kerala-logo

मौलाना तौकीर रजा: विवादित बयान और सियासत की नई हलचल


उत्तर प्रदेश के बरेली में एक बार फिर से विवादित नेता मौलाना तौकीर रजा खान सुर्खियों में आ गए हैं। इस बार उन्होंने जिला प्रशासन से 21 जुलाई को सामूहिक धर्म परिवर्तन और सामूहिक निकाह करवाने की इजाजत मांगी है। इस ऐलान के बाद हिंदू संगठनों ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और जिला पुलिस-प्रशासन से सख्त कानूनी कार्रवाई की मांग की है। केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने भी इस मुद्दे पर समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव की चुप्पी पर निशाना साधा है।

मामला और बरेली प्रशासन की प्रतिक्रिया

बरेली के जिला मजिस्ट्रेट रवींद्र कुमार ने हिंदू संगठनों के प्रतिनिधियों से मुलाकात कर उचित कार्रवाई का आश्वासन दिया है। एसएसपी अनुराग आर्य ने भी कहा कि मामले की जांच हो रही है और जल्द ही रिपोर्ट दर्ज की जाएगी। बरेली पुलिस ने आश्वासन दिया है कि किसी को भी शहर की कानून-व्यवस्था के साथ खिलवाड़ नहीं करने दिया जाएगा और ऐसे किसी भी प्रयास को सख्ती से निपटने का वादा किया है।

हिंदू संगठनों की प्रतिक्रिया

दूसरी ओर, 512 मुस्लिम युवतियों की घर वापसी करवाने वाला पंडित के के शंखधर ने तौकीर रजा को 2010 दंगों का आरोपी बताते हुए सावन महीने में माहौल बिगाड़ने की साजिश का आरोप लगाया। विश्व हिंदू परिषद के केंद्रीय प्रबंधन समिति सदस्य डॉ राजकमल गुप्ता ने भी तौकीर रजा को मानसिक रूप से विक्षिप्त करार दिया और धर्म परिवर्तन के समय चैलेंज देने की बात कही। उन्होंने स्पष्ट किया कि किसी को भी धर्म परिवर्तन नहीं करने देंगे।

मौलाना तौकीर रजा की सियासत और विवादित बयान

मौलाना तौकीर रजा खान इस्लाम के सुन्नी फिरके के मुसलमानों के बरेली वाले धड़े के मजहबी नेता हैं। उनके परिवार से सियासत में कदम रखने वाले पहले शख्स तौकीर रजा खान ने साल 2001 में इत्तेहाद-ए-मिल्लत काउंसिल (आईएमसी) पार्टी की स्थापना की थी। पहली बार नगरपालिका की 10 सीटें जीतकर उन्होंने कांग्रेस, समाजवादी पार्टी (सपा), और बहुजन समाज पार्टी (बसपा) सभी को समर्थन दिया।

साल 2010 में बरेली सांप्रदायिक दंगों के आरोपी तौकीर रजा को पुलिस ने गिरफ्तार किया था। 2012 के विधानसभा चुनाव में उन्होंने सपा का समर्थन किया और भोजीपुरा सीट जीती। सपा सरकार ने 2013 में उन्हें हैंडलूम कॉरपोरेशन का उपाध्यक्ष बनाया, मुजफ्फरनगर दंगों के बाद उन्होंने पद से इस्तीफा दिया और आम आदमी पार्टी के अरविंद केजरीवाल से मुलाकात कर चर्चा में आए। 2014 में उन्होंने बसपा का समर्थन किया और 2015 में ऑल मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (जेडेड) नामक संगठन की स्थापना की।

विवादित बयान

मौलाना तौकीर रजा के कई बयान विवादित रहे हैं। उनके कुछ प्रमुख विवादित बयान निम्नलिखित हैं:

1. **द्रौपदी पर विवादित बयान और हिंदुओं को धमकी**: 2017 में उन्होंने द्रौपदी पर विवादित बयान दिया। 2022 में बरेली में मुसलमानों की सभा में हिंदुओं को खुली धमकी दी।

2. **ज्ञानवापी विवाद**: वाराणसी के ज्ञानवापी परिसर में कथित शिवलिंग मिलने पर फव्वारे को शिवलिंग मानने पर उन्होंने गंभीर परिणाम भुगतने की धमकी दी थी।

3. **आजम खान मामले में योगी सरकार से हिसाब चुकाने की धमकी**: सपा नेता आजम खान से मुलाकात कर उन्होंने योगी सरकार पर जुल्म करने का आरोप लगाया और जुल्मों का हिसाब चुकाने की धमकी दी।

4. **नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ बयान**: सीएए के खिलाफ मौलाना तौकीर रजा ने भड़काऊ बयान दिए थे और दंगे होंने की भी संभावना जताई थी।

5. **लेखिका तस्लीमा नसरीन पर फतवा**: उन्होंने तस्लीमा नसरीन के खिलाफ फतवा जारी कर 5 लाख रुपये का इनाम घोषित किया था।

6. **मुस्लिम लड़के-लड़कियों के खिलाफ फंडिंग और नशे का कारोबार**: उन्होंने हिंदू लड़कों को मुस्लिम युवाओं के खिलाफ फंडिंग का आरोप लगाया और नशे का आदी बनाने के प्रयास की बात की।

7. **हलद्वानी हिंसा पर धमकी**: हलद्वानी हिंसा को लेकर उन्होंने जान से मारने की धमकी दी।

8. **पीएम मोदी पर टिप्पणी**: लोकसभा चुनाव 2024 के दौरान उन्होंने पीएम मोदी की तुलना धृतराष्ट्र से की और तीसरी बार मोदी सरकार बनने पर महाभारत होने की चेतावनी भी दी।

9. **लिव-इन रिलेशनशिप और समलैंगिकता पर बयानबाजी**: उन्होंने लिव-इन रिलेशनशिप और समलैंगिकता के खिलाफ बयानबाजी की।

10. **शिया-सुन्नी विवाद**: शिया-सुन्नी संघर्षों पर उनका बयान शांति को बढ़ावा नहीं देता।

फिर एक बार विवादित बयान से बवाल

मौलाना तौकीर रजा का सामूहिक धर्म परिवर्तन और सामूहिक निकाह का ऐलान एक बार फिर देशभर में बवाल मचाने का संकेत दे रहा है। उनके लिए यह कोई नया मुद्दा नहीं है, विवादित बयान और सियासत से उनका पुराना नाता है। अब देखना होगा कि मौजूदा मसले में जिला प्रशासन और पुलिस के आला अधिकारियों का क्या कदम होता है।

बरेली जिला पुलिस और प्रशासन इस बार सख्ती बरतने का संकेत दे चुके हैं। हिंदू संगठनों ने भी मज़बूती से मोर्चा संभाला हुआ है। मौलाना का बयान एक बार फिर सियासी गलियारों में हलचल मचा चुका है और देखना यह है कि अगले कुछ दिनों में सियासी उठा-पटक क्या रुख लेगी।

Kerala Lottery Result
Tops