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सुसाइड से पहले युवक ने पत्नी को ठहराया जिम्मेदार मौत के बाद मां ने लिखा दिल दहलाने वाला पोस्ट


Mumbai Suicide Case: मुंबई में अतुल सुभाष से मिलता- जुलता एक केस सामने आया है. यहां पर एक युवक ने सुसाइड किया. सुसाइड से पहले उसने एक नोट भी लिखा जिसमें अपनी पत्नी को जिम्मेदार ठहराया है. मौत की बात युवक की मां ने दुख जताते हुए एक भावनात्मक नोट लिखा है और अपनी बहू अपूर्वा पारिख और अपनी एक मौसी प्रार्थना मिश्रा के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई है. जिनका नाम उनके बेटे द्वारा छोड़े गए सुसाइड नोट में था. इसके अलावा अपनी पोस्ट में उन्होंने क्या कुछ लिखा आइए जानते हैं. 
बन गई हूं जीवित लाश
अपने बेटे का अंतिम संस्कार करने के बाद फेसबुक पर एक लंबी पोस्ट में उन्होंने कहा, “आज मैं एक जीवित लाश की तरह महसूस कर रही हूं. आप मुझे एक जीवित व्यक्ति के रूप में देख रहे हैं, लेकिन सच्चाई यह है कि मैं मर चुकी हूं, उन्होंने खुद को एक ऐसे व्यक्ति के रूप में पेश किया जिसने अपनी किशोरावस्था से ही महिलाओं के अधिकारों और लैंगिक समानता के लिए अपना जीवन समर्पित कर दिया था. 
फिल्म निर्माण उद्योग में काम करने वाले त्रिपाठी पिछले शुक्रवार को सहारा होटल के अपने कमरे में मृत पाए गए, जिसके बाद पुलिस को उनकी पत्नी और उनकी मौसी को दोषी ठहराते हुए एक सुसाइड नोट मिला – जिसे उनकी कंपनी की वेबसाइट पर अपलोड किया गया था, जिसे पासवर्ड से सुरक्षित किया गया था. 
भावुक पोस्ट में लिखी ये बातें 
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक उन्होंने लिखा कि मेरा बेटा, निशांत मुझे छोड़कर चला गया. मैं अब एक जीवित लाश बन गई हूं. उसे मेरा अंतिम संस्कार करना था, लेकिन मैंने आज 2 मार्च को “ईको-मोक्ष” मुंबई में अपने बेटे का अंतिम संस्कार किया है. मेरी बेटी प्राची ने अपने बड़े भाई का अंतिम संस्कार किया. मुझे और मेरी बेटी प्राची को हिम्मत दें ताकि हम इतना बड़ा वज्रपात सह सकें. 
उन्होंने एक सामाजिक कार्यकर्ता के रूप में अपनी यात्रा भी साझा की. उन्होंने कहा कि जब वह 18 साल की थीं, तब उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया था और “अनगिनत संघर्ष, आंदोलन और न्याय के लिए लड़ाई” ने उनके सक्रियता करियर को चिह्नित किया.  सखी केंद्र और अन्य माध्यमों से, मैंने 46,000 से अधिक पीड़ित महिलाओं को उनकी समस्याओं से उबरने में मदद की, 37,000 से अधिक महिलाओं को न्याय दिलाया और हजारों महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए रोजगार और प्रशिक्षण प्रदान किया. 
मैने अकेले ही उनको पाला
लेकिन कभी कोई लालच नहीं था और उन्होंने धन संचय नहीं किया, उन्होंने कहा, उन्होंने कहा कि उन्होंने अपने दो बच्चों – बेटे निशांत और बेटी प्राची – को अकेले ही पाला, बिना किसी शिकायत के. मैंने कभी भगवान से शिकायत नहीं की. मेरा बेटा, निशांत – मेरा सब कुछ है. मेरे दोनों बच्चे मुझसे बहुत प्यार करते थे, लेकिन मेरा बेटा निशांत मेरा दोस्त, साथी और हमदर्द था. वह मेरी ताकत थे, जिन्होंने मुझे जीने और काम करने की ऊर्जा दी. 
अभिनेताओं और फिल्म निर्माताओं सहित उनके अंतिम संस्कार में शामिल होने वालों की ओर इशारा करते हुए, उन्होंने कहा कि बहुत से लोग उन्हें अपना परिवार मानते थे, लेकिन उन्होंने किसी को नहीं बताया कि वह अपना जीवन समाप्त करने जा रहे हैं. 
निशांत ने किया सुसाइड 
बता दें कि निशांत ने 28 फरवरी को अपने होटल के कमरे में अपनी जान दे दी. कोई प्रतिक्रिया न मिलने पर होटल के कर्मचारियों ने मास्टर चाबी से कमरा खोलने पर उन्हें मृत पाया. उन्होंने कथित तौर पर तीन दिन पहले चेक इन किया था और खुद को फांसी लगाने से पहले बाहर “परेशान न करें” का बोर्ड लगाया था. अपनी कंपनी की वेबसाइट पर अपलोड किए गए सुसाइड नोट में, उन्होंने अपनी पत्नी के प्रति अपने प्यार का इजहार किया और अपनी मौत के लिए उसे और उसकी मौसी को जिम्मेदार ठहराया. 
उन्होंने सुसाइड नोट में लिखा कि जब तक आप यह पढ़ेंगे, मैं चला जाऊंगा. अपने अंतिम क्षणों में, मैं जो कुछ भी हुआ उसके लिए आपसे नफरत कर सकता था. लेकिन मैं नहीं करता. इस पल के लिए, मैं प्यार चुनता हूं, मैं तब तुमसे प्यार करता था. मैं अब भी तुमसे प्यार करता हूं और जैसा कि मैंने वादा किया था, यह मिटने वाला नहीं है. इसमें आगे लिखा था कि मेरी माँ जानती है कि मैंने जितने भी संघर्षों का सामना किया है, उसके अलावा आप और प्रार्थना मौसी भी मेरी मौत के लिए ज़िम्मेदार हैं. इसलिए मैं आपसे विनती करता हूं कि अब उनसे संपर्क न करें. वह पहले से ही टूट चुकी हैं. उन्हें शांति से शोक मनाने दें. 
Disclaimer: जीवन अनमोल है. जी भरकर जिएं. इसका पूरी तरह सम्‍मान करें. हर पल का आनंद लें. किसी बात-विषय-घटना के कारण व्‍यथित हों तो जीवन से हार मानने की कोई जरूरत नहीं. अच्‍छे और बुरे दौर आते-जाते रहते हैं. लेकिन कभी जब किसी कारण गहन हताशा, निराशा, डिप्रेशन महसूस करें तो सरकार द्वारा प्रदत्‍त हेल्‍पलाइन नंबर 9152987821 पर संपर्क करें
बन गई हूं जीवित लाश
अपने बेटे का अंतिम संस्कार करने के बाद फेसबुक पर एक लंबी पोस्ट में उन्होंने कहा, “आज मैं एक जीवित लाश की तरह महसूस कर रही हूं. आप मुझे एक जीवित व्यक्ति के रूप में देख रहे हैं, लेकिन सच्चाई यह है कि मैं मर चुकी हूं, उन्होंने खुद को एक ऐसे व्यक्ति के रूप में पेश किया जिसने अपनी किशोरावस्था से ही महिलाओं के अधिकारों और लैंगिक समानता के लिए अपना जीवन समर्पित कर दिया था. 
फिल्म निर्माण उद्योग में काम करने वाले त्रिपाठी पिछले शुक्रवार को सहारा होटल के अपने कमरे में मृत पाए गए, जिसके बाद पुलिस को उनकी पत्नी और उनकी मौसी को दोषी ठहराते हुए एक सुसाइड नोट मिला – जिसे उनकी कंपनी की वेबसाइट पर अपलोड किया गया था, जिसे पासवर्ड से सुरक्षित किया गया था. 
भावुक पोस्ट में लिखी ये बातें 
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक उन्होंने लिखा कि मेरा बेटा, निशांत मुझे छोड़कर चला गया. मैं अब एक जीवित लाश बन गई हूं. उसे मेरा अंतिम संस्कार करना था, लेकिन मैंने आज 2 मार्च को “ईको-मोक्ष” मुंबई में अपने बेटे का अंतिम संस्कार किया है. मेरी बेटी प्राची ने अपने बड़े भाई का अंतिम संस्कार किया. मुझे और मेरी बेटी प्राची को हिम्मत दें ताकि हम इतना बड़ा वज्रपात सह सकें. 
उन्होंने एक सामाजिक कार्यकर्ता के रूप में अपनी यात्रा भी साझा की. उन्होंने कहा कि जब वह 18 साल की थीं, तब उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया था और “अनगिनत संघर्ष, आंदोलन और न्याय के लिए लड़ाई” ने उनके सक्रियता करियर को चिह्नित किया.  सखी केंद्र और अन्य माध्यमों से, मैंने 46,000 से अधिक पीड़ित महिलाओं को उनकी समस्याओं से उबरने में मदद की, 37,000 से अधिक महिलाओं को न्याय दिलाया और हजारों महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए रोजगार और प्रशिक्षण प्रदान किया. 
मैने अकेले ही उनको पाला
लेकिन कभी कोई लालच नहीं था और उन्होंने धन संचय नहीं किया, उन्होंने कहा, उन्होंने कहा कि उन्होंने अपने दो बच्चों – बेटे निशांत और बेटी प्राची – को अकेले ही पाला, बिना किसी शिकायत के. मैंने कभी भगवान से शिकायत नहीं की. मेरा बेटा, निशांत – मेरा सब कुछ है. मेरे दोनों बच्चे मुझसे बहुत प्यार करते थे, लेकिन मेरा बेटा निशांत मेरा दोस्त, साथी और हमदर्द था. वह मेरी ताकत थे, जिन्होंने मुझे जीने और काम करने की ऊर्जा दी. 
अभिनेताओं और फिल्म निर्माताओं सहित उनके अंतिम संस्कार में शामिल होने वालों की ओर इशारा करते हुए, उन्होंने कहा कि बहुत से लोग उन्हें अपना परिवार मानते थे, लेकिन उन्होंने किसी को नहीं बताया कि वह अपना जीवन समाप्त करने जा रहे हैं. 
निशांत ने किया सुसाइड 
बता दें कि निशांत ने 28 फरवरी को अपने होटल के कमरे में अपनी जान दे दी. कोई प्रतिक्रिया न मिलने पर होटल के कर्मचारियों ने मास्टर चाबी से कमरा खोलने पर उन्हें मृत पाया. उन्होंने कथित तौर पर तीन दिन पहले चेक इन किया था और खुद को फांसी लगाने से पहले बाहर “परेशान न करें” का बोर्ड लगाया था. अपनी कंपनी की वेबसाइट पर अपलोड किए गए सुसाइड नोट में, उन्होंने अपनी पत्नी के प्रति अपने प्यार का इजहार किया और अपनी मौत के लिए उसे और उसकी मौसी को जिम्मेदार ठहराया. 
उन्होंने सुसाइड नोट में लिखा कि जब तक आप यह पढ़ेंगे, मैं चला जाऊंगा. अपने अंतिम क्षणों में, मैं जो कुछ भी हुआ उसके लिए आपसे नफरत कर सकता था. लेकिन मैं नहीं करता. इस पल के लिए, मैं प्यार चुनता हूं, मैं तब तुमसे प्यार करता था. मैं अब भी तुमसे प्यार करता हूं और जैसा कि मैंने वादा किया था, यह मिटने वाला नहीं है. इसमें आगे लिखा था कि मेरी माँ जानती है कि मैंने जितने भी संघर्षों का सामना किया है, उसके अलावा आप और प्रार्थना मौसी भी मेरी मौत के लिए ज़िम्मेदार हैं. इसलिए मैं आपसे विनती करता हूं कि अब उनसे संपर्क न करें. वह पहले से ही टूट चुकी हैं. उन्हें शांति से शोक मनाने दें. 
Disclaimer: जीवन अनमोल है. जी भरकर जिएं. इसका पूरी तरह सम्‍मान करें. हर पल का आनंद लें. किसी बात-विषय-घटना के कारण व्‍यथित हों तो जीवन से हार मानने की कोई जरूरत नहीं. अच्‍छे और बुरे दौर आते-जाते रहते हैं. लेकिन कभी जब किसी कारण गहन हताशा, निराशा, डिप्रेशन महसूस करें तो सरकार द्वारा प्रदत्‍त हेल्‍पलाइन नंबर 9152987821 पर संपर्क करें
फिल्म निर्माण उद्योग में काम करने वाले त्रिपाठी पिछले शुक्रवार को सहारा होटल के अपने कमरे में मृत पाए गए, जिसके बाद पुलिस को उनकी पत्नी और उनकी मौसी को दोषी ठहराते हुए एक सुसाइड नोट मिला – जिसे उनकी कंपनी की वेबसाइट पर अपलोड किया गया था, जिसे पासवर्ड से सुरक्षित किया गया था. 
भावुक पोस्ट में लिखी ये बातें 
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक उन्होंने लिखा कि मेरा बेटा, निशांत मुझे छोड़कर चला गया. मैं अब एक जीवित लाश बन गई हूं. उसे मेरा अंतिम संस्कार करना था, लेकिन मैंने आज 2 मार्च को “ईको-मोक्ष” मुंबई में अपने बेटे का अंतिम संस्कार किया है. मेरी बेटी प्राची ने अपने बड़े भाई का अंतिम संस्कार किया. मुझे और मेरी बेटी प्राची को हिम्मत दें ताकि हम इतना बड़ा वज्रपात सह सकें. 
उन्होंने एक सामाजिक कार्यकर्ता के रूप में अपनी यात्रा भी साझा की. उन्होंने कहा कि जब वह 18 साल की थीं, तब उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया था और “अनगिनत संघर्ष, आंदोलन और न्याय के लिए लड़ाई” ने उनके सक्रियता करियर को चिह्नित किया.  सखी केंद्र और अन्य माध्यमों से, मैंने 46,000 से अधिक पीड़ित महिलाओं को उनकी समस्याओं से उबरने में मदद की, 37,000 से अधिक महिलाओं को न्याय दिलाया और हजारों महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए रोजगार और प्रशिक्षण प्रदान किया. 
मैने अकेले ही उनको पाला
लेकिन कभी कोई लालच नहीं था और उन्होंने धन संचय नहीं किया, उन्होंने कहा, उन्होंने कहा कि उन्होंने अपने दो बच्चों – बेटे निशांत और बेटी प्राची – को अकेले ही पाला, बिना किसी शिकायत के. मैंने कभी भगवान से शिकायत नहीं की. मेरा बेटा, निशांत – मेरा सब कुछ है. मेरे दोनों बच्चे मुझसे बहुत प्यार करते थे, लेकिन मेरा बेटा निशांत मेरा दोस्त, साथी और हमदर्द था. वह मेरी ताकत थे, जिन्होंने मुझे जीने और काम करने की ऊर्जा दी. 
अभिनेताओं और फिल्म निर्माताओं सहित उनके अंतिम संस्कार में शामिल होने वालों की ओर इशारा करते हुए, उन्होंने कहा कि बहुत से लोग उन्हें अपना परिवार मानते थे, लेकिन उन्होंने किसी को नहीं बताया कि वह अपना जीवन समाप्त करने जा रहे हैं. 
निशांत ने किया सुसाइड 
बता दें कि निशांत ने 28 फरवरी को अपने होटल के कमरे में अपनी जान दे दी. कोई प्रतिक्रिया न मिलने पर होटल के कर्मचारियों ने मास्टर चाबी से कमरा खोलने पर उन्हें मृत पाया. उन्होंने कथित तौर पर तीन दिन पहले चेक इन किया था और खुद को फांसी लगाने से पहले बाहर “परेशान न करें” का बोर्ड लगाया था. अपनी कंपनी की वेबसाइट पर अपलोड किए गए सुसाइड नोट में, उन्होंने अपनी पत्नी के प्रति अपने प्यार का इजहार किया और अपनी मौत के लिए उसे और उसकी मौसी को जिम्मेदार ठहराया. 
उन्होंने सुसाइड नोट में लिखा कि जब तक आप यह पढ़ेंगे, मैं चला जाऊंगा. अपने अंतिम क्षणों में, मैं जो कुछ भी हुआ उसके लिए आपसे नफरत कर सकता था. लेकिन मैं नहीं करता. इस पल के लिए, मैं प्यार चुनता हूं, मैं तब तुमसे प्यार करता था. मैं अब भी तुमसे प्यार करता हूं और जैसा कि मैंने वादा किया था, यह मिटने वाला नहीं है. इसमें आगे लिखा था कि मेरी माँ जानती है कि मैंने जितने भी संघर्षों का सामना किया है, उसके अलावा आप और प्रार्थना मौसी भी मेरी मौत के लिए ज़िम्मेदार हैं. इसलिए मैं आपसे विनती करता हूं कि अब उनसे संपर्क न करें. वह पहले से ही टूट चुकी हैं. उन्हें शांति से शोक मनाने दें. 
Disclaimer: जीवन अनमोल है. जी भरकर जिएं. इसका पूरी तरह सम्‍मान करें. हर पल का आनंद लें. किसी बात-विषय-घटना के कारण व्‍यथित हों तो जीवन से हार मानने की कोई जरूरत नहीं. अच्‍छे और बुरे दौर आते-जाते रहते हैं. लेकिन कभी जब किसी कारण गहन हताशा, निराशा, डिप्रेशन महसूस करें तो सरकार द्वारा प्रदत्‍त हेल्‍पलाइन नंबर 9152987821 पर संपर्क करें
भावुक पोस्ट में लिखी ये बातें 
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक उन्होंने लिखा कि मेरा बेटा, निशांत मुझे छोड़कर चला गया. मैं अब एक जीवित लाश बन गई हूं. उसे मेरा अंतिम संस्कार करना था, लेकिन मैंने आज 2 मार्च को “ईको-मोक्ष” मुंबई में अपने बेटे का अंतिम संस्कार किया है. मेरी बेटी प्राची ने अपने बड़े भाई का अंतिम संस्कार किया. मुझे और मेरी बेटी प्राची को हिम्मत दें ताकि हम इतना बड़ा वज्रपात सह सकें. 
उन्होंने एक सामाजिक कार्यकर्ता के रूप में अपनी यात्रा भी साझा की. उन्होंने कहा कि जब वह 18 साल की थीं, तब उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया था और “अनगिनत संघर्ष, आंदोलन और न्याय के लिए लड़ाई” ने उनके सक्रियता करियर को चिह्नित किया.  सखी केंद्र और अन्य माध्यमों से, मैंने 46,000 से अधिक पीड़ित महिलाओं को उनकी समस्याओं से उबरने में मदद की, 37,000 से अधिक महिलाओं को न्याय दिलाया और हजारों महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए रोजगार और प्रशिक्षण प्रदान किया. 
मैने अकेले ही उनको पाला
लेकिन कभी कोई लालच नहीं था और उन्होंने धन संचय नहीं किया, उन्होंने कहा, उन्होंने कहा कि उन्होंने अपने दो बच्चों – बेटे निशांत और बेटी प्राची – को अकेले ही पाला, बिना किसी शिकायत के. मैंने कभी भगवान से शिकायत नहीं की. मेरा बेटा, निशांत – मेरा सब कुछ है. मेरे दोनों बच्चे मुझसे बहुत प्यार करते थे, लेकिन मेरा बेटा निशांत मेरा दोस्त, साथी और हमदर्द था. वह मेरी ताकत थे, जिन्होंने मुझे जीने और काम करने की ऊर्जा दी. 
अभिनेताओं और फिल्म निर्माताओं सहित उनके अंतिम संस्कार में शामिल होने वालों की ओर इशारा करते हुए, उन्होंने कहा कि बहुत से लोग उन्हें अपना परिवार मानते थे, लेकिन उन्होंने किसी को नहीं बताया कि वह अपना जीवन समाप्त करने जा रहे हैं. 
निशांत ने किया सुसाइड 
बता दें कि निशांत ने 28 फरवरी को अपने होटल के कमरे में अपनी जान दे दी. कोई प्रतिक्रिया न मिलने पर होटल के कर्मचारियों ने मास्टर चाबी से कमरा खोलने पर उन्हें मृत पाया. उन्होंने कथित तौर पर तीन दिन पहले चेक इन किया था और खुद को फांसी लगाने से पहले बाहर “परेशान न करें” का बोर्ड लगाया था. अपनी कंपनी की वेबसाइट पर अपलोड किए गए सुसाइड नोट में, उन्होंने अपनी पत्नी के प्रति अपने प्यार का इजहार किया और अपनी मौत के लिए उसे और उसकी मौसी को जिम्मेदार ठहराया. 
उन्होंने सुसाइड नोट में लिखा कि जब तक आप यह पढ़ेंगे, मैं चला जाऊंगा. अपने अंतिम क्षणों में, मैं जो कुछ भी हुआ उसके लिए आपसे नफरत कर सकता था. लेकिन मैं नहीं करता. इस पल के लिए, मैं प्यार चुनता हूं, मैं तब तुमसे प्यार करता था. मैं अब भी तुमसे प्यार करता हूं और जैसा कि मैंने वादा किया था, यह मिटने वाला नहीं है. इसमें आगे लिखा था कि मेरी माँ जानती है कि मैंने जितने भी संघर्षों का सामना किया है, उसके अलावा आप और प्रार्थना मौसी भी मेरी मौत के लिए ज़िम्मेदार हैं. इसलिए मैं आपसे विनती करता हूं कि अब उनसे संपर्क न करें. वह पहले से ही टूट चुकी हैं. उन्हें शांति से शोक मनाने दें. 
Disclaimer: जीवन अनमोल है. जी भरकर जिएं. इसका पूरी तरह सम्‍मान करें. हर पल का आनंद लें. किसी बात-विषय-घटना के कारण व्‍यथित हों तो जीवन से हार मानने की कोई जरूरत नहीं. अच्‍छे और बुरे दौर आते-जाते रहते हैं. लेकिन कभी जब किसी कारण गहन हताशा, निराशा, डिप्रेशन महसूस करें तो सरकार द्वारा प्रदत्‍त हेल्‍पलाइन नंबर 9152987821 पर संपर्क करें
उन्होंने एक सामाजिक कार्यकर्ता के रूप में अपनी यात्रा भी साझा की. उन्होंने कहा कि जब वह 18 साल की थीं, तब उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया था और “अनगिनत संघर्ष, आंदोलन और न्याय के लिए लड़ाई” ने उनके सक्रियता करियर को चिह्नित किया.  सखी केंद्र और अन्य माध्यमों से, मैंने 46,000 से अधिक पीड़ित महिलाओं को उनकी समस्याओं से उबरने में मदद की, 37,000 से अधिक महिलाओं को न्याय दिलाया और हजारों महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए रोजगार और प्रशिक्षण प्रदान किया. 
मैने अकेले ही उनको पाला
लेकिन कभी कोई लालच नहीं था और उन्होंने धन संचय नहीं किया, उन्होंने कहा, उन्होंने कहा कि उन्होंने अपने दो बच्चों – बेटे निशांत और बेटी प्राची – को अकेले ही पाला, बिना किसी शिकायत के. मैंने कभी भगवान से शिकायत नहीं की. मेरा बेटा, निशांत – मेरा सब कुछ है. मेरे दोनों बच्चे मुझसे बहुत प्यार करते थे, लेकिन मेरा बेटा निशांत मेरा दोस्त, साथी और हमदर्द था. वह मेरी ताकत थे, जिन्होंने मुझे जीने और काम करने की ऊर्जा दी. 
अभिनेताओं और फिल्म निर्माताओं सहित उनके अंतिम संस्कार में शामिल होने वालों की ओर इशारा करते हुए, उन्होंने कहा कि बहुत से लोग उन्हें अपना परिवार मानते थे, लेकिन उन्होंने किसी को नहीं बताया कि वह अपना जीवन समाप्त करने जा रहे हैं. 
निशांत ने किया सुसाइड 
बता दें कि निशांत ने 28 फरवरी को अपने होटल के कमरे में अपनी जान दे दी. कोई प्रतिक्रिया न मिलने पर होटल के कर्मचारियों ने मास्टर चाबी से कमरा खोलने पर उन्हें मृत पाया. उन्होंने कथित तौर पर तीन दिन पहले चेक इन किया था और खुद को फांसी लगाने से पहले बाहर “परेशान न करें” का बोर्ड लगाया था. अपनी कंपनी की वेबसाइट पर अपलोड किए गए सुसाइड नोट में, उन्होंने अपनी पत्नी के प्रति अपने प्यार का इजहार किया और अपनी मौत के लिए उसे और उसकी मौसी को जिम्मेदार ठहराया. 
उन्होंने सुसाइड नोट में लिखा कि जब तक आप यह पढ़ेंगे, मैं चला जाऊंगा. अपने अंतिम क्षणों में, मैं जो कुछ भी हुआ उसके लिए आपसे नफरत कर सकता था. लेकिन मैं नहीं करता. इस पल के लिए, मैं प्यार चुनता हूं, मैं तब तुमसे प्यार करता था. मैं अब भी तुमसे प्यार करता हूं और जैसा कि मैंने वादा किया था, यह मिटने वाला नहीं है. इसमें आगे लिखा था कि मेरी माँ जानती है कि मैंने जितने भी संघर्षों का सामना किया है, उसके अलावा आप और प्रार्थना मौसी भी मेरी मौत के लिए ज़िम्मेदार हैं. इसलिए मैं आपसे विनती करता हूं कि अब उनसे संपर्क न करें. वह पहले से ही टूट चुकी हैं. उन्हें शांति से शोक मनाने दें. 
Disclaimer: जीवन अनमोल है. जी भरकर जिएं. इसका पूरी तरह सम्‍मान करें. हर पल का आनंद लें. किसी बात-विषय-घटना के कारण व्‍यथित हों तो जीवन से हार मानने की कोई जरूरत नहीं. अच्‍छे और बुरे दौर आते-जाते रहते हैं. लेकिन कभी जब किसी कारण गहन हताशा, निराशा, डिप्रेशन महसूस करें तो सरकार द्वारा प्रदत्‍त हेल्‍पलाइन नंबर 9152987821 पर संपर्क करें
मैने अकेले ही उनको पाला
लेकिन कभी कोई लालच नहीं था और उन्होंने धन संचय नहीं किया, उन्होंने कहा, उन्होंने कहा कि उन्होंने अपने दो बच्चों – बेटे निशांत और बेटी प्राची – को अकेले ही पाला, बिना किसी शिकायत के. मैंने कभी भगवान से शिकायत नहीं की. मेरा बेटा, निशांत – मेरा सब कुछ है. मेरे दोनों बच्चे मुझसे बहुत प्यार करते थे, लेकिन मेरा बेटा निशांत मेरा दोस्त, साथी और हमदर्द था. वह मेरी ताकत थे, जिन्होंने मुझे जीने और काम करने की ऊर्जा दी. 
अभिनेताओं और फिल्म निर्माताओं सहित उनके अंतिम संस्कार में शामिल होने वालों की ओर इशारा करते हुए, उन्होंने कहा कि बहुत से लोग उन्हें अपना परिवार मानते थे, लेकिन उन्होंने किसी को नहीं बताया कि वह अपना जीवन समाप्त करने जा रहे हैं. 
निशांत ने किया सुसाइड 
बता दें कि निशांत ने 28 फरवरी को अपने होटल के कमरे में अपनी जान दे दी. कोई प्रतिक्रिया न मिलने पर होटल के कर्मचारियों ने मास्टर चाबी से कमरा खोलने पर उन्हें मृत पाया. उन्होंने कथित तौर पर तीन दिन पहले चेक इन किया था और खुद को फांसी लगाने से पहले बाहर “परेशान न करें” का बोर्ड लगाया था. अपनी कंपनी की वेबसाइट पर अपलोड किए गए सुसाइड नोट में, उन्होंने अपनी पत्नी के प्रति अपने प्यार का इजहार किया और अपनी मौत के लिए उसे और उसकी मौसी को जिम्मेदार ठहराया. 
उन्होंने सुसाइड नोट में लिखा कि जब तक आप यह पढ़ेंगे, मैं चला जाऊंगा. अपने अंतिम क्षणों में, मैं जो कुछ भी हुआ उसके लिए आपसे नफरत कर सकता था. लेकिन मैं नहीं करता. इस पल के लिए, मैं प्यार चुनता हूं, मैं तब तुमसे प्यार करता था. मैं अब भी तुमसे प्यार करता हूं और जैसा कि मैंने वादा किया था, यह मिटने वाला नहीं है. इसमें आगे लिखा था कि मेरी माँ जानती है कि मैंने जितने भी संघर्षों का सामना किया है, उसके अलावा आप और प्रार्थना मौसी भी मेरी मौत के लिए ज़िम्मेदार हैं. इसलिए मैं आपसे विनती करता हूं कि अब उनसे संपर्क न करें. वह पहले से ही टूट चुकी हैं. उन्हें शांति से शोक मनाने दें. 
Disclaimer: जीवन अनमोल है. जी भरकर जिएं. इसका पूरी तरह सम्‍मान करें. हर पल का आनंद लें. किसी बात-विषय-घटना के कारण व्‍यथित हों तो जीवन से हार मानने की कोई जरूरत नहीं. अच्‍छे और बुरे दौर आते-जाते रहते हैं. लेकिन कभी जब किसी कारण गहन हताशा, निराशा, डिप्रेशन महसूस करें तो सरकार द्वारा प्रदत्‍त हेल्‍पलाइन नंबर 9152987821 पर संपर्क करें
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निशांत ने किया सुसाइड 
बता दें कि निशांत ने 28 फरवरी को अपने होटल के कमरे में अपनी जान दे दी. कोई प्रतिक्रिया न मिलने पर होटल के कर्मचारियों ने मास्टर चाबी से कमरा खोलने पर उन्हें मृत पाया. उन्होंने कथित तौर पर तीन दिन पहले चेक इन किया था और खुद को फांसी लगाने से पहले बाहर “परेशान न करें” का बोर्ड लगाया था. अपनी कंपनी की वेबसाइट पर अपलोड किए गए सुसाइड नोट में, उन्होंने अपनी पत्नी के प्रति अपने प्यार का इजहार किया और अपनी मौत के लिए उसे और उसकी मौसी को जिम्मेदार ठहराया. 
उन्होंने सुसाइड नोट में लिखा कि जब तक आप यह पढ़ेंगे, मैं चला जाऊंगा. अपने अंतिम क्षणों में, मैं जो कुछ भी हुआ उसके लिए आपसे नफरत कर सकता था. लेकिन मैं नहीं करता. इस पल के लिए, मैं प्यार चुनता हूं, मैं तब तुमसे प्यार करता था. मैं अब भी तुमसे प्यार करता हूं और जैसा कि मैंने वादा किया था, यह मिटने वाला नहीं है. इसमें आगे लिखा था कि मेरी माँ जानती है कि मैंने जितने भी संघर्षों का सामना किया है, उसके अलावा आप और प्रार्थना मौसी भी मेरी मौत के लिए ज़िम्मेदार हैं. इसलिए मैं आपसे विनती करता हूं कि अब उनसे संपर्क न करें. वह पहले से ही टूट चुकी हैं. उन्हें शांति से शोक मनाने दें. 
Disclaimer: जीवन अनमोल है. जी भरकर जिएं. इसका पूरी तरह सम्‍मान करें. हर पल का आनंद लें. किसी बात-विषय-घटना के कारण व्‍यथित हों तो जीवन से हार मानने की कोई जरूरत नहीं. अच्‍छे और बुरे दौर आते-जाते रहते हैं. लेकिन कभी जब किसी कारण गहन हताशा, निराशा, डिप्रेशन महसूस करें तो सरकार द्वारा प्रदत्‍त हेल्‍पलाइन नंबर 9152987821 पर संपर्क करें
निशांत ने किया सुसाइड 
बता दें कि निशांत ने 28 फरवरी को अपने होटल के कमरे में अपनी जान दे दी. कोई प्रतिक्रिया न मिलने पर होटल के कर्मचारियों ने मास्टर चाबी से कमरा खोलने पर उन्हें मृत पाया. उन्होंने कथित तौर पर तीन दिन पहले चेक इन किया था और खुद को फांसी लगाने से पहले बाहर “परेशान न करें” का बोर्ड लगाया था. अपनी कंपनी की वेबसाइट पर अपलोड किए गए सुसाइड नोट में, उन्होंने अपनी पत्नी के प्रति अपने प्यार का इजहार किया और अपनी मौत के लिए उसे और उसकी मौसी को जिम्मेदार ठहराया. 
उन्होंने सुसाइड नोट में लिखा कि जब तक आप यह पढ़ेंगे, मैं चला जाऊंगा. अपने अंतिम क्षणों में, मैं जो कुछ भी हुआ उसके लिए आपसे नफरत कर सकता था. लेकिन मैं नहीं करता. इस पल के लिए, मैं प्यार चुनता हूं, मैं तब तुमसे प्यार करता था. मैं अब भी तुमसे प्यार करता हूं और जैसा कि मैंने वादा किया था, यह मिटने वाला नहीं है. इसमें आगे लिखा था कि मेरी माँ जानती है कि मैंने जितने भी संघर्षों का सामना किया है, उसके अलावा आप और प्रार्थना मौसी भी मेरी मौत के लिए ज़िम्मेदार हैं. इसलिए मैं आपसे विनती करता हूं कि अब उनसे संपर्क न करें. वह पहले से ही टूट चुकी हैं. उन्हें शांति से शोक मनाने दें. 
Disclaimer: जीवन अनमोल है. जी भरकर जिएं. इसका पूरी तरह सम्‍मान करें. हर पल का आनंद लें. किसी बात-विषय-घटना के कारण व्‍यथित हों तो जीवन से हार मानने की कोई जरूरत नहीं. अच्‍छे और बुरे दौर आते-जाते रहते हैं. लेकिन कभी जब किसी कारण गहन हताशा, निराशा, डिप्रेशन महसूस करें तो सरकार द्वारा प्रदत्‍त हेल्‍पलाइन नंबर 9152987821 पर संपर्क करें
उन्होंने सुसाइड नोट में लिखा कि जब तक आप यह पढ़ेंगे, मैं चला जाऊंगा. अपने अंतिम क्षणों में, मैं जो कुछ भी हुआ उसके लिए आपसे नफरत कर सकता था. लेकिन मैं नहीं करता. इस पल के लिए, मैं प्यार चुनता हूं, मैं तब तुमसे प्यार करता था. मैं अब भी तुमसे प्यार करता हूं और जैसा कि मैंने वादा किया था, यह मिटने वाला नहीं है. इसमें आगे लिखा था कि मेरी माँ जानती है कि मैंने जितने भी संघर्षों का सामना किया है, उसके अलावा आप और प्रार्थना मौसी भी मेरी मौत के लिए ज़िम्मेदार हैं. इसलिए मैं आपसे विनती करता हूं कि अब उनसे संपर्क न करें. वह पहले से ही टूट चुकी हैं. उन्हें शांति से शोक मनाने दें. 
Disclaimer: जीवन अनमोल है. जी भरकर जिएं. इसका पूरी तरह सम्‍मान करें. हर पल का आनंद लें. किसी बात-विषय-घटना के कारण व्‍यथित हों तो जीवन से हार मानने की कोई जरूरत नहीं. अच्‍छे और बुरे दौर आते-जाते रहते हैं. लेकिन कभी जब किसी कारण गहन हताशा, निराशा, डिप्रेशन महसूस करें तो सरकार द्वारा प्रदत्‍त हेल्‍पलाइन नंबर 9152987821 पर संपर्क करें
Disclaimer: जीवन अनमोल है. जी भरकर जिएं. इसका पूरी तरह सम्‍मान करें. हर पल का आनंद लें. किसी बात-विषय-घटना के कारण व्‍यथित हों तो जीवन से हार मानने की कोई जरूरत नहीं. अच्‍छे और बुरे दौर आते-जाते रहते हैं. लेकिन कभी जब किसी कारण गहन हताशा, निराशा, डिप्रेशन महसूस करें तो सरकार द्वारा प्रदत्‍त हेल्‍पलाइन नंबर 9152987821 पर संपर्क करें

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