kerala-logo

हिरासत में यौन उत्पीड़न का मामला: आर्मी अफसर और मंगेतर को मिली सुरक्षा

भरतपुर पुलिस स्टेशन का विवादास्पद मामला

ओडिशा के भुवनेश्वर स्थित भरतपुर पुलिस स्टेशन में भारतीय सेना के एक अधिकारी और उनकी मंगेतर के साथ हुए बर्बर व्यवहार का मामला तेज़ी से सुर्खियों में आ गया है। इस घटना के बाद राज्य सरकार ने तुरंत कदम उठाते हुए दोनों पीड़ितों को सुरक्षा मुहैया कराई है। भुवनेश्वर-कटक पुलिस आयुक्तालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने मंगलवार को बताया कि राज्य सरकार के निर्णय के बाद सैन्य अधिकारी और उनकी मंगेतर के लिए निजी सुरक्षा अधिकारी (पीएसओ) तैनात किए गए हैं।

मुख्यमंत्री से मिली सुरक्षा का आश्वासन

ओडिशा सरकार ने यह फैसला तब लिया जब सैन्य अधिकारी, उनकी मंगेतर और उनके परिवार के साथ अन्य पूर्व सैन्यकर्मियों ने राज्य सचिवालय में मुख्यमंत्री मोहन चरण मांझी से मुलाकात की। पीड़िता ने माझी से मिलकर कहा कि इस मामले के कारण उसे धमकियां मिल सकती हैं। मुलाकात के बाद महिला ने कहा कि अब वह राहत महसूस कर रही हैं और उम्मीद करती हैं कि उन्हें न्याय मिलेगा।

घटना की विस्तृत जानकारी

इस घटना की शुरुआत 15 सितंबर को हुई थी जब पश्चिम बंगाल में तैनात एक सैन्य अधिकारी और उनकी मंगेतर ने भरतपुर पुलिस थाने में रोड रेज की शिकायत दर्ज कराई थी। उन्होंने आरोप लगाया था कि कुछ स्थानीय युवकों द्वारा उन्हें कथित तौर पर परेशान किया गया। सैन्य अधिकारी ने अपनी मंगेतर के साथ एफआईआर दर्ज कराने के दौरान महिला अधिकारी का दुर्व्यवहार और हिंसा का सामना किया था।

महिला का बयान

महिला ने कहा कि वह अपने दोस्त, सैन्य अधिकारी के साथ रात करीब एक बजे अपने रेस्तरां को बंद कर घर लौट रही थी, तभी कुछ युवकों ने उनके साथ दुर्व्यवहार करना शुरू कर दिया। इसके बाद वे मदद मांगने के लिए भरतपुर थाने पहुंचे। महिला ने आरोप लगाया, “जब हमने प्राथमिकी दर्ज कराने के लिए थाने में एक महिला सिपाही से मदद मांगी, तो उसने मेरी मदद करने के बजाय दुर्व्यवहार किया।”

पुलिस की बर्बरता

पीड़िता ने बताया कि उन्हें और उनके दोस्त को पुलिसकर्मियों ने थाने में बुरा व्यवहार किया। महिला ने कहा कि कुछ देर बाद और पुलिसकर्मी थाने पहुंचे और उनके दोस्त से शिकायत लिखने को कहा, लेकिन बाद में उसे हवालात में डाल दिया। जब उसने इसका विरोध किया तो पुलिसकर्मियों ने उसे भी मारा।

कस्टोडियल असॉल्ट

महिला ने आरोप लगाया कि पुलिसकर्मियों ने उसके हाथ और पैर बांधकर उसे एक कमरे में बंद कर दिया। कुछ देर बाद एक पुरुष अधिकारी ने दरवाजा खोला और उसकी छाती पर लातें मारीं। महिला ने बताया कि इस घटना के बाद से वह मानसिक और शारीरिक रूप से काफी दुखी हैं।

राष्ट्रीय महिला आयोग की प्रतिक्रिया

राष्ट्रीय महिला आयोग ने इस घटना का संज्ञान लेते हुए पुलिस महानिदेशक से कार्रवाई रिपोर्ट मांगी है। आयोग ने इस मामले को अत्यंत गंभीरता से लिया है और सभी संबद्ध दोषियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की आवश्यकता जताई है।

पांच पुलिसकर्मी निलंबित

ओडिशा पुलिस ने इस मामले में तुरंत कार्रवाई करते हुए भरतपुर पुलिस स्टेशन के प्रभारी निरीक्षक (आईआईसी) दीनाकृष्ण मिश्रा, उप-निरीक्षक बैसलिनी पांडा, सहायक उप-निरीक्षक सलिलामयी साहू, सागरिका रथ और कांस्टेबल बलराम हांडा को निलंबित कर दिया है। निलंबन के दौरान ये अधिकारी भुवनेश्वर-कटक के पुलिस आयुक्त के अनुशासनात्मक नियंत्रण में रहेंगे और ओडिशा सेवा संहिता के नियम 90 के अनुसार निर्वाह और महंगाई भत्ते प्राप्त करेंगे।

विरोध और आलोचना

इस घटना ने राज्य में जनाक्रोश को जन्म दिया है। विभिन्न सामाजिक और राजनीतिक संगठनों ने इसकी कड़ी निंदा की है और न्यायिक जांच की मांग की है। लोगों का मानना है कि ऐसे व्यवहार से राज्य की पुलिस की छवि दागदार हो रही है।

आगे की कार्रवाई

राज्य सरकार ने घटना की न्यायिक जांच के आदेश दिए हैं। साथ ही यह सुनिश्चित किया गया है कि दोषियों को किसी भी कीमत पर बख्शा नहीं जाएगा। इस घटना के बाद से भुवनेश्वर-कटक पुलिस आयुक्तालय में सुरक्षा कर्मियों की सक्रियता बढ़ा दी गई है ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाओं को रोका जा सके।

यह देखना होगा कि न्यायिक प्रक्रिया कब तक और कितनी निष्पक्ष तरीके से होती है। उम्मीद है कि पीड़ितों को न्याय मिलेगा और इस तरह की घटनाओं पर अंकुश लगेगा।

Kerala Lottery Result
Tops