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F-35 कोई फ्रिज नहीं दरवाजा खोलकर देखा और घर ले आए वायुसेना प्रमुख के बयान के गहरे हैं मायने


IAF Chief Air Marshal Amar Preet Singh on US F35: भारत अपनी रक्षा संबंधी जरूरतों और चुनौतियों को बेहतर समझता है. इसलिए उसे किस हथियार की जरूरत है और किसकी नहीं, ये बात किसी को हमें समझाने की जरूरत नहीं है. एक कार्यक्रम के दौरान एयर चीफ एयर मार्शल अमरप्रीत सिंह ने भारत को अमेरिकी फाइटर जेट F-35 की सेल से जुड़े ट्रंप के बयान की रोशनी में जो सवाल पूछा उसका भारतीय वायुसेना प्रमुख ने बारीक सधा हुआ और दो टूक जवाब दिया, जिसके गहरे मायने हैं. 
एफ-35 कोई फ्रिज नहीं दरवाजा खोल देखा और घर ले आए: वायुसेना प्रमुख
एयर चीफ मार्शल से जब एफ-35 से जुड़ा सवाल किया गया तो उन्होंने कहा, ‘अभी इस पर कमेंट करना सही नहीं है. हमें कोई औपचारिक पेशकश नहीं हुई है. यह एक लंबी प्रक्रिया है. एयरफोर्स ने अभी इसका विश्लेषण नहीं किया है. दरअसल ट्रंप ने पीएम मोदी के दौरे के दौरान भारत को एफ-35 स्टील्थ फाइटर जेट बेचने का खुला ऑफर दिया था. इसे लेकर एयर मार्शल एपी सिंह ने कहा, ‘अमेरिका ने F-35 पर बयान दिया है, कोई औपचारिक प्रस्ताव नहीं दिया है. ऐसे में हम अपनी जरूरत को जानते हैं. पांचवी पीढ़ी का जेट हमारी जरूरत है, लेकिन वो कोई फ्रिज नहीं कि दरवाजा खोलकर देखा और घर ले आए.
भारत एफ-35 खरीदेगा या नहीं, एयरचीफ प्रमुख ने दो टूक बता दिया?
एयर मार्शल एपी सिंह ने कहा, ‘भारतीय एयरफोर्स ने अभी तक F-35 का एनालिसिस नहीं किया है, दूसरा अहम पहलू उसकी लागत है. हमें बड़ा सावधानीपूर्वक समझना होगा कि हमारी जरूरतें क्या हैं? इसके साथ हमें क्या और ऑफर मिलेगा? ये कोई वॉशिंग मशीन या घर का फ्रिज नहीं है कि मॉडल देखा और उठा लाए. हमने अभी कोई विचार नहीं किया है, क्योंकि अब तक कोई प्रस्ताव नहीं आया है.’
‘भारत को तैयार लड़ाकू विमान खरीदने पड़ सकते हैं’
वायुसेना अध्यक्ष ने कहा, ‘चीन की चुनौतियों के बीच हम उसके सिक्स्थ जेन फाइटर जेट के मिशन पर नजर बनाए हुए हैं. अभी हम फिफ्थ जेन के एक स्टेज पर है.
दूसरे युद्धों से क्या सीखा?
रूस-यूक्रेन और मिडिल-ईस्ट में रोज रोज के झगड़े-झंझट, जैसे- इरान बनाम अमेरिका, इजरायल बनाम हमास, इजरायल बनाम हूती जैसे संघर्षों का हवाला देते हुए एयरफोर्स चीफ ने कहा, ‘दुनियाभर में चल रहे संघर्षों से हमने बहुत सीखा है. आज कल बहुत बड़े एडवांस लेवल पर जंग लड़ी जाती है. टेक्नोलॉजी अपना रोल निभा रही है. हम भी लगातार एनालिसिस करते रहते हैं. जरूरतों के हिसाब से हम अपनी क्षमताओं को बढ़ाना है. भारत को नई पीढ़ी की विमान खरीदने हैं, जो हमारे लिए बेहतर होंगे, वो एयरफोर्स के बेड़े में आ जाएंगे.’
एफ-35 कोई फ्रिज नहीं दरवाजा खोल देखा और घर ले आए: वायुसेना प्रमुख
एयर चीफ मार्शल से जब एफ-35 से जुड़ा सवाल किया गया तो उन्होंने कहा, ‘अभी इस पर कमेंट करना सही नहीं है. हमें कोई औपचारिक पेशकश नहीं हुई है. यह एक लंबी प्रक्रिया है. एयरफोर्स ने अभी इसका विश्लेषण नहीं किया है. दरअसल ट्रंप ने पीएम मोदी के दौरे के दौरान भारत को एफ-35 स्टील्थ फाइटर जेट बेचने का खुला ऑफर दिया था. इसे लेकर एयर मार्शल एपी सिंह ने कहा, ‘अमेरिका ने F-35 पर बयान दिया है, कोई औपचारिक प्रस्ताव नहीं दिया है. ऐसे में हम अपनी जरूरत को जानते हैं. पांचवी पीढ़ी का जेट हमारी जरूरत है, लेकिन वो कोई फ्रिज नहीं कि दरवाजा खोलकर देखा और घर ले आए.
भारत एफ-35 खरीदेगा या नहीं, एयरचीफ प्रमुख ने दो टूक बता दिया?
एयर मार्शल एपी सिंह ने कहा, ‘भारतीय एयरफोर्स ने अभी तक F-35 का एनालिसिस नहीं किया है, दूसरा अहम पहलू उसकी लागत है. हमें बड़ा सावधानीपूर्वक समझना होगा कि हमारी जरूरतें क्या हैं? इसके साथ हमें क्या और ऑफर मिलेगा? ये कोई वॉशिंग मशीन या घर का फ्रिज नहीं है कि मॉडल देखा और उठा लाए. हमने अभी कोई विचार नहीं किया है, क्योंकि अब तक कोई प्रस्ताव नहीं आया है.’
‘भारत को तैयार लड़ाकू विमान खरीदने पड़ सकते हैं’
वायुसेना अध्यक्ष ने कहा, ‘चीन की चुनौतियों के बीच हम उसके सिक्स्थ जेन फाइटर जेट के मिशन पर नजर बनाए हुए हैं. अभी हम फिफ्थ जेन के एक स्टेज पर है.
दूसरे युद्धों से क्या सीखा?
रूस-यूक्रेन और मिडिल-ईस्ट में रोज रोज के झगड़े-झंझट, जैसे- इरान बनाम अमेरिका, इजरायल बनाम हमास, इजरायल बनाम हूती जैसे संघर्षों का हवाला देते हुए एयरफोर्स चीफ ने कहा, ‘दुनियाभर में चल रहे संघर्षों से हमने बहुत सीखा है. आज कल बहुत बड़े एडवांस लेवल पर जंग लड़ी जाती है. टेक्नोलॉजी अपना रोल निभा रही है. हम भी लगातार एनालिसिस करते रहते हैं. जरूरतों के हिसाब से हम अपनी क्षमताओं को बढ़ाना है. भारत को नई पीढ़ी की विमान खरीदने हैं, जो हमारे लिए बेहतर होंगे, वो एयरफोर्स के बेड़े में आ जाएंगे.’
एयर चीफ मार्शल से जब एफ-35 से जुड़ा सवाल किया गया तो उन्होंने कहा, ‘अभी इस पर कमेंट करना सही नहीं है. हमें कोई औपचारिक पेशकश नहीं हुई है. यह एक लंबी प्रक्रिया है. एयरफोर्स ने अभी इसका विश्लेषण नहीं किया है. दरअसल ट्रंप ने पीएम मोदी के दौरे के दौरान भारत को एफ-35 स्टील्थ फाइटर जेट बेचने का खुला ऑफर दिया था. इसे लेकर एयर मार्शल एपी सिंह ने कहा, ‘अमेरिका ने F-35 पर बयान दिया है, कोई औपचारिक प्रस्ताव नहीं दिया है. ऐसे में हम अपनी जरूरत को जानते हैं. पांचवी पीढ़ी का जेट हमारी जरूरत है, लेकिन वो कोई फ्रिज नहीं कि दरवाजा खोलकर देखा और घर ले आए.
भारत एफ-35 खरीदेगा या नहीं, एयरचीफ प्रमुख ने दो टूक बता दिया?
एयर मार्शल एपी सिंह ने कहा, ‘भारतीय एयरफोर्स ने अभी तक F-35 का एनालिसिस नहीं किया है, दूसरा अहम पहलू उसकी लागत है. हमें बड़ा सावधानीपूर्वक समझना होगा कि हमारी जरूरतें क्या हैं? इसके साथ हमें क्या और ऑफर मिलेगा? ये कोई वॉशिंग मशीन या घर का फ्रिज नहीं है कि मॉडल देखा और उठा लाए. हमने अभी कोई विचार नहीं किया है, क्योंकि अब तक कोई प्रस्ताव नहीं आया है.’
‘भारत को तैयार लड़ाकू विमान खरीदने पड़ सकते हैं’
वायुसेना अध्यक्ष ने कहा, ‘चीन की चुनौतियों के बीच हम उसके सिक्स्थ जेन फाइटर जेट के मिशन पर नजर बनाए हुए हैं. अभी हम फिफ्थ जेन के एक स्टेज पर है.
दूसरे युद्धों से क्या सीखा?
रूस-यूक्रेन और मिडिल-ईस्ट में रोज रोज के झगड़े-झंझट, जैसे- इरान बनाम अमेरिका, इजरायल बनाम हमास, इजरायल बनाम हूती जैसे संघर्षों का हवाला देते हुए एयरफोर्स चीफ ने कहा, ‘दुनियाभर में चल रहे संघर्षों से हमने बहुत सीखा है. आज कल बहुत बड़े एडवांस लेवल पर जंग लड़ी जाती है. टेक्नोलॉजी अपना रोल निभा रही है. हम भी लगातार एनालिसिस करते रहते हैं. जरूरतों के हिसाब से हम अपनी क्षमताओं को बढ़ाना है. भारत को नई पीढ़ी की विमान खरीदने हैं, जो हमारे लिए बेहतर होंगे, वो एयरफोर्स के बेड़े में आ जाएंगे.’
भारत एफ-35 खरीदेगा या नहीं, एयरचीफ प्रमुख ने दो टूक बता दिया?
एयर मार्शल एपी सिंह ने कहा, ‘भारतीय एयरफोर्स ने अभी तक F-35 का एनालिसिस नहीं किया है, दूसरा अहम पहलू उसकी लागत है. हमें बड़ा सावधानीपूर्वक समझना होगा कि हमारी जरूरतें क्या हैं? इसके साथ हमें क्या और ऑफर मिलेगा? ये कोई वॉशिंग मशीन या घर का फ्रिज नहीं है कि मॉडल देखा और उठा लाए. हमने अभी कोई विचार नहीं किया है, क्योंकि अब तक कोई प्रस्ताव नहीं आया है.’
‘भारत को तैयार लड़ाकू विमान खरीदने पड़ सकते हैं’
वायुसेना अध्यक्ष ने कहा, ‘चीन की चुनौतियों के बीच हम उसके सिक्स्थ जेन फाइटर जेट के मिशन पर नजर बनाए हुए हैं. अभी हम फिफ्थ जेन के एक स्टेज पर है.
दूसरे युद्धों से क्या सीखा?
रूस-यूक्रेन और मिडिल-ईस्ट में रोज रोज के झगड़े-झंझट, जैसे- इरान बनाम अमेरिका, इजरायल बनाम हमास, इजरायल बनाम हूती जैसे संघर्षों का हवाला देते हुए एयरफोर्स चीफ ने कहा, ‘दुनियाभर में चल रहे संघर्षों से हमने बहुत सीखा है. आज कल बहुत बड़े एडवांस लेवल पर जंग लड़ी जाती है. टेक्नोलॉजी अपना रोल निभा रही है. हम भी लगातार एनालिसिस करते रहते हैं. जरूरतों के हिसाब से हम अपनी क्षमताओं को बढ़ाना है. भारत को नई पीढ़ी की विमान खरीदने हैं, जो हमारे लिए बेहतर होंगे, वो एयरफोर्स के बेड़े में आ जाएंगे.’
एयर मार्शल एपी सिंह ने कहा, ‘भारतीय एयरफोर्स ने अभी तक F-35 का एनालिसिस नहीं किया है, दूसरा अहम पहलू उसकी लागत है. हमें बड़ा सावधानीपूर्वक समझना होगा कि हमारी जरूरतें क्या हैं? इसके साथ हमें क्या और ऑफर मिलेगा? ये कोई वॉशिंग मशीन या घर का फ्रिज नहीं है कि मॉडल देखा और उठा लाए. हमने अभी कोई विचार नहीं किया है, क्योंकि अब तक कोई प्रस्ताव नहीं आया है.’
‘भारत को तैयार लड़ाकू विमान खरीदने पड़ सकते हैं’
वायुसेना अध्यक्ष ने कहा, ‘चीन की चुनौतियों के बीच हम उसके सिक्स्थ जेन फाइटर जेट के मिशन पर नजर बनाए हुए हैं. अभी हम फिफ्थ जेन के एक स्टेज पर है.
दूसरे युद्धों से क्या सीखा?
रूस-यूक्रेन और मिडिल-ईस्ट में रोज रोज के झगड़े-झंझट, जैसे- इरान बनाम अमेरिका, इजरायल बनाम हमास, इजरायल बनाम हूती जैसे संघर्षों का हवाला देते हुए एयरफोर्स चीफ ने कहा, ‘दुनियाभर में चल रहे संघर्षों से हमने बहुत सीखा है. आज कल बहुत बड़े एडवांस लेवल पर जंग लड़ी जाती है. टेक्नोलॉजी अपना रोल निभा रही है. हम भी लगातार एनालिसिस करते रहते हैं. जरूरतों के हिसाब से हम अपनी क्षमताओं को बढ़ाना है. भारत को नई पीढ़ी की विमान खरीदने हैं, जो हमारे लिए बेहतर होंगे, वो एयरफोर्स के बेड़े में आ जाएंगे.’
‘भारत को तैयार लड़ाकू विमान खरीदने पड़ सकते हैं’
वायुसेना अध्यक्ष ने कहा, ‘चीन की चुनौतियों के बीच हम उसके सिक्स्थ जेन फाइटर जेट के मिशन पर नजर बनाए हुए हैं. अभी हम फिफ्थ जेन के एक स्टेज पर है.
दूसरे युद्धों से क्या सीखा?
रूस-यूक्रेन और मिडिल-ईस्ट में रोज रोज के झगड़े-झंझट, जैसे- इरान बनाम अमेरिका, इजरायल बनाम हमास, इजरायल बनाम हूती जैसे संघर्षों का हवाला देते हुए एयरफोर्स चीफ ने कहा, ‘दुनियाभर में चल रहे संघर्षों से हमने बहुत सीखा है. आज कल बहुत बड़े एडवांस लेवल पर जंग लड़ी जाती है. टेक्नोलॉजी अपना रोल निभा रही है. हम भी लगातार एनालिसिस करते रहते हैं. जरूरतों के हिसाब से हम अपनी क्षमताओं को बढ़ाना है. भारत को नई पीढ़ी की विमान खरीदने हैं, जो हमारे लिए बेहतर होंगे, वो एयरफोर्स के बेड़े में आ जाएंगे.’
वायुसेना अध्यक्ष ने कहा, ‘चीन की चुनौतियों के बीच हम उसके सिक्स्थ जेन फाइटर जेट के मिशन पर नजर बनाए हुए हैं. अभी हम फिफ्थ जेन के एक स्टेज पर है.
दूसरे युद्धों से क्या सीखा?
रूस-यूक्रेन और मिडिल-ईस्ट में रोज रोज के झगड़े-झंझट, जैसे- इरान बनाम अमेरिका, इजरायल बनाम हमास, इजरायल बनाम हूती जैसे संघर्षों का हवाला देते हुए एयरफोर्स चीफ ने कहा, ‘दुनियाभर में चल रहे संघर्षों से हमने बहुत सीखा है. आज कल बहुत बड़े एडवांस लेवल पर जंग लड़ी जाती है. टेक्नोलॉजी अपना रोल निभा रही है. हम भी लगातार एनालिसिस करते रहते हैं. जरूरतों के हिसाब से हम अपनी क्षमताओं को बढ़ाना है. भारत को नई पीढ़ी की विमान खरीदने हैं, जो हमारे लिए बेहतर होंगे, वो एयरफोर्स के बेड़े में आ जाएंगे.’
दूसरे युद्धों से क्या सीखा?
रूस-यूक्रेन और मिडिल-ईस्ट में रोज रोज के झगड़े-झंझट, जैसे- इरान बनाम अमेरिका, इजरायल बनाम हमास, इजरायल बनाम हूती जैसे संघर्षों का हवाला देते हुए एयरफोर्स चीफ ने कहा, ‘दुनियाभर में चल रहे संघर्षों से हमने बहुत सीखा है. आज कल बहुत बड़े एडवांस लेवल पर जंग लड़ी जाती है. टेक्नोलॉजी अपना रोल निभा रही है. हम भी लगातार एनालिसिस करते रहते हैं. जरूरतों के हिसाब से हम अपनी क्षमताओं को बढ़ाना है. भारत को नई पीढ़ी की विमान खरीदने हैं, जो हमारे लिए बेहतर होंगे, वो एयरफोर्स के बेड़े में आ जाएंगे.’
रूस-यूक्रेन और मिडिल-ईस्ट में रोज रोज के झगड़े-झंझट, जैसे- इरान बनाम अमेरिका, इजरायल बनाम हमास, इजरायल बनाम हूती जैसे संघर्षों का हवाला देते हुए एयरफोर्स चीफ ने कहा, ‘दुनियाभर में चल रहे संघर्षों से हमने बहुत सीखा है. आज कल बहुत बड़े एडवांस लेवल पर जंग लड़ी जाती है. टेक्नोलॉजी अपना रोल निभा रही है. हम भी लगातार एनालिसिस करते रहते हैं. जरूरतों के हिसाब से हम अपनी क्षमताओं को बढ़ाना है. भारत को नई पीढ़ी की विमान खरीदने हैं, जो हमारे लिए बेहतर होंगे, वो एयरफोर्स के बेड़े में आ जाएंगे.’

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