kerala-logo

रेल मंत्री ने ‘कवच’ के लिए 1112 करोड़ का बजट घोषित किया

स्थापित और उपयोग की गई धनराशि

रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बुधवार को लोकसभा में बताया कि वित्त वर्ष 2024-25 में स्वचालित ट्रेन सुरक्षा (एटीपी) प्रणाली ‘कवच’ की स्थापना के लिए 1,112.57 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं। यह जानकारी उन्होंने द्रविड़ मुनेत्र कषगम (द्रमुक) के सांसदों कनिमोझी करुणानिधि और रानी श्रीकुमार द्वारा उठाए गए सवालों के लिखित जवाब में दी।

उन्होंने बताया कि देश में ‘कवच’ प्रणाली की स्थापना के लिए अब तक 1,216.77 करोड़ रुपये उपयोग किए गए हैं। यह धनराशि स्वदेशी रूप से विकसित इस उच्च सुरक्षा प्रमाणन प्रणाली के कार्यान्वयन के लिए आवंटित की गई है।

स्वदेशी तकनीक की विशेषताएं

अश्विनी वैष्णव के अनुसार, ‘कवच’ एक स्वदेशी और स्वचालित ट्रेन सुरक्षा (एटीपी) प्रणाली है, जिसे उच्चतम सुरक्षा प्रमाणन की आवश्यकता होती है। यह तकनीक लोको पायलट के ब्रेक लगाने में विफल होने की स्थिति में स्वचालित रूप से ब्रेक लगाती है और ट्रेन को निर्दिष्ट गति सीमा के भीतर चलाने में सहायता करती है। इसके अलावा, खराब मौसम के दौरान भी ट्रेन को सुरक्षित रूप से चलाने में मदद करती है।

मंत्री ने बताया कि अब तक ‘कवच’ प्रणाली को दक्षिण मध्य रेलवे में 1,465 किमी मार्ग और 144 इंजनों पर तैनात किया गया है। इस प्रणाली का उद्देश्य ट्रेन दुर्घटनाओं को रोकना और यात्री सुरक्षा को सुनिश्चित करना है।

महत्वपूर्ण कॉरिडोर्स पर स्थापना

दिल्ली-मुंबई और दिल्ली-हावड़ा जैसे महत्वपूर्ण कॉरिडोर्स पर ‘कवच’ की स्थापना का कार्य प्रगति पर है। अश्विनी वैष्णव ने जानकारी दी कि अब तक 4,275 किमी मार्ग पर ऑप्टिकल फाइबर केबल बिछाई गई है और 364 टेलीकॉम टावर लगाए गए हैं। इसके अतिरिक्त, 285 स्टेशनों, 319 लोको और 1,384 किमी रेल ट्रैक पर कवच उपकरण लगाए गए हैं।

कैसे काम करता है ‘कवच’?

‘कवच’ का कार्यप्रणाली अत्यधिक तकनीकी और वैज्ञानिक है। यह प्रणाली ट्रेन के लोको पायलट को संभावित जोखिमों के बारे में सटीक समय पर सतर्क करने के लिए डिज़ाइन की गई है। जब ट्रेन निर्धारित गति सीमा से अधिक पार करती है और लोको पायलट इसमें पर्याप्त प्रतिक्रिया नहीं देता है, तो ‘कवच’ स्वतः ब्रेक लगाता है। यह उच्च गति ट्रेन ऑपरेशन्स में एक बड़ा योगदान है और यात्रियों की सुरक्षा को और बढ़ाता है।

आगे के लक्ष्य

देश भर में ‘कवच’ प्रणाली की व्यापक स्थापना सरकार की उच्च प्राथमिकताओं में से एक है। रेल मंत्रालय इस प्रणाली को देश के अन्य रेल मार्गों पर भी विस्तार देने की योजना बना रहा है। दिल्ली-मुंबई और दिल्ली-हावड़ा कॉरिडोर्स की सफलता के बाद, इसे अन्य महत्वपूर्ण मार्गों पर भी लागू किया जाएगा।

सुरक्षा और विश्वसनीयता

‘कवच’ प्रणाली की अद्वितीयता इसकी अत्यधिक विश्वसनीयता और सुरक्षा में निहित है। इसके माध्यम से भारतीय रेल अपनी सेवाओं को और अधिक सुरक्षित और संतोषप्रद बना सकता है। यह प्रणाली न केवल यात्रियों को सुरक्षा का आश्वासन देती है, बल्कि भारतीय रेल की प्रतिष्ठा को भी बढ़ावा देती है।

भविष्य की दृष्टि

भारत की रेलवे प्रणाली में ‘कवच’ का समावेश अत्यधिक प्रगति की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। यह तकनीक हमें न केवल वर्तमान समय में बल्कि भविष्य में भी सुरक्षा के उच्चतम मानकों को प्राप्त करने में मदद करेगी। ऑटोमेटेड ट्रेन प्रोटेक्शन (एटीपी) प्रणाली ‘कवच’ भविष्य में ट्रेन दुर्घटनाओं को पूरी तरह से समाप्त करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण उपकरण हो सकती है।

इस प्रकार, रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव द्वारा ‘कवच’ के लिए 1,112 करोड़ रुपये का बजट निर्धारण एक महत्वपूर्ण कदम है, जो भारत की रेलवे सुरक्षा को नई ऊंचाइयों पर ले जाएगा। यह प्रोजेक्ट भारतीय रेलवे के भविष्य को उज्जवल बनाने के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है।

#### लेख समाप्त।

Kerala Lottery Result
Tops