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महाराष्ट्र का राजनीतिक घमासान: ‘बंद कमरे की मीटिंग’ का उद्धव का बड़ा दावा

महाराष्ट्र के राजनीतिक परिस्थिति

महाराष्ट्र वर्तमान में एक राजनीतिक युद्धभूमि बन चुका है। जहां एक ओर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) अपनी सत्ता बनाए रखने की कोशिश कर रही है, वहीं दूसरी ओर महा विकास अघाड़ी (एमवीए) की प्रमुख पार्टियां – शिवसेना (उद्धव ठाकरे गुट), एनसीपी (शरद पवार गुट) और कांग्रेस – अपनी शक्ति एकजुट कर सत्ता पर पुनः कब्जा जमाने के लिए तैयारी में जुटी हुई हैं। और इस पूरे संग्राम में एक नया मोड़ आया है जब उद्धव ठाकरे ने अमित शाह की एक ‘बंद कमरे की मीटिंग’ का दावा किया है।

ठाकरे का बड़ा दावा

महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने अमित शाह के हालिया नागपुर दौरे पर गंभीर आरोप लगाए हैं। ठाकरे ने कहा कि शाह ने बंद कमरे में भाजपा नेताओं को ‘विपक्षी खेमे में सेंध’ लगाने और उन्हें तथा एनसीपी के नेता शरद पवार को निशाना बनाने के निर्देश दिए हैं। ठाकरे ने यह भी कहा कि शाह और भाजपा नेता जनता के सामने आकर यह सब बताने से क्यों डरते हैं। ठाकरे ने यह बातें छत्रपति शिवाजी महाराज की आदमकद प्रतिमा के अनावरण के मौके पर रामटेक में कही।

शाह के आदेश और जनता की भूमिका

ठाकरे ने अपने बयान में ज़ोर देकर कहा कि उनका और शरद पवार का राजनीतिक भविष्य किसी बंद कमरे में तय नहीं किया जा सकता बल्कि जनता ही उनकी राजनीति का निर्णय करेगी। ठाकरे का कहना था कि शाह और भाजपा क्यों उनके और शरद पवार के राजनीतिक करियर को समाप्त करना चाहते हैं, ताकि वे महाराष्ट्र को लूट सकें। उन्होंने यह भी याद दिलाया कि 2014 में भाजपा ने (अविभाजित) शिवसेना के साथ अपना तीन दशक पुराना गठबंधन तोड़ा था। “इसके बावजूद भी हम 63 सीट जीतने में सफल रहे थे,” ठाकरे ने कहा।

भावी चुनाव की तैयारी

महाराष्ट्र में नवंबर माह में होने वाले चुनावों के बारे में बात करते हुए ठाकरे ने कहा कि यह चुनाव “सत्ता के लिए नहीं हैं, बल्कि महाराष्ट्र को लूट से बचाने के लिए महत्वपूर्ण हैं।” उन्होंने लोगों से महा विकास अघाड़ी को भारी जीत दिलाने और रामटेक लोकसभा क्षेत्र के सभी छह विधानसभा क्षेत्रों में जीत सुनिश्चित करने की अपील की। कांग्रेस और एनसीपी के नेताओं सुनील केदार और अनिल देशमुख ने भी ठाकरे के साथ मंच साझा किया।

सीट बंटवारे की तैयारी

इस बीच, कांग्रेस की महाराष्ट्र इकाई के प्रमुख नाना पटोले ने कहा कि महा विकास अघाड़ी के नेता सीट बंटवारे के फॉर्मूले को अंतिम रूप देने के लिए एक बैठक करेंगे। पटोले ने बताया कि यह बैठक 30 सितंबर और एक अक्टूबर को आयोजित की जाएगी। पटोले ने भी पुष्टि की कि एमवीए के रूप में सभी दल मिलकर चुनाव लड़ेंगे और इस मुद्दे पर कोई मतभेद नहीं है।

महायुति पर प्रहार

पटोले ने महायुति (भाजपा और उसके सहयोगियों) पर निशाना साधते हुए सवाल किया कि क्या उनके पास मुख्यमंत्री पद का कोई चेहरा भी है। यह बयान उनके दावे को अधिक मजबूती प्रदान करता है कि एमवीए ही महाराष्ट्र की असली प्रतिनिधि है।

ठाकरे का निर्णायक संदेश

ठाकरे ने अपने भाषण में आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत से भी सवाल किया कि क्या वह भाजपा के हिंदुत्व के मॉडल से सहमत हैं, जिसमें अन्य दलों को तोड़ना और विपक्षी नेताओं को अपने पाले में लाना शामिल है। ठाकरे का यह बयान यह दर्शाता है कि वह चुनावों में भाजपा की सत्ता को चुनौती देने के लिए पूरी तरह से तैयार हैं।

निष्कर्ष

महाराष्ट्र के आगामी विधानसभा चुनावों में पक्ष और विपक्ष के बीच की लड़ाई ने जोर पकड़ लिया है। उद्धव ठाकरे ने हाल ही में अमित शाह की ‘बंद कमरे की मीटिंग’ के बारे में अपने बड़े दावे से यह साबित किया है कि चुनावी मैदान में तनाव और भी बढ़ने वाला है। देखना यह होगा कि इस राजनैतिक संग्राम में कौन जीतता है और महाराष्ट्र की जनता किसे अपना नेता चुनती है।

यह चुनावी मुद्दा केवल सत्ता की लड़ाई नहीं है, बल्कि महाराष्ट्र के भविष्‍य को लेकर भी महत्वपूर्ण है। सभी राजनीतिक पार्टियां अपनी-अपनी तैयारी कर रही हैं और जनता को भी इस बार एक सोची-समझी निर्णय लेने की जरूरत है।

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