RSS की बेंगलुरू में तीन दिवसीय प्रतिनिधि सभा की बैठक के खत्म होने के बाद माना जा रहा है कि जल्द ही बीजेपी को नया राष्ट्रीय अध्यक्ष मिल सकता है. बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने प्रतिनिधि सभा की बैठक में संघ के वरिष्ठ पदाधिकारियों के साथ चर्चा की. उसके अगले ही दिन नड्डा ने पीएम नरेंद्र मोदी से मुलाकात की है. माना जा रहा है कि इस मुलाकात में बीजेपी संगठन में चल रहे चुनावों पर चर्चा हुई. इसकी मुलाकात की टाइमिंग के आधार पर ही कयास लगाए जा रहे हैं कि अप्रैल के दूसरे हफ्ते तक बीजेपी को नया राष्ट्रीय अध्यक्ष मिल सकता है.
बीजेपी का संविधान
जेपी नड्डा का अध्यक्ष के रूप में कार्यकाल लोकसभा चुनाव से पहले ही खत्म हो गया था लेकिन आम चुनावों को देखते हुए उनके कार्यकाल को विस्तार दे दिया गया. 2024 में लोकसभा चुनावों के बाद वह केंद्रीय मंत्री बने. पार्टी में वैसे भी एक व्यक्ति एक पद का प्रावधान है. लिहाजा तय माना जा रहा था कि किसी दूसरे नेता को पार्टी की कमान दी जाएगी. पिछले साल आम चुनावों के बाद हरियाणा, महाराष्ट्र और उसके बाद इस साल की शुरुआत में दिल्ली में चुनाव हुए. इन कारणों से भी नड्डा के कार्यकाल को विस्तार दिया जाता रहा. एक अन्य अड़चन के कारण भी उनके कार्यकाल के विस्तार को मिलता रहा.
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दरअसल बीजेपी का संविधान ये कहता है कि कम से कम आधे राज्यों के सांगठनिक चुनाव होने के बाद ही राष्ट्रीय अध्यक्ष का चुनाव हो सकता है. पार्टी के संगठन में चुनाव प्रक्रिया काफी दिनों से चल रही है. पहले सदस्यता अभियान और बूथ कमेटियों के स्तर पर चुनाव हुए. उसके बाद प्रदेश अध्यक्षों के चुनाव संपन्न हो रहे हैं. अब तक 14 राज्यों में ये प्रक्रिया पूरी हो गई है. जबकि राष्ट्रीय अध्यक्ष के लिए कम से कम 18 राज्यों में चुनाव होना जरूरी है. बंगाल, झारखंड, ओडिशा समेत कई राज्यों में चुनावी प्रक्रिया पूरी हो गई है और बस प्रदेश अध्यक्ष का ऐलान होना बाकी रह गया है. इसके साथ ही पीएम मोदी को 30 मार्च को नागपुर जाना है जहां संघ के मुख्यालय में उनकी आरएसएस के वरिष्ठ पदाधिकारियों के साथ मुलाकात होगी. कयास लगाए जा रहे हैं कि उसके बाद अप्रैल के पहले या दूसरे हफ्ते में नए राष्ट्रीय अध्यक्ष के नाम का ऐलान हो सकता है.
बीजेपी का संविधान
जेपी नड्डा का अध्यक्ष के रूप में कार्यकाल लोकसभा चुनाव से पहले ही खत्म हो गया था लेकिन आम चुनावों को देखते हुए उनके कार्यकाल को विस्तार दे दिया गया. 2024 में लोकसभा चुनावों के बाद वह केंद्रीय मंत्री बने. पार्टी में वैसे भी एक व्यक्ति एक पद का प्रावधान है. लिहाजा तय माना जा रहा था कि किसी दूसरे नेता को पार्टी की कमान दी जाएगी. पिछले साल आम चुनावों के बाद हरियाणा, महाराष्ट्र और उसके बाद इस साल की शुरुआत में दिल्ली में चुनाव हुए. इन कारणों से भी नड्डा के कार्यकाल को विस्तार दिया जाता रहा. एक अन्य अड़चन के कारण भी उनके कार्यकाल के विस्तार को मिलता रहा.
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दरअसल बीजेपी का संविधान ये कहता है कि कम से कम आधे राज्यों के सांगठनिक चुनाव होने के बाद ही राष्ट्रीय अध्यक्ष का चुनाव हो सकता है. पार्टी के संगठन में चुनाव प्रक्रिया काफी दिनों से चल रही है. पहले सदस्यता अभियान और बूथ कमेटियों के स्तर पर चुनाव हुए. उसके बाद प्रदेश अध्यक्षों के चुनाव संपन्न हो रहे हैं. अब तक 14 राज्यों में ये प्रक्रिया पूरी हो गई है. जबकि राष्ट्रीय अध्यक्ष के लिए कम से कम 18 राज्यों में चुनाव होना जरूरी है. बंगाल, झारखंड, ओडिशा समेत कई राज्यों में चुनावी प्रक्रिया पूरी हो गई है और बस प्रदेश अध्यक्ष का ऐलान होना बाकी रह गया है. इसके साथ ही पीएम मोदी को 30 मार्च को नागपुर जाना है जहां संघ के मुख्यालय में उनकी आरएसएस के वरिष्ठ पदाधिकारियों के साथ मुलाकात होगी. कयास लगाए जा रहे हैं कि उसके बाद अप्रैल के पहले या दूसरे हफ्ते में नए राष्ट्रीय अध्यक्ष के नाम का ऐलान हो सकता है.
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दरअसल बीजेपी का संविधान ये कहता है कि कम से कम आधे राज्यों के सांगठनिक चुनाव होने के बाद ही राष्ट्रीय अध्यक्ष का चुनाव हो सकता है. पार्टी के संगठन में चुनाव प्रक्रिया काफी दिनों से चल रही है. पहले सदस्यता अभियान और बूथ कमेटियों के स्तर पर चुनाव हुए. उसके बाद प्रदेश अध्यक्षों के चुनाव संपन्न हो रहे हैं. अब तक 14 राज्यों में ये प्रक्रिया पूरी हो गई है. जबकि राष्ट्रीय अध्यक्ष के लिए कम से कम 18 राज्यों में चुनाव होना जरूरी है. बंगाल, झारखंड, ओडिशा समेत कई राज्यों में चुनावी प्रक्रिया पूरी हो गई है और बस प्रदेश अध्यक्ष का ऐलान होना बाकी रह गया है. इसके साथ ही पीएम मोदी को 30 मार्च को नागपुर जाना है जहां संघ के मुख्यालय में उनकी आरएसएस के वरिष्ठ पदाधिकारियों के साथ मुलाकात होगी. कयास लगाए जा रहे हैं कि उसके बाद अप्रैल के पहले या दूसरे हफ्ते में नए राष्ट्रीय अध्यक्ष के नाम का ऐलान हो सकता है.
दरअसल बीजेपी का संविधान ये कहता है कि कम से कम आधे राज्यों के सांगठनिक चुनाव होने के बाद ही राष्ट्रीय अध्यक्ष का चुनाव हो सकता है. पार्टी के संगठन में चुनाव प्रक्रिया काफी दिनों से चल रही है. पहले सदस्यता अभियान और बूथ कमेटियों के स्तर पर चुनाव हुए. उसके बाद प्रदेश अध्यक्षों के चुनाव संपन्न हो रहे हैं. अब तक 14 राज्यों में ये प्रक्रिया पूरी हो गई है. जबकि राष्ट्रीय अध्यक्ष के लिए कम से कम 18 राज्यों में चुनाव होना जरूरी है. बंगाल, झारखंड, ओडिशा समेत कई राज्यों में चुनावी प्रक्रिया पूरी हो गई है और बस प्रदेश अध्यक्ष का ऐलान होना बाकी रह गया है. इसके साथ ही पीएम मोदी को 30 मार्च को नागपुर जाना है जहां संघ के मुख्यालय में उनकी आरएसएस के वरिष्ठ पदाधिकारियों के साथ मुलाकात होगी. कयास लगाए जा रहे हैं कि उसके बाद अप्रैल के पहले या दूसरे हफ्ते में नए राष्ट्रीय अध्यक्ष के नाम का ऐलान हो सकता है.
