Pune Tempo Traveler Fire: पुणे के हिंजेवाड़ी इलाके (Hinjawadi) में बुधवार सुबह हुए एक दर्दनाक हादसे में बड़ा खुलासा हुआ है. इस घटना में चार लोग जिंदा जलकर मर गए थे. अभी तक इस मामले को पुलिस एक दुर्घटना मान रही थी, लेकिन अब पुलिस ने बहुत बड़ा चौंकाने वाला खुलासा किया है. इंडियन एक्सप्रेस में छपी एक रिपोर्ट के मुताबिक, पिंपरी चिंचवड इलाके के पुलिस उपायुक्त विशाल गायकवाड़ ने बताया कि टेंपो ट्रैवलर में आग किसी दुर्घटना की वजह से नहीं लगी थी, बल्कि यह जानबूझकर की गई साजिश थी.
ड्राइवर ने खुद ही लगाई आग
पुलिस की जांच में सामने आया है कि टेंपो ट्रैवलर का ड्राइवर जनार्दन हंबर्डिकर ने खुद वाहन में आग लगाई थी. वह हाल ही में अपनी सैलरी कटने से परेशान था. इसी गुस्से में उसने घटना को अंजाम दिया. आरोपी ने बताया कि पीड़ित कर्मचारी उससे ठीक से बात नहीं करते थे और उसे अपमानित करते थे. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, हिंजेवाड़ी पुलिस स्टेशन के वरिष्ठ पुलिस निरीक्षक कन्हैया थोराट के अनुसार, हंबरडीकर ने कथित तौर पर अपनी सीट के नीचे अत्यधिक ज्वलनशील रसायन रखा और जानबूझकर वाहन में आग लगा दी, ताकि इसे दुर्घटना के रूप में इस घटना को सभी के सामने लाया जा सके.
दिवाली बोनस न मिलने से था ड्राइवर परेशान
पुलिस जांच में पता चला है कि हंबरडीकर अपने ऑफिस स्टॉफ से नाराज था, उसे समय पर वेतन न मिलने, दिवाली बोनस न मिलने, ओवरटाइम कराने से वह बहुत गुस्से में था. डेली होने वाले विवादों से नाराज होकर उसने बदल लेने की ठानी.
CCTV ने खोला हादसे का राज
पुलिस को ड्राइवर जनार्दन के टेम्पो ट्रैवलर में आग लगाने की कहानी पर विश्वास नहीं हुआ. इसलिए पुलिस ने हादसास्थल पर लगे CCTV कैमरों को खंगाला तो पता चला की आग लगी नहीं, बल्कि ड्राइवर ने ही लगाई है. पुलिस ने सख्ती बरती तो ड्राइवर ने आग लगाने की बात को कबूल लिया. पुणे पुलिस इस मामले में अब आगे की कानूनी करवाई कर रही है. वहीं पुलिस ने ड्राइवर के खिलाफ कड़ी से कड़ी कानूनी कार्रवाई करने की बात कही है, ताकि हादसे में मारे गए लोगों और उनके परिजनों को इंसाफ मिले.
कब हुआ था ये हादसा?
बुधवार को लगी इस आग में पुणे जिले के हिंजवडी इलाके में स्थित व्योमा ग्राफिक्स के चार कर्मचारियों की मौत हो गई थी. कंपनी की मिनीबस में आग लगने से छह अन्य घायल हो गए थे. दुखद बात यह है कि बस के पीछे का आपातकालीन निकास द्वार नहीं खुल पाया, जिससे ये मौतें हुईं. पीड़ितों की पहचान शंकर शिंदे, राजन चव्हाण, गुरुदास लोकरे और सुभाष भोसले के रूप में हुई है. ये सभी वारजे से हिंजवडी ले जाए जा रहे 14 कर्मचारियों में शामिल थे. इन खुलासों के बाद पिंपरी चिंचवड पुलिस ने हंबरडीकर के खिलाफ बीएनएस की धारा 103 और 105 के तहत एफआईआर दर्ज की है. आरोपी को गिरफ्तार कर लिया गया है और आगे की जांच जारी है.
ड्राइवर ने खुद ही लगाई आग
पुलिस की जांच में सामने आया है कि टेंपो ट्रैवलर का ड्राइवर जनार्दन हंबर्डिकर ने खुद वाहन में आग लगाई थी. वह हाल ही में अपनी सैलरी कटने से परेशान था. इसी गुस्से में उसने घटना को अंजाम दिया. आरोपी ने बताया कि पीड़ित कर्मचारी उससे ठीक से बात नहीं करते थे और उसे अपमानित करते थे. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, हिंजेवाड़ी पुलिस स्टेशन के वरिष्ठ पुलिस निरीक्षक कन्हैया थोराट के अनुसार, हंबरडीकर ने कथित तौर पर अपनी सीट के नीचे अत्यधिक ज्वलनशील रसायन रखा और जानबूझकर वाहन में आग लगा दी, ताकि इसे दुर्घटना के रूप में इस घटना को सभी के सामने लाया जा सके.
दिवाली बोनस न मिलने से था ड्राइवर परेशान
पुलिस जांच में पता चला है कि हंबरडीकर अपने ऑफिस स्टॉफ से नाराज था, उसे समय पर वेतन न मिलने, दिवाली बोनस न मिलने, ओवरटाइम कराने से वह बहुत गुस्से में था. डेली होने वाले विवादों से नाराज होकर उसने बदल लेने की ठानी.
CCTV ने खोला हादसे का राज
पुलिस को ड्राइवर जनार्दन के टेम्पो ट्रैवलर में आग लगाने की कहानी पर विश्वास नहीं हुआ. इसलिए पुलिस ने हादसास्थल पर लगे CCTV कैमरों को खंगाला तो पता चला की आग लगी नहीं, बल्कि ड्राइवर ने ही लगाई है. पुलिस ने सख्ती बरती तो ड्राइवर ने आग लगाने की बात को कबूल लिया. पुणे पुलिस इस मामले में अब आगे की कानूनी करवाई कर रही है. वहीं पुलिस ने ड्राइवर के खिलाफ कड़ी से कड़ी कानूनी कार्रवाई करने की बात कही है, ताकि हादसे में मारे गए लोगों और उनके परिजनों को इंसाफ मिले.
कब हुआ था ये हादसा?
बुधवार को लगी इस आग में पुणे जिले के हिंजवडी इलाके में स्थित व्योमा ग्राफिक्स के चार कर्मचारियों की मौत हो गई थी. कंपनी की मिनीबस में आग लगने से छह अन्य घायल हो गए थे. दुखद बात यह है कि बस के पीछे का आपातकालीन निकास द्वार नहीं खुल पाया, जिससे ये मौतें हुईं. पीड़ितों की पहचान शंकर शिंदे, राजन चव्हाण, गुरुदास लोकरे और सुभाष भोसले के रूप में हुई है. ये सभी वारजे से हिंजवडी ले जाए जा रहे 14 कर्मचारियों में शामिल थे. इन खुलासों के बाद पिंपरी चिंचवड पुलिस ने हंबरडीकर के खिलाफ बीएनएस की धारा 103 और 105 के तहत एफआईआर दर्ज की है. आरोपी को गिरफ्तार कर लिया गया है और आगे की जांच जारी है.
दिवाली बोनस न मिलने से था ड्राइवर परेशान
पुलिस जांच में पता चला है कि हंबरडीकर अपने ऑफिस स्टॉफ से नाराज था, उसे समय पर वेतन न मिलने, दिवाली बोनस न मिलने, ओवरटाइम कराने से वह बहुत गुस्से में था. डेली होने वाले विवादों से नाराज होकर उसने बदल लेने की ठानी.
CCTV ने खोला हादसे का राज
पुलिस को ड्राइवर जनार्दन के टेम्पो ट्रैवलर में आग लगाने की कहानी पर विश्वास नहीं हुआ. इसलिए पुलिस ने हादसास्थल पर लगे CCTV कैमरों को खंगाला तो पता चला की आग लगी नहीं, बल्कि ड्राइवर ने ही लगाई है. पुलिस ने सख्ती बरती तो ड्राइवर ने आग लगाने की बात को कबूल लिया. पुणे पुलिस इस मामले में अब आगे की कानूनी करवाई कर रही है. वहीं पुलिस ने ड्राइवर के खिलाफ कड़ी से कड़ी कानूनी कार्रवाई करने की बात कही है, ताकि हादसे में मारे गए लोगों और उनके परिजनों को इंसाफ मिले.
कब हुआ था ये हादसा?
बुधवार को लगी इस आग में पुणे जिले के हिंजवडी इलाके में स्थित व्योमा ग्राफिक्स के चार कर्मचारियों की मौत हो गई थी. कंपनी की मिनीबस में आग लगने से छह अन्य घायल हो गए थे. दुखद बात यह है कि बस के पीछे का आपातकालीन निकास द्वार नहीं खुल पाया, जिससे ये मौतें हुईं. पीड़ितों की पहचान शंकर शिंदे, राजन चव्हाण, गुरुदास लोकरे और सुभाष भोसले के रूप में हुई है. ये सभी वारजे से हिंजवडी ले जाए जा रहे 14 कर्मचारियों में शामिल थे. इन खुलासों के बाद पिंपरी चिंचवड पुलिस ने हंबरडीकर के खिलाफ बीएनएस की धारा 103 और 105 के तहत एफआईआर दर्ज की है. आरोपी को गिरफ्तार कर लिया गया है और आगे की जांच जारी है.
CCTV ने खोला हादसे का राज
पुलिस को ड्राइवर जनार्दन के टेम्पो ट्रैवलर में आग लगाने की कहानी पर विश्वास नहीं हुआ. इसलिए पुलिस ने हादसास्थल पर लगे CCTV कैमरों को खंगाला तो पता चला की आग लगी नहीं, बल्कि ड्राइवर ने ही लगाई है. पुलिस ने सख्ती बरती तो ड्राइवर ने आग लगाने की बात को कबूल लिया. पुणे पुलिस इस मामले में अब आगे की कानूनी करवाई कर रही है. वहीं पुलिस ने ड्राइवर के खिलाफ कड़ी से कड़ी कानूनी कार्रवाई करने की बात कही है, ताकि हादसे में मारे गए लोगों और उनके परिजनों को इंसाफ मिले.
कब हुआ था ये हादसा?
बुधवार को लगी इस आग में पुणे जिले के हिंजवडी इलाके में स्थित व्योमा ग्राफिक्स के चार कर्मचारियों की मौत हो गई थी. कंपनी की मिनीबस में आग लगने से छह अन्य घायल हो गए थे. दुखद बात यह है कि बस के पीछे का आपातकालीन निकास द्वार नहीं खुल पाया, जिससे ये मौतें हुईं. पीड़ितों की पहचान शंकर शिंदे, राजन चव्हाण, गुरुदास लोकरे और सुभाष भोसले के रूप में हुई है. ये सभी वारजे से हिंजवडी ले जाए जा रहे 14 कर्मचारियों में शामिल थे. इन खुलासों के बाद पिंपरी चिंचवड पुलिस ने हंबरडीकर के खिलाफ बीएनएस की धारा 103 और 105 के तहत एफआईआर दर्ज की है. आरोपी को गिरफ्तार कर लिया गया है और आगे की जांच जारी है.
कब हुआ था ये हादसा?
बुधवार को लगी इस आग में पुणे जिले के हिंजवडी इलाके में स्थित व्योमा ग्राफिक्स के चार कर्मचारियों की मौत हो गई थी. कंपनी की मिनीबस में आग लगने से छह अन्य घायल हो गए थे. दुखद बात यह है कि बस के पीछे का आपातकालीन निकास द्वार नहीं खुल पाया, जिससे ये मौतें हुईं. पीड़ितों की पहचान शंकर शिंदे, राजन चव्हाण, गुरुदास लोकरे और सुभाष भोसले के रूप में हुई है. ये सभी वारजे से हिंजवडी ले जाए जा रहे 14 कर्मचारियों में शामिल थे. इन खुलासों के बाद पिंपरी चिंचवड पुलिस ने हंबरडीकर के खिलाफ बीएनएस की धारा 103 और 105 के तहत एफआईआर दर्ज की है. आरोपी को गिरफ्तार कर लिया गया है और आगे की जांच जारी है.
