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DNA का पूरा मतलब जानें: अखिलेश vs योगी जुबानी जंग तेज

योगी का सपा पर ‘डीएनए’ आरोप

उत्तर प्रदेश की राजनीति में एक बार फिर गर्माहट देखने को मिल रही है। समाजवादी पार्टी (सपा) के अध्यक्ष अखिलेश यादव और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के बीच की जुबानी जंग बढ़ती जा रही है। ताजा घटनाक्रम में, योगी आदित्यनाथ ने सपा पर कड़ा प्रहार करते हुए आरोप लगाया कि सपा के ‘डीएनए’ में अराजकता और गुंडागर्दी शामिल है। उन्होंने कहा कि सपा शासन के दौरान राज्य में हर नौकरी की नीलामी होती थी और विकास कार्यों के बजाय लूट-खसोट का माहौल था। मुख्यमंत्री ने मैनपुरी जिले के करहल में एक कार्यक्रम के दौरान ये बयान दिया।

अखिलेश यादव का पलटवार

मुख्यमंत्री के इस बयान के बाद अखिलेश यादव ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर मुख्यमंत्री को करारा जवाब दिया। उन्होंने लिखा, “आरोप लगाने से पहले ‘डीएनए’ का मतलब समझ लेना चाहिए। डीएनए का मतलब है ‘डीऑक्सी राइबोन्यूक्लिक एसिड’। वैसे जानते होते तो भी शायद ये बात नहीं बोलते।” अखिलेश यादव ने इसे लेकर कहा कि जो लोग ज्यादा बोलते हैं, उन्हें ज्यादा सुनना भी पड़ता है। इसके साथ ही उन्होंने अरबों-करोड़ों रुपये में सांसद-विधायक की भर्ती करवाने वाले लोगों को कम बोलने की नसीहत भी दी।

करहल में सियासी जंग तेज

मुख्यमंत्री ने मैनपुरी जिले के करहल में 361 करोड़ रुपये से अधिक की 379 विकास परियोजनाओं का लोकार्पण और शिलान्यास किया। इस दौरान उन्होंने सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव और उनके चाचा शिवपाल सिंह यादव पर भी गंभीर आरोप लगाए। करहल विधानसभा सीट अखिलेश यादव के कन्नौज से सांसद बनने के बाद खाली हुई है और इस सीट पर जल्द ही उपचुनाव होना है।

मैनपुरी विकास में क्यों पिछड़ गया?

मुख्यमंत्री ने अपने संबोधन में सवाल किया कि मैनपुरी, जो कभी वीवीआईपी क्षेत्र माना जाता था, अब विकास में क्यों पिछड़ गया? उन्होंने सपा पर मैनपुरी को पहचान का मोहताज बनाने का आरोप लगाया। योगी ने सपा शासन के दौरान हुई घटनाओं का जिक्र करते हुए कहा कि सपा नेताओं का असली चेहरा कन्नौज में घटित घटनाओं और नवाब ब्रांड सपा के कार्यों में देखा जा सकता है।

नौकरियों की नीलामी और लूट-खसोट का आरोप

मुख्यमंत्री ने अपने भाषण में सपा शासनकाल के दौरान नौकरियों की नीलामी और लूट-खसोट के आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि 2017 से पहले हर नौकरी की बोली लगती थी, और इसकी वसूली में अखिलेश यादव और शिवपाल यादव दोनों की भागीदारी होती थी। आदित्यनाथ का आरोप है कि जब ज्यादा वसूली हो जाती थी तो चाचा को धकेल कर भतीजा अकेले ही भाग जाता था। मुख्यमंत्री ने कहा कि सपा नेताओं ने मैनपुरी और इटावा की कभी चिंता नहीं की, बल्कि अपनी सुरक्षा के लिए विदेशों में द्वीप खरीद लिए होंगे। उन्होंने जनता से भाजपा के राष्ट्रवादी मिशन का हिस्सा बनने का आह्वान किया।

बुलडोजर में दिमाग नहीं, स्टीयरिंग होता है

सीएम योगी ने बुधवार को अखिलेश यादव के उस बयान पर पलटवार किया, जिसमें अखिलेश ने कहा था कि अगर सपा सत्ता में आई तो बुलडोजर का रुख गोरखपुर की ओर मोड़ दिया जाएगा। योगी आदित्यनाथ ने कहा कि बुलडोजर चलाने के लिए “दिल और दिमाग” दोनों की जरूरत होती है। अखिलेश यादव ने इस पर पलटवार करते हुए कहा कि बुलडोजर में दिमाग नहीं, बल्कि स्टीयरिंग होता है। उन्होंने कहा, “उत्तर प्रदेश की जनता कब किसका स्टीयरिंग बदल दे, इसका कोई भरोसा नहीं।”

जनता को किससे उम्मीद?

इस जुबानी जंग के बीच, आने वाले चुनावों के मद्देनजर जनता को किस पार्टी से उम्मीद है, ये देखना महत्वपूर्ण होगा। सपा और भाजपा दोनों ही पार्टियां अपने-अपने विकास कार्यों और उपलब्धियों को गिनाते हुए जनता को लुभाने का प्रयास कर रही हैं। इन आरोप-प्रत्यारोपों के बीच, जनता का मत ही निर्णायक भूमिका निभाएगा।

(एजेंसी इनपुट के साथ)