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China Border: फुफकार भी नहीं सकेगा ड्रैगन! ITBP की 33 चौकियां अब चीन बॉर्डर के एकदम पास छह नई बटालियन तैनात


China Border ITBP Posts: भारत ने चीन के साथ लगती वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर सुरक्षा घेरे को कई स्तर तक मजबूत कर दिया है. भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (ITBP) ने 56 निर्धारित सीमा चौकियों में से 33 चौकियों को बॉर्डर के बेहद करीब शिफ्ट कर दिया है. इसके साथ ही अरुणाचल प्रदेश और सिक्किम में छह नई बटालियन की तैनाती कर दी है. आईटीबीपी महानिदेशक राहुल रसगोत्रा ने ओडिशा के खोर्धा में आईटीबीपी के 63वें स्थापना दिवस पर इसकी जानकारी दी.
एलएसी पर ITBP की बढ़ी ताकत
रसगोत्रा ने बताया कि 3,488 किलोमीटर लंबी एलएसी पर ITBP की चौकियों को और मजबूत करने की योजना के तहत यह कदम उठाया गया है. इन चौकियों को रणनीतिक रूप से चीन की हर हरकत पर नजर रखने के लिए तैनात किया गया है. उन्होंने कहा कि सरकार ने हाल ही में सात नई बटालियन को मंजूरी दी है, जिनमें से छह बटालियन अरुणाचल प्रदेश और एक सिक्किम में तैनात की गई हैं.
प्रौद्योगिकी आधारित निगरानी में सुधार
ITBP की निगरानी क्षमता को और उन्नत करने के लिए आधुनिक तकनीकों का सहारा लिया जा रहा है. रसगोत्रा ने बताया कि निगरानी में आई कुछ कमियों को दूर करने के लिए आधुनिकीकरण योजना बनाई गई है. अब ITBP देशव्यापी फाइबर नेटवर्क का उपयोग कर सुरक्षित संचार सुनिश्चित करेगी और अपने हथियारों को उन्नत करने के लिए गृह मंत्रालय को प्रस्ताव भेजेगी.
माओवादी क्षेत्रों में बढ़ती सक्रियता
ITBP सिर्फ एलएसी पर ही नहीं, बल्कि माओवादी हिंसा प्रभावित इलाकों में भी सक्रियता बढ़ा रही है. छत्तीसगढ़ के दुर्गम अबूझमाड़ इलाके में ITBP जल्द ही कुछ नए ठिकाने स्थापित करेगी. यह कदम गृह मंत्री अमित शाह की उस घोषणा के तहत है, जिसमें उन्होंने कहा था कि भारत 2026 तक वामपंथी उग्रवाद से मुक्त हो जाएगा.
बुनियादी ढांचे में बड़ा निवेश
आईटीबीपी के बुनियादी ढांचे को मजबूत करने के लिए केंद्र सरकार ने 2,500 करोड़ रुपये की राशि आवंटित की है. यह धनराशि सीमा चौकियों, बटालियनों और अन्य सुविधाओं के निर्माण में खर्च की जा रही है. पिछले साल भी इस दिशा में 1,000 करोड़ रुपये खर्च किए गए थे.
1962 के बाद से अब तक की सबसे मजबूत स्थिति
1962 के चीन आक्रमण के बाद गठित ITBP को पहली बार इतनी ताकतवर स्थिति में लाया गया है. यह बल न केवल एलएसी की सुरक्षा करता है, बल्कि देश की आंतरिक सुरक्षा को भी मजबूत बनाता है. ITBP की यह नई रणनीति चीन के किसी भी आक्रामक कदम का मुंहतोड़ जवाब देने के लिए तैयार है.
भारत पूरी तरह तैयार
भारत ने अपनी सीमाओं की सुरक्षा को मजबूत करने के लिए आईटीबीपी को नए संसाधनों और तकनीकों से लैस कर दिया है. एलएसी के पास चौकियों का विस्तार और नई बटालियनों की तैनाती चीन के लिए स्पष्ट संदेश है कि अब भारत किसी भी चुनौती का सामना करने को पूरी तरह तैयार है.
(एजेंसी इनपुट के साथ)
एलएसी पर ITBP की बढ़ी ताकत
रसगोत्रा ने बताया कि 3,488 किलोमीटर लंबी एलएसी पर ITBP की चौकियों को और मजबूत करने की योजना के तहत यह कदम उठाया गया है. इन चौकियों को रणनीतिक रूप से चीन की हर हरकत पर नजर रखने के लिए तैनात किया गया है. उन्होंने कहा कि सरकार ने हाल ही में सात नई बटालियन को मंजूरी दी है, जिनमें से छह बटालियन अरुणाचल प्रदेश और एक सिक्किम में तैनात की गई हैं.
प्रौद्योगिकी आधारित निगरानी में सुधार
ITBP की निगरानी क्षमता को और उन्नत करने के लिए आधुनिक तकनीकों का सहारा लिया जा रहा है. रसगोत्रा ने बताया कि निगरानी में आई कुछ कमियों को दूर करने के लिए आधुनिकीकरण योजना बनाई गई है. अब ITBP देशव्यापी फाइबर नेटवर्क का उपयोग कर सुरक्षित संचार सुनिश्चित करेगी और अपने हथियारों को उन्नत करने के लिए गृह मंत्रालय को प्रस्ताव भेजेगी.
माओवादी क्षेत्रों में बढ़ती सक्रियता
ITBP सिर्फ एलएसी पर ही नहीं, बल्कि माओवादी हिंसा प्रभावित इलाकों में भी सक्रियता बढ़ा रही है. छत्तीसगढ़ के दुर्गम अबूझमाड़ इलाके में ITBP जल्द ही कुछ नए ठिकाने स्थापित करेगी. यह कदम गृह मंत्री अमित शाह की उस घोषणा के तहत है, जिसमें उन्होंने कहा था कि भारत 2026 तक वामपंथी उग्रवाद से मुक्त हो जाएगा.
बुनियादी ढांचे में बड़ा निवेश
आईटीबीपी के बुनियादी ढांचे को मजबूत करने के लिए केंद्र सरकार ने 2,500 करोड़ रुपये की राशि आवंटित की है. यह धनराशि सीमा चौकियों, बटालियनों और अन्य सुविधाओं के निर्माण में खर्च की जा रही है. पिछले साल भी इस दिशा में 1,000 करोड़ रुपये खर्च किए गए थे.
1962 के बाद से अब तक की सबसे मजबूत स्थिति
1962 के चीन आक्रमण के बाद गठित ITBP को पहली बार इतनी ताकतवर स्थिति में लाया गया है. यह बल न केवल एलएसी की सुरक्षा करता है, बल्कि देश की आंतरिक सुरक्षा को भी मजबूत बनाता है. ITBP की यह नई रणनीति चीन के किसी भी आक्रामक कदम का मुंहतोड़ जवाब देने के लिए तैयार है.
भारत पूरी तरह तैयार
भारत ने अपनी सीमाओं की सुरक्षा को मजबूत करने के लिए आईटीबीपी को नए संसाधनों और तकनीकों से लैस कर दिया है. एलएसी के पास चौकियों का विस्तार और नई बटालियनों की तैनाती चीन के लिए स्पष्ट संदेश है कि अब भारत किसी भी चुनौती का सामना करने को पूरी तरह तैयार है.
(एजेंसी इनपुट के साथ)
रसगोत्रा ने बताया कि 3,488 किलोमीटर लंबी एलएसी पर ITBP की चौकियों को और मजबूत करने की योजना के तहत यह कदम उठाया गया है. इन चौकियों को रणनीतिक रूप से चीन की हर हरकत पर नजर रखने के लिए तैनात किया गया है. उन्होंने कहा कि सरकार ने हाल ही में सात नई बटालियन को मंजूरी दी है, जिनमें से छह बटालियन अरुणाचल प्रदेश और एक सिक्किम में तैनात की गई हैं.
प्रौद्योगिकी आधारित निगरानी में सुधार
ITBP की निगरानी क्षमता को और उन्नत करने के लिए आधुनिक तकनीकों का सहारा लिया जा रहा है. रसगोत्रा ने बताया कि निगरानी में आई कुछ कमियों को दूर करने के लिए आधुनिकीकरण योजना बनाई गई है. अब ITBP देशव्यापी फाइबर नेटवर्क का उपयोग कर सुरक्षित संचार सुनिश्चित करेगी और अपने हथियारों को उन्नत करने के लिए गृह मंत्रालय को प्रस्ताव भेजेगी.
माओवादी क्षेत्रों में बढ़ती सक्रियता
ITBP सिर्फ एलएसी पर ही नहीं, बल्कि माओवादी हिंसा प्रभावित इलाकों में भी सक्रियता बढ़ा रही है. छत्तीसगढ़ के दुर्गम अबूझमाड़ इलाके में ITBP जल्द ही कुछ नए ठिकाने स्थापित करेगी. यह कदम गृह मंत्री अमित शाह की उस घोषणा के तहत है, जिसमें उन्होंने कहा था कि भारत 2026 तक वामपंथी उग्रवाद से मुक्त हो जाएगा.
बुनियादी ढांचे में बड़ा निवेश
आईटीबीपी के बुनियादी ढांचे को मजबूत करने के लिए केंद्र सरकार ने 2,500 करोड़ रुपये की राशि आवंटित की है. यह धनराशि सीमा चौकियों, बटालियनों और अन्य सुविधाओं के निर्माण में खर्च की जा रही है. पिछले साल भी इस दिशा में 1,000 करोड़ रुपये खर्च किए गए थे.
1962 के बाद से अब तक की सबसे मजबूत स्थिति
1962 के चीन आक्रमण के बाद गठित ITBP को पहली बार इतनी ताकतवर स्थिति में लाया गया है. यह बल न केवल एलएसी की सुरक्षा करता है, बल्कि देश की आंतरिक सुरक्षा को भी मजबूत बनाता है. ITBP की यह नई रणनीति चीन के किसी भी आक्रामक कदम का मुंहतोड़ जवाब देने के लिए तैयार है.
भारत पूरी तरह तैयार
भारत ने अपनी सीमाओं की सुरक्षा को मजबूत करने के लिए आईटीबीपी को नए संसाधनों और तकनीकों से लैस कर दिया है. एलएसी के पास चौकियों का विस्तार और नई बटालियनों की तैनाती चीन के लिए स्पष्ट संदेश है कि अब भारत किसी भी चुनौती का सामना करने को पूरी तरह तैयार है.
(एजेंसी इनपुट के साथ)
प्रौद्योगिकी आधारित निगरानी में सुधार
ITBP की निगरानी क्षमता को और उन्नत करने के लिए आधुनिक तकनीकों का सहारा लिया जा रहा है. रसगोत्रा ने बताया कि निगरानी में आई कुछ कमियों को दूर करने के लिए आधुनिकीकरण योजना बनाई गई है. अब ITBP देशव्यापी फाइबर नेटवर्क का उपयोग कर सुरक्षित संचार सुनिश्चित करेगी और अपने हथियारों को उन्नत करने के लिए गृह मंत्रालय को प्रस्ताव भेजेगी.
माओवादी क्षेत्रों में बढ़ती सक्रियता
ITBP सिर्फ एलएसी पर ही नहीं, बल्कि माओवादी हिंसा प्रभावित इलाकों में भी सक्रियता बढ़ा रही है. छत्तीसगढ़ के दुर्गम अबूझमाड़ इलाके में ITBP जल्द ही कुछ नए ठिकाने स्थापित करेगी. यह कदम गृह मंत्री अमित शाह की उस घोषणा के तहत है, जिसमें उन्होंने कहा था कि भारत 2026 तक वामपंथी उग्रवाद से मुक्त हो जाएगा.
बुनियादी ढांचे में बड़ा निवेश
आईटीबीपी के बुनियादी ढांचे को मजबूत करने के लिए केंद्र सरकार ने 2,500 करोड़ रुपये की राशि आवंटित की है. यह धनराशि सीमा चौकियों, बटालियनों और अन्य सुविधाओं के निर्माण में खर्च की जा रही है. पिछले साल भी इस दिशा में 1,000 करोड़ रुपये खर्च किए गए थे.
1962 के बाद से अब तक की सबसे मजबूत स्थिति
1962 के चीन आक्रमण के बाद गठित ITBP को पहली बार इतनी ताकतवर स्थिति में लाया गया है. यह बल न केवल एलएसी की सुरक्षा करता है, बल्कि देश की आंतरिक सुरक्षा को भी मजबूत बनाता है. ITBP की यह नई रणनीति चीन के किसी भी आक्रामक कदम का मुंहतोड़ जवाब देने के लिए तैयार है.
भारत पूरी तरह तैयार
भारत ने अपनी सीमाओं की सुरक्षा को मजबूत करने के लिए आईटीबीपी को नए संसाधनों और तकनीकों से लैस कर दिया है. एलएसी के पास चौकियों का विस्तार और नई बटालियनों की तैनाती चीन के लिए स्पष्ट संदेश है कि अब भारत किसी भी चुनौती का सामना करने को पूरी तरह तैयार है.
(एजेंसी इनपुट के साथ)
ITBP की निगरानी क्षमता को और उन्नत करने के लिए आधुनिक तकनीकों का सहारा लिया जा रहा है. रसगोत्रा ने बताया कि निगरानी में आई कुछ कमियों को दूर करने के लिए आधुनिकीकरण योजना बनाई गई है. अब ITBP देशव्यापी फाइबर नेटवर्क का उपयोग कर सुरक्षित संचार सुनिश्चित करेगी और अपने हथियारों को उन्नत करने के लिए गृह मंत्रालय को प्रस्ताव भेजेगी.
माओवादी क्षेत्रों में बढ़ती सक्रियता
ITBP सिर्फ एलएसी पर ही नहीं, बल्कि माओवादी हिंसा प्रभावित इलाकों में भी सक्रियता बढ़ा रही है. छत्तीसगढ़ के दुर्गम अबूझमाड़ इलाके में ITBP जल्द ही कुछ नए ठिकाने स्थापित करेगी. यह कदम गृह मंत्री अमित शाह की उस घोषणा के तहत है, जिसमें उन्होंने कहा था कि भारत 2026 तक वामपंथी उग्रवाद से मुक्त हो जाएगा.
बुनियादी ढांचे में बड़ा निवेश
आईटीबीपी के बुनियादी ढांचे को मजबूत करने के लिए केंद्र सरकार ने 2,500 करोड़ रुपये की राशि आवंटित की है. यह धनराशि सीमा चौकियों, बटालियनों और अन्य सुविधाओं के निर्माण में खर्च की जा रही है. पिछले साल भी इस दिशा में 1,000 करोड़ रुपये खर्च किए गए थे.
1962 के बाद से अब तक की सबसे मजबूत स्थिति
1962 के चीन आक्रमण के बाद गठित ITBP को पहली बार इतनी ताकतवर स्थिति में लाया गया है. यह बल न केवल एलएसी की सुरक्षा करता है, बल्कि देश की आंतरिक सुरक्षा को भी मजबूत बनाता है. ITBP की यह नई रणनीति चीन के किसी भी आक्रामक कदम का मुंहतोड़ जवाब देने के लिए तैयार है.
भारत पूरी तरह तैयार
भारत ने अपनी सीमाओं की सुरक्षा को मजबूत करने के लिए आईटीबीपी को नए संसाधनों और तकनीकों से लैस कर दिया है. एलएसी के पास चौकियों का विस्तार और नई बटालियनों की तैनाती चीन के लिए स्पष्ट संदेश है कि अब भारत किसी भी चुनौती का सामना करने को पूरी तरह तैयार है.
(एजेंसी इनपुट के साथ)
माओवादी क्षेत्रों में बढ़ती सक्रियता
ITBP सिर्फ एलएसी पर ही नहीं, बल्कि माओवादी हिंसा प्रभावित इलाकों में भी सक्रियता बढ़ा रही है. छत्तीसगढ़ के दुर्गम अबूझमाड़ इलाके में ITBP जल्द ही कुछ नए ठिकाने स्थापित करेगी. यह कदम गृह मंत्री अमित शाह की उस घोषणा के तहत है, जिसमें उन्होंने कहा था कि भारत 2026 तक वामपंथी उग्रवाद से मुक्त हो जाएगा.
बुनियादी ढांचे में बड़ा निवेश
आईटीबीपी के बुनियादी ढांचे को मजबूत करने के लिए केंद्र सरकार ने 2,500 करोड़ रुपये की राशि आवंटित की है. यह धनराशि सीमा चौकियों, बटालियनों और अन्य सुविधाओं के निर्माण में खर्च की जा रही है. पिछले साल भी इस दिशा में 1,000 करोड़ रुपये खर्च किए गए थे.
1962 के बाद से अब तक की सबसे मजबूत स्थिति
1962 के चीन आक्रमण के बाद गठित ITBP को पहली बार इतनी ताकतवर स्थिति में लाया गया है. यह बल न केवल एलएसी की सुरक्षा करता है, बल्कि देश की आंतरिक सुरक्षा को भी मजबूत बनाता है. ITBP की यह नई रणनीति चीन के किसी भी आक्रामक कदम का मुंहतोड़ जवाब देने के लिए तैयार है.
भारत पूरी तरह तैयार
भारत ने अपनी सीमाओं की सुरक्षा को मजबूत करने के लिए आईटीबीपी को नए संसाधनों और तकनीकों से लैस कर दिया है. एलएसी के पास चौकियों का विस्तार और नई बटालियनों की तैनाती चीन के लिए स्पष्ट संदेश है कि अब भारत किसी भी चुनौती का सामना करने को पूरी तरह तैयार है.
(एजेंसी इनपुट के साथ)
ITBP सिर्फ एलएसी पर ही नहीं, बल्कि माओवादी हिंसा प्रभावित इलाकों में भी सक्रियता बढ़ा रही है. छत्तीसगढ़ के दुर्गम अबूझमाड़ इलाके में ITBP जल्द ही कुछ नए ठिकाने स्थापित करेगी. यह कदम गृह मंत्री अमित शाह की उस घोषणा के तहत है, जिसमें उन्होंने कहा था कि भारत 2026 तक वामपंथी उग्रवाद से मुक्त हो जाएगा.
बुनियादी ढांचे में बड़ा निवेश
आईटीबीपी के बुनियादी ढांचे को मजबूत करने के लिए केंद्र सरकार ने 2,500 करोड़ रुपये की राशि आवंटित की है. यह धनराशि सीमा चौकियों, बटालियनों और अन्य सुविधाओं के निर्माण में खर्च की जा रही है. पिछले साल भी इस दिशा में 1,000 करोड़ रुपये खर्च किए गए थे.
1962 के बाद से अब तक की सबसे मजबूत स्थिति
1962 के चीन आक्रमण के बाद गठित ITBP को पहली बार इतनी ताकतवर स्थिति में लाया गया है. यह बल न केवल एलएसी की सुरक्षा करता है, बल्कि देश की आंतरिक सुरक्षा को भी मजबूत बनाता है. ITBP की यह नई रणनीति चीन के किसी भी आक्रामक कदम का मुंहतोड़ जवाब देने के लिए तैयार है.
भारत पूरी तरह तैयार
भारत ने अपनी सीमाओं की सुरक्षा को मजबूत करने के लिए आईटीबीपी को नए संसाधनों और तकनीकों से लैस कर दिया है. एलएसी के पास चौकियों का विस्तार और नई बटालियनों की तैनाती चीन के लिए स्पष्ट संदेश है कि अब भारत किसी भी चुनौती का सामना करने को पूरी तरह तैयार है.
(एजेंसी इनपुट के साथ)
बुनियादी ढांचे में बड़ा निवेश
आईटीबीपी के बुनियादी ढांचे को मजबूत करने के लिए केंद्र सरकार ने 2,500 करोड़ रुपये की राशि आवंटित की है. यह धनराशि सीमा चौकियों, बटालियनों और अन्य सुविधाओं के निर्माण में खर्च की जा रही है. पिछले साल भी इस दिशा में 1,000 करोड़ रुपये खर्च किए गए थे.
1962 के बाद से अब तक की सबसे मजबूत स्थिति
1962 के चीन आक्रमण के बाद गठित ITBP को पहली बार इतनी ताकतवर स्थिति में लाया गया है. यह बल न केवल एलएसी की सुरक्षा करता है, बल्कि देश की आंतरिक सुरक्षा को भी मजबूत बनाता है. ITBP की यह नई रणनीति चीन के किसी भी आक्रामक कदम का मुंहतोड़ जवाब देने के लिए तैयार है.
भारत पूरी तरह तैयार
भारत ने अपनी सीमाओं की सुरक्षा को मजबूत करने के लिए आईटीबीपी को नए संसाधनों और तकनीकों से लैस कर दिया है. एलएसी के पास चौकियों का विस्तार और नई बटालियनों की तैनाती चीन के लिए स्पष्ट संदेश है कि अब भारत किसी भी चुनौती का सामना करने को पूरी तरह तैयार है.
(एजेंसी इनपुट के साथ)
आईटीबीपी के बुनियादी ढांचे को मजबूत करने के लिए केंद्र सरकार ने 2,500 करोड़ रुपये की राशि आवंटित की है. यह धनराशि सीमा चौकियों, बटालियनों और अन्य सुविधाओं के निर्माण में खर्च की जा रही है. पिछले साल भी इस दिशा में 1,000 करोड़ रुपये खर्च किए गए थे.
1962 के बाद से अब तक की सबसे मजबूत स्थिति
1962 के चीन आक्रमण के बाद गठित ITBP को पहली बार इतनी ताकतवर स्थिति में लाया गया है. यह बल न केवल एलएसी की सुरक्षा करता है, बल्कि देश की आंतरिक सुरक्षा को भी मजबूत बनाता है. ITBP की यह नई रणनीति चीन के किसी भी आक्रामक कदम का मुंहतोड़ जवाब देने के लिए तैयार है.
भारत पूरी तरह तैयार
भारत ने अपनी सीमाओं की सुरक्षा को मजबूत करने के लिए आईटीबीपी को नए संसाधनों और तकनीकों से लैस कर दिया है. एलएसी के पास चौकियों का विस्तार और नई बटालियनों की तैनाती चीन के लिए स्पष्ट संदेश है कि अब भारत किसी भी चुनौती का सामना करने को पूरी तरह तैयार है.
(एजेंसी इनपुट के साथ)
1962 के बाद से अब तक की सबसे मजबूत स्थिति
1962 के चीन आक्रमण के बाद गठित ITBP को पहली बार इतनी ताकतवर स्थिति में लाया गया है. यह बल न केवल एलएसी की सुरक्षा करता है, बल्कि देश की आंतरिक सुरक्षा को भी मजबूत बनाता है. ITBP की यह नई रणनीति चीन के किसी भी आक्रामक कदम का मुंहतोड़ जवाब देने के लिए तैयार है.
भारत पूरी तरह तैयार
भारत ने अपनी सीमाओं की सुरक्षा को मजबूत करने के लिए आईटीबीपी को नए संसाधनों और तकनीकों से लैस कर दिया है. एलएसी के पास चौकियों का विस्तार और नई बटालियनों की तैनाती चीन के लिए स्पष्ट संदेश है कि अब भारत किसी भी चुनौती का सामना करने को पूरी तरह तैयार है.
(एजेंसी इनपुट के साथ)
1962 के चीन आक्रमण के बाद गठित ITBP को पहली बार इतनी ताकतवर स्थिति में लाया गया है. यह बल न केवल एलएसी की सुरक्षा करता है, बल्कि देश की आंतरिक सुरक्षा को भी मजबूत बनाता है. ITBP की यह नई रणनीति चीन के किसी भी आक्रामक कदम का मुंहतोड़ जवाब देने के लिए तैयार है.
भारत पूरी तरह तैयार
भारत ने अपनी सीमाओं की सुरक्षा को मजबूत करने के लिए आईटीबीपी को नए संसाधनों और तकनीकों से लैस कर दिया है. एलएसी के पास चौकियों का विस्तार और नई बटालियनों की तैनाती चीन के लिए स्पष्ट संदेश है कि अब भारत किसी भी चुनौती का सामना करने को पूरी तरह तैयार है.
(एजेंसी इनपुट के साथ)
भारत पूरी तरह तैयार
भारत ने अपनी सीमाओं की सुरक्षा को मजबूत करने के लिए आईटीबीपी को नए संसाधनों और तकनीकों से लैस कर दिया है. एलएसी के पास चौकियों का विस्तार और नई बटालियनों की तैनाती चीन के लिए स्पष्ट संदेश है कि अब भारत किसी भी चुनौती का सामना करने को पूरी तरह तैयार है.
(एजेंसी इनपुट के साथ)
भारत ने अपनी सीमाओं की सुरक्षा को मजबूत करने के लिए आईटीबीपी को नए संसाधनों और तकनीकों से लैस कर दिया है. एलएसी के पास चौकियों का विस्तार और नई बटालियनों की तैनाती चीन के लिए स्पष्ट संदेश है कि अब भारत किसी भी चुनौती का सामना करने को पूरी तरह तैयार है.
(एजेंसी इनपुट के साथ)
(एजेंसी इनपुट के साथ)

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