Sujatha Karthikeyan: ओडिशा से एक बड़ी खबर सामने आ रही है. बीजू जनता दल (बीजद) के नेता नवीन पटनायक के करीबी सहयोगी वी के पांडियन की पत्नी सुजाता राउत कार्तिकेयन ने नौकरी से इस्तीफा दे दिया है. उन्होंने स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति (वीआरएस) ले ली है. सुजाता ओडिशा कैडर के 2000 बैच की आईएएस अधिकारी थी. उन्होंने वीआरएस के लिए केन्द्र सरकार के पास अनुरोध किया था. इसके लिए उन्होंने व्यक्तिगत कारणों का हवाला दिया है. बता दें कि मोहन माझी सरकार में उन्हें वित्त विभाग की विशेष सचिव की जिम्मेदारी मिली थी. उनके VRS लेने के बाद सवाल ये खड़ा हो रहा है कि आगे वो क्या करेंगी?
किया था आवेदन
रिपोर्ट के मुताबिक उन्होंने 15 दिन पहले केंद्र को वीआरएस के लिए आवेदन किया था. उनके वीआरएस को केंद्र सरकार के कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग (डीओपीटी) ने मंजूरी दे दी है. कार्तिकेयन को बीजद सरकार के कार्यकाल के उत्तरार्ध के दौरान सबसे प्रभावशाली अधिकारियों में से एक माना जाता था. इनके पति वी के पांडियन वीआरएस लेकर राजनीति में आए थे. हालांकि बीजेडी की हार के बाद पांडियन ने राजनीति से सन्यास की घोषणा की थी.
कहां के रहने वाले हैं पांडियन
बता दें कि 49 वर्षीय पांडियन ओडिशा के केंद्रपाड़ा जिले के बलुरिया गांव से हैं और उन्होंने कुछ समय जमशेदपुर में बिताया, जहां उनके पिता एक डॉक्टर के रूप में काम करते थे, उनकी मुलाकात लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय प्रशासन अकादमी में आईएएस प्रशिक्षण के दौरान पांडियन से हुई थी. हालांकि पांडियन को शुरू में पंजाब कैडर आवंटित किया गया था, लेकिन शादी के बाद उन्होंने ओडिशा कैडर में बदलाव कर लिया.
मिशन शक्ति पहल
बीजद सरकार के शासन के दौरान, कार्तिकेयन को मिशन शक्ति पहल का नेतृत्व करने की जिम्मेदारी दी गई थी, जो 70 लाख ग्रामीण महिलाओं से निपटने वाली सर्वोच्च प्राथमिकता वाली परियोजनाओं में से एक थी. उन्होंने पहले विभाग के निदेशक के रूप में कार्य किया और बाद में जून 2021 में विभाग के सचिव के रूप में पदोन्नत हुईं. नवंबर 2023 में, कार्तिकेयन को ओडिया भाषा, साहित्य और संस्कृति विभाग को संभालने की अतिरिक्त जिम्मेदारी दी गई. फरवरी 2024 में विश्व ओडिया भाषा सम्मेलन की मेजबानी करने के सरकार के फैसले को ध्यान में रखते हुए यह पोस्टिंग की गई थी. सुजाता कार्तिकेयन के वीआरएस लेने के बाद ओडिशा में नई बहस छिड़ गई है. अब देखने वाली बात होगी कि सेवानिवृत्ति के बाद वह क्या करने वाली हैं, यह फिलहाल स्पष्ट नहीं हुआ है.
किया था आवेदन
रिपोर्ट के मुताबिक उन्होंने 15 दिन पहले केंद्र को वीआरएस के लिए आवेदन किया था. उनके वीआरएस को केंद्र सरकार के कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग (डीओपीटी) ने मंजूरी दे दी है. कार्तिकेयन को बीजद सरकार के कार्यकाल के उत्तरार्ध के दौरान सबसे प्रभावशाली अधिकारियों में से एक माना जाता था. इनके पति वी के पांडियन वीआरएस लेकर राजनीति में आए थे. हालांकि बीजेडी की हार के बाद पांडियन ने राजनीति से सन्यास की घोषणा की थी.
कहां के रहने वाले हैं पांडियन
बता दें कि 49 वर्षीय पांडियन ओडिशा के केंद्रपाड़ा जिले के बलुरिया गांव से हैं और उन्होंने कुछ समय जमशेदपुर में बिताया, जहां उनके पिता एक डॉक्टर के रूप में काम करते थे, उनकी मुलाकात लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय प्रशासन अकादमी में आईएएस प्रशिक्षण के दौरान पांडियन से हुई थी. हालांकि पांडियन को शुरू में पंजाब कैडर आवंटित किया गया था, लेकिन शादी के बाद उन्होंने ओडिशा कैडर में बदलाव कर लिया.
मिशन शक्ति पहल
बीजद सरकार के शासन के दौरान, कार्तिकेयन को मिशन शक्ति पहल का नेतृत्व करने की जिम्मेदारी दी गई थी, जो 70 लाख ग्रामीण महिलाओं से निपटने वाली सर्वोच्च प्राथमिकता वाली परियोजनाओं में से एक थी. उन्होंने पहले विभाग के निदेशक के रूप में कार्य किया और बाद में जून 2021 में विभाग के सचिव के रूप में पदोन्नत हुईं. नवंबर 2023 में, कार्तिकेयन को ओडिया भाषा, साहित्य और संस्कृति विभाग को संभालने की अतिरिक्त जिम्मेदारी दी गई. फरवरी 2024 में विश्व ओडिया भाषा सम्मेलन की मेजबानी करने के सरकार के फैसले को ध्यान में रखते हुए यह पोस्टिंग की गई थी. सुजाता कार्तिकेयन के वीआरएस लेने के बाद ओडिशा में नई बहस छिड़ गई है. अब देखने वाली बात होगी कि सेवानिवृत्ति के बाद वह क्या करने वाली हैं, यह फिलहाल स्पष्ट नहीं हुआ है.
कहां के रहने वाले हैं पांडियन
बता दें कि 49 वर्षीय पांडियन ओडिशा के केंद्रपाड़ा जिले के बलुरिया गांव से हैं और उन्होंने कुछ समय जमशेदपुर में बिताया, जहां उनके पिता एक डॉक्टर के रूप में काम करते थे, उनकी मुलाकात लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय प्रशासन अकादमी में आईएएस प्रशिक्षण के दौरान पांडियन से हुई थी. हालांकि पांडियन को शुरू में पंजाब कैडर आवंटित किया गया था, लेकिन शादी के बाद उन्होंने ओडिशा कैडर में बदलाव कर लिया.
मिशन शक्ति पहल
बीजद सरकार के शासन के दौरान, कार्तिकेयन को मिशन शक्ति पहल का नेतृत्व करने की जिम्मेदारी दी गई थी, जो 70 लाख ग्रामीण महिलाओं से निपटने वाली सर्वोच्च प्राथमिकता वाली परियोजनाओं में से एक थी. उन्होंने पहले विभाग के निदेशक के रूप में कार्य किया और बाद में जून 2021 में विभाग के सचिव के रूप में पदोन्नत हुईं. नवंबर 2023 में, कार्तिकेयन को ओडिया भाषा, साहित्य और संस्कृति विभाग को संभालने की अतिरिक्त जिम्मेदारी दी गई. फरवरी 2024 में विश्व ओडिया भाषा सम्मेलन की मेजबानी करने के सरकार के फैसले को ध्यान में रखते हुए यह पोस्टिंग की गई थी. सुजाता कार्तिकेयन के वीआरएस लेने के बाद ओडिशा में नई बहस छिड़ गई है. अब देखने वाली बात होगी कि सेवानिवृत्ति के बाद वह क्या करने वाली हैं, यह फिलहाल स्पष्ट नहीं हुआ है.
मिशन शक्ति पहल
बीजद सरकार के शासन के दौरान, कार्तिकेयन को मिशन शक्ति पहल का नेतृत्व करने की जिम्मेदारी दी गई थी, जो 70 लाख ग्रामीण महिलाओं से निपटने वाली सर्वोच्च प्राथमिकता वाली परियोजनाओं में से एक थी. उन्होंने पहले विभाग के निदेशक के रूप में कार्य किया और बाद में जून 2021 में विभाग के सचिव के रूप में पदोन्नत हुईं. नवंबर 2023 में, कार्तिकेयन को ओडिया भाषा, साहित्य और संस्कृति विभाग को संभालने की अतिरिक्त जिम्मेदारी दी गई. फरवरी 2024 में विश्व ओडिया भाषा सम्मेलन की मेजबानी करने के सरकार के फैसले को ध्यान में रखते हुए यह पोस्टिंग की गई थी. सुजाता कार्तिकेयन के वीआरएस लेने के बाद ओडिशा में नई बहस छिड़ गई है. अब देखने वाली बात होगी कि सेवानिवृत्ति के बाद वह क्या करने वाली हैं, यह फिलहाल स्पष्ट नहीं हुआ है.
