, मध्यप्रदेश में भी भेड़ियों के आतंकी हमले का पहला मामला सामने आया है। यह मामला राज्य और वन्यजीव संरक्षण अधिकारियों के लिए गहरी चिंता का विषय बना हुआ है।
सुरक्षा और उपाय
वन विभाग और स्थानीय प्रशासन द्वारा अब इस तरह के हमलों को रोकने के लिए विशेष कदम उठाए जा रहे हैं। वन विभाग की टीम द्वारा ग्रामीण इलाकों में जागरूकता अभियान चलाए जा रहे हैं, जिससे लोग अपने आसपास के क्षेत्रों में संभावित खतरों को पहचान सकें और उससे बचाव कर सकें।
वन विभाग ने लोगों को रात के समय सुरक्षित स्थानों पर रहने की सलाह दी है, ज़रूरत महसूस होने पर विशेष मेडिकल किट और सुरक्षा उपकरणों का इस्तेमाल करने की भी सलाह दी गई है।
आगे की जांच
वन विभाग और पुलिस की संयुक्त टीम इस मामले की जांच में लगी हुई है। खासकर यह सुनिश्चित करने की कोशिश की जा रही है कि यह जंगली जानवर एक अकेला भेड़िया था या फिर कोई झुंड भी शामिल है। अभी तक की जांच के अनुसार यह संभवतः एक अकेला जानवर हो सकता है।
उम्मीद की जा रही है कि इस घटना की गहराई से जांच के बाद जंगली जानवर की पहचान और उसकी गतिविधियों के बारे में और जानकारी मिल सकेगी। इसके साथ ही, जनता के बीच सुरक्षा की भावना को पुनः स्थापित करने के लिए उचित कदम उठाए जाएंगे।
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