आरएसएस का हिंदू समुदाय के प्रति समर्थन
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के महासचिव दत्तात्रेय होसबले ने बांग्लादेश में हिंदू समुदाय की सुरक्षा सुनिश्चित करने की दिशा में भारत सरकार की प्रतिबद्धता को समर्थन देने का आश्वासन दिया है। उन्होंने जोर दिया कि बांग्लादेश में रह रहे हिंदुओं को पलायन नहीं करना चाहिए और वहीं ठहरकर अपनी पहचान को बरकरार रखना चाहिए। यह बयान आरएसएस द्वारा आयोजित अखिल भारतीय कार्यकारी मंडल की बैठक के दौरान सामने आया। इस बैठक में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के बयान ‘हिंदू बंटेंगे तो कटेंगे’ का समर्थन भी किया गया है।
इतिहास की दृष्टि से बांग्लादेश का महत्व
दत्तात्रेय होसबले ने बांग्लादेश के ऐतिहासिक महत्व को रेखांकित किया। उन्होंने कहा कि 1947 में बांग्लादेश का क्षेत्र भारत से अलग हुआ था और 1971 में यह पाकिस्तान से मुक्त हुआ। इसमें भारत ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। उन्होंने स्वीकारा कि इस ऐतिहासिक संदर्भ में हिंदुओं की सुरक्षा और समृद्धि की गारंटी मिलनी चाहिए, जो हिंदू एकता के लिए भी आवश्यक है।
जाति और भाषा पर आधारित भेदभाव का खतरा
दत्तात्रेय होसबले ने समाज में जाति और भाषा के आधार पर भेदभाव को हिंदू समाज की एकता के लिए खतरनाक बताया। उन्होंने चेताया कि ऐसी प्रवृत्तियों से हिंदू समाज कमजोर हो सकता है और इसकी एकता भंग हो सकती है। उन्होंने हिंदू समाज की एकता के महत्व को रेखांकित किया और लोक कल्याण के लिए इसकी जरूरत पर जोर दिया।
बैठक की प्रमुख विशेषताएं
मथुरा में जारी आरएसएस की अखिल भारतीय कार्यकारी मंडल की बैठक का शुभारंभ सरसंघचालक मोहन भागवत ने किया। इस बैठक में संघ के 46 प्रांतों के 393 वरिष्ठ पदाधिकारी उपस्थित थे। यहां सभी सह सरकार्यवाह, अखिल भारतीय पदाधिकारी और क्षेत्रीय संघ चालक शामिल थे। बैठकों का उद्देश्य संघ कार्यों की समीक्षा और संभावित योजनाओं की रणनीति तैयार करना था।
हिंदू समुदाय के लिए सुरक्षा आश्वासन
दत्तात्रेय होसबले ने बांग्लादेश के हिंदुओं को सुरक्षा का आश्वासन देते हुए कहा कि यह उनके अधिकारों की रक्षा की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है। उन्होंने इसे हिंदू राष्ट्र की समग्रता के लिए जरूरी बताया और कहा कि बाहरी शक्तियां इस एकता को तोड़ने की कोशिश कर सकती हैं, इसलिए जागरूकता बनाए रखना आवश्यक है।
मीडिया से बातचीत
प्रेस मीट के दौरान होसबले ने मिडिया से भी बातचीत की। उन्होंने हिंदू समाज की एकजुटता और उसकी सुरक्षा के प्रति भारत सरकार की प्रतिबद्धता को दोहराया। साथ ही उन्होंने कहा कि बाहरी शक्तियों की साजिशों से सतर्क रहने के लिए हिंदू समुदाय को एकजुट होकर खड़ा रहना चाहिए।
संघ की भविष्य की दिशा
आरएसएस की इस बैठक में हिंदू समाज की समृद्धि और सुरक्षा की दिशा में आगे बढ़ने की योजनाओं पर भी चर्चा हुई। संघ ने जोर दिया कि भारत के सांस्कृतिक और सामाजिक तानाबाना को मजबूत करने के लिए हिंदू एकता आवश्यक है। इस दिशा में संघ नए प्रयास और नई योजनाएं लेकर आएगा।
इस प्रकार, आरएसएस बांग्लादेश के हिंदुओं के प्रति अपनी चिंता व्यक्त करते हुए उनके समर्थन में खड़ा है, और उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए भारत सरकार की नीति का समर्थन करता है। इसके अलावा, उन्होने हिंदू समाज की एकता को बरकरार रखने पर विशेष जोर दिया है ताकि किसी भी प्रकार की बाहरी हस्तक्षेप से एकता और शांति बिगड़ने न पाए।