Allahabad High Court On Rahul Gandhi citizenship case: कांग्रेस नेता राहुल गांधी की दोहरी नागरिकता के मामले पर इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने केंद्र सरकार को चार हफ्ते के अंदर फैसला लेने का समय दिया है. जबकि गृह मंत्रालय की ओर से इस मामले में आठ हफ्ते का समय देने की मांग की गई थी. यानी अब इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच इस मामले में सुनवाई की अगली तारीख 21 अप्रैल 2024 को करेगी. इन सबके बीच ये सवाल जानना और भी जरुरी हो जाता है कि आखिर क्या सच में राहुल गांधी के पास दोहरी नागरिकता है किसने इस मामले को उठाया है, जो मामला कोर्ट में चला गया और अगर दोहरी नागरिकता के आरोप साबित हो जाते हैं तो क्या है भारतीय कानून.
किसने कोर्ट में दी याचिका
दरअसल, जस्टिस एआर मसूदी और जस्टिस एके श्रीवास्तव की बेंच ने कर्नाटक के रहने वाले बीजेपी कार्यकर्ता एस विग्नेश शिशिर की जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए यह आदेश जारी किया है. शिशिर की ओर से दायर याचिका पर आधारित है,जिन्होंने केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) से जांच की मांग की है. उनका दावा है कि उनके पास राहुल गांधी की नागरिकता को लेकर नए प्रमाण हैं,जिसमें यूके सरकार से प्राप्त दस्तावेज और ईमेल शामिल हैं. याचिकाकर्ता ने आरोप लगाया है कि ऐसे साक्ष्य मौजूद हैं, जो दर्शाते हैं कि गांधी ब्रिटिश नागरिकता रखते हैं.
पिछले साल नवंबर में इस याचिका पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने केंद्र सरकार से उसके पक्ष के बारे में जानकारी मांगी थी. तब केंद्र की तरफ से पेश वकील ने बेंच को बताया था कि संबंधित मंत्रालय ने ब्रिटिश सरकार को एक पत्र लिखकर विस्तृत जानकारी मांगी है. इसके बाद अब तक सरकार इस मामले में अपना पक्ष नहीं रख पाई थी, इस बार फिर सरकार ने कोर्ट से समय मांगा लेकिन कम समय कोर्ट ने दिया और अब इस मामले में अगली सुनवाई 21 अप्रैल को होगी.
राहुल गांधी की दोहरी नागरिकता पर विवाद
याचिकाकर्ता ने यह भी दावा किया कि गांधी की दोहरी नागरिकता के बारे में उन्होंने दो बार सक्षम प्राधिकारी को शिकायत भेजी थी, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं होने पर यह मौजूदा याचिका दाखिल की गई है. इस पर कोर्ट ने याचिकाकर्ता के अभ्यावेदन पर की गई कार्रवाई का ब्यौरा तलब किया था. याचिका में दावा किया गया कि इस अनुरोध के लिए गृह मंत्रालय को दो बार ज्ञापन भी भेजा था, जहां उन्होंने मंत्रालय से राहुल गांधी की भारतीय नागरिकता को रद्द करने की मांग की थी. इसमें कहा गया है कि जब उन्हें इस मामले में कोई जवाब नहीं मिला, तो उन्हें इलाहाबाद हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाना पड़ा. अब जानते हैं आखिर क्या होती है दोहरी नागरिकता.
सुब्रमण्यम स्वामी ने भी लगाया था दोहरी नागरिकता का आरोप
आपको बता दें कि इस याचिका से पहले भाजपा नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने भी दिल्ली उच्च न्यायालय में गांधी की नागरिकता को लेकर ऐसी ही याचिका दायर की थी. सुब्रमण्यम स्वामी ने एक पत्र में लिखा था कि बैकऑप्स लिमिटेड नाम की एक कंपनी 2003 में यूनाइटेड किंगडम में पंजीकृत हुई थी, जिसमें राहुल गांधी निदेशक और सचिव थे. उन्होंने आगे आरोप लगाया कि 2005 और 2006 में दाखिल कंपनी के वार्षिक रिटर्न में राहुल गांधी की जन्मतिथि 19 जून, 1970 बताई गई थी और उनकी राष्ट्रीयता ब्रिटिश बताई गई थी.
क्या होती है दोहरी नागरिकता?
दोहरी नागरिकता का मतलब बहुत सरल भाषा में समझें तो ऐसे व्यक्ति से हैं जिसके पास एक ही समय में दो या उससे अधिक देशों की नागरिकता होती है. इससे वह दो देशों के पासपोर्ट को अपने पास रख सकता है. उदाहरण के तौर पर अगर आप ब्रिटेन के नागरिक है और साथ में आपके पास भारत की भी नागरिकता है तो आपके पास दोनों देशों के पासपोर्ट रहेंगे. ऐसे में आप दोनों देशों में वोट डाल सकते हैं. साथ ही उस व्यक्ति के पास संबंधित देशों में बिना किसी वीजा या वर्क परमिट के कहीं भी काम करने और आने-जाने का भी अधिकार होता है.
भारत में दोहरी नागरिकता का क्या अधिकार है?
भारतीय संविधान के अनुच्छेद 9 के अनुसार, कोई भी व्यक्ति एक साथ भारतीय और किसी अन्य देश की नागरिकता नहीं रख सकता. बता दें कि भारत में एक व्यक्ति को केवल एकल नागरिकता प्रदान की जाती है. बीबीसी में छपी एक रिपोर्ट के मुताबिक, भारत का संविधान किसी व्यक्ति को एक ही समय में भारतीय नागरिकता और विदेशी नागरिकता दोनों रखने से रोकता है. संसद में विदेश मंत्रालय से पूछे गए एक सवाल के जवाब में कहा गया था, ”भारतीय संविधान के अनुच्छेद 9 तथा नागरिकता अधिनियम, 1955 के सेक्शन 9 के प्रावधानों के मुताबिक़ भारतमें दोहरी नागरिकता की अनुमति नहीं है.” वहीं अगर कोई व्यक्ति विदेशी नागरिकता हासिल कर लेता है, तो उसका भारतीय पासपोर्ट रखना या उसका इस्तेमाल करना भारतीय पासपोर्ट अधिनियम, 1967 के तहत अपराध माना जाता है. काउंसलेट जनरल ऑफ इंडिया, अमेरिका की वेबसाइट के मुताबिक, एक बार जब आप विदेशी नागरिकता हासिल कर लेते हैं, तो आपको अपना भारतीय पासपोर्ट कैंसल कराने के लिए उसे संबंधित भारतीय दूतावास को सौंपना होगा. यानी उस देश में स्थित भारतीय दूतावास में सौंपना होगा, जहां की नागरिकता आप हासिल कर लेते हो. जिसके बाद भारतीय दूतावास इसे कैंसल कर देगा और आपको आपका पासपोर्ट एक सरेंडर सर्टिफिकेट के साथ वापस कर देगा.
इलाहाबाद हाईकोर्ट का फैसले पर टिकीं सभी फैसलों की नजर
हालांकि, अब सारा मामला कोर्ट में चला गया है, अगर आरोप सही पाए गए तो राहुल गांधी की नागरिकता जा सकती है. फैसला क्या होगा यह देखने वाली बात है.
किसने कोर्ट में दी याचिका
दरअसल, जस्टिस एआर मसूदी और जस्टिस एके श्रीवास्तव की बेंच ने कर्नाटक के रहने वाले बीजेपी कार्यकर्ता एस विग्नेश शिशिर की जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए यह आदेश जारी किया है. शिशिर की ओर से दायर याचिका पर आधारित है,जिन्होंने केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) से जांच की मांग की है. उनका दावा है कि उनके पास राहुल गांधी की नागरिकता को लेकर नए प्रमाण हैं,जिसमें यूके सरकार से प्राप्त दस्तावेज और ईमेल शामिल हैं. याचिकाकर्ता ने आरोप लगाया है कि ऐसे साक्ष्य मौजूद हैं, जो दर्शाते हैं कि गांधी ब्रिटिश नागरिकता रखते हैं.
पिछले साल नवंबर में इस याचिका पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने केंद्र सरकार से उसके पक्ष के बारे में जानकारी मांगी थी. तब केंद्र की तरफ से पेश वकील ने बेंच को बताया था कि संबंधित मंत्रालय ने ब्रिटिश सरकार को एक पत्र लिखकर विस्तृत जानकारी मांगी है. इसके बाद अब तक सरकार इस मामले में अपना पक्ष नहीं रख पाई थी, इस बार फिर सरकार ने कोर्ट से समय मांगा लेकिन कम समय कोर्ट ने दिया और अब इस मामले में अगली सुनवाई 21 अप्रैल को होगी.
राहुल गांधी की दोहरी नागरिकता पर विवाद
याचिकाकर्ता ने यह भी दावा किया कि गांधी की दोहरी नागरिकता के बारे में उन्होंने दो बार सक्षम प्राधिकारी को शिकायत भेजी थी, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं होने पर यह मौजूदा याचिका दाखिल की गई है. इस पर कोर्ट ने याचिकाकर्ता के अभ्यावेदन पर की गई कार्रवाई का ब्यौरा तलब किया था. याचिका में दावा किया गया कि इस अनुरोध के लिए गृह मंत्रालय को दो बार ज्ञापन भी भेजा था, जहां उन्होंने मंत्रालय से राहुल गांधी की भारतीय नागरिकता को रद्द करने की मांग की थी. इसमें कहा गया है कि जब उन्हें इस मामले में कोई जवाब नहीं मिला, तो उन्हें इलाहाबाद हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाना पड़ा. अब जानते हैं आखिर क्या होती है दोहरी नागरिकता.
सुब्रमण्यम स्वामी ने भी लगाया था दोहरी नागरिकता का आरोप
आपको बता दें कि इस याचिका से पहले भाजपा नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने भी दिल्ली उच्च न्यायालय में गांधी की नागरिकता को लेकर ऐसी ही याचिका दायर की थी. सुब्रमण्यम स्वामी ने एक पत्र में लिखा था कि बैकऑप्स लिमिटेड नाम की एक कंपनी 2003 में यूनाइटेड किंगडम में पंजीकृत हुई थी, जिसमें राहुल गांधी निदेशक और सचिव थे. उन्होंने आगे आरोप लगाया कि 2005 और 2006 में दाखिल कंपनी के वार्षिक रिटर्न में राहुल गांधी की जन्मतिथि 19 जून, 1970 बताई गई थी और उनकी राष्ट्रीयता ब्रिटिश बताई गई थी.
क्या होती है दोहरी नागरिकता?
दोहरी नागरिकता का मतलब बहुत सरल भाषा में समझें तो ऐसे व्यक्ति से हैं जिसके पास एक ही समय में दो या उससे अधिक देशों की नागरिकता होती है. इससे वह दो देशों के पासपोर्ट को अपने पास रख सकता है. उदाहरण के तौर पर अगर आप ब्रिटेन के नागरिक है और साथ में आपके पास भारत की भी नागरिकता है तो आपके पास दोनों देशों के पासपोर्ट रहेंगे. ऐसे में आप दोनों देशों में वोट डाल सकते हैं. साथ ही उस व्यक्ति के पास संबंधित देशों में बिना किसी वीजा या वर्क परमिट के कहीं भी काम करने और आने-जाने का भी अधिकार होता है.
भारत में दोहरी नागरिकता का क्या अधिकार है?
भारतीय संविधान के अनुच्छेद 9 के अनुसार, कोई भी व्यक्ति एक साथ भारतीय और किसी अन्य देश की नागरिकता नहीं रख सकता. बता दें कि भारत में एक व्यक्ति को केवल एकल नागरिकता प्रदान की जाती है. बीबीसी में छपी एक रिपोर्ट के मुताबिक, भारत का संविधान किसी व्यक्ति को एक ही समय में भारतीय नागरिकता और विदेशी नागरिकता दोनों रखने से रोकता है. संसद में विदेश मंत्रालय से पूछे गए एक सवाल के जवाब में कहा गया था, ”भारतीय संविधान के अनुच्छेद 9 तथा नागरिकता अधिनियम, 1955 के सेक्शन 9 के प्रावधानों के मुताबिक़ भारतमें दोहरी नागरिकता की अनुमति नहीं है.” वहीं अगर कोई व्यक्ति विदेशी नागरिकता हासिल कर लेता है, तो उसका भारतीय पासपोर्ट रखना या उसका इस्तेमाल करना भारतीय पासपोर्ट अधिनियम, 1967 के तहत अपराध माना जाता है. काउंसलेट जनरल ऑफ इंडिया, अमेरिका की वेबसाइट के मुताबिक, एक बार जब आप विदेशी नागरिकता हासिल कर लेते हैं, तो आपको अपना भारतीय पासपोर्ट कैंसल कराने के लिए उसे संबंधित भारतीय दूतावास को सौंपना होगा. यानी उस देश में स्थित भारतीय दूतावास में सौंपना होगा, जहां की नागरिकता आप हासिल कर लेते हो. जिसके बाद भारतीय दूतावास इसे कैंसल कर देगा और आपको आपका पासपोर्ट एक सरेंडर सर्टिफिकेट के साथ वापस कर देगा.
इलाहाबाद हाईकोर्ट का फैसले पर टिकीं सभी फैसलों की नजर
हालांकि, अब सारा मामला कोर्ट में चला गया है, अगर आरोप सही पाए गए तो राहुल गांधी की नागरिकता जा सकती है. फैसला क्या होगा यह देखने वाली बात है.
पिछले साल नवंबर में इस याचिका पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने केंद्र सरकार से उसके पक्ष के बारे में जानकारी मांगी थी. तब केंद्र की तरफ से पेश वकील ने बेंच को बताया था कि संबंधित मंत्रालय ने ब्रिटिश सरकार को एक पत्र लिखकर विस्तृत जानकारी मांगी है. इसके बाद अब तक सरकार इस मामले में अपना पक्ष नहीं रख पाई थी, इस बार फिर सरकार ने कोर्ट से समय मांगा लेकिन कम समय कोर्ट ने दिया और अब इस मामले में अगली सुनवाई 21 अप्रैल को होगी.
राहुल गांधी की दोहरी नागरिकता पर विवाद
याचिकाकर्ता ने यह भी दावा किया कि गांधी की दोहरी नागरिकता के बारे में उन्होंने दो बार सक्षम प्राधिकारी को शिकायत भेजी थी, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं होने पर यह मौजूदा याचिका दाखिल की गई है. इस पर कोर्ट ने याचिकाकर्ता के अभ्यावेदन पर की गई कार्रवाई का ब्यौरा तलब किया था. याचिका में दावा किया गया कि इस अनुरोध के लिए गृह मंत्रालय को दो बार ज्ञापन भी भेजा था, जहां उन्होंने मंत्रालय से राहुल गांधी की भारतीय नागरिकता को रद्द करने की मांग की थी. इसमें कहा गया है कि जब उन्हें इस मामले में कोई जवाब नहीं मिला, तो उन्हें इलाहाबाद हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाना पड़ा. अब जानते हैं आखिर क्या होती है दोहरी नागरिकता.
सुब्रमण्यम स्वामी ने भी लगाया था दोहरी नागरिकता का आरोप
आपको बता दें कि इस याचिका से पहले भाजपा नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने भी दिल्ली उच्च न्यायालय में गांधी की नागरिकता को लेकर ऐसी ही याचिका दायर की थी. सुब्रमण्यम स्वामी ने एक पत्र में लिखा था कि बैकऑप्स लिमिटेड नाम की एक कंपनी 2003 में यूनाइटेड किंगडम में पंजीकृत हुई थी, जिसमें राहुल गांधी निदेशक और सचिव थे. उन्होंने आगे आरोप लगाया कि 2005 और 2006 में दाखिल कंपनी के वार्षिक रिटर्न में राहुल गांधी की जन्मतिथि 19 जून, 1970 बताई गई थी और उनकी राष्ट्रीयता ब्रिटिश बताई गई थी.
क्या होती है दोहरी नागरिकता?
दोहरी नागरिकता का मतलब बहुत सरल भाषा में समझें तो ऐसे व्यक्ति से हैं जिसके पास एक ही समय में दो या उससे अधिक देशों की नागरिकता होती है. इससे वह दो देशों के पासपोर्ट को अपने पास रख सकता है. उदाहरण के तौर पर अगर आप ब्रिटेन के नागरिक है और साथ में आपके पास भारत की भी नागरिकता है तो आपके पास दोनों देशों के पासपोर्ट रहेंगे. ऐसे में आप दोनों देशों में वोट डाल सकते हैं. साथ ही उस व्यक्ति के पास संबंधित देशों में बिना किसी वीजा या वर्क परमिट के कहीं भी काम करने और आने-जाने का भी अधिकार होता है.
भारत में दोहरी नागरिकता का क्या अधिकार है?
भारतीय संविधान के अनुच्छेद 9 के अनुसार, कोई भी व्यक्ति एक साथ भारतीय और किसी अन्य देश की नागरिकता नहीं रख सकता. बता दें कि भारत में एक व्यक्ति को केवल एकल नागरिकता प्रदान की जाती है. बीबीसी में छपी एक रिपोर्ट के मुताबिक, भारत का संविधान किसी व्यक्ति को एक ही समय में भारतीय नागरिकता और विदेशी नागरिकता दोनों रखने से रोकता है. संसद में विदेश मंत्रालय से पूछे गए एक सवाल के जवाब में कहा गया था, ”भारतीय संविधान के अनुच्छेद 9 तथा नागरिकता अधिनियम, 1955 के सेक्शन 9 के प्रावधानों के मुताबिक़ भारतमें दोहरी नागरिकता की अनुमति नहीं है.” वहीं अगर कोई व्यक्ति विदेशी नागरिकता हासिल कर लेता है, तो उसका भारतीय पासपोर्ट रखना या उसका इस्तेमाल करना भारतीय पासपोर्ट अधिनियम, 1967 के तहत अपराध माना जाता है. काउंसलेट जनरल ऑफ इंडिया, अमेरिका की वेबसाइट के मुताबिक, एक बार जब आप विदेशी नागरिकता हासिल कर लेते हैं, तो आपको अपना भारतीय पासपोर्ट कैंसल कराने के लिए उसे संबंधित भारतीय दूतावास को सौंपना होगा. यानी उस देश में स्थित भारतीय दूतावास में सौंपना होगा, जहां की नागरिकता आप हासिल कर लेते हो. जिसके बाद भारतीय दूतावास इसे कैंसल कर देगा और आपको आपका पासपोर्ट एक सरेंडर सर्टिफिकेट के साथ वापस कर देगा.
इलाहाबाद हाईकोर्ट का फैसले पर टिकीं सभी फैसलों की नजर
हालांकि, अब सारा मामला कोर्ट में चला गया है, अगर आरोप सही पाए गए तो राहुल गांधी की नागरिकता जा सकती है. फैसला क्या होगा यह देखने वाली बात है.
राहुल गांधी की दोहरी नागरिकता पर विवाद
याचिकाकर्ता ने यह भी दावा किया कि गांधी की दोहरी नागरिकता के बारे में उन्होंने दो बार सक्षम प्राधिकारी को शिकायत भेजी थी, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं होने पर यह मौजूदा याचिका दाखिल की गई है. इस पर कोर्ट ने याचिकाकर्ता के अभ्यावेदन पर की गई कार्रवाई का ब्यौरा तलब किया था. याचिका में दावा किया गया कि इस अनुरोध के लिए गृह मंत्रालय को दो बार ज्ञापन भी भेजा था, जहां उन्होंने मंत्रालय से राहुल गांधी की भारतीय नागरिकता को रद्द करने की मांग की थी. इसमें कहा गया है कि जब उन्हें इस मामले में कोई जवाब नहीं मिला, तो उन्हें इलाहाबाद हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाना पड़ा. अब जानते हैं आखिर क्या होती है दोहरी नागरिकता.
सुब्रमण्यम स्वामी ने भी लगाया था दोहरी नागरिकता का आरोप
आपको बता दें कि इस याचिका से पहले भाजपा नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने भी दिल्ली उच्च न्यायालय में गांधी की नागरिकता को लेकर ऐसी ही याचिका दायर की थी. सुब्रमण्यम स्वामी ने एक पत्र में लिखा था कि बैकऑप्स लिमिटेड नाम की एक कंपनी 2003 में यूनाइटेड किंगडम में पंजीकृत हुई थी, जिसमें राहुल गांधी निदेशक और सचिव थे. उन्होंने आगे आरोप लगाया कि 2005 और 2006 में दाखिल कंपनी के वार्षिक रिटर्न में राहुल गांधी की जन्मतिथि 19 जून, 1970 बताई गई थी और उनकी राष्ट्रीयता ब्रिटिश बताई गई थी.
क्या होती है दोहरी नागरिकता?
दोहरी नागरिकता का मतलब बहुत सरल भाषा में समझें तो ऐसे व्यक्ति से हैं जिसके पास एक ही समय में दो या उससे अधिक देशों की नागरिकता होती है. इससे वह दो देशों के पासपोर्ट को अपने पास रख सकता है. उदाहरण के तौर पर अगर आप ब्रिटेन के नागरिक है और साथ में आपके पास भारत की भी नागरिकता है तो आपके पास दोनों देशों के पासपोर्ट रहेंगे. ऐसे में आप दोनों देशों में वोट डाल सकते हैं. साथ ही उस व्यक्ति के पास संबंधित देशों में बिना किसी वीजा या वर्क परमिट के कहीं भी काम करने और आने-जाने का भी अधिकार होता है.
भारत में दोहरी नागरिकता का क्या अधिकार है?
भारतीय संविधान के अनुच्छेद 9 के अनुसार, कोई भी व्यक्ति एक साथ भारतीय और किसी अन्य देश की नागरिकता नहीं रख सकता. बता दें कि भारत में एक व्यक्ति को केवल एकल नागरिकता प्रदान की जाती है. बीबीसी में छपी एक रिपोर्ट के मुताबिक, भारत का संविधान किसी व्यक्ति को एक ही समय में भारतीय नागरिकता और विदेशी नागरिकता दोनों रखने से रोकता है. संसद में विदेश मंत्रालय से पूछे गए एक सवाल के जवाब में कहा गया था, ”भारतीय संविधान के अनुच्छेद 9 तथा नागरिकता अधिनियम, 1955 के सेक्शन 9 के प्रावधानों के मुताबिक़ भारतमें दोहरी नागरिकता की अनुमति नहीं है.” वहीं अगर कोई व्यक्ति विदेशी नागरिकता हासिल कर लेता है, तो उसका भारतीय पासपोर्ट रखना या उसका इस्तेमाल करना भारतीय पासपोर्ट अधिनियम, 1967 के तहत अपराध माना जाता है. काउंसलेट जनरल ऑफ इंडिया, अमेरिका की वेबसाइट के मुताबिक, एक बार जब आप विदेशी नागरिकता हासिल कर लेते हैं, तो आपको अपना भारतीय पासपोर्ट कैंसल कराने के लिए उसे संबंधित भारतीय दूतावास को सौंपना होगा. यानी उस देश में स्थित भारतीय दूतावास में सौंपना होगा, जहां की नागरिकता आप हासिल कर लेते हो. जिसके बाद भारतीय दूतावास इसे कैंसल कर देगा और आपको आपका पासपोर्ट एक सरेंडर सर्टिफिकेट के साथ वापस कर देगा.
इलाहाबाद हाईकोर्ट का फैसले पर टिकीं सभी फैसलों की नजर
हालांकि, अब सारा मामला कोर्ट में चला गया है, अगर आरोप सही पाए गए तो राहुल गांधी की नागरिकता जा सकती है. फैसला क्या होगा यह देखने वाली बात है.
सुब्रमण्यम स्वामी ने भी लगाया था दोहरी नागरिकता का आरोप
आपको बता दें कि इस याचिका से पहले भाजपा नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने भी दिल्ली उच्च न्यायालय में गांधी की नागरिकता को लेकर ऐसी ही याचिका दायर की थी. सुब्रमण्यम स्वामी ने एक पत्र में लिखा था कि बैकऑप्स लिमिटेड नाम की एक कंपनी 2003 में यूनाइटेड किंगडम में पंजीकृत हुई थी, जिसमें राहुल गांधी निदेशक और सचिव थे. उन्होंने आगे आरोप लगाया कि 2005 और 2006 में दाखिल कंपनी के वार्षिक रिटर्न में राहुल गांधी की जन्मतिथि 19 जून, 1970 बताई गई थी और उनकी राष्ट्रीयता ब्रिटिश बताई गई थी.
क्या होती है दोहरी नागरिकता?
दोहरी नागरिकता का मतलब बहुत सरल भाषा में समझें तो ऐसे व्यक्ति से हैं जिसके पास एक ही समय में दो या उससे अधिक देशों की नागरिकता होती है. इससे वह दो देशों के पासपोर्ट को अपने पास रख सकता है. उदाहरण के तौर पर अगर आप ब्रिटेन के नागरिक है और साथ में आपके पास भारत की भी नागरिकता है तो आपके पास दोनों देशों के पासपोर्ट रहेंगे. ऐसे में आप दोनों देशों में वोट डाल सकते हैं. साथ ही उस व्यक्ति के पास संबंधित देशों में बिना किसी वीजा या वर्क परमिट के कहीं भी काम करने और आने-जाने का भी अधिकार होता है.
भारत में दोहरी नागरिकता का क्या अधिकार है?
भारतीय संविधान के अनुच्छेद 9 के अनुसार, कोई भी व्यक्ति एक साथ भारतीय और किसी अन्य देश की नागरिकता नहीं रख सकता. बता दें कि भारत में एक व्यक्ति को केवल एकल नागरिकता प्रदान की जाती है. बीबीसी में छपी एक रिपोर्ट के मुताबिक, भारत का संविधान किसी व्यक्ति को एक ही समय में भारतीय नागरिकता और विदेशी नागरिकता दोनों रखने से रोकता है. संसद में विदेश मंत्रालय से पूछे गए एक सवाल के जवाब में कहा गया था, ”भारतीय संविधान के अनुच्छेद 9 तथा नागरिकता अधिनियम, 1955 के सेक्शन 9 के प्रावधानों के मुताबिक़ भारतमें दोहरी नागरिकता की अनुमति नहीं है.” वहीं अगर कोई व्यक्ति विदेशी नागरिकता हासिल कर लेता है, तो उसका भारतीय पासपोर्ट रखना या उसका इस्तेमाल करना भारतीय पासपोर्ट अधिनियम, 1967 के तहत अपराध माना जाता है. काउंसलेट जनरल ऑफ इंडिया, अमेरिका की वेबसाइट के मुताबिक, एक बार जब आप विदेशी नागरिकता हासिल कर लेते हैं, तो आपको अपना भारतीय पासपोर्ट कैंसल कराने के लिए उसे संबंधित भारतीय दूतावास को सौंपना होगा. यानी उस देश में स्थित भारतीय दूतावास में सौंपना होगा, जहां की नागरिकता आप हासिल कर लेते हो. जिसके बाद भारतीय दूतावास इसे कैंसल कर देगा और आपको आपका पासपोर्ट एक सरेंडर सर्टिफिकेट के साथ वापस कर देगा.
इलाहाबाद हाईकोर्ट का फैसले पर टिकीं सभी फैसलों की नजर
हालांकि, अब सारा मामला कोर्ट में चला गया है, अगर आरोप सही पाए गए तो राहुल गांधी की नागरिकता जा सकती है. फैसला क्या होगा यह देखने वाली बात है.
क्या होती है दोहरी नागरिकता?
दोहरी नागरिकता का मतलब बहुत सरल भाषा में समझें तो ऐसे व्यक्ति से हैं जिसके पास एक ही समय में दो या उससे अधिक देशों की नागरिकता होती है. इससे वह दो देशों के पासपोर्ट को अपने पास रख सकता है. उदाहरण के तौर पर अगर आप ब्रिटेन के नागरिक है और साथ में आपके पास भारत की भी नागरिकता है तो आपके पास दोनों देशों के पासपोर्ट रहेंगे. ऐसे में आप दोनों देशों में वोट डाल सकते हैं. साथ ही उस व्यक्ति के पास संबंधित देशों में बिना किसी वीजा या वर्क परमिट के कहीं भी काम करने और आने-जाने का भी अधिकार होता है.
भारत में दोहरी नागरिकता का क्या अधिकार है?
भारतीय संविधान के अनुच्छेद 9 के अनुसार, कोई भी व्यक्ति एक साथ भारतीय और किसी अन्य देश की नागरिकता नहीं रख सकता. बता दें कि भारत में एक व्यक्ति को केवल एकल नागरिकता प्रदान की जाती है. बीबीसी में छपी एक रिपोर्ट के मुताबिक, भारत का संविधान किसी व्यक्ति को एक ही समय में भारतीय नागरिकता और विदेशी नागरिकता दोनों रखने से रोकता है. संसद में विदेश मंत्रालय से पूछे गए एक सवाल के जवाब में कहा गया था, ”भारतीय संविधान के अनुच्छेद 9 तथा नागरिकता अधिनियम, 1955 के सेक्शन 9 के प्रावधानों के मुताबिक़ भारतमें दोहरी नागरिकता की अनुमति नहीं है.” वहीं अगर कोई व्यक्ति विदेशी नागरिकता हासिल कर लेता है, तो उसका भारतीय पासपोर्ट रखना या उसका इस्तेमाल करना भारतीय पासपोर्ट अधिनियम, 1967 के तहत अपराध माना जाता है. काउंसलेट जनरल ऑफ इंडिया, अमेरिका की वेबसाइट के मुताबिक, एक बार जब आप विदेशी नागरिकता हासिल कर लेते हैं, तो आपको अपना भारतीय पासपोर्ट कैंसल कराने के लिए उसे संबंधित भारतीय दूतावास को सौंपना होगा. यानी उस देश में स्थित भारतीय दूतावास में सौंपना होगा, जहां की नागरिकता आप हासिल कर लेते हो. जिसके बाद भारतीय दूतावास इसे कैंसल कर देगा और आपको आपका पासपोर्ट एक सरेंडर सर्टिफिकेट के साथ वापस कर देगा.
इलाहाबाद हाईकोर्ट का फैसले पर टिकीं सभी फैसलों की नजर
हालांकि, अब सारा मामला कोर्ट में चला गया है, अगर आरोप सही पाए गए तो राहुल गांधी की नागरिकता जा सकती है. फैसला क्या होगा यह देखने वाली बात है.
भारत में दोहरी नागरिकता का क्या अधिकार है?
भारतीय संविधान के अनुच्छेद 9 के अनुसार, कोई भी व्यक्ति एक साथ भारतीय और किसी अन्य देश की नागरिकता नहीं रख सकता. बता दें कि भारत में एक व्यक्ति को केवल एकल नागरिकता प्रदान की जाती है. बीबीसी में छपी एक रिपोर्ट के मुताबिक, भारत का संविधान किसी व्यक्ति को एक ही समय में भारतीय नागरिकता और विदेशी नागरिकता दोनों रखने से रोकता है. संसद में विदेश मंत्रालय से पूछे गए एक सवाल के जवाब में कहा गया था, ”भारतीय संविधान के अनुच्छेद 9 तथा नागरिकता अधिनियम, 1955 के सेक्शन 9 के प्रावधानों के मुताबिक़ भारतमें दोहरी नागरिकता की अनुमति नहीं है.” वहीं अगर कोई व्यक्ति विदेशी नागरिकता हासिल कर लेता है, तो उसका भारतीय पासपोर्ट रखना या उसका इस्तेमाल करना भारतीय पासपोर्ट अधिनियम, 1967 के तहत अपराध माना जाता है. काउंसलेट जनरल ऑफ इंडिया, अमेरिका की वेबसाइट के मुताबिक, एक बार जब आप विदेशी नागरिकता हासिल कर लेते हैं, तो आपको अपना भारतीय पासपोर्ट कैंसल कराने के लिए उसे संबंधित भारतीय दूतावास को सौंपना होगा. यानी उस देश में स्थित भारतीय दूतावास में सौंपना होगा, जहां की नागरिकता आप हासिल कर लेते हो. जिसके बाद भारतीय दूतावास इसे कैंसल कर देगा और आपको आपका पासपोर्ट एक सरेंडर सर्टिफिकेट के साथ वापस कर देगा.
इलाहाबाद हाईकोर्ट का फैसले पर टिकीं सभी फैसलों की नजर
हालांकि, अब सारा मामला कोर्ट में चला गया है, अगर आरोप सही पाए गए तो राहुल गांधी की नागरिकता जा सकती है. फैसला क्या होगा यह देखने वाली बात है.
इलाहाबाद हाईकोर्ट का फैसले पर टिकीं सभी फैसलों की नजर
हालांकि, अब सारा मामला कोर्ट में चला गया है, अगर आरोप सही पाए गए तो राहुल गांधी की नागरिकता जा सकती है. फैसला क्या होगा यह देखने वाली बात है.
