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यूपी में कांग्रेस की नई रणनीति: पांच मोर्चों पर बढ़ाएगी गतिविधियाँ

परिचय

उत्तर प्रदेश की राजनीति में एक बार फिर से हलचल मचाने के उद्देश्य से कांग्रेस अपनी रणनीतियों पर सघनता से काम कर रही है। भारतीय जनता पार्टी ने अपनी पिछली गलतियों से सीख काफ़ी कुछ लिया है और उसी दिशा में आगे बढ़ रही है। वहीं दूसरी तरफ, कांग्रेस भी उत्तर प्रदेश में अपनी स्थिति को मज़बूत करने के लिए नए प्लान तैयार कर रही है। आगामी चुनावों में पार्टी के प्रदर्शन को बेहतर बनाने के लिए कांग्रेस ने अपनी पूरी कमर कस ली है।

कांग्रेस की वर्तमान स्थिति

उत्तर प्रदेश विधानसभा में कांग्रेस की स्थिति फिलहाल बेहद कमजोर दिखाई देती है। वर्ष 2022 के विधानसभा चुनावों में पार्टी को सिर्फ 2.33% वोट प्राप्त हुए थे, जिससे उसके सिर्फ़ 2 विधायक ही विधानसभा में पहुँच सके। हालांकि, 2024 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस का प्रदर्शन थोड़ा बेहतर रहा, जिसमें उसे 9.46% वोट मिले। यह कांग्रेस के लिए एक सकारात्मक संकेत है, जिसे वह आगामी चुनावों में अपने लिए एक बड़ी संभवाना मान रही है।

नई रणनीतियों का गठन

कांग्रेस पार्टी ने अपनी गतिविधियों को और अधिक सक्रिय करने के लिए अपनी पांच प्रमुख मोर्चों को रीएक्टिव करने का निर्णय लिया है। पार्टी का मानना है कि इन मोर्चों के माध्यम से वह युवाओं, प्रोफेशनल्स और बुद्धिजीवी वर्ग को जोड़ सकेगी। आइए, जानते हैं कांग्रेस के इन पांच फ्रंटल डिपार्टमेंट्स के बारे में:

1. **विचार विभाग**: यह विभाग कांग्रेस की विचारधारा को फैलाने के कार्य में सक्रिय रहेगा। इसकी भूमिका होगी कि वह लोगों को कांग्रेस के सिद्धांतों और उनके महत्व से अवगत कराए।

2. **मानवाधिकार विभाग**: यह विभाग मानवाधिकार से जुड़े मुद्दों पर काम करेगा और यह सुनिश्चित करेगा कि मानवाधिकारों का उल्लंघन न हो।

3. **विधि विभाग**: यदि किसी भी प्रकार का उत्पीड़न या शोषण होता है, तो यह विभाग कानूनी मदद देगा।

4. **किसान कांग्रेस**: यह विभाग किसानों और खेती-बाड़ी से जुड़े महत्वपूर्ण मुद्दों को उठाएगा और उनके लिए लड़ाई लड़ेगा।

5. **प्रोफेशनल कांग्रेस**: इस संगठन का ध्यान युवाओं और रोजगार से जुड़े मुद्दों पर होगा।

युवाओं की भागीदारी बढ़ाने का प्रयास

कांग्रेस खासतौर पर युवाओं और प्रोफेशनल्स को अपनी तरफ आकर्षित करने की दिशा में काम कर रही है। इसके लिए पार्टी ने कॉलेज परिसरों में जाने का निर्णय लिया है, जहां वह युवाओं से सीधा संवाद करेगी। इसके साथ ही, यह संगठन सड़क पर भी उतरेंगे और सोशल मीडिया पर भी सक्रिय रहेंगे।

कांग्रस ने पहले ही यूपी में दलित वोट बैंक को खींचने के लिए दलित चौपाल और वंचित सम्मेलन का आयोजन भी शुरू कर दिया है।

छोटी-छोटी योजनाओं से बड़ा लक्ष्य हासिल करने की कोशिश

कांग्रेस चाहती है कि 2024 के प्रदर्शन का टेंपो वह 2027 तक बढ़ाती रहे, ताकि एक बार फिर से यूपी में वह अपनी मज़बूत पकड़ बना सके। इसीलिये राहुल गांधी ने रायबरेली सीट नहीं छोड़ी। कांग्रेस यूपी संगठन को कस रही है। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि कांग्रेस अपनी रणनीतियों के माध्यम से कितनी सफल होती है।

लक्ष्य और उम्मीदें

कांग्रेस का महत्वपूर्ण लक्ष्य है कि वह 2024 के चुनावों में प्राप्त हुए 9.46% वोट शेयर को और अधिक बढ़ाए। इसीलिए पार्टी लगातार मंथन कर रही है और विभिन्न मोर्चों पर काम करने की योजना बना रही है। अभी कांग्रेस के सामने 10 विधानसभा सीटों के उपचुनाव हैं, जो कि उसका पहला टेस्ट हो सकता है।

समाप्ति

इस प्रकार, कांग्रेस पार्टी यूपी में नए सिरे से राजनीति की भूमिका में पूर्ण रूप से अनुशासित और तैयार है। उसकी नई योजनाओं और रणनीतियों से यह स्पष्ट है कि वह किसी भी कीमत पर प्रदेश में अपनी पकड़ मजबूत करना चाहती है। अब देखना यह रहेगा कि आगामी चुनावों में पार्टी अपने इन प्रयासों से कितना लाभ उठाती है।

इस नई रणनीति का असर क्या होगा, ये तो आने वाले समय में ही पता चलेगा, लेकिन फिलहाल कांग्रेस का यह प्रयास पार्टी के लिए एक सकारात्मक दिशा की ओर संकेत है।

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