रणथंभौर में प्रस्तावित रोपवे की योजना
रणथंभौर नेशनल पार्क के भीतर जोगी महल और रणथंभौर किले के बीच एक नई रोपवे सेवा शुरू करने की तैयारी है। राजस्थान सरकार ने बजट में इसका जिक्र करते हुए डीटेल्ड प्रोजेक्ट रिपोर्ट (DPR) भी तैयार की है। इस योजना का मुख्य उद्देश्य त्रिनेत्र गणेशजी मंदिर तक तीर्थयात्रियों की यात्रा को सुगम बनाना है।
वन्यजीव प्रेमियों और पर्यावरणविदों का विरोध
हालांकि, वन्यजीव प्रेमी और पर्यावरणविद इस योजना का कड़ा विरोध कर रहे हैं। उनका दावा है कि यह क्षेत्र क्रिटिकल टाइगर हैबिटेट (CTH) के अंतर्गत आता है और रोपवे की स्थापना से यहां के बाघों के प्रजनन क्षेत्र में मानवीय गतिविधियों का दखल बढ़ेगा, जिससे बाघों का जीवन प्रभावित होगा।
जोगी महल का ऐतिहासिक महत्व
जोगी महल एक लगभग 700 साल पुरानी ऐतिहासिक इमारत है। इसे रणथंभौर के राजा ने अपने गुरु, राव हम्मीर के लिए बनवाया था। इस दो मंजिला इमारत में आठ कमरे हैं और इसका नाम नाथ संप्रदाय के अनुयायियों से मिला है। वर्तमान में, जोगी महल को एक फॉरेस्ट रेस्ट हाउस के रूप में इस्तेमाल किया जाता है।
जोगी महल और बिजली की व्यवस्था
जंगली क्षेत्र में होने के कारण जोगी महल में किसी भी प्रकार की बिजली की व्यवस्था नहीं की गई है। 2005 में सरकार ने यहां किसी भी VIP के रात में रुकने पर भी प्रतिबंध लगा दिया था। हालांकि, इससे पहले प्रमुख VIP इस स्थल पर रुके हैं, जिनमें तत्कालीन प्रधानमंत्री राजीव गांधी, बॉलीवुड अभिनेता अमिताभ बच्चन और पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति बिल क्लिंटन भी शामिल हैं।
बिजली के तारों का जोखिम
इस इलाके में बिजली लाने के प्रस्ताव को भी नहीं माना गया है। राजस्थान की पूर्व पर्यटन, पर्यावरण, वन एवं संस्कृति मंत्री बीना काक के अनुसार, घने जंगल के अंदर लटकते बिजली के तार और केबल कार की मौजूदगी न केवल वन्यजीवों के लिए खतरा है, बल्कि यह दृश्यों को भी नुकसान पहुंचाती है।
जोगी महल के निकट प्राकृतिक वैभव
जोगी महल के सामने स्थित झील में मगरमच्छ पाए जाते हैं और इसके पास देश का दूसरा सबसे बड़ा वट वृक्ष भी स्थित है। यह स्थान अपनी प्राकृतिक सुंदरता और वन्यजीवन के लिए बेहद प्रसिद्ध है और इसीलिए यहां पर्यटकों की भीड़ लगी रहती है।
राजीव गांधी की जोगी महल यात्रा
1986 में, तत्कालीन प्रधानमंत्री राजीव गांधी अपने गुट के साथ रणथंभौर आए थे और जोगी महल में रुके थे। प्रधानमंत्री होते हुए भी उन्होंने यहां किसी विशेष सुविधा की मांग नहीं की थी और बिजली के बिना ही अपने दौरे का आनंद लिया था।
अन्य प्रमुख शख्सियतों का जोगी महल में ठहराव
बॉलीवुड अभिनेता अमिताभ बच्चन का परिवार भी जोगी महल में रुका चुका है। इसके अलावा क्रिकेट के भगवान कहे जाने वाले सचिन तेंदुलकर और पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति बिल क्लिंटन भी इस ऐतिहासिक स्थान पर ठहर चुके हैं।
जोगी महल में प्रवेश पर प्रतिबंध
इस ऐतिहासिक स्थल की सुरक्षा और वन्यजीवन संरक्षण को ध्यान में रखते हुए, जोगी महल में आम जनता की एंट्री प्रतिबंधित है। यह स्थल वन्यजीवन के प्रेमियों और विशेष अनुसंधान के लिए आरक्षित है।
रोपवे विवाद के पर्यावरणीय प्रभाव
रोपवे परियोजना को लेकर उठे विवाद में विशेषज्ञों का कहना है कि यह क्षेत्र बाघों और अन्य वन्यजीवों के लिए एक महत्वपूर्ण प्रजनन स्थल है। ऐसे में यहां मानवीय गतिविधियों का बढ़ना वनस्पति और जीव-जंतुओं के लिए हानिकारक साबित हो सकता है।
संवेदनशील वन्यजीवन संरक्षण
सरकार और एनजीओ इन विरोधों के बीच सुलह का मार्ग निकालने की कोशिश कर रहे हैं। वन्यजीवन को बिना किसी हानि के, पर्यावरण-संवेदनशील ढंग से इस परियोजना को पूरा करना सभी की प्राथमिकता है।
रणथंभौर के जोगी महल का ऐतिहासिक और पर्यावरणीय महत्व अत्यंत ऊंचा है, और इसे संरक्षित रखने के लिए सभी संबंधित पक्षों को सतर्क और जिम्मेदार रहना आवश्यक है।