Amit Shah in Rajya Sabha: राज्यसभा में बुधवार को उस समय माहौल गर्मा गया जब गृह मंत्रालय के कामकाज पर चर्चा के दौरान तृणमूल कांग्रेस (TMC) के सांसद साकेत गोखले ने केंद्रीय एजेंसियों और गृहमंत्री अमित शाह पर तीखी टिप्पणी कर दी. इस पर गृह मंत्री अमित शाह ने दो टूक जवाब देते हुए कहा कि वे किसी की कृपा से नहीं बल्कि सात बार जनता का आशीर्वाद लेकर चुनाव जीतकर संसद पहुंचे हैं. शाह ने यह भी स्पष्ट किया कि विपक्ष के कुछ सांसद जानबूझकर भ्रामक जानकारी फैला रहे हैं और अदालतों के आदेशों का भी सम्मान नहीं कर रहे हैं.
गृह मंत्रालय पर चर्चा में उठा विवाद
बुधवार को राज्यसभा में गृह मंत्रालय के कामकाज पर चर्चा हो रही थी. इसी दौरान साकेत गोखले ने चर्चा को मोड़ते हुए सीबीआई (CBI) के मामलों का जिक्र करना शुरू कर दिया. इस पर अमित शाह ने उन्हें टोका और कहा कि चर्चा गृह मंत्रालय पर हो रही है और सीबीआई गृह मंत्रालय के तहत नहीं आती. शाह ने कहा कि शायद सांसद को यह जानकारी नहीं है कि सीबीआई और जिन एजेंसियों का वे जिक्र कर रहे हैं.. वे गृह मंत्रालय के दायरे में नहीं आतीं.
शाह का सख्त संदेश
गृह मंत्री ने साफ किया कि अगर चर्चा केवल गृह मंत्रालय पर हो रही है तो उसे उसी तक सीमित रहना चाहिए. शाह ने कहा कि अगर आप विस्तृत विषयों पर चर्चा चाहते हैं तो मुझे भी हर मुद्दे पर जवाब देने दीजिए. लेकिन फिलहाल चर्चा गृह मंत्रालय पर होनी चाहिए. साकेत गोखले के निजी टिप्पणी करने पर अमित शाह ने बेहद तीखे अंदाज में पलटवार करते हुए कहा कि मैं किसी की कृपा से यहां नहीं बैठा हूं. मैं सात बार जनता के समर्थन से चुनाव जीतकर आया हूं. किसी विचारधारा का विरोध करके मैं यहां नहीं पहुंचा. डरने का सवाल ही नहीं है.
बंगाल हिंसा का मुद्दा भी उठा
अमित शाह ने आगे कहा कि जिन सीबीआई मामलों की बात हो रही है वे सुप्रीम कोर्ट और हाई कोर्ट के आदेश से रजिस्टर्ड हुए हैं. उन्होंने कहा कि ये मामले पश्चिम बंगाल में चुनावी हिंसा से जुड़े हैं. वहां हमारी पार्टी को ज़्यादा सीटें मिली थीं और हमारे समर्थकों को निशाना बनाया गया. कई जगह हत्या और महिलाओं के साथ दुर्व्यवहार की घटनाएं हुईं. जब स्थानीय प्रशासन ने कार्रवाई नहीं की तो पीड़ित हाई कोर्ट गए और वहां से सीबीआई जांच के आदेश दिए गए.
शाह का बड़ा आरोप
गृह मंत्री ने इस दौरान यह भी कहा कि बंगाल में एक भी सीबीआई की विशेष अदालत नहीं है. इस वजह से मामलों का निपटारा लंबित है. उन्होंने कहा कि सवाल उठाने वालों को ये भी देखना चाहिए कि बंगाल में सीबीआई के मामले क्यों रुके हैं. अदालतें ही नहीं बनाई गईं तो फैसले कैसे आएंगे?
सभापति ने सांसद को चेतावनी दी
विवाद बढ़ने के बाद नेता सदन जेपी नड्डा ने मांग की कि साकेत गोखले अपने बयान पर माफी मांगें. सभापति जगदीप धनखड़ ने भी गोखले से कहा कि वे अपनी टिप्पणी वापस लें. लेकिन गोखले ने ऐसा करने से इनकार कर दिया. इसके बाद सभापति ने उनके बयान को सदन की कार्यवाही से हटाने का आदेश दे दिया.
संसद की गरिमा गिराने का आरोप
संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा कि साकेत गोखले ने अपने भाषण की शुरुआत ही नकारात्मक तरीके से की थी. रिजिजू ने कहा कि हम सुझावों को सुनने को तैयार हैं लेकिन इस तरह की व्यक्तिगत और अपमानजनक बातों को बर्दाश्त नहीं किया जा सकता. उन्होंने राज्यसभा की गरिमा गिराने का काम किया है.
(एजेंसी इनपुट के साथ)
गृह मंत्रालय पर चर्चा में उठा विवाद
बुधवार को राज्यसभा में गृह मंत्रालय के कामकाज पर चर्चा हो रही थी. इसी दौरान साकेत गोखले ने चर्चा को मोड़ते हुए सीबीआई (CBI) के मामलों का जिक्र करना शुरू कर दिया. इस पर अमित शाह ने उन्हें टोका और कहा कि चर्चा गृह मंत्रालय पर हो रही है और सीबीआई गृह मंत्रालय के तहत नहीं आती. शाह ने कहा कि शायद सांसद को यह जानकारी नहीं है कि सीबीआई और जिन एजेंसियों का वे जिक्र कर रहे हैं.. वे गृह मंत्रालय के दायरे में नहीं आतीं.
शाह का सख्त संदेश
गृह मंत्री ने साफ किया कि अगर चर्चा केवल गृह मंत्रालय पर हो रही है तो उसे उसी तक सीमित रहना चाहिए. शाह ने कहा कि अगर आप विस्तृत विषयों पर चर्चा चाहते हैं तो मुझे भी हर मुद्दे पर जवाब देने दीजिए. लेकिन फिलहाल चर्चा गृह मंत्रालय पर होनी चाहिए. साकेत गोखले के निजी टिप्पणी करने पर अमित शाह ने बेहद तीखे अंदाज में पलटवार करते हुए कहा कि मैं किसी की कृपा से यहां नहीं बैठा हूं. मैं सात बार जनता के समर्थन से चुनाव जीतकर आया हूं. किसी विचारधारा का विरोध करके मैं यहां नहीं पहुंचा. डरने का सवाल ही नहीं है.
बंगाल हिंसा का मुद्दा भी उठा
अमित शाह ने आगे कहा कि जिन सीबीआई मामलों की बात हो रही है वे सुप्रीम कोर्ट और हाई कोर्ट के आदेश से रजिस्टर्ड हुए हैं. उन्होंने कहा कि ये मामले पश्चिम बंगाल में चुनावी हिंसा से जुड़े हैं. वहां हमारी पार्टी को ज़्यादा सीटें मिली थीं और हमारे समर्थकों को निशाना बनाया गया. कई जगह हत्या और महिलाओं के साथ दुर्व्यवहार की घटनाएं हुईं. जब स्थानीय प्रशासन ने कार्रवाई नहीं की तो पीड़ित हाई कोर्ट गए और वहां से सीबीआई जांच के आदेश दिए गए.
शाह का बड़ा आरोप
गृह मंत्री ने इस दौरान यह भी कहा कि बंगाल में एक भी सीबीआई की विशेष अदालत नहीं है. इस वजह से मामलों का निपटारा लंबित है. उन्होंने कहा कि सवाल उठाने वालों को ये भी देखना चाहिए कि बंगाल में सीबीआई के मामले क्यों रुके हैं. अदालतें ही नहीं बनाई गईं तो फैसले कैसे आएंगे?
सभापति ने सांसद को चेतावनी दी
विवाद बढ़ने के बाद नेता सदन जेपी नड्डा ने मांग की कि साकेत गोखले अपने बयान पर माफी मांगें. सभापति जगदीप धनखड़ ने भी गोखले से कहा कि वे अपनी टिप्पणी वापस लें. लेकिन गोखले ने ऐसा करने से इनकार कर दिया. इसके बाद सभापति ने उनके बयान को सदन की कार्यवाही से हटाने का आदेश दे दिया.
संसद की गरिमा गिराने का आरोप
संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा कि साकेत गोखले ने अपने भाषण की शुरुआत ही नकारात्मक तरीके से की थी. रिजिजू ने कहा कि हम सुझावों को सुनने को तैयार हैं लेकिन इस तरह की व्यक्तिगत और अपमानजनक बातों को बर्दाश्त नहीं किया जा सकता. उन्होंने राज्यसभा की गरिमा गिराने का काम किया है.
(एजेंसी इनपुट के साथ)
बुधवार को राज्यसभा में गृह मंत्रालय के कामकाज पर चर्चा हो रही थी. इसी दौरान साकेत गोखले ने चर्चा को मोड़ते हुए सीबीआई (CBI) के मामलों का जिक्र करना शुरू कर दिया. इस पर अमित शाह ने उन्हें टोका और कहा कि चर्चा गृह मंत्रालय पर हो रही है और सीबीआई गृह मंत्रालय के तहत नहीं आती. शाह ने कहा कि शायद सांसद को यह जानकारी नहीं है कि सीबीआई और जिन एजेंसियों का वे जिक्र कर रहे हैं.. वे गृह मंत्रालय के दायरे में नहीं आतीं.
शाह का सख्त संदेश
गृह मंत्री ने साफ किया कि अगर चर्चा केवल गृह मंत्रालय पर हो रही है तो उसे उसी तक सीमित रहना चाहिए. शाह ने कहा कि अगर आप विस्तृत विषयों पर चर्चा चाहते हैं तो मुझे भी हर मुद्दे पर जवाब देने दीजिए. लेकिन फिलहाल चर्चा गृह मंत्रालय पर होनी चाहिए. साकेत गोखले के निजी टिप्पणी करने पर अमित शाह ने बेहद तीखे अंदाज में पलटवार करते हुए कहा कि मैं किसी की कृपा से यहां नहीं बैठा हूं. मैं सात बार जनता के समर्थन से चुनाव जीतकर आया हूं. किसी विचारधारा का विरोध करके मैं यहां नहीं पहुंचा. डरने का सवाल ही नहीं है.
बंगाल हिंसा का मुद्दा भी उठा
अमित शाह ने आगे कहा कि जिन सीबीआई मामलों की बात हो रही है वे सुप्रीम कोर्ट और हाई कोर्ट के आदेश से रजिस्टर्ड हुए हैं. उन्होंने कहा कि ये मामले पश्चिम बंगाल में चुनावी हिंसा से जुड़े हैं. वहां हमारी पार्टी को ज़्यादा सीटें मिली थीं और हमारे समर्थकों को निशाना बनाया गया. कई जगह हत्या और महिलाओं के साथ दुर्व्यवहार की घटनाएं हुईं. जब स्थानीय प्रशासन ने कार्रवाई नहीं की तो पीड़ित हाई कोर्ट गए और वहां से सीबीआई जांच के आदेश दिए गए.
शाह का बड़ा आरोप
गृह मंत्री ने इस दौरान यह भी कहा कि बंगाल में एक भी सीबीआई की विशेष अदालत नहीं है. इस वजह से मामलों का निपटारा लंबित है. उन्होंने कहा कि सवाल उठाने वालों को ये भी देखना चाहिए कि बंगाल में सीबीआई के मामले क्यों रुके हैं. अदालतें ही नहीं बनाई गईं तो फैसले कैसे आएंगे?
सभापति ने सांसद को चेतावनी दी
विवाद बढ़ने के बाद नेता सदन जेपी नड्डा ने मांग की कि साकेत गोखले अपने बयान पर माफी मांगें. सभापति जगदीप धनखड़ ने भी गोखले से कहा कि वे अपनी टिप्पणी वापस लें. लेकिन गोखले ने ऐसा करने से इनकार कर दिया. इसके बाद सभापति ने उनके बयान को सदन की कार्यवाही से हटाने का आदेश दे दिया.
संसद की गरिमा गिराने का आरोप
संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा कि साकेत गोखले ने अपने भाषण की शुरुआत ही नकारात्मक तरीके से की थी. रिजिजू ने कहा कि हम सुझावों को सुनने को तैयार हैं लेकिन इस तरह की व्यक्तिगत और अपमानजनक बातों को बर्दाश्त नहीं किया जा सकता. उन्होंने राज्यसभा की गरिमा गिराने का काम किया है.
(एजेंसी इनपुट के साथ)
शाह का सख्त संदेश
गृह मंत्री ने साफ किया कि अगर चर्चा केवल गृह मंत्रालय पर हो रही है तो उसे उसी तक सीमित रहना चाहिए. शाह ने कहा कि अगर आप विस्तृत विषयों पर चर्चा चाहते हैं तो मुझे भी हर मुद्दे पर जवाब देने दीजिए. लेकिन फिलहाल चर्चा गृह मंत्रालय पर होनी चाहिए. साकेत गोखले के निजी टिप्पणी करने पर अमित शाह ने बेहद तीखे अंदाज में पलटवार करते हुए कहा कि मैं किसी की कृपा से यहां नहीं बैठा हूं. मैं सात बार जनता के समर्थन से चुनाव जीतकर आया हूं. किसी विचारधारा का विरोध करके मैं यहां नहीं पहुंचा. डरने का सवाल ही नहीं है.
बंगाल हिंसा का मुद्दा भी उठा
अमित शाह ने आगे कहा कि जिन सीबीआई मामलों की बात हो रही है वे सुप्रीम कोर्ट और हाई कोर्ट के आदेश से रजिस्टर्ड हुए हैं. उन्होंने कहा कि ये मामले पश्चिम बंगाल में चुनावी हिंसा से जुड़े हैं. वहां हमारी पार्टी को ज़्यादा सीटें मिली थीं और हमारे समर्थकों को निशाना बनाया गया. कई जगह हत्या और महिलाओं के साथ दुर्व्यवहार की घटनाएं हुईं. जब स्थानीय प्रशासन ने कार्रवाई नहीं की तो पीड़ित हाई कोर्ट गए और वहां से सीबीआई जांच के आदेश दिए गए.
शाह का बड़ा आरोप
गृह मंत्री ने इस दौरान यह भी कहा कि बंगाल में एक भी सीबीआई की विशेष अदालत नहीं है. इस वजह से मामलों का निपटारा लंबित है. उन्होंने कहा कि सवाल उठाने वालों को ये भी देखना चाहिए कि बंगाल में सीबीआई के मामले क्यों रुके हैं. अदालतें ही नहीं बनाई गईं तो फैसले कैसे आएंगे?
सभापति ने सांसद को चेतावनी दी
विवाद बढ़ने के बाद नेता सदन जेपी नड्डा ने मांग की कि साकेत गोखले अपने बयान पर माफी मांगें. सभापति जगदीप धनखड़ ने भी गोखले से कहा कि वे अपनी टिप्पणी वापस लें. लेकिन गोखले ने ऐसा करने से इनकार कर दिया. इसके बाद सभापति ने उनके बयान को सदन की कार्यवाही से हटाने का आदेश दे दिया.
संसद की गरिमा गिराने का आरोप
संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा कि साकेत गोखले ने अपने भाषण की शुरुआत ही नकारात्मक तरीके से की थी. रिजिजू ने कहा कि हम सुझावों को सुनने को तैयार हैं लेकिन इस तरह की व्यक्तिगत और अपमानजनक बातों को बर्दाश्त नहीं किया जा सकता. उन्होंने राज्यसभा की गरिमा गिराने का काम किया है.
(एजेंसी इनपुट के साथ)
गृह मंत्री ने साफ किया कि अगर चर्चा केवल गृह मंत्रालय पर हो रही है तो उसे उसी तक सीमित रहना चाहिए. शाह ने कहा कि अगर आप विस्तृत विषयों पर चर्चा चाहते हैं तो मुझे भी हर मुद्दे पर जवाब देने दीजिए. लेकिन फिलहाल चर्चा गृह मंत्रालय पर होनी चाहिए. साकेत गोखले के निजी टिप्पणी करने पर अमित शाह ने बेहद तीखे अंदाज में पलटवार करते हुए कहा कि मैं किसी की कृपा से यहां नहीं बैठा हूं. मैं सात बार जनता के समर्थन से चुनाव जीतकर आया हूं. किसी विचारधारा का विरोध करके मैं यहां नहीं पहुंचा. डरने का सवाल ही नहीं है.
बंगाल हिंसा का मुद्दा भी उठा
अमित शाह ने आगे कहा कि जिन सीबीआई मामलों की बात हो रही है वे सुप्रीम कोर्ट और हाई कोर्ट के आदेश से रजिस्टर्ड हुए हैं. उन्होंने कहा कि ये मामले पश्चिम बंगाल में चुनावी हिंसा से जुड़े हैं. वहां हमारी पार्टी को ज़्यादा सीटें मिली थीं और हमारे समर्थकों को निशाना बनाया गया. कई जगह हत्या और महिलाओं के साथ दुर्व्यवहार की घटनाएं हुईं. जब स्थानीय प्रशासन ने कार्रवाई नहीं की तो पीड़ित हाई कोर्ट गए और वहां से सीबीआई जांच के आदेश दिए गए.
शाह का बड़ा आरोप
गृह मंत्री ने इस दौरान यह भी कहा कि बंगाल में एक भी सीबीआई की विशेष अदालत नहीं है. इस वजह से मामलों का निपटारा लंबित है. उन्होंने कहा कि सवाल उठाने वालों को ये भी देखना चाहिए कि बंगाल में सीबीआई के मामले क्यों रुके हैं. अदालतें ही नहीं बनाई गईं तो फैसले कैसे आएंगे?
सभापति ने सांसद को चेतावनी दी
विवाद बढ़ने के बाद नेता सदन जेपी नड्डा ने मांग की कि साकेत गोखले अपने बयान पर माफी मांगें. सभापति जगदीप धनखड़ ने भी गोखले से कहा कि वे अपनी टिप्पणी वापस लें. लेकिन गोखले ने ऐसा करने से इनकार कर दिया. इसके बाद सभापति ने उनके बयान को सदन की कार्यवाही से हटाने का आदेश दे दिया.
संसद की गरिमा गिराने का आरोप
संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा कि साकेत गोखले ने अपने भाषण की शुरुआत ही नकारात्मक तरीके से की थी. रिजिजू ने कहा कि हम सुझावों को सुनने को तैयार हैं लेकिन इस तरह की व्यक्तिगत और अपमानजनक बातों को बर्दाश्त नहीं किया जा सकता. उन्होंने राज्यसभा की गरिमा गिराने का काम किया है.
(एजेंसी इनपुट के साथ)
बंगाल हिंसा का मुद्दा भी उठा
अमित शाह ने आगे कहा कि जिन सीबीआई मामलों की बात हो रही है वे सुप्रीम कोर्ट और हाई कोर्ट के आदेश से रजिस्टर्ड हुए हैं. उन्होंने कहा कि ये मामले पश्चिम बंगाल में चुनावी हिंसा से जुड़े हैं. वहां हमारी पार्टी को ज़्यादा सीटें मिली थीं और हमारे समर्थकों को निशाना बनाया गया. कई जगह हत्या और महिलाओं के साथ दुर्व्यवहार की घटनाएं हुईं. जब स्थानीय प्रशासन ने कार्रवाई नहीं की तो पीड़ित हाई कोर्ट गए और वहां से सीबीआई जांच के आदेश दिए गए.
शाह का बड़ा आरोप
गृह मंत्री ने इस दौरान यह भी कहा कि बंगाल में एक भी सीबीआई की विशेष अदालत नहीं है. इस वजह से मामलों का निपटारा लंबित है. उन्होंने कहा कि सवाल उठाने वालों को ये भी देखना चाहिए कि बंगाल में सीबीआई के मामले क्यों रुके हैं. अदालतें ही नहीं बनाई गईं तो फैसले कैसे आएंगे?
सभापति ने सांसद को चेतावनी दी
विवाद बढ़ने के बाद नेता सदन जेपी नड्डा ने मांग की कि साकेत गोखले अपने बयान पर माफी मांगें. सभापति जगदीप धनखड़ ने भी गोखले से कहा कि वे अपनी टिप्पणी वापस लें. लेकिन गोखले ने ऐसा करने से इनकार कर दिया. इसके बाद सभापति ने उनके बयान को सदन की कार्यवाही से हटाने का आदेश दे दिया.
संसद की गरिमा गिराने का आरोप
संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा कि साकेत गोखले ने अपने भाषण की शुरुआत ही नकारात्मक तरीके से की थी. रिजिजू ने कहा कि हम सुझावों को सुनने को तैयार हैं लेकिन इस तरह की व्यक्तिगत और अपमानजनक बातों को बर्दाश्त नहीं किया जा सकता. उन्होंने राज्यसभा की गरिमा गिराने का काम किया है.
(एजेंसी इनपुट के साथ)
अमित शाह ने आगे कहा कि जिन सीबीआई मामलों की बात हो रही है वे सुप्रीम कोर्ट और हाई कोर्ट के आदेश से रजिस्टर्ड हुए हैं. उन्होंने कहा कि ये मामले पश्चिम बंगाल में चुनावी हिंसा से जुड़े हैं. वहां हमारी पार्टी को ज़्यादा सीटें मिली थीं और हमारे समर्थकों को निशाना बनाया गया. कई जगह हत्या और महिलाओं के साथ दुर्व्यवहार की घटनाएं हुईं. जब स्थानीय प्रशासन ने कार्रवाई नहीं की तो पीड़ित हाई कोर्ट गए और वहां से सीबीआई जांच के आदेश दिए गए.
शाह का बड़ा आरोप
गृह मंत्री ने इस दौरान यह भी कहा कि बंगाल में एक भी सीबीआई की विशेष अदालत नहीं है. इस वजह से मामलों का निपटारा लंबित है. उन्होंने कहा कि सवाल उठाने वालों को ये भी देखना चाहिए कि बंगाल में सीबीआई के मामले क्यों रुके हैं. अदालतें ही नहीं बनाई गईं तो फैसले कैसे आएंगे?
सभापति ने सांसद को चेतावनी दी
विवाद बढ़ने के बाद नेता सदन जेपी नड्डा ने मांग की कि साकेत गोखले अपने बयान पर माफी मांगें. सभापति जगदीप धनखड़ ने भी गोखले से कहा कि वे अपनी टिप्पणी वापस लें. लेकिन गोखले ने ऐसा करने से इनकार कर दिया. इसके बाद सभापति ने उनके बयान को सदन की कार्यवाही से हटाने का आदेश दे दिया.
संसद की गरिमा गिराने का आरोप
संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा कि साकेत गोखले ने अपने भाषण की शुरुआत ही नकारात्मक तरीके से की थी. रिजिजू ने कहा कि हम सुझावों को सुनने को तैयार हैं लेकिन इस तरह की व्यक्तिगत और अपमानजनक बातों को बर्दाश्त नहीं किया जा सकता. उन्होंने राज्यसभा की गरिमा गिराने का काम किया है.
(एजेंसी इनपुट के साथ)
शाह का बड़ा आरोप
गृह मंत्री ने इस दौरान यह भी कहा कि बंगाल में एक भी सीबीआई की विशेष अदालत नहीं है. इस वजह से मामलों का निपटारा लंबित है. उन्होंने कहा कि सवाल उठाने वालों को ये भी देखना चाहिए कि बंगाल में सीबीआई के मामले क्यों रुके हैं. अदालतें ही नहीं बनाई गईं तो फैसले कैसे आएंगे?
सभापति ने सांसद को चेतावनी दी
विवाद बढ़ने के बाद नेता सदन जेपी नड्डा ने मांग की कि साकेत गोखले अपने बयान पर माफी मांगें. सभापति जगदीप धनखड़ ने भी गोखले से कहा कि वे अपनी टिप्पणी वापस लें. लेकिन गोखले ने ऐसा करने से इनकार कर दिया. इसके बाद सभापति ने उनके बयान को सदन की कार्यवाही से हटाने का आदेश दे दिया.
संसद की गरिमा गिराने का आरोप
संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा कि साकेत गोखले ने अपने भाषण की शुरुआत ही नकारात्मक तरीके से की थी. रिजिजू ने कहा कि हम सुझावों को सुनने को तैयार हैं लेकिन इस तरह की व्यक्तिगत और अपमानजनक बातों को बर्दाश्त नहीं किया जा सकता. उन्होंने राज्यसभा की गरिमा गिराने का काम किया है.
(एजेंसी इनपुट के साथ)
गृह मंत्री ने इस दौरान यह भी कहा कि बंगाल में एक भी सीबीआई की विशेष अदालत नहीं है. इस वजह से मामलों का निपटारा लंबित है. उन्होंने कहा कि सवाल उठाने वालों को ये भी देखना चाहिए कि बंगाल में सीबीआई के मामले क्यों रुके हैं. अदालतें ही नहीं बनाई गईं तो फैसले कैसे आएंगे?
सभापति ने सांसद को चेतावनी दी
विवाद बढ़ने के बाद नेता सदन जेपी नड्डा ने मांग की कि साकेत गोखले अपने बयान पर माफी मांगें. सभापति जगदीप धनखड़ ने भी गोखले से कहा कि वे अपनी टिप्पणी वापस लें. लेकिन गोखले ने ऐसा करने से इनकार कर दिया. इसके बाद सभापति ने उनके बयान को सदन की कार्यवाही से हटाने का आदेश दे दिया.
संसद की गरिमा गिराने का आरोप
संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा कि साकेत गोखले ने अपने भाषण की शुरुआत ही नकारात्मक तरीके से की थी. रिजिजू ने कहा कि हम सुझावों को सुनने को तैयार हैं लेकिन इस तरह की व्यक्तिगत और अपमानजनक बातों को बर्दाश्त नहीं किया जा सकता. उन्होंने राज्यसभा की गरिमा गिराने का काम किया है.
(एजेंसी इनपुट के साथ)
सभापति ने सांसद को चेतावनी दी
विवाद बढ़ने के बाद नेता सदन जेपी नड्डा ने मांग की कि साकेत गोखले अपने बयान पर माफी मांगें. सभापति जगदीप धनखड़ ने भी गोखले से कहा कि वे अपनी टिप्पणी वापस लें. लेकिन गोखले ने ऐसा करने से इनकार कर दिया. इसके बाद सभापति ने उनके बयान को सदन की कार्यवाही से हटाने का आदेश दे दिया.
संसद की गरिमा गिराने का आरोप
संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा कि साकेत गोखले ने अपने भाषण की शुरुआत ही नकारात्मक तरीके से की थी. रिजिजू ने कहा कि हम सुझावों को सुनने को तैयार हैं लेकिन इस तरह की व्यक्तिगत और अपमानजनक बातों को बर्दाश्त नहीं किया जा सकता. उन्होंने राज्यसभा की गरिमा गिराने का काम किया है.
(एजेंसी इनपुट के साथ)
विवाद बढ़ने के बाद नेता सदन जेपी नड्डा ने मांग की कि साकेत गोखले अपने बयान पर माफी मांगें. सभापति जगदीप धनखड़ ने भी गोखले से कहा कि वे अपनी टिप्पणी वापस लें. लेकिन गोखले ने ऐसा करने से इनकार कर दिया. इसके बाद सभापति ने उनके बयान को सदन की कार्यवाही से हटाने का आदेश दे दिया.
संसद की गरिमा गिराने का आरोप
संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा कि साकेत गोखले ने अपने भाषण की शुरुआत ही नकारात्मक तरीके से की थी. रिजिजू ने कहा कि हम सुझावों को सुनने को तैयार हैं लेकिन इस तरह की व्यक्तिगत और अपमानजनक बातों को बर्दाश्त नहीं किया जा सकता. उन्होंने राज्यसभा की गरिमा गिराने का काम किया है.
(एजेंसी इनपुट के साथ)
संसद की गरिमा गिराने का आरोप
संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा कि साकेत गोखले ने अपने भाषण की शुरुआत ही नकारात्मक तरीके से की थी. रिजिजू ने कहा कि हम सुझावों को सुनने को तैयार हैं लेकिन इस तरह की व्यक्तिगत और अपमानजनक बातों को बर्दाश्त नहीं किया जा सकता. उन्होंने राज्यसभा की गरिमा गिराने का काम किया है.
(एजेंसी इनपुट के साथ)
संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा कि साकेत गोखले ने अपने भाषण की शुरुआत ही नकारात्मक तरीके से की थी. रिजिजू ने कहा कि हम सुझावों को सुनने को तैयार हैं लेकिन इस तरह की व्यक्तिगत और अपमानजनक बातों को बर्दाश्त नहीं किया जा सकता. उन्होंने राज्यसभा की गरिमा गिराने का काम किया है.
(एजेंसी इनपुट के साथ)
(एजेंसी इनपुट के साथ)
