Indore News: इंदौर प्रशासन ने शहर में भीख मांगने और देने की समस्या पर सख्त कदम उठाने का फैसला किया है. 1 जनवरी से शहर में भीख देने वालों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की जाएगी. यह घोषणा इंदौर कलेक्टर ने की, जिन्होंने इसे एक सामाजिक सुधार का कदम बताया. उन्होंने इंदौरवासियों से अपील की कि वे किसी भी व्यक्ति को भीख न दें, क्योंकि ऐसा करना न सिर्फ कानून का उल्लंघन है, बल्कि यह पाप में भागीदार बनने जैसा है.
भीख मंगवाने वाले गिरोहों का खुलासा
कलेक्टर ने बताया कि हाल ही में प्रशासन ने शहर में सक्रिय भीख मंगवाने वाले कई गिरोहों का पर्दाफाश किया है. ये गिरोह गरीब और जरूरतमंद लोगों का शोषण करते हैं और उन्हें मजबूर करके भीख मंगवाने का काम कराते हैं. यह न केवल मानवाधिकारों का उल्लंघन है, बल्कि समाज में असमंजस और अपराध को बढ़ावा देता है.
भीख मंगवाने का अवैध नेटवर्क
इन गिरोहों का नेटवर्क बेहद संगठित है, जो बच्चों, महिलाओं और बुजुर्गों को जबरन भीख मंगवाने के लिए इस्तेमाल करता है. कई मामलों में ये लोग पीड़ितों को उनके घरों से उठाकर या धोखे से फंसाकर इस काम में धकेल देते हैं. कलेक्टर ने इसे गंभीर अपराध बताते हुए कहा कि ऐसे गिरोहों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी.
इंदौरवासियों से की गई अपील
प्रशासन ने शहरवासियों से अपील की है कि वे किसी भी परिस्थिति में भीख न दें. ऐसा करने से न केवल अवैध गिरोहों को बढ़ावा मिलता है, बल्कि समाज में गलत संदेश भी जाता है. प्रशासन ने कहा कि जरूरतमंदों की मदद के लिए कई सरकारी और गैर-सरकारी योजनाएं उपलब्ध हैं, जिनके जरिए सही तरीके से सहायता पहुंचाई जा सकती है.
जरूरतमंदों के लिए वैकल्पिक उपाय
इंदौर प्रशासन ने यह भी स्पष्ट किया है कि शहर में गरीबों और जरूरतमंदों की मदद के लिए कई पुनर्वास और सहायता योजनाएं चलाई जा रही हैं. इन योजनाओं के तहत बेघर और गरीब लोगों को आश्रय, भोजन और अन्य आवश्यक सुविधाएं मुहैया कराई जाती हैं. प्रशासन ने नागरिकों से आग्रह किया कि वे जरूरतमंदों की मदद के लिए इन योजनाओं का सहारा लें, न कि भीख देकर.
कानूनी प्रावधान और जागरूकता अभियान
भीख मांगने और मंगवाने को रोकने के लिए प्रशासन शहर में जागरूकता अभियान भी चला रहा है. इसके तहत पोस्टर, होर्डिंग और सोशल मीडिया के जरिए लोगों को जानकारी दी जाएगी. कलेक्टर ने कहा कि 1 जनवरी से यह नियम लागू हो जाएगा और इसका उल्लंघन करने वालों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी.
सामाजिक सुधार की ओर एक कदम
इंदौर प्रशासन का यह कदम समाज में व्याप्त एक बड़ी समस्या को खत्म करने की दिशा में है. यह न केवल भीख मंगवाने वाले गिरोहों पर लगाम लगाएगा, बल्कि गरीबों और जरूरतमंदों को सही मदद और सम्मानजनक जीवन जीने का अवसर भी प्रदान करेगा.
(एजेंसी इनपुट के साथ)
भीख मंगवाने वाले गिरोहों का खुलासा
कलेक्टर ने बताया कि हाल ही में प्रशासन ने शहर में सक्रिय भीख मंगवाने वाले कई गिरोहों का पर्दाफाश किया है. ये गिरोह गरीब और जरूरतमंद लोगों का शोषण करते हैं और उन्हें मजबूर करके भीख मंगवाने का काम कराते हैं. यह न केवल मानवाधिकारों का उल्लंघन है, बल्कि समाज में असमंजस और अपराध को बढ़ावा देता है.
भीख मंगवाने का अवैध नेटवर्क
इन गिरोहों का नेटवर्क बेहद संगठित है, जो बच्चों, महिलाओं और बुजुर्गों को जबरन भीख मंगवाने के लिए इस्तेमाल करता है. कई मामलों में ये लोग पीड़ितों को उनके घरों से उठाकर या धोखे से फंसाकर इस काम में धकेल देते हैं. कलेक्टर ने इसे गंभीर अपराध बताते हुए कहा कि ऐसे गिरोहों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी.
इंदौरवासियों से की गई अपील
प्रशासन ने शहरवासियों से अपील की है कि वे किसी भी परिस्थिति में भीख न दें. ऐसा करने से न केवल अवैध गिरोहों को बढ़ावा मिलता है, बल्कि समाज में गलत संदेश भी जाता है. प्रशासन ने कहा कि जरूरतमंदों की मदद के लिए कई सरकारी और गैर-सरकारी योजनाएं उपलब्ध हैं, जिनके जरिए सही तरीके से सहायता पहुंचाई जा सकती है.
जरूरतमंदों के लिए वैकल्पिक उपाय
इंदौर प्रशासन ने यह भी स्पष्ट किया है कि शहर में गरीबों और जरूरतमंदों की मदद के लिए कई पुनर्वास और सहायता योजनाएं चलाई जा रही हैं. इन योजनाओं के तहत बेघर और गरीब लोगों को आश्रय, भोजन और अन्य आवश्यक सुविधाएं मुहैया कराई जाती हैं. प्रशासन ने नागरिकों से आग्रह किया कि वे जरूरतमंदों की मदद के लिए इन योजनाओं का सहारा लें, न कि भीख देकर.
कानूनी प्रावधान और जागरूकता अभियान
भीख मांगने और मंगवाने को रोकने के लिए प्रशासन शहर में जागरूकता अभियान भी चला रहा है. इसके तहत पोस्टर, होर्डिंग और सोशल मीडिया के जरिए लोगों को जानकारी दी जाएगी. कलेक्टर ने कहा कि 1 जनवरी से यह नियम लागू हो जाएगा और इसका उल्लंघन करने वालों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी.
सामाजिक सुधार की ओर एक कदम
इंदौर प्रशासन का यह कदम समाज में व्याप्त एक बड़ी समस्या को खत्म करने की दिशा में है. यह न केवल भीख मंगवाने वाले गिरोहों पर लगाम लगाएगा, बल्कि गरीबों और जरूरतमंदों को सही मदद और सम्मानजनक जीवन जीने का अवसर भी प्रदान करेगा.
(एजेंसी इनपुट के साथ)
कलेक्टर ने बताया कि हाल ही में प्रशासन ने शहर में सक्रिय भीख मंगवाने वाले कई गिरोहों का पर्दाफाश किया है. ये गिरोह गरीब और जरूरतमंद लोगों का शोषण करते हैं और उन्हें मजबूर करके भीख मंगवाने का काम कराते हैं. यह न केवल मानवाधिकारों का उल्लंघन है, बल्कि समाज में असमंजस और अपराध को बढ़ावा देता है.
भीख मंगवाने का अवैध नेटवर्क
इन गिरोहों का नेटवर्क बेहद संगठित है, जो बच्चों, महिलाओं और बुजुर्गों को जबरन भीख मंगवाने के लिए इस्तेमाल करता है. कई मामलों में ये लोग पीड़ितों को उनके घरों से उठाकर या धोखे से फंसाकर इस काम में धकेल देते हैं. कलेक्टर ने इसे गंभीर अपराध बताते हुए कहा कि ऐसे गिरोहों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी.
इंदौरवासियों से की गई अपील
प्रशासन ने शहरवासियों से अपील की है कि वे किसी भी परिस्थिति में भीख न दें. ऐसा करने से न केवल अवैध गिरोहों को बढ़ावा मिलता है, बल्कि समाज में गलत संदेश भी जाता है. प्रशासन ने कहा कि जरूरतमंदों की मदद के लिए कई सरकारी और गैर-सरकारी योजनाएं उपलब्ध हैं, जिनके जरिए सही तरीके से सहायता पहुंचाई जा सकती है.
जरूरतमंदों के लिए वैकल्पिक उपाय
इंदौर प्रशासन ने यह भी स्पष्ट किया है कि शहर में गरीबों और जरूरतमंदों की मदद के लिए कई पुनर्वास और सहायता योजनाएं चलाई जा रही हैं. इन योजनाओं के तहत बेघर और गरीब लोगों को आश्रय, भोजन और अन्य आवश्यक सुविधाएं मुहैया कराई जाती हैं. प्रशासन ने नागरिकों से आग्रह किया कि वे जरूरतमंदों की मदद के लिए इन योजनाओं का सहारा लें, न कि भीख देकर.
कानूनी प्रावधान और जागरूकता अभियान
भीख मांगने और मंगवाने को रोकने के लिए प्रशासन शहर में जागरूकता अभियान भी चला रहा है. इसके तहत पोस्टर, होर्डिंग और सोशल मीडिया के जरिए लोगों को जानकारी दी जाएगी. कलेक्टर ने कहा कि 1 जनवरी से यह नियम लागू हो जाएगा और इसका उल्लंघन करने वालों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी.
सामाजिक सुधार की ओर एक कदम
इंदौर प्रशासन का यह कदम समाज में व्याप्त एक बड़ी समस्या को खत्म करने की दिशा में है. यह न केवल भीख मंगवाने वाले गिरोहों पर लगाम लगाएगा, बल्कि गरीबों और जरूरतमंदों को सही मदद और सम्मानजनक जीवन जीने का अवसर भी प्रदान करेगा.
(एजेंसी इनपुट के साथ)
भीख मंगवाने का अवैध नेटवर्क
इन गिरोहों का नेटवर्क बेहद संगठित है, जो बच्चों, महिलाओं और बुजुर्गों को जबरन भीख मंगवाने के लिए इस्तेमाल करता है. कई मामलों में ये लोग पीड़ितों को उनके घरों से उठाकर या धोखे से फंसाकर इस काम में धकेल देते हैं. कलेक्टर ने इसे गंभीर अपराध बताते हुए कहा कि ऐसे गिरोहों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी.
इंदौरवासियों से की गई अपील
प्रशासन ने शहरवासियों से अपील की है कि वे किसी भी परिस्थिति में भीख न दें. ऐसा करने से न केवल अवैध गिरोहों को बढ़ावा मिलता है, बल्कि समाज में गलत संदेश भी जाता है. प्रशासन ने कहा कि जरूरतमंदों की मदद के लिए कई सरकारी और गैर-सरकारी योजनाएं उपलब्ध हैं, जिनके जरिए सही तरीके से सहायता पहुंचाई जा सकती है.
जरूरतमंदों के लिए वैकल्पिक उपाय
इंदौर प्रशासन ने यह भी स्पष्ट किया है कि शहर में गरीबों और जरूरतमंदों की मदद के लिए कई पुनर्वास और सहायता योजनाएं चलाई जा रही हैं. इन योजनाओं के तहत बेघर और गरीब लोगों को आश्रय, भोजन और अन्य आवश्यक सुविधाएं मुहैया कराई जाती हैं. प्रशासन ने नागरिकों से आग्रह किया कि वे जरूरतमंदों की मदद के लिए इन योजनाओं का सहारा लें, न कि भीख देकर.
कानूनी प्रावधान और जागरूकता अभियान
भीख मांगने और मंगवाने को रोकने के लिए प्रशासन शहर में जागरूकता अभियान भी चला रहा है. इसके तहत पोस्टर, होर्डिंग और सोशल मीडिया के जरिए लोगों को जानकारी दी जाएगी. कलेक्टर ने कहा कि 1 जनवरी से यह नियम लागू हो जाएगा और इसका उल्लंघन करने वालों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी.
सामाजिक सुधार की ओर एक कदम
इंदौर प्रशासन का यह कदम समाज में व्याप्त एक बड़ी समस्या को खत्म करने की दिशा में है. यह न केवल भीख मंगवाने वाले गिरोहों पर लगाम लगाएगा, बल्कि गरीबों और जरूरतमंदों को सही मदद और सम्मानजनक जीवन जीने का अवसर भी प्रदान करेगा.
(एजेंसी इनपुट के साथ)
इन गिरोहों का नेटवर्क बेहद संगठित है, जो बच्चों, महिलाओं और बुजुर्गों को जबरन भीख मंगवाने के लिए इस्तेमाल करता है. कई मामलों में ये लोग पीड़ितों को उनके घरों से उठाकर या धोखे से फंसाकर इस काम में धकेल देते हैं. कलेक्टर ने इसे गंभीर अपराध बताते हुए कहा कि ऐसे गिरोहों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी.
इंदौरवासियों से की गई अपील
प्रशासन ने शहरवासियों से अपील की है कि वे किसी भी परिस्थिति में भीख न दें. ऐसा करने से न केवल अवैध गिरोहों को बढ़ावा मिलता है, बल्कि समाज में गलत संदेश भी जाता है. प्रशासन ने कहा कि जरूरतमंदों की मदद के लिए कई सरकारी और गैर-सरकारी योजनाएं उपलब्ध हैं, जिनके जरिए सही तरीके से सहायता पहुंचाई जा सकती है.
जरूरतमंदों के लिए वैकल्पिक उपाय
इंदौर प्रशासन ने यह भी स्पष्ट किया है कि शहर में गरीबों और जरूरतमंदों की मदद के लिए कई पुनर्वास और सहायता योजनाएं चलाई जा रही हैं. इन योजनाओं के तहत बेघर और गरीब लोगों को आश्रय, भोजन और अन्य आवश्यक सुविधाएं मुहैया कराई जाती हैं. प्रशासन ने नागरिकों से आग्रह किया कि वे जरूरतमंदों की मदद के लिए इन योजनाओं का सहारा लें, न कि भीख देकर.
कानूनी प्रावधान और जागरूकता अभियान
भीख मांगने और मंगवाने को रोकने के लिए प्रशासन शहर में जागरूकता अभियान भी चला रहा है. इसके तहत पोस्टर, होर्डिंग और सोशल मीडिया के जरिए लोगों को जानकारी दी जाएगी. कलेक्टर ने कहा कि 1 जनवरी से यह नियम लागू हो जाएगा और इसका उल्लंघन करने वालों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी.
सामाजिक सुधार की ओर एक कदम
इंदौर प्रशासन का यह कदम समाज में व्याप्त एक बड़ी समस्या को खत्म करने की दिशा में है. यह न केवल भीख मंगवाने वाले गिरोहों पर लगाम लगाएगा, बल्कि गरीबों और जरूरतमंदों को सही मदद और सम्मानजनक जीवन जीने का अवसर भी प्रदान करेगा.
(एजेंसी इनपुट के साथ)
इंदौरवासियों से की गई अपील
प्रशासन ने शहरवासियों से अपील की है कि वे किसी भी परिस्थिति में भीख न दें. ऐसा करने से न केवल अवैध गिरोहों को बढ़ावा मिलता है, बल्कि समाज में गलत संदेश भी जाता है. प्रशासन ने कहा कि जरूरतमंदों की मदद के लिए कई सरकारी और गैर-सरकारी योजनाएं उपलब्ध हैं, जिनके जरिए सही तरीके से सहायता पहुंचाई जा सकती है.
जरूरतमंदों के लिए वैकल्पिक उपाय
इंदौर प्रशासन ने यह भी स्पष्ट किया है कि शहर में गरीबों और जरूरतमंदों की मदद के लिए कई पुनर्वास और सहायता योजनाएं चलाई जा रही हैं. इन योजनाओं के तहत बेघर और गरीब लोगों को आश्रय, भोजन और अन्य आवश्यक सुविधाएं मुहैया कराई जाती हैं. प्रशासन ने नागरिकों से आग्रह किया कि वे जरूरतमंदों की मदद के लिए इन योजनाओं का सहारा लें, न कि भीख देकर.
कानूनी प्रावधान और जागरूकता अभियान
भीख मांगने और मंगवाने को रोकने के लिए प्रशासन शहर में जागरूकता अभियान भी चला रहा है. इसके तहत पोस्टर, होर्डिंग और सोशल मीडिया के जरिए लोगों को जानकारी दी जाएगी. कलेक्टर ने कहा कि 1 जनवरी से यह नियम लागू हो जाएगा और इसका उल्लंघन करने वालों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी.
सामाजिक सुधार की ओर एक कदम
इंदौर प्रशासन का यह कदम समाज में व्याप्त एक बड़ी समस्या को खत्म करने की दिशा में है. यह न केवल भीख मंगवाने वाले गिरोहों पर लगाम लगाएगा, बल्कि गरीबों और जरूरतमंदों को सही मदद और सम्मानजनक जीवन जीने का अवसर भी प्रदान करेगा.
(एजेंसी इनपुट के साथ)
प्रशासन ने शहरवासियों से अपील की है कि वे किसी भी परिस्थिति में भीख न दें. ऐसा करने से न केवल अवैध गिरोहों को बढ़ावा मिलता है, बल्कि समाज में गलत संदेश भी जाता है. प्रशासन ने कहा कि जरूरतमंदों की मदद के लिए कई सरकारी और गैर-सरकारी योजनाएं उपलब्ध हैं, जिनके जरिए सही तरीके से सहायता पहुंचाई जा सकती है.
जरूरतमंदों के लिए वैकल्पिक उपाय
इंदौर प्रशासन ने यह भी स्पष्ट किया है कि शहर में गरीबों और जरूरतमंदों की मदद के लिए कई पुनर्वास और सहायता योजनाएं चलाई जा रही हैं. इन योजनाओं के तहत बेघर और गरीब लोगों को आश्रय, भोजन और अन्य आवश्यक सुविधाएं मुहैया कराई जाती हैं. प्रशासन ने नागरिकों से आग्रह किया कि वे जरूरतमंदों की मदद के लिए इन योजनाओं का सहारा लें, न कि भीख देकर.
कानूनी प्रावधान और जागरूकता अभियान
भीख मांगने और मंगवाने को रोकने के लिए प्रशासन शहर में जागरूकता अभियान भी चला रहा है. इसके तहत पोस्टर, होर्डिंग और सोशल मीडिया के जरिए लोगों को जानकारी दी जाएगी. कलेक्टर ने कहा कि 1 जनवरी से यह नियम लागू हो जाएगा और इसका उल्लंघन करने वालों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी.
सामाजिक सुधार की ओर एक कदम
इंदौर प्रशासन का यह कदम समाज में व्याप्त एक बड़ी समस्या को खत्म करने की दिशा में है. यह न केवल भीख मंगवाने वाले गिरोहों पर लगाम लगाएगा, बल्कि गरीबों और जरूरतमंदों को सही मदद और सम्मानजनक जीवन जीने का अवसर भी प्रदान करेगा.
(एजेंसी इनपुट के साथ)
जरूरतमंदों के लिए वैकल्पिक उपाय
इंदौर प्रशासन ने यह भी स्पष्ट किया है कि शहर में गरीबों और जरूरतमंदों की मदद के लिए कई पुनर्वास और सहायता योजनाएं चलाई जा रही हैं. इन योजनाओं के तहत बेघर और गरीब लोगों को आश्रय, भोजन और अन्य आवश्यक सुविधाएं मुहैया कराई जाती हैं. प्रशासन ने नागरिकों से आग्रह किया कि वे जरूरतमंदों की मदद के लिए इन योजनाओं का सहारा लें, न कि भीख देकर.
कानूनी प्रावधान और जागरूकता अभियान
भीख मांगने और मंगवाने को रोकने के लिए प्रशासन शहर में जागरूकता अभियान भी चला रहा है. इसके तहत पोस्टर, होर्डिंग और सोशल मीडिया के जरिए लोगों को जानकारी दी जाएगी. कलेक्टर ने कहा कि 1 जनवरी से यह नियम लागू हो जाएगा और इसका उल्लंघन करने वालों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी.
सामाजिक सुधार की ओर एक कदम
इंदौर प्रशासन का यह कदम समाज में व्याप्त एक बड़ी समस्या को खत्म करने की दिशा में है. यह न केवल भीख मंगवाने वाले गिरोहों पर लगाम लगाएगा, बल्कि गरीबों और जरूरतमंदों को सही मदद और सम्मानजनक जीवन जीने का अवसर भी प्रदान करेगा.
(एजेंसी इनपुट के साथ)
इंदौर प्रशासन ने यह भी स्पष्ट किया है कि शहर में गरीबों और जरूरतमंदों की मदद के लिए कई पुनर्वास और सहायता योजनाएं चलाई जा रही हैं. इन योजनाओं के तहत बेघर और गरीब लोगों को आश्रय, भोजन और अन्य आवश्यक सुविधाएं मुहैया कराई जाती हैं. प्रशासन ने नागरिकों से आग्रह किया कि वे जरूरतमंदों की मदद के लिए इन योजनाओं का सहारा लें, न कि भीख देकर.
कानूनी प्रावधान और जागरूकता अभियान
भीख मांगने और मंगवाने को रोकने के लिए प्रशासन शहर में जागरूकता अभियान भी चला रहा है. इसके तहत पोस्टर, होर्डिंग और सोशल मीडिया के जरिए लोगों को जानकारी दी जाएगी. कलेक्टर ने कहा कि 1 जनवरी से यह नियम लागू हो जाएगा और इसका उल्लंघन करने वालों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी.
सामाजिक सुधार की ओर एक कदम
इंदौर प्रशासन का यह कदम समाज में व्याप्त एक बड़ी समस्या को खत्म करने की दिशा में है. यह न केवल भीख मंगवाने वाले गिरोहों पर लगाम लगाएगा, बल्कि गरीबों और जरूरतमंदों को सही मदद और सम्मानजनक जीवन जीने का अवसर भी प्रदान करेगा.
(एजेंसी इनपुट के साथ)
कानूनी प्रावधान और जागरूकता अभियान
भीख मांगने और मंगवाने को रोकने के लिए प्रशासन शहर में जागरूकता अभियान भी चला रहा है. इसके तहत पोस्टर, होर्डिंग और सोशल मीडिया के जरिए लोगों को जानकारी दी जाएगी. कलेक्टर ने कहा कि 1 जनवरी से यह नियम लागू हो जाएगा और इसका उल्लंघन करने वालों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी.
सामाजिक सुधार की ओर एक कदम
इंदौर प्रशासन का यह कदम समाज में व्याप्त एक बड़ी समस्या को खत्म करने की दिशा में है. यह न केवल भीख मंगवाने वाले गिरोहों पर लगाम लगाएगा, बल्कि गरीबों और जरूरतमंदों को सही मदद और सम्मानजनक जीवन जीने का अवसर भी प्रदान करेगा.
(एजेंसी इनपुट के साथ)
भीख मांगने और मंगवाने को रोकने के लिए प्रशासन शहर में जागरूकता अभियान भी चला रहा है. इसके तहत पोस्टर, होर्डिंग और सोशल मीडिया के जरिए लोगों को जानकारी दी जाएगी. कलेक्टर ने कहा कि 1 जनवरी से यह नियम लागू हो जाएगा और इसका उल्लंघन करने वालों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी.
सामाजिक सुधार की ओर एक कदम
इंदौर प्रशासन का यह कदम समाज में व्याप्त एक बड़ी समस्या को खत्म करने की दिशा में है. यह न केवल भीख मंगवाने वाले गिरोहों पर लगाम लगाएगा, बल्कि गरीबों और जरूरतमंदों को सही मदद और सम्मानजनक जीवन जीने का अवसर भी प्रदान करेगा.
(एजेंसी इनपुट के साथ)
सामाजिक सुधार की ओर एक कदम
इंदौर प्रशासन का यह कदम समाज में व्याप्त एक बड़ी समस्या को खत्म करने की दिशा में है. यह न केवल भीख मंगवाने वाले गिरोहों पर लगाम लगाएगा, बल्कि गरीबों और जरूरतमंदों को सही मदद और सम्मानजनक जीवन जीने का अवसर भी प्रदान करेगा.
(एजेंसी इनपुट के साथ)
इंदौर प्रशासन का यह कदम समाज में व्याप्त एक बड़ी समस्या को खत्म करने की दिशा में है. यह न केवल भीख मंगवाने वाले गिरोहों पर लगाम लगाएगा, बल्कि गरीबों और जरूरतमंदों को सही मदद और सम्मानजनक जीवन जीने का अवसर भी प्रदान करेगा.
(एजेंसी इनपुट के साथ)
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