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हिंदुओं को वंचित करने की है नीति… विहिप ने मुस्लिम आरक्षण को लेकर कांग्रेस पर साधा निशाना


D K Shivakumar: कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री डी.के. शिवकुमार के मुसलमानों को आरक्षण देने वाले बयान पर सियासी गलियारों में घमासान मचा हुआ है, भाजपा उनपर आरोप लगा रही है कि उन्होने कहा था कि धर्म के आधार पर आरक्षण मुहैया कराने के लिए भविष्य में संविधान बदला जा सकता है. आरक्षण के मुद्दे पर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता उदित राज ने शिवकुमार का समर्थन किया था. उन्होंने कहा कि सवर्ण 10 फीसदी आरक्षण लें, लेकिन मुसलमान चार फीसदी भी न लें? इस बयान के बाद भाजपा कांग्रेस आमने- सामने आ गई है. अब विश्व हिंदू परिषद (विहिप) ने भी इस पर टिप्पणी की है. 
सरकार का कदम असंवैधानिक है
विहिप ने कहा कि धर्म के आधार पर आरक्षण असंवैधानिक है और न्यायालय पहले भी इस तरह के आरक्षण के प्रावधानों को खारिज कर चुके हैं. विहिप के राष्ट्रीय प्रवक्ता अमितोष पारीक ने कहा कि कर्नाटक में कांग्रेस नीत सरकार ने मुस्लिम तुष्टीकरण की राजनीति और हिंदुओं को वंचित करने की नीति को दर्शाया है. उन्होंने कहा, “कर्नाटक सरकार का कदम असंवैधानिक है. उन्होंने कहा, ‘‘उच्चतम न्यायालय ने फैसला दिया है कि धर्म के आधार पर आरक्षण नहीं दिया जा सकता. कलकत्ता उच्च न्यायालय ने भी मुसलमानों को आरक्षण देने को असंवैधानिक करार दिया है. 
क्या है मामला
इस मुद्दे के बाद अब कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार पर बीजेपी नेताओं ने आरोप लगाया है कि उन्होंने एक सार्वजनिक बयान में कहा है कि धर्म के आधार पर आरक्षण मुहैया कराने के लिए भविष्य में संविधान बदला जा सकता है. इस आरोप के बाद सदन में हंगामा शुरू हो गया था. भाजपा उनकी बर्खास्तगी की मांग कर रही है. वहीं कांग्रेस ने संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू और राज्यसभा में सदन के नेता और बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा के खिलाफ विशेषाधिकार हनन का नोटिस दे दिया है. अब इस पर विहिप ने भी टिप्पणी की है. 
ठेकेदारों को आरक्षण
कर्नाटक मंत्रिमंडल ने कर्नाटक सार्वजनिक खरीद में पारदर्शिता (केटीपीपी) अधिनियम में संशोधन को मंजूरी दी थी, जिसके तहत सरकारी टेंडर्स में मुस्लिम ठेकेदारों के लिए 4% आरक्षण लागू किया गया था. इस कदम का मकसद अल्पसंख्यकों के प्रतिनिधित्व बढ़ाना और सामाजिक-आर्थिक असमानताओं को दूर करना है, हालांकि इस फैसले पर राजनीतिक बहस छिड़ गई थी. (भाषा)
सरकार का कदम असंवैधानिक है
विहिप ने कहा कि धर्म के आधार पर आरक्षण असंवैधानिक है और न्यायालय पहले भी इस तरह के आरक्षण के प्रावधानों को खारिज कर चुके हैं. विहिप के राष्ट्रीय प्रवक्ता अमितोष पारीक ने कहा कि कर्नाटक में कांग्रेस नीत सरकार ने मुस्लिम तुष्टीकरण की राजनीति और हिंदुओं को वंचित करने की नीति को दर्शाया है. उन्होंने कहा, “कर्नाटक सरकार का कदम असंवैधानिक है. उन्होंने कहा, ‘‘उच्चतम न्यायालय ने फैसला दिया है कि धर्म के आधार पर आरक्षण नहीं दिया जा सकता. कलकत्ता उच्च न्यायालय ने भी मुसलमानों को आरक्षण देने को असंवैधानिक करार दिया है. 
क्या है मामला
इस मुद्दे के बाद अब कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार पर बीजेपी नेताओं ने आरोप लगाया है कि उन्होंने एक सार्वजनिक बयान में कहा है कि धर्म के आधार पर आरक्षण मुहैया कराने के लिए भविष्य में संविधान बदला जा सकता है. इस आरोप के बाद सदन में हंगामा शुरू हो गया था. भाजपा उनकी बर्खास्तगी की मांग कर रही है. वहीं कांग्रेस ने संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू और राज्यसभा में सदन के नेता और बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा के खिलाफ विशेषाधिकार हनन का नोटिस दे दिया है. अब इस पर विहिप ने भी टिप्पणी की है. 
ठेकेदारों को आरक्षण
कर्नाटक मंत्रिमंडल ने कर्नाटक सार्वजनिक खरीद में पारदर्शिता (केटीपीपी) अधिनियम में संशोधन को मंजूरी दी थी, जिसके तहत सरकारी टेंडर्स में मुस्लिम ठेकेदारों के लिए 4% आरक्षण लागू किया गया था. इस कदम का मकसद अल्पसंख्यकों के प्रतिनिधित्व बढ़ाना और सामाजिक-आर्थिक असमानताओं को दूर करना है, हालांकि इस फैसले पर राजनीतिक बहस छिड़ गई थी. (भाषा)
क्या है मामला
इस मुद्दे के बाद अब कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार पर बीजेपी नेताओं ने आरोप लगाया है कि उन्होंने एक सार्वजनिक बयान में कहा है कि धर्म के आधार पर आरक्षण मुहैया कराने के लिए भविष्य में संविधान बदला जा सकता है. इस आरोप के बाद सदन में हंगामा शुरू हो गया था. भाजपा उनकी बर्खास्तगी की मांग कर रही है. वहीं कांग्रेस ने संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू और राज्यसभा में सदन के नेता और बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा के खिलाफ विशेषाधिकार हनन का नोटिस दे दिया है. अब इस पर विहिप ने भी टिप्पणी की है. 
ठेकेदारों को आरक्षण
कर्नाटक मंत्रिमंडल ने कर्नाटक सार्वजनिक खरीद में पारदर्शिता (केटीपीपी) अधिनियम में संशोधन को मंजूरी दी थी, जिसके तहत सरकारी टेंडर्स में मुस्लिम ठेकेदारों के लिए 4% आरक्षण लागू किया गया था. इस कदम का मकसद अल्पसंख्यकों के प्रतिनिधित्व बढ़ाना और सामाजिक-आर्थिक असमानताओं को दूर करना है, हालांकि इस फैसले पर राजनीतिक बहस छिड़ गई थी. (भाषा)
ठेकेदारों को आरक्षण
कर्नाटक मंत्रिमंडल ने कर्नाटक सार्वजनिक खरीद में पारदर्शिता (केटीपीपी) अधिनियम में संशोधन को मंजूरी दी थी, जिसके तहत सरकारी टेंडर्स में मुस्लिम ठेकेदारों के लिए 4% आरक्षण लागू किया गया था. इस कदम का मकसद अल्पसंख्यकों के प्रतिनिधित्व बढ़ाना और सामाजिक-आर्थिक असमानताओं को दूर करना है, हालांकि इस फैसले पर राजनीतिक बहस छिड़ गई थी. (भाषा)

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