Operation Illegal Bangladeshi: दिल्ली पुलिस ने अवैध रूप से रह रहे बांग्लादेशियों के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की है. “ऑपरेशन अवैध बांग्लादेशी” के तहत पिछले सात दिनों में 14 लोगों को गिरफ्तार किया गया है. ये गिरफ्तारियां दिल्ली के अलग-अलग इलाकों से हुई हैं. इन लोगों को जल्द ही डिपोर्ट किया जाएगा.
डंकी रूट से होती है भारत में एंट्री
पूछताछ में सामने आया है कि अवैध बांग्लादेशी भारत में प्रवेश के लिए “डंकी रूट” का इस्तेमाल करते हैं. ये लोग बांग्लादेश के दुर्गापुर से मेघालय के बॉर्डर तक पहुंचते हैं. वहां एक एजेंट उनकी मदद करता है. इसके बाद असम के कृषणाई और फिर कोलकाता होते हुए ये दिल्ली आते हैं. दिल्ली पहुंचने के बाद इन्हें काम और नकली दस्तावेज उपलब्ध कराए जाते हैं.
दिल्ली में कैसे बसते हैं ये लोग?
दिल्ली में इन लोगों को बसाने में सपना नाम की महिला की अहम भूमिका है. सपना इन्हें रिसीव करती है और नकली दस्तावेज तैयार करवाती है. इन दस्तावेजों के जरिए इन्हें नौकरी दी जाती है. पुलिस के मुताबिक, दस्तावेज बनाने का काम आशीष मेहरा और मनमोहन नामक व्यक्तियों के जिम्मे था.
नेक्सस का मास्टरमाइंड कौन?
इस पूरे नेटवर्क का मास्टरमाइंड अनीश शेख है. अनीश दो बड़े रैकेट चला रहा था.. एक मानव तस्करी का और दूसरा दिल्ली में अवैध बांग्लादेशियों को बसाने का. अनीश की पत्नी सपना दिल्ली में इनके रहने और काम का इंतजाम करती थी. पुलिस ने अभी तक अमीनुर इस्लाम और आशीष मेहरा को गिरफ्तार किया है, लेकिन बाकी आरोपी फरार हैं.
राजनीतिक मुद्दा बन सकता है मामला
दिल्ली में आगामी चुनावों के मद्देनजर यह मुद्दा राजनीतिक रूप से भी गरमाया हुआ है. पुलिस की इस कार्रवाई को कुछ लोग सुरक्षा के लिहाज से जरूरी मान रहे हैं, जबकि अन्य इसे राजनीतिक एजेंडा बता रहे हैं.
अवैध बांग्लादेशियों पर सख्ती क्यों जरूरी?
दिल्ली से लेकर उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल से महाराष्ट्र तक, अवैध बांग्लादेशियों की मौजूदगी एक बड़ी समस्या बन चुकी है. पुलिस का कहना है कि यह न केवल सुरक्षा के लिए खतरा है, बल्कि मानव तस्करी और फर्जी दस्तावेजों के जरिए अपराध को भी बढ़ावा देता है.
पुलिस की अगली रणनीति
दिल्ली पुलिस अब इस नेटवर्क के अन्य सदस्यों को पकड़ने के लिए काम कर रही है. साथ ही, अन्य राज्यों में भी इस तरह के ऑपरेशन चलाए जा सकते हैं.
डंकी रूट से होती है भारत में एंट्री
पूछताछ में सामने आया है कि अवैध बांग्लादेशी भारत में प्रवेश के लिए “डंकी रूट” का इस्तेमाल करते हैं. ये लोग बांग्लादेश के दुर्गापुर से मेघालय के बॉर्डर तक पहुंचते हैं. वहां एक एजेंट उनकी मदद करता है. इसके बाद असम के कृषणाई और फिर कोलकाता होते हुए ये दिल्ली आते हैं. दिल्ली पहुंचने के बाद इन्हें काम और नकली दस्तावेज उपलब्ध कराए जाते हैं.
दिल्ली में कैसे बसते हैं ये लोग?
दिल्ली में इन लोगों को बसाने में सपना नाम की महिला की अहम भूमिका है. सपना इन्हें रिसीव करती है और नकली दस्तावेज तैयार करवाती है. इन दस्तावेजों के जरिए इन्हें नौकरी दी जाती है. पुलिस के मुताबिक, दस्तावेज बनाने का काम आशीष मेहरा और मनमोहन नामक व्यक्तियों के जिम्मे था.
नेक्सस का मास्टरमाइंड कौन?
इस पूरे नेटवर्क का मास्टरमाइंड अनीश शेख है. अनीश दो बड़े रैकेट चला रहा था.. एक मानव तस्करी का और दूसरा दिल्ली में अवैध बांग्लादेशियों को बसाने का. अनीश की पत्नी सपना दिल्ली में इनके रहने और काम का इंतजाम करती थी. पुलिस ने अभी तक अमीनुर इस्लाम और आशीष मेहरा को गिरफ्तार किया है, लेकिन बाकी आरोपी फरार हैं.
राजनीतिक मुद्दा बन सकता है मामला
दिल्ली में आगामी चुनावों के मद्देनजर यह मुद्दा राजनीतिक रूप से भी गरमाया हुआ है. पुलिस की इस कार्रवाई को कुछ लोग सुरक्षा के लिहाज से जरूरी मान रहे हैं, जबकि अन्य इसे राजनीतिक एजेंडा बता रहे हैं.
अवैध बांग्लादेशियों पर सख्ती क्यों जरूरी?
दिल्ली से लेकर उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल से महाराष्ट्र तक, अवैध बांग्लादेशियों की मौजूदगी एक बड़ी समस्या बन चुकी है. पुलिस का कहना है कि यह न केवल सुरक्षा के लिए खतरा है, बल्कि मानव तस्करी और फर्जी दस्तावेजों के जरिए अपराध को भी बढ़ावा देता है.
पुलिस की अगली रणनीति
दिल्ली पुलिस अब इस नेटवर्क के अन्य सदस्यों को पकड़ने के लिए काम कर रही है. साथ ही, अन्य राज्यों में भी इस तरह के ऑपरेशन चलाए जा सकते हैं.
पूछताछ में सामने आया है कि अवैध बांग्लादेशी भारत में प्रवेश के लिए “डंकी रूट” का इस्तेमाल करते हैं. ये लोग बांग्लादेश के दुर्गापुर से मेघालय के बॉर्डर तक पहुंचते हैं. वहां एक एजेंट उनकी मदद करता है. इसके बाद असम के कृषणाई और फिर कोलकाता होते हुए ये दिल्ली आते हैं. दिल्ली पहुंचने के बाद इन्हें काम और नकली दस्तावेज उपलब्ध कराए जाते हैं.
दिल्ली में कैसे बसते हैं ये लोग?
दिल्ली में इन लोगों को बसाने में सपना नाम की महिला की अहम भूमिका है. सपना इन्हें रिसीव करती है और नकली दस्तावेज तैयार करवाती है. इन दस्तावेजों के जरिए इन्हें नौकरी दी जाती है. पुलिस के मुताबिक, दस्तावेज बनाने का काम आशीष मेहरा और मनमोहन नामक व्यक्तियों के जिम्मे था.
नेक्सस का मास्टरमाइंड कौन?
इस पूरे नेटवर्क का मास्टरमाइंड अनीश शेख है. अनीश दो बड़े रैकेट चला रहा था.. एक मानव तस्करी का और दूसरा दिल्ली में अवैध बांग्लादेशियों को बसाने का. अनीश की पत्नी सपना दिल्ली में इनके रहने और काम का इंतजाम करती थी. पुलिस ने अभी तक अमीनुर इस्लाम और आशीष मेहरा को गिरफ्तार किया है, लेकिन बाकी आरोपी फरार हैं.
राजनीतिक मुद्दा बन सकता है मामला
दिल्ली में आगामी चुनावों के मद्देनजर यह मुद्दा राजनीतिक रूप से भी गरमाया हुआ है. पुलिस की इस कार्रवाई को कुछ लोग सुरक्षा के लिहाज से जरूरी मान रहे हैं, जबकि अन्य इसे राजनीतिक एजेंडा बता रहे हैं.
अवैध बांग्लादेशियों पर सख्ती क्यों जरूरी?
दिल्ली से लेकर उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल से महाराष्ट्र तक, अवैध बांग्लादेशियों की मौजूदगी एक बड़ी समस्या बन चुकी है. पुलिस का कहना है कि यह न केवल सुरक्षा के लिए खतरा है, बल्कि मानव तस्करी और फर्जी दस्तावेजों के जरिए अपराध को भी बढ़ावा देता है.
पुलिस की अगली रणनीति
दिल्ली पुलिस अब इस नेटवर्क के अन्य सदस्यों को पकड़ने के लिए काम कर रही है. साथ ही, अन्य राज्यों में भी इस तरह के ऑपरेशन चलाए जा सकते हैं.
दिल्ली में कैसे बसते हैं ये लोग?
दिल्ली में इन लोगों को बसाने में सपना नाम की महिला की अहम भूमिका है. सपना इन्हें रिसीव करती है और नकली दस्तावेज तैयार करवाती है. इन दस्तावेजों के जरिए इन्हें नौकरी दी जाती है. पुलिस के मुताबिक, दस्तावेज बनाने का काम आशीष मेहरा और मनमोहन नामक व्यक्तियों के जिम्मे था.
नेक्सस का मास्टरमाइंड कौन?
इस पूरे नेटवर्क का मास्टरमाइंड अनीश शेख है. अनीश दो बड़े रैकेट चला रहा था.. एक मानव तस्करी का और दूसरा दिल्ली में अवैध बांग्लादेशियों को बसाने का. अनीश की पत्नी सपना दिल्ली में इनके रहने और काम का इंतजाम करती थी. पुलिस ने अभी तक अमीनुर इस्लाम और आशीष मेहरा को गिरफ्तार किया है, लेकिन बाकी आरोपी फरार हैं.
राजनीतिक मुद्दा बन सकता है मामला
दिल्ली में आगामी चुनावों के मद्देनजर यह मुद्दा राजनीतिक रूप से भी गरमाया हुआ है. पुलिस की इस कार्रवाई को कुछ लोग सुरक्षा के लिहाज से जरूरी मान रहे हैं, जबकि अन्य इसे राजनीतिक एजेंडा बता रहे हैं.
अवैध बांग्लादेशियों पर सख्ती क्यों जरूरी?
दिल्ली से लेकर उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल से महाराष्ट्र तक, अवैध बांग्लादेशियों की मौजूदगी एक बड़ी समस्या बन चुकी है. पुलिस का कहना है कि यह न केवल सुरक्षा के लिए खतरा है, बल्कि मानव तस्करी और फर्जी दस्तावेजों के जरिए अपराध को भी बढ़ावा देता है.
पुलिस की अगली रणनीति
दिल्ली पुलिस अब इस नेटवर्क के अन्य सदस्यों को पकड़ने के लिए काम कर रही है. साथ ही, अन्य राज्यों में भी इस तरह के ऑपरेशन चलाए जा सकते हैं.
दिल्ली में इन लोगों को बसाने में सपना नाम की महिला की अहम भूमिका है. सपना इन्हें रिसीव करती है और नकली दस्तावेज तैयार करवाती है. इन दस्तावेजों के जरिए इन्हें नौकरी दी जाती है. पुलिस के मुताबिक, दस्तावेज बनाने का काम आशीष मेहरा और मनमोहन नामक व्यक्तियों के जिम्मे था.
नेक्सस का मास्टरमाइंड कौन?
इस पूरे नेटवर्क का मास्टरमाइंड अनीश शेख है. अनीश दो बड़े रैकेट चला रहा था.. एक मानव तस्करी का और दूसरा दिल्ली में अवैध बांग्लादेशियों को बसाने का. अनीश की पत्नी सपना दिल्ली में इनके रहने और काम का इंतजाम करती थी. पुलिस ने अभी तक अमीनुर इस्लाम और आशीष मेहरा को गिरफ्तार किया है, लेकिन बाकी आरोपी फरार हैं.
राजनीतिक मुद्दा बन सकता है मामला
दिल्ली में आगामी चुनावों के मद्देनजर यह मुद्दा राजनीतिक रूप से भी गरमाया हुआ है. पुलिस की इस कार्रवाई को कुछ लोग सुरक्षा के लिहाज से जरूरी मान रहे हैं, जबकि अन्य इसे राजनीतिक एजेंडा बता रहे हैं.
अवैध बांग्लादेशियों पर सख्ती क्यों जरूरी?
दिल्ली से लेकर उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल से महाराष्ट्र तक, अवैध बांग्लादेशियों की मौजूदगी एक बड़ी समस्या बन चुकी है. पुलिस का कहना है कि यह न केवल सुरक्षा के लिए खतरा है, बल्कि मानव तस्करी और फर्जी दस्तावेजों के जरिए अपराध को भी बढ़ावा देता है.
पुलिस की अगली रणनीति
दिल्ली पुलिस अब इस नेटवर्क के अन्य सदस्यों को पकड़ने के लिए काम कर रही है. साथ ही, अन्य राज्यों में भी इस तरह के ऑपरेशन चलाए जा सकते हैं.
नेक्सस का मास्टरमाइंड कौन?
इस पूरे नेटवर्क का मास्टरमाइंड अनीश शेख है. अनीश दो बड़े रैकेट चला रहा था.. एक मानव तस्करी का और दूसरा दिल्ली में अवैध बांग्लादेशियों को बसाने का. अनीश की पत्नी सपना दिल्ली में इनके रहने और काम का इंतजाम करती थी. पुलिस ने अभी तक अमीनुर इस्लाम और आशीष मेहरा को गिरफ्तार किया है, लेकिन बाकी आरोपी फरार हैं.
राजनीतिक मुद्दा बन सकता है मामला
दिल्ली में आगामी चुनावों के मद्देनजर यह मुद्दा राजनीतिक रूप से भी गरमाया हुआ है. पुलिस की इस कार्रवाई को कुछ लोग सुरक्षा के लिहाज से जरूरी मान रहे हैं, जबकि अन्य इसे राजनीतिक एजेंडा बता रहे हैं.
अवैध बांग्लादेशियों पर सख्ती क्यों जरूरी?
दिल्ली से लेकर उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल से महाराष्ट्र तक, अवैध बांग्लादेशियों की मौजूदगी एक बड़ी समस्या बन चुकी है. पुलिस का कहना है कि यह न केवल सुरक्षा के लिए खतरा है, बल्कि मानव तस्करी और फर्जी दस्तावेजों के जरिए अपराध को भी बढ़ावा देता है.
पुलिस की अगली रणनीति
दिल्ली पुलिस अब इस नेटवर्क के अन्य सदस्यों को पकड़ने के लिए काम कर रही है. साथ ही, अन्य राज्यों में भी इस तरह के ऑपरेशन चलाए जा सकते हैं.
इस पूरे नेटवर्क का मास्टरमाइंड अनीश शेख है. अनीश दो बड़े रैकेट चला रहा था.. एक मानव तस्करी का और दूसरा दिल्ली में अवैध बांग्लादेशियों को बसाने का. अनीश की पत्नी सपना दिल्ली में इनके रहने और काम का इंतजाम करती थी. पुलिस ने अभी तक अमीनुर इस्लाम और आशीष मेहरा को गिरफ्तार किया है, लेकिन बाकी आरोपी फरार हैं.
राजनीतिक मुद्दा बन सकता है मामला
दिल्ली में आगामी चुनावों के मद्देनजर यह मुद्दा राजनीतिक रूप से भी गरमाया हुआ है. पुलिस की इस कार्रवाई को कुछ लोग सुरक्षा के लिहाज से जरूरी मान रहे हैं, जबकि अन्य इसे राजनीतिक एजेंडा बता रहे हैं.
अवैध बांग्लादेशियों पर सख्ती क्यों जरूरी?
दिल्ली से लेकर उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल से महाराष्ट्र तक, अवैध बांग्लादेशियों की मौजूदगी एक बड़ी समस्या बन चुकी है. पुलिस का कहना है कि यह न केवल सुरक्षा के लिए खतरा है, बल्कि मानव तस्करी और फर्जी दस्तावेजों के जरिए अपराध को भी बढ़ावा देता है.
पुलिस की अगली रणनीति
दिल्ली पुलिस अब इस नेटवर्क के अन्य सदस्यों को पकड़ने के लिए काम कर रही है. साथ ही, अन्य राज्यों में भी इस तरह के ऑपरेशन चलाए जा सकते हैं.
राजनीतिक मुद्दा बन सकता है मामला
दिल्ली में आगामी चुनावों के मद्देनजर यह मुद्दा राजनीतिक रूप से भी गरमाया हुआ है. पुलिस की इस कार्रवाई को कुछ लोग सुरक्षा के लिहाज से जरूरी मान रहे हैं, जबकि अन्य इसे राजनीतिक एजेंडा बता रहे हैं.
अवैध बांग्लादेशियों पर सख्ती क्यों जरूरी?
दिल्ली से लेकर उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल से महाराष्ट्र तक, अवैध बांग्लादेशियों की मौजूदगी एक बड़ी समस्या बन चुकी है. पुलिस का कहना है कि यह न केवल सुरक्षा के लिए खतरा है, बल्कि मानव तस्करी और फर्जी दस्तावेजों के जरिए अपराध को भी बढ़ावा देता है.
पुलिस की अगली रणनीति
दिल्ली पुलिस अब इस नेटवर्क के अन्य सदस्यों को पकड़ने के लिए काम कर रही है. साथ ही, अन्य राज्यों में भी इस तरह के ऑपरेशन चलाए जा सकते हैं.
दिल्ली में आगामी चुनावों के मद्देनजर यह मुद्दा राजनीतिक रूप से भी गरमाया हुआ है. पुलिस की इस कार्रवाई को कुछ लोग सुरक्षा के लिहाज से जरूरी मान रहे हैं, जबकि अन्य इसे राजनीतिक एजेंडा बता रहे हैं.
अवैध बांग्लादेशियों पर सख्ती क्यों जरूरी?
दिल्ली से लेकर उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल से महाराष्ट्र तक, अवैध बांग्लादेशियों की मौजूदगी एक बड़ी समस्या बन चुकी है. पुलिस का कहना है कि यह न केवल सुरक्षा के लिए खतरा है, बल्कि मानव तस्करी और फर्जी दस्तावेजों के जरिए अपराध को भी बढ़ावा देता है.
पुलिस की अगली रणनीति
दिल्ली पुलिस अब इस नेटवर्क के अन्य सदस्यों को पकड़ने के लिए काम कर रही है. साथ ही, अन्य राज्यों में भी इस तरह के ऑपरेशन चलाए जा सकते हैं.
अवैध बांग्लादेशियों पर सख्ती क्यों जरूरी?
दिल्ली से लेकर उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल से महाराष्ट्र तक, अवैध बांग्लादेशियों की मौजूदगी एक बड़ी समस्या बन चुकी है. पुलिस का कहना है कि यह न केवल सुरक्षा के लिए खतरा है, बल्कि मानव तस्करी और फर्जी दस्तावेजों के जरिए अपराध को भी बढ़ावा देता है.
पुलिस की अगली रणनीति
दिल्ली पुलिस अब इस नेटवर्क के अन्य सदस्यों को पकड़ने के लिए काम कर रही है. साथ ही, अन्य राज्यों में भी इस तरह के ऑपरेशन चलाए जा सकते हैं.
दिल्ली से लेकर उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल से महाराष्ट्र तक, अवैध बांग्लादेशियों की मौजूदगी एक बड़ी समस्या बन चुकी है. पुलिस का कहना है कि यह न केवल सुरक्षा के लिए खतरा है, बल्कि मानव तस्करी और फर्जी दस्तावेजों के जरिए अपराध को भी बढ़ावा देता है.
पुलिस की अगली रणनीति
दिल्ली पुलिस अब इस नेटवर्क के अन्य सदस्यों को पकड़ने के लिए काम कर रही है. साथ ही, अन्य राज्यों में भी इस तरह के ऑपरेशन चलाए जा सकते हैं.
पुलिस की अगली रणनीति
दिल्ली पुलिस अब इस नेटवर्क के अन्य सदस्यों को पकड़ने के लिए काम कर रही है. साथ ही, अन्य राज्यों में भी इस तरह के ऑपरेशन चलाए जा सकते हैं.
दिल्ली पुलिस अब इस नेटवर्क के अन्य सदस्यों को पकड़ने के लिए काम कर रही है. साथ ही, अन्य राज्यों में भी इस तरह के ऑपरेशन चलाए जा सकते हैं.
