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सीएम शिंदे का पैतृक गांव दौरा: मेरी मिट्टी मेरे लोग


महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे का पैतृक ग्राम दौरा एक समय में चर्चा का विषय बन गया जब उनके काफिले को गांव की महिलाओं ने रोक लिया। यह घटना शनिवार को सतारा जिले के डेरे गांव में हुई। मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे अपने पारिवारिक गांव की यात्रा पर थे, जहाँ उन्होंने कुछ पल राजनीति की हलचल से दूर शांत समय बिताने का निर्णय लिया।

गांव की जड़ों से जुड़ाव

यह दौरा मुख्यमंत्री शिंदे के लिए केवल एक प्राथमिकता नहीं थी, बल्कि उनकी जड़ों से जुड़ने की एक कोशिश भी थी। उनके लिए यह गांव, उनकी पुरानी यादें और संबंधों का एक महत्वपूर्ण भाग है। उन्होंने इस दौरे के दौरान यह प्रदर्शित किया कि कैसे वे अपने पैतृक गांव में बदलाव और उन्नति की सोच रखते हैं। शिंदे ने कहा था, “मेरी मिट्टी, मेरे लोग…मैं राजनीति की हलचल से दूर कुछ आराम करने के लिए अपने पैतृक गांव सतारा जिले के डेरे गांव गया था।”

महिलाओं का आत्मीयता से काफिला रोकना

गांव से निकलते वक्त, कुछ ग्रामीण महिलाओं ने उनके कारवां को रोक दिया। यह घटना थोड़ी अप्रत्याशित थी, लेकिन इससे यह स्पष्ट हो गया कि शिंदे अब भी अपने गांव में लोगों के दिलों में बसे हुए हैं। इन महिलाओं ने मुख्यमंत्री को देखकर तुरंत उनसे हाल-चाल पूछने का मन बना लिया।

मुख्यमंत्री शिंदे ने अपनी पोस्ट में लिखा, “मेरे ही गांव में रहने वाली ये महिलाएं मेरी मां की बहुत घनिष्ठ थीं। लेकिन उन लोगों को एक पल के लिए संदेह हुआ कि मैं उन्हें पहचान पाऊंगा या नहीं।”

संवाद और आश्वासन

महिलाओं के साथ बातचीत करते हुए मुख्यमंत्री ने उनके पैरों में गिरकर आशीर्वाद लिया और उनसे मुख्यमंत्री माझी लड़की बहिन योजना के बारे में पूछा। इस योजना के पैसे मिलने के सवाल पर, सभी ने संतोषजनक ढंग से उनके प्रश्न का उत्तर दिया।

शिंदे के अनुसार, “मैंने उनसे संवाद करते हुए कहा कि मैं सभी को जानता हूं। एक पल भी सोचे बिना, ये मेरे पास आईं और मुझसे हाल-चाल पूछा।”

गांव का आशीर्वाद

मुख्यमंत्री ने बताया कि जब वे महिलाओं से मिले तो महिलाओं के कांपते गरम हाथों ने उन्हें भरपूर आशीर्वाद दिया और आग्रह किया कि प्रदेश में एक बार फिर हमारी सरकार बने। “उनके कांपते गर्म हाथों ने मुझे भरपूर आशीर्वाद दिया और आग्रह किया कि प्रदेश में एक बार फिर हमारी सरकार बने,” शिंदे ने अपनी पोस्ट में साझा किया। महिलाओं ने हाथों में खाने की प्लेट लेकर प्यार से उनकी ओर इशारा किया, जो आत्मीयता और स्वागत का संकेत था।

आगामी विधानसभा चुनाव

इसी दौरान यह भी महत्वपूर्ण है कि महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव की तैयारियां ज़ोरो पर हैं। 20 नवंबर को 288 विधानसभा सीटों पर मतदान होगा और इसके नतीजे 23 नवंबर को सामने आएंगे। सभी राजनीतिक पार्टियों ने अपनी चुनावी तैयारियों को गति दी है, और ऐसे में मुख्यमंत्री का यह दौरा और गांव के लोगों से उनकी बातचीत उन्हें अगले चुनाव के लिए एक सकारात्मक संदेश प्रदान कर सकती है।

राजनीतिक और पारिवारिक संबंधों का संतुलन

मुख्यमंत्री शिंदे के इस दौरे ने यह साबित कर दिया कि राजनीतिक जिम्मेदारियों के बावजूद, पारिवारिक और सामाजिक संबंधों को बनाए रखना कितना महत्वपूर्ण है। इस दौरे ने शिंदे के नेतृत्व की एक नई छवि प्रस्तुत की जिसे लोग उनके ऐतिहासिक और सांस्कृतिक जड़ों से जोड़ते हैं।

शिंदे के इस दौरे ने ना केवल गांव के लोगों के दिलों को छू लिया बल्कि उनके नेतृत्व की धारा को भी एक नया आयाम प्रदान किया है। ऐसी घटनाओं से ना केवल राजनीतिक व्यक्ति को एक नई पहचान मिलती है, बल्कि आम जनता के समक्ष उनकी संवेदनशीलता और आत्मीयता भी स्पष्ट होती है, जो उनकी आगामी चुनावी राजनीति में काफी लाभप्रद हो सकती है।

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