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सुप्रीम कोर्ट का NEET UG 2024 पर फैसला

सुप्रीम कोर्ट ने NEET-UG पर चल रही सुनवाई का निर्णय सुरक्षित

नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने NEET-UG 2024 परीक्षा पर कई दिनों से चल रही सुनवाई के बाद अपना फैसला सुरक्षित रख लिया है। सुनवाई के दौरान कोर्ट ने निर्णय दिया कि दोबारा परीक्षा करवाने का आदेश देना उचित नहीं है। अदालत ने कहा कि परीक्षा में कुछेक जगहों पर गड़बड़ी के संभावनाएँ हैं, लेकिन इसमें व्यापक स्तर पर खामी के पर्याप्त सबूत नहीं हैं। इसलिए, रि-एग्जाम का आदेश जारी करने का निर्णय नहीं लिया गया है।

‘किसी को शिकायत तो हाईकोर्ट जा सकता है’

सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को हुई सुनवाई में कहा कि यदि किसी को NEET रिजल्ट को लेकर आपत्ति हो, तो वह हाईकोर्ट का रास्ता अपना सकता है। फिलहाल जो तथ्य सामने आए हैं, उनके मद्देनजर दुबारा परीक्षा कराना उचित नहीं होगा। चीफ जस्टिस वाई वी चंद्रचूड ने कहा कि जिन लोगों ने गड़बड़ी कर फायदा उठाया है, उन्हें निर्दोष उम्मीदवारों से अलग कर पहचान पाना संभव है। आगे चलकर यदि कोई गड़बड़ी पाई जाती है, तो भी उनका एडमिशन रद्द किया जा सकता है।

155 छात्रों को मिला गड़बड़ी का फायदा

चीफ जस्टिस ने कहा कि अभी CBI की जांच पूरी नहीं हुई है। इसलिए हमने NTA से यह स्पष्ट करने को कहा था कि क्या गड़बड़ी बड़े पैमाने पर हुई है या नहीं। परीक्षा केंद्रों और NTA ने अपने उत्तर में IIT मद्रास की रिपोर्ट का उल्लेख किया है। जबकि CBI की जांच के मुताबिक पेपर लीक के कारण 155 ऐसे छात्र हैं जिन्हें गड़बड़ी का फायदा मिला है।

नई और पुरानी सिलेबस के आधार पर अंक देने की बात

चीफ जस्टिस ने कहा कि नए और पुराने सिलेबस के आधार पर दो उत्तरों को सही मानकर अंक दिए गए थे। NTA अब इसी के आधार पर अपना परिणाम घोषित करे। ऐसा करने से पूरी रैंकिंग सूची में बदलाव हो जाएगा।

कई राज्यों में दर्ज हो चुकी है FIR

सूत्रों के मुताबिक कोर्ट के सामने विचार के लिए मुख्य सवाल थे कि क्या यह systematic विफलता है या नहीं। क्या गड़बड़ी व्यापक स्तर पर हुई है। क्या गड़बड़ी का फायदा उठाने वालों की पहचान अब संभव है। याचिकाकर्ताओं ने systematic विफलता का सवाल उठाकर दोबारा परीक्षा की मांग की थी और कई राज्यों में इस मामले को लेकर FIR भी दर्ज हुई है।

FIR की वर्तमान स्थिति

FIR की स्थिति का विवरण देते हुए, हम पाते हैं कि कई राज्यों में दर्ज की गई FIR में मामला अभी भी जांच के अधीन है। जांच पूरी होने तक सुप्रीम कोर्ट ने दोबारा परीक्षा कराने का आदेश देने से इंकार कर दिया है। कोर्ट के हिसाब से परीक्षा में हुई गड़बड़ी के प्रमाण व्यापक स्तर पर नहीं हैं, इसलिए पुनः परीक्षा की आवश्यकता नहीं है।

CBI की जांच और IIT मद्रास की रिपोर्ट

CBI की जांच और IIT मद्रास की रिपोर्ट के निष्कर्षों का मिलान करते हुए, कोर्ट ने निष्कर्ष निकाला कि पेपर लीक होने के बावजूद, यह केवल 155 छात्रों तक ही सीमित थी। NTA ने भी अपनी रिपोर्ट में यही बताया है।

भविष्य की कार्यवाही

फिलहाल, सुप्रीम कोर्ट ने अपना निर्णय सुरक्षित रखते हुए एनटीए को नए और पुराने सिलेबस के आधार पर अपना परिणाम घोषित करने का निर्देश दिया है। कोर्ट ने यह भी स्पष्ट किया कि जो छात्र निष्कलंक हैं, उनका परिणाम प्रभावित नहीं होगा।

समाप्ति

इस निर्णय के माध्यम से सुप्रीम कोर्ट ने यह स्पष्ट कर दिया है कि परीक्षा में कुछ खामियों के बावजूद, व्यापक स्तर पर systematic विफलता के पर्याप्त सबूत नहीं हैं। अदालत ने कहा कि यदि किसी को परीक्षा परिणाम से संबंधित शिकायत हो, तो वह हाईकोर्ट का मार्ग अपना सकता है। कोर्ट ने दोबारा परीक्षा कराने का आदेश देने से इंकार कर दिया और भविष्य में गड़बड़ी पाए जाने पर उचित कार्यवाही करने की सलाह दी।

फिलहाल, NEET UG 2024 परीक्षा परिणाम नए निर्देशों के अनुसार घोषित किए जाएंगे। सभी उम्मीदवारों को सलाह दी जाती है कि वे NTA की वेबसाइट से अपडेट्स प्राप्त करते रहें और आगामी प्रक्रियाओं के अनुसार अपने दस्तावेज और प्रमाण पत्र तैयार रखें। यह निर्णय शिक्षा क्षेत्र में निष्पक्षता और पारदर्शिता को बनाए रखने के लिए महत्वपूर्ण साबित होगा।

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