Lok Sabha Speaker Om Birla: लोकसभा में बुधवार को एक बाकया देखने को मिला जब लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने नेता विपक्ष राहुल गांधी से सदन के नियमों और परंपराओं का पालन करने की अपील की. हालांकि यह स्पष्ट नहीं हुआ कि बिरला ने किस विशेष घटना को लेकर यह टिप्पणी की. लेकिन इस पर राहुल गांधी का बाद में जवाबा जरूर आ गया. हुआ यह कि शून्यकाल के दौरान लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने कहा कि सदन के सदस्यों से अपेक्षा की जाती है कि वे इसकी मर्यादा और शालीनता के उच्च मानदंडों का पालन करें.
‘संज्ञान में कई घटनाएं आई हैं’
लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने राहुल गांधी की तरफ मुखातिब होते हुए कहा कि मेरे संज्ञान में कई घटनाएं आई हैं जिनमें सदस्यों का आचरण सदन की परंपराओं और नियमों के अनुरूप नहीं था. इस सदन में पिता-पुत्री, मां-बेटी और पति-पत्नी सदस्य रहे हैं. इस संदर्भ में नेता प्रतिपक्ष से विशेष रूप से अपेक्षा की जाती है कि वे नियम 349 के अनुसार सदन में आचरण करें.
राहुल गांधी नाराज दिखे?
जैसे ही ओम बिरला ने यह बात कही इस बयान के बाद कांग्रेस सांसदों ने इसका विरोध किया लेकिन स्पीकर ने उन्हें शांत रहने को कहा और कार्यवाही स्थगित हो गई. बाद में संसद से बाहर मीडिया से बातचीत में राहुल गांधी नाराज दिखे. उन्होंने कहा कि मुझे नहीं पता कि यहां क्या हो रहा है. जब भी मैं अपनी बात रखने के लिए खड़ा होता हूं मुझे बोलने नहीं दिया जाता. स्पीकर ने मेरे बारे में कुछ निराधार बातें कहीं और फिर सदन स्थगित कर दिया, जबकि इसकी कोई जरूरत नहीं थी.
इतना ही नहीं राहुल गांधी ने आगे कहा कि यह एक परंपरा है कि नेता प्रतिपक्ष को बोलने का अवसर दिया जाता है लेकिन मुझे लगातार रोका जा रहा है. मैं बेरोजगारी और महाकुंभ पर बोलना चाहता था, लेकिन मुझे मौका ही नहीं मिला. राहुल गांधी ने आरोप लगाया कि लोकतंत्र में विपक्ष को भी अपनी बात रखने का हक होता है लेकिन सरकार ऐसा नहीं होने दे रही.
राहुल ने यह भी कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने महाकुंभ मेले पर अपनी बात रखी मैं भी उस विषय पर बोलना चाहता था. कुंभ हमारी परंपरा, संस्कृति और इतिहास का हिस्सा है. लेकिन असल मुद्दा यह है कि युवा बेरोजगारी से जूझ रहे हैं उन्हें रोजगार चाहिए. प्रधानमंत्री को इस पर भी बोलना चाहिए था. लोकतंत्र में विपक्ष की जगह होती है लेकिन यहां हमें बोलने ही नहीं दिया जा रहा.
‘संज्ञान में कई घटनाएं आई हैं’
लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने राहुल गांधी की तरफ मुखातिब होते हुए कहा कि मेरे संज्ञान में कई घटनाएं आई हैं जिनमें सदस्यों का आचरण सदन की परंपराओं और नियमों के अनुरूप नहीं था. इस सदन में पिता-पुत्री, मां-बेटी और पति-पत्नी सदस्य रहे हैं. इस संदर्भ में नेता प्रतिपक्ष से विशेष रूप से अपेक्षा की जाती है कि वे नियम 349 के अनुसार सदन में आचरण करें.
राहुल गांधी नाराज दिखे?
जैसे ही ओम बिरला ने यह बात कही इस बयान के बाद कांग्रेस सांसदों ने इसका विरोध किया लेकिन स्पीकर ने उन्हें शांत रहने को कहा और कार्यवाही स्थगित हो गई. बाद में संसद से बाहर मीडिया से बातचीत में राहुल गांधी नाराज दिखे. उन्होंने कहा कि मुझे नहीं पता कि यहां क्या हो रहा है. जब भी मैं अपनी बात रखने के लिए खड़ा होता हूं मुझे बोलने नहीं दिया जाता. स्पीकर ने मेरे बारे में कुछ निराधार बातें कहीं और फिर सदन स्थगित कर दिया, जबकि इसकी कोई जरूरत नहीं थी.
इतना ही नहीं राहुल गांधी ने आगे कहा कि यह एक परंपरा है कि नेता प्रतिपक्ष को बोलने का अवसर दिया जाता है लेकिन मुझे लगातार रोका जा रहा है. मैं बेरोजगारी और महाकुंभ पर बोलना चाहता था, लेकिन मुझे मौका ही नहीं मिला. राहुल गांधी ने आरोप लगाया कि लोकतंत्र में विपक्ष को भी अपनी बात रखने का हक होता है लेकिन सरकार ऐसा नहीं होने दे रही.
राहुल ने यह भी कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने महाकुंभ मेले पर अपनी बात रखी मैं भी उस विषय पर बोलना चाहता था. कुंभ हमारी परंपरा, संस्कृति और इतिहास का हिस्सा है. लेकिन असल मुद्दा यह है कि युवा बेरोजगारी से जूझ रहे हैं उन्हें रोजगार चाहिए. प्रधानमंत्री को इस पर भी बोलना चाहिए था. लोकतंत्र में विपक्ष की जगह होती है लेकिन यहां हमें बोलने ही नहीं दिया जा रहा.
राहुल गांधी नाराज दिखे?
जैसे ही ओम बिरला ने यह बात कही इस बयान के बाद कांग्रेस सांसदों ने इसका विरोध किया लेकिन स्पीकर ने उन्हें शांत रहने को कहा और कार्यवाही स्थगित हो गई. बाद में संसद से बाहर मीडिया से बातचीत में राहुल गांधी नाराज दिखे. उन्होंने कहा कि मुझे नहीं पता कि यहां क्या हो रहा है. जब भी मैं अपनी बात रखने के लिए खड़ा होता हूं मुझे बोलने नहीं दिया जाता. स्पीकर ने मेरे बारे में कुछ निराधार बातें कहीं और फिर सदन स्थगित कर दिया, जबकि इसकी कोई जरूरत नहीं थी.
इतना ही नहीं राहुल गांधी ने आगे कहा कि यह एक परंपरा है कि नेता प्रतिपक्ष को बोलने का अवसर दिया जाता है लेकिन मुझे लगातार रोका जा रहा है. मैं बेरोजगारी और महाकुंभ पर बोलना चाहता था, लेकिन मुझे मौका ही नहीं मिला. राहुल गांधी ने आरोप लगाया कि लोकतंत्र में विपक्ष को भी अपनी बात रखने का हक होता है लेकिन सरकार ऐसा नहीं होने दे रही.
राहुल ने यह भी कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने महाकुंभ मेले पर अपनी बात रखी मैं भी उस विषय पर बोलना चाहता था. कुंभ हमारी परंपरा, संस्कृति और इतिहास का हिस्सा है. लेकिन असल मुद्दा यह है कि युवा बेरोजगारी से जूझ रहे हैं उन्हें रोजगार चाहिए. प्रधानमंत्री को इस पर भी बोलना चाहिए था. लोकतंत्र में विपक्ष की जगह होती है लेकिन यहां हमें बोलने ही नहीं दिया जा रहा.
जैसे ही ओम बिरला ने यह बात कही इस बयान के बाद कांग्रेस सांसदों ने इसका विरोध किया लेकिन स्पीकर ने उन्हें शांत रहने को कहा और कार्यवाही स्थगित हो गई. बाद में संसद से बाहर मीडिया से बातचीत में राहुल गांधी नाराज दिखे. उन्होंने कहा कि मुझे नहीं पता कि यहां क्या हो रहा है. जब भी मैं अपनी बात रखने के लिए खड़ा होता हूं मुझे बोलने नहीं दिया जाता. स्पीकर ने मेरे बारे में कुछ निराधार बातें कहीं और फिर सदन स्थगित कर दिया, जबकि इसकी कोई जरूरत नहीं थी.
इतना ही नहीं राहुल गांधी ने आगे कहा कि यह एक परंपरा है कि नेता प्रतिपक्ष को बोलने का अवसर दिया जाता है लेकिन मुझे लगातार रोका जा रहा है. मैं बेरोजगारी और महाकुंभ पर बोलना चाहता था, लेकिन मुझे मौका ही नहीं मिला. राहुल गांधी ने आरोप लगाया कि लोकतंत्र में विपक्ष को भी अपनी बात रखने का हक होता है लेकिन सरकार ऐसा नहीं होने दे रही.
राहुल ने यह भी कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने महाकुंभ मेले पर अपनी बात रखी मैं भी उस विषय पर बोलना चाहता था. कुंभ हमारी परंपरा, संस्कृति और इतिहास का हिस्सा है. लेकिन असल मुद्दा यह है कि युवा बेरोजगारी से जूझ रहे हैं उन्हें रोजगार चाहिए. प्रधानमंत्री को इस पर भी बोलना चाहिए था. लोकतंत्र में विपक्ष की जगह होती है लेकिन यहां हमें बोलने ही नहीं दिया जा रहा.
इतना ही नहीं राहुल गांधी ने आगे कहा कि यह एक परंपरा है कि नेता प्रतिपक्ष को बोलने का अवसर दिया जाता है लेकिन मुझे लगातार रोका जा रहा है. मैं बेरोजगारी और महाकुंभ पर बोलना चाहता था, लेकिन मुझे मौका ही नहीं मिला. राहुल गांधी ने आरोप लगाया कि लोकतंत्र में विपक्ष को भी अपनी बात रखने का हक होता है लेकिन सरकार ऐसा नहीं होने दे रही.
राहुल ने यह भी कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने महाकुंभ मेले पर अपनी बात रखी मैं भी उस विषय पर बोलना चाहता था. कुंभ हमारी परंपरा, संस्कृति और इतिहास का हिस्सा है. लेकिन असल मुद्दा यह है कि युवा बेरोजगारी से जूझ रहे हैं उन्हें रोजगार चाहिए. प्रधानमंत्री को इस पर भी बोलना चाहिए था. लोकतंत्र में विपक्ष की जगह होती है लेकिन यहां हमें बोलने ही नहीं दिया जा रहा.
राहुल ने यह भी कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने महाकुंभ मेले पर अपनी बात रखी मैं भी उस विषय पर बोलना चाहता था. कुंभ हमारी परंपरा, संस्कृति और इतिहास का हिस्सा है. लेकिन असल मुद्दा यह है कि युवा बेरोजगारी से जूझ रहे हैं उन्हें रोजगार चाहिए. प्रधानमंत्री को इस पर भी बोलना चाहिए था. लोकतंत्र में विपक्ष की जगह होती है लेकिन यहां हमें बोलने ही नहीं दिया जा रहा.