उत्तर प्रदेश के बहराइच जिले में भेड़ियों का आतंक थमने का नाम नहीं ले रहा है। महसी तहसील में भेड़ियों के हमले की घटनाएं लगातार बढ़ती जा रही हैं। रविवार रात किए गए हमलों में एक ढाई साल की बच्ची की मौत हो गई और एक बुजुर्ग महिला गंभीर रूप से घायल हो गई। यह नई घटनाएं मानो अबकी बार और भी ज्यादा भयावह हो गई हैं। अधिकारियों ने बताया कि भेड़िये अब नए इलाकों में भी हमले कर रहे हैं, जिससे और ज़्यादा दहशत का माहौल बन गया है।
अब तक आठ लोगों की मौत
जिलाधिकारी मोनिका रानी के अनुसार, भेड़ियों के हमले में अब तक आठ लोगों की जान जा चुकी है। आखिरी हुई घटना में ढाई वर्ष की अंजलि की मौत हो गई और एक बुजुर्ग महिला कमला देवी घायल हो गई। महसी तहसील के गरेठी गांव में अंजलि को भेड़िया घर से उठा कर ले गया और बाद में उसका क्षत-विक्षत शव गांव से एक किलोमीटर दूर पाया गया। भेड़िए ने बच्ची के दोनों हाथ खा लिए थे।
महसी तहसील में हाहाकार
ग्रामीणों में डर और हाहाकार का माहौल है। महसी तहसील के हरदी थाना इलाके में रोज नई घटनाएं सुनने को मिल रही हैं। अंजलि के मामले के बाद, बाराबिगहा के मौजा कोटिया में 70 वर्षीय कमला देवी पर भेड़िये ने हमला किया। घर में लेटी कमला देवी पर भेड़िये ने तब हमला किया जब वह दरवाजे की रस्सी तोड़कर घर के अंदर घुस आया।
दशहत का माहौल
इलाकों में दहशत फैल गई है। पुलिस और प्रशासन के साथ-साथ पीएसी और वन विभाग के कर्मियों को भी तैनात किया गया है। लेकिन, अब यह घटनाएं हर चार-पांच दिन के अंतराल पर हो रही हैं। लोगों को रात के समय अधिक सतर्क रहने की सलाह दी गई है।
चार भेड़िये पकड़े
जिलाधिकारी मोनिका रानी ने कहा कि चार भेड़ियों को पकड़ा गया है और लोगों को जागरूक किया जा रहा है कि वह दरवाजे बंद करके या छतों पर सोएं और खुले में न सोएं। वन विभाग अपनी जांच कर रहा है कि कितने भेड़िये हमले में शामिल हैं।
बरसात के मौसम में बढ़े हमले
मार्च महीने से ही महसी तहसील क्षेत्र में भेड़ियों के हमले हो रहे हैं। जुलाई के बाद से इन हमलों में तेजी आई है। अब तक सात बच्चों समेत आठ लोग इन हमलों का शिकार हो चुके हैं और 30 से अधिक लोग घायल हुए हैं। विभिन्न विभागों, गैर-सरकारी संगठनों और ग्रामीणों की 100 से अधिक टोलियां रात भर जागकर गश्त कर रही हैं। पीएसी के 200 जवान भी इन हमलों को संभालने के लिए मौजूद हैं।
सीतापुर में भी दहशत
सीतापुर के हरगांव थाना क्षेत्र के परसेहरा शरीकपुर गांव में भी भेड़ियों के हमले से डर का माहौल बन गया है। स्थानीय लोगों ने आरोप लगाया कि एक सितंबर की रात हुए हमले में चार लोग घायल हो गए। वन विभाग की टीम ने हमले के नमूने और पैरों के निशान एकत्र किए, लेकिन वन विभाग के अधिकारियों को शक है कि हमला सियार ने किया है।
वन विभाग की जांच
सीतापुर के प्रभागीय वन अधिकारी (डीएफओ) नवीन खंडेलवाल ने बताया कि टीम को भेड़िया, बाघ, तेंदुआ या पैंथर के पैरों के निशान नहीं मिले हैं, और सियार के पैरों के निशान मिले हैं। लोगों से अफवाहें फैलाने से बचने और किसी जानवर के दिखाई देने पर वन विभाग को सूचित करने की अपील की गई है।
निष्कर्ष
बहराइच और आसपास के इलाकों में भेड़ियों का डर एक गंभीर समस्या बन चुकी है। सरकारी तंत्र तरस में है कि अधिक से अधिक लोगों को जागरुक कर हमलों से बचाया जा सके। नए इलाकों में भी इन हमलों की संभावना ने और चिंता बढ़ा दी है। प्रहरी रात-दिन गश्त कर रहे हैं और लोग अब भी इन हमलों के भय में जी रहे हैं। वन विभाग की जांच और सतर्कता के बावजूद लोग अभी भी दहशत के साए में जी रहे हैं।