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वायनाड त्रासदी पर अमित शाह की टिप्पणी: चेतावनी के बावजूद क्यों नहीं उठाए गए एहतियाती कदम?

केरल में भारी बारिश के कारण वायनाड में भूस्खलन

केरल के वायनाड जिले में हाल ही में भूस्खलन की घटना सामने आई है, जिसमें कई लोगों की जानें चली गईं और कई अन्य घायल हो गए। केरल की इस प्राकृतिक आपदा को लेकर संसद में भी गहरा चर्चा हुई। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने इस मुद्दे पर बोलते हुए केरल सरकार पर गंभीर आरोप लगाए।

पहले ही दी जा चुकी थी चेतावनी

राज्यसभा में बोलते हुए अमित शाह ने कहा कि केंद्र सरकार ने पहले ही राज्य सरकार को भारी बारिश और भूस्खलन की चेतावनी दी थी। उन्होंने कहा कि 23 जुलाई को ही केरल सरकार को भारी बारिश का अलर्ट भेजा गया था, लेकिन इसके बावजूद राज्य सरकार ने कोई ठोस कदम नहीं उठाए।

चेतावनियों को नजरअंदाज किया गया

गृहमंत्री ने कहा कि 23 से 26 जुलाई तक लगातार चेतावनियां भेजी गई थीं। उन्होंने कहा कि 26 जुलाई को बताया गया था कि 20 सेमी से भी ज्यादा बारिश होगी, लैंडस्लाइड की आशंका है, और मिट्टी के गिरने से लोग दबकर मर सकते हैं। बावजूद इसके, केरल सरकार ने एहतियाती कदम नहीं उठाए, जिसका परिणाम वायनाड के मासूम लोगों को भुगतना पड़ा।

मैं इस पर पहले कुछ नहीं बोलना चाहता था, मगर…

वायनाड भूस्खलन में जान गंवाने वालों के प्रति संवेदना जताते हुए अमित शाह ने सदन में कहा, “इस घटना में जितने भी लोग हताहत हुए हैं और घायल हुए हैं, उन सभी के परिवारजनों के साथ मैं अपनी संवेदना व्यक्त करता हूं। मैं इस पर कुछ बोलना नहीं चाहता था, मगर भारत सरकार के अर्ली वार्निंग सिस्टम पर सवाल उठाए गए। इसलिए मैं कहता हूं कि कृपया सुनिए, सुनिए, मत चिल्लाईये, कृपया पढ़िए, जो वार्निंग भेजी गई है, उसे पढ़िए जरा।”

ओडिशा और गुजरात का उदाहरण

अमित शाह ने इसी मुद्दे पर ओडिशा और गुजरात सरकार की तारीफ की। उन्होंने कहा कि ओडिशा में जब नवीन पटनायक की सरकार थी, तब साइक्लोन का अलर्ट सात दिन पहले भेजा गया था और एक व्यक्ति की भी मौत नहीं हुई। गुजरात में भी साइक्लोन के अलर्ट के बाद वहां की सरकार ने ऐसा कदम उठाया कि एक पशु भी नहीं मरा।

नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत का आधुनिक अर्ली वार्निंग सिस्टम

गृह मंत्री ने कहा, “नरेंद्र मोदी जी 2014 में प्रधानमंत्री बने, 2016 से अर्ली वार्निंग सिस्टम का प्रोजेक्ट चालू हुआ और 2023 तक दुनिया का सबसे आधुनिक अर्ली वार्निंग सिस्टम भारत में है। इसमें 7 दिन पहले अनुमान देने वाले दुनिया में सिर्फ 4 ही देश हैं, जिनमें से एक भारत है। भारत सरकार ने 2014 के बाद अर्ली वार्निंग सिस्टम के लिए 2 हजार करोड़ रुपये खर्च किए हैं।”

सभी राज्यों को भेजी जाती है सूचना

शाह ने कहा कि केंद्र सरकार हर राज्य को सात दिन पहले मौसम और प्राकृतिक आपदा की जानकारी भेजती है। यह सूचना वेबसाइट पर भी उपलब्ध होती है ताकि सभी संबंधित लोग इसका लाभ उठा सकें। शाह ने कहा कि यह जानकारी माननीय सांसदों के लिए भी उपलब्ध रहती है।

केरल की जनता और सरकार के साथ खड़े रहने का वादा

अमित शाह ने सदन में कहा कि नरेंद्र मोदी सरकार केरल की जनता और वहां की सरकार के साथ चट्टान की तरह खड़ी रहेगी। उन्होंने कहा कि यह समय है केरल की जनता के साथ खड़े रहने का। साथ ही, उन्होंने केरल सरकार से पूछा कि आखिर लोगों को वहां से शिफ्ट क्यों नहीं किया गया।

आपदा प्रबंधन में मदद की रकम पर विपक्ष को जवाब

सदन में विपक्षी दलों ने भी केंद्र सरकार की आलोचना की और आरोप लगाया कि डिजास्टर मैनेजमेंट के पैसे रिलीज करने का अधिकार राज्य के पास नहीं है। इस पर शाह ने स्पष्ट किया कि एसडीआरएफ में 10 फीसदी राशि कोई भी राज्य अपने हिसाब से इश्यू कर सकता है और 100 फीसदी राशि के लिए भारत सरकार से किसी भी अनुमति की आवश्यकता नहीं है।

अंत में…

अमित शाह ने सदन में कहा कि केरल की जनता और वहां की सरकार के साथ खड़े रहने का वादा करते हुए यह भी कहा कि ऐसी घटनाएं भविष्य में न हो इसके लिए सतर्क रहना होगा। उन्होंने केरल सरकार को यह भी एहसास दिलाया कि केंद्र की चेतावनी को नजरअंदाज करने से ऐसी दुर्भाग्यपूर्ण घटनाएं होती हैं और इसके लिए सभी को मिलकर समाधान निकालना होगा।

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