सरदार पटेल जयंती: राष्ट्रीय एकता दिवस की महिमा
देश के पहले गृह मंत्री और भारत के लौह पुरुष, सरदार वल्लभभाई पटेल की जयंती पर इस साल भी 31 अक्टूबर को राष्ट्रीय एकता दिवस के रूप में मनाया गया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस शुभ अवसर पर गुजरात के केवड़िया में स्थित ‘स्टैच्यू ऑफ यूनिटी’ पर पुष्पांजलि अर्पित की। इस अवसर पर आयोजित परेड में भाग लेते हुए पीएम मोदी ने देशवासियों को एकजुट रहने का सन्देश दिया।
आतंकवादियों को कड़ा संदेश
अपने संबोधन में प्रधानमंत्री ने आतंकवाद के मुद्दे पर सख्त बयान देते हुए पड़ोसी देश पाकिस्तान पर बिना नाम लिए निशाना साधा। उन्होंने स्पष्ट किया कि आतंकवादियों के ‘आकाओं’ को भारत की शक्ति का भलीभांती एहसास हो चुका है। यदि उन्होंने भारतीय सुरक्षा के खिलाफ कोई कार्रवाई की तो भारत उन्हें बख्शेगा नहीं।
पूर्वोत्तर और नक्सलवाद पर चर्चा
पीएम मोदी ने पूर्वोत्तर भारत की समस्याओं और नक्सलवाद पर भी अपना दृष्टिकोण साझा किया। उन्होंने कहा कि संवाद, विश्वास और विकास के माध्यम से पिछले दस वर्षों में पूर्वोत्तर की समस्याओं को नियंत्रित किया गया है। साथ ही, नक्सलवाद भी अब सजगता से अपनी अंतिम सांसे गिन रहा है।
अर्बन नक्सल के खतरे पर चिंता
एक नए और उभरते हुए खतरे, यानी अर्बन नक्सलवाद पर भी प्रधानमंत्री ने अपनी चिंता व्यक्त की। उन्होंने कहा कि कुछ ताकतें भारत को अस्थिर करने की कोशिश में लगी हुई हैं और अर्बन नक्सल भी समाज के भीतर असंतोष फैलाने की कोशिश कर रहे हैं। इनसे निपटने के लिए सतर्कता और कड़ी कार्रवाई की आवश्यकता है।
जम्मू-कश्मीर में संविधान की स्थापना
प्रधानमंत्री ने जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद-370 के हटने के बाद की स्थिति पर भी बात की। उन्होंने इसे बाबा साहेब अंबेडकर और संविधान निर्माताओं को विनम्र श्रद्धांजलि बताया। अनुच्छेद-370 के हटने के बाद जम्मू-कश्मीर में किए गए पहले निष्पक्ष विधानसभा चुनाव का उल्लेख करते हुए इसे देश के लिए गर्व का विषय बताया।
प्रधानमंत्री द्वारा दिलाई गई एकता की शपथ
राष्ट्रीय एकता दिवस के अवसर पर प्रधानमंत्री ने जनता को एकता की शपथ दिलाई। उनकी इस पहल का उद्देश्य सभी भारतीयों को देश की एकता, अखंडता और सुरक्षा के प्रति समर्पित करना है। उन्होंने इस शपथ के माध्यम से यह संदेश दिया कि एकता ही हमारी सबसे बड़ी ताकत है।
आज का भारत: शक्ति और शांति का संगम
मोदी ने वर्तमान भारत की स्थिति पर प्रकाश डालते हुए कहा कि आज का भारत दृष्टि, दिशा, दृढ़ता और संवेदनशीलता से परिपूर्ण है। शक्ति और शांति का महत्व जानने वाला यह भारत अब विकास की राह पर अग्रसर है।
इस सरदार पटेल जयंती पर भारत ने एक बार फिर एकता और सहयोग का संदेश दिया है। सुरक्षा के मुद्दों पर सख्त होकर प्रधानमंत्री ने यह जाहिर कर दिया है कि देश की अखंडता से किसी भी प्रकार का समझौता नहीं किया जाएगा।