इजरायल ने हिजबुल्लाह नेता हसन नसरल्ला को मारा
इजरायल ने लेबनान में हिजबुल्लाह नेता हसन नसरल्ला को मार गिराया है। इस घटना पर दुनियाभर से प्रतिक्रियाएं आने लगी हैं, वहीं कश्मीर में भी इसका व्यापक असर दिखाई दे रहा है। विभिन्न क्षेत्रों में इजरायल के विरोध में प्रदर्शन हो रहे हैं। कश्मीर के हसनाबाद, रैनावाड़ी, सैदाकदल, मीर बिहारी और आशाबाग इलाकों में बड़ी संख्या में लोग सड़कों पर उतर आए और काले झंडे लहराए। अधिकारियों के मुताबिक, प्रदर्शन शांतिपूर्ण रहा। इसी क्रम में पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने हसन नसरल्ला को शहीद की संज्ञा दी है।
महबूबा मुफ्ती ने एक दिन के लिए चुनाव प्रचार स्थगित किया
पीडीपी की अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने सोशल मीडिया पर लिखा कि उन्होंने एक दिन के लिए अपना चुनाव प्रचार अभियान स्थगित कर दिया। मुफ्ती ने कहा, “लेबनान और गाजा के शहीदों, खासतौर पर हसन नसरुल्ला के साथ एकजुटता प्रदर्शित करते हुए मैं कल का अपना प्रचार अभियान रद्द कर रही हूं। हम इस दुख की घड़ी में फलस्तीन और लेबनान के लोगों के साथ खड़े हैं।”
कश्मीर में विरोध प्रदर्शन
इजरायल-विरोधी और अमेरिका-विरोधी नारों के साथ प्रदर्शनकारियों ने हसन नसरल्ला की हत्या की निंदा की। अधिकारियों ने बताया कि कश्मीर में बड़ी संख्या में पुलिसकर्मियों को तैनात किया गया। प्रदर्शनकारियों ने शांतिपूर्वक प्रदर्शन किए, जिसमें श्रीनगर से लोकसभा सदस्य आगा रूहुल्ला भी शामिल थे। रूहुल्ला ने भी अपने प्रचार अभियान को स्थगित कर दिया।
इजरायली हमले में नसरल्ला की मृत्यु
एपी की खबर के अनुसार, हसन नसरल्ला, जो पश्चिम एशिया में हिजबुल्लाह को एक शक्तिशाली अर्धसैनिक एवं राजनीतिक ताकत में बदलने में अहम भूमिका निभा रहे थे, इजरायली हवाई हमले में मारे गए। नसरल्ला ने 2006 में इजरायल के खिलाफ हिजबुल्लाह के युद्ध का नेतृत्व किया था और उनकी मृत्यु ने पूरी दुनिया में हिंसा और उथल-पुथल को बढ़ा दिया है।
बेरूत में तबाही
बेरूत में इजरायली हमले के बाद से शहर के विभिन्न हिस्सों में भारी तबाही मची हुई है। हिजबुल्लाह के समर्थकों ने इजरायल की कार्रवाई के विरोध में प्रदर्शन करना शुरू कर दिया है। लेबनान में स्थिति अत्यधिक चिंताजनक बनी हुई है और यह तबाही आने वाले दिनों में और बढ़ सकती है।
प्रतिक्रियाओं का दौर
दुनियाभर के राजनीतिक और धार्मिक नेता इस घटना की निंदा कर रहे हैं। विभिन्न देशों में हिजबुल्लाह समर्थकों ने भी विरोध प्रदर्शन करना शुरू कर दिया है। कई विशेषज्ञों का मानना है कि यह घटना पश्चिम एशिया में एक और बड़ी युद्ध की शुरुआत कर सकती है।
भारत में भी गूंज
भारत में भी विभिन्न राजनीतिक पार्टियों ने इस घटना पर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। कश्मीरी नेताओं का कहना है कि वे लेबनानी और फलस्तीनी लोगों के साथ खड़े हैं और इजरायल की कार्रवाई की कड़ी निंदा करते हैं। इस मुद्दे पर कश्मीर में तनाव उत्पन्न हो गया है और आने वाले दिनों में स्थिति और गंभीर हो सकती है।
नतीजे और चुनौतियाँ
हसन नसरल्ला की हत्या ने पश्चिम एशिया में राजनीतिक समीकरणों को हिलाकर रख दिया है। हिजबुल्लाह के समर्थकों के अलावा कई अन्य धार्मिक और राजनीतिक समूह भी इजरायल की इस कार्रवाई का विरोध कर रहे हैं। इन विरोध प्रदर्शनों ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर एक नई चुनौती खड़ी कर दी है और विभिन्न देशों के राजनीतिक नेताओं के लिए यह एक संवेदनशील मुद्दा बन गया है।
क्या होंगे आगे के कदम?
इजरायल की इस कार्रवाई के बाद अब यह देखना होगा कि हिजबुल्लाह और अन्य समर्थकों की ओर से क्या प्रतिक्रिया होगी। आने वाले दिनों में पश्चिम एशिया की स्थिति और भी अस्थिर हो सकती है। विशेषज्ञों का कहना है कि यदि हालात में सुधार नहीं होता, तो यह घटना विश्वभर में शांति और सुरक्षा के लिए एक नई चुनौती बन सकती है।
इसी बीच भारत और दुनिया के अन्य देश इस पर कड़ी नजर बनाए हुए हैं और आगे की रणनीति पर विचार कर रहे हैं।