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Kunal Kamra: ‘गद्दार’ पर एकनाथ शिंदे का करारा जवाब बोले- यह तो जनता ने पहले ही तय कर दिया है


Eknath Shinde: महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम एकनाथ शिंदे ने अपने ऊपर लगे ‘गद्दार’ के आरोपों का करारा जवाब दिया है. कॉमेडियन कुनाल कामरा ने मुंबई में किए शो में एकनाथ शिंदे को गद्दार कहा था. जिसके बाद से इस मामले पर विवाद गहराता जा रहा है. अब शिंदे ने कामरा के बयान पर कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि महाराष्ट्र की जनता ने पहले ही तय कर दिया है कि असली गद्दार कौन है.
कुनाल कामरा विवाद पर शिंदे का पलटवार
मुंबई में स्टैंड-अप कॉमेडियन कुनाल कामरा ने अपने शो में गाना गाते हुए कहा एकनाथ शिंदे को ‘गद्दार’ कहा था. इस पर प्रतिक्रिया देते हुए एकनाथ शिंदे ने आरोप लगाया कि यह सब ‘पेड कंटेंट’ है. यह पूरा मामला उद्धव ठाकरे की अगुवाई वाली शिवसेना (यूबीटी) द्वारा दिए गए ‘सुपारी’ का हिस्सा है. शिंदे ने विधान परिषद में कहा कि आप लोग मुझे ‘गद्दार.. गद्दार’ कहते रहो लेकिन जल्द ही आपको अपने दल का ‘दरवाजा’ (द्वार) बंद करना पड़ेगा. चुनाव आयोग, सुप्रीम कोर्ट और विधानसभा अध्यक्ष पहले ही बता चुके हैं कि गद्दार कौन है. सबसे बड़ा फैसला जनता ने दे दिया है. अब कोई सुपारी काम नहीं आएगी.
शिवसेना (यूबीटी) पर करारा प्रहार
शिंदे ने पुराने घटनाक्रम का भी जिक्र किया और कहा कि जब भी किसी ने उद्धव ठाकरे की सरकार की आलोचना की उसके खिलाफ कार्रवाई की गई. उन्होंने अभिनेत्री कंगना रनौत का उदाहरण देते हुए कहा कि 2020 में जब कंगना ने सुशांत सिंह राजपूत मामले को लेकर उद्धव सरकार की आलोचना की थी तो उनके मुंबई स्थित ऑफिस को बीएमसी ने बुलडोजर चलाकर तोड़ दिया था. उस समय शिंदे खुद भी महा विकास अघाड़ी (एमवीए) सरकार में मंत्री थे लेकिन अब वह साफ तौर पर उस कार्यवाही को गलत बता रहे हैं.
गद्दार के आरोपों का इतिहास
2022 में एकनाथ शिंदे ने शिवसेना में बड़ी बगावत करते हुए पार्टी को दो फाड़ कर दिया था. उन्होंने बीजेपी के साथ हाथ मिलाया था. जिससे उद्धव ठाकरे की सरकार गिर गई और उनकी जगह शिंदे महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री बने. तभी से ठाकरे गुट के लोग शिंदे को लगातार ‘गद्दार’ कह रहे हैं. हालांकि शिंदे हमेशा इस आरोप को नकारते आए हैं. शिंदे दावा करते रहे हैं कि उन्होंने शिवसेना के असली विचारों को बचाने का काम किया है.
कुनाल कामरा पर मामला दर्ज
विवाद बढ़ने के बाद मुंबई पुलिस ने कुनाल कामरा के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है. फिलहाल कामरा शहर में नहीं हैं. उन्होंने पुलिस से समन का जवाब देने के लिए एक हफ्ते का समय मांगा है. इस विवाद पर महायुति गठबंधन के नेताओं ने कामरा की आलोचना की है और इसे मर्यादा के खिलाफ बताया है. वहीं उद्धव ठाकरे गुट और अन्य विपक्षी दलों ने कामरा का समर्थन किया है. इसे अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का मामला बताया है.
जनता का फैसला सबसे ऊपर
एकनाथ शिंदे ने कहा कि चाहे कोई भी कितनी भी कोशिश कर ले.. जनता का फैसला सबसे बड़ा होता है. उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट, चुनाव आयोग और विधानसभा अध्यक्ष के फैसलों के बाद अब जनता ने भी साफ कर दिया है कि कौन सही है और कौन गलत. उन्होंने विपक्ष पर तंज कसते हुए कहा कि अब जितना भी पैसा खर्च कर लिया जाए, झूठ फैलाने के लिए सुपारी दे दी जाए लेकिन सच्चाई नहीं बदली जा सकती.
कुनाल कामरा विवाद पर शिंदे का पलटवार
मुंबई में स्टैंड-अप कॉमेडियन कुनाल कामरा ने अपने शो में गाना गाते हुए कहा एकनाथ शिंदे को ‘गद्दार’ कहा था. इस पर प्रतिक्रिया देते हुए एकनाथ शिंदे ने आरोप लगाया कि यह सब ‘पेड कंटेंट’ है. यह पूरा मामला उद्धव ठाकरे की अगुवाई वाली शिवसेना (यूबीटी) द्वारा दिए गए ‘सुपारी’ का हिस्सा है. शिंदे ने विधान परिषद में कहा कि आप लोग मुझे ‘गद्दार.. गद्दार’ कहते रहो लेकिन जल्द ही आपको अपने दल का ‘दरवाजा’ (द्वार) बंद करना पड़ेगा. चुनाव आयोग, सुप्रीम कोर्ट और विधानसभा अध्यक्ष पहले ही बता चुके हैं कि गद्दार कौन है. सबसे बड़ा फैसला जनता ने दे दिया है. अब कोई सुपारी काम नहीं आएगी.
शिवसेना (यूबीटी) पर करारा प्रहार
शिंदे ने पुराने घटनाक्रम का भी जिक्र किया और कहा कि जब भी किसी ने उद्धव ठाकरे की सरकार की आलोचना की उसके खिलाफ कार्रवाई की गई. उन्होंने अभिनेत्री कंगना रनौत का उदाहरण देते हुए कहा कि 2020 में जब कंगना ने सुशांत सिंह राजपूत मामले को लेकर उद्धव सरकार की आलोचना की थी तो उनके मुंबई स्थित ऑफिस को बीएमसी ने बुलडोजर चलाकर तोड़ दिया था. उस समय शिंदे खुद भी महा विकास अघाड़ी (एमवीए) सरकार में मंत्री थे लेकिन अब वह साफ तौर पर उस कार्यवाही को गलत बता रहे हैं.
गद्दार के आरोपों का इतिहास
2022 में एकनाथ शिंदे ने शिवसेना में बड़ी बगावत करते हुए पार्टी को दो फाड़ कर दिया था. उन्होंने बीजेपी के साथ हाथ मिलाया था. जिससे उद्धव ठाकरे की सरकार गिर गई और उनकी जगह शिंदे महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री बने. तभी से ठाकरे गुट के लोग शिंदे को लगातार ‘गद्दार’ कह रहे हैं. हालांकि शिंदे हमेशा इस आरोप को नकारते आए हैं. शिंदे दावा करते रहे हैं कि उन्होंने शिवसेना के असली विचारों को बचाने का काम किया है.
कुनाल कामरा पर मामला दर्ज
विवाद बढ़ने के बाद मुंबई पुलिस ने कुनाल कामरा के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है. फिलहाल कामरा शहर में नहीं हैं. उन्होंने पुलिस से समन का जवाब देने के लिए एक हफ्ते का समय मांगा है. इस विवाद पर महायुति गठबंधन के नेताओं ने कामरा की आलोचना की है और इसे मर्यादा के खिलाफ बताया है. वहीं उद्धव ठाकरे गुट और अन्य विपक्षी दलों ने कामरा का समर्थन किया है. इसे अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का मामला बताया है.
जनता का फैसला सबसे ऊपर
एकनाथ शिंदे ने कहा कि चाहे कोई भी कितनी भी कोशिश कर ले.. जनता का फैसला सबसे बड़ा होता है. उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट, चुनाव आयोग और विधानसभा अध्यक्ष के फैसलों के बाद अब जनता ने भी साफ कर दिया है कि कौन सही है और कौन गलत. उन्होंने विपक्ष पर तंज कसते हुए कहा कि अब जितना भी पैसा खर्च कर लिया जाए, झूठ फैलाने के लिए सुपारी दे दी जाए लेकिन सच्चाई नहीं बदली जा सकती.
मुंबई में स्टैंड-अप कॉमेडियन कुनाल कामरा ने अपने शो में गाना गाते हुए कहा एकनाथ शिंदे को ‘गद्दार’ कहा था. इस पर प्रतिक्रिया देते हुए एकनाथ शिंदे ने आरोप लगाया कि यह सब ‘पेड कंटेंट’ है. यह पूरा मामला उद्धव ठाकरे की अगुवाई वाली शिवसेना (यूबीटी) द्वारा दिए गए ‘सुपारी’ का हिस्सा है. शिंदे ने विधान परिषद में कहा कि आप लोग मुझे ‘गद्दार.. गद्दार’ कहते रहो लेकिन जल्द ही आपको अपने दल का ‘दरवाजा’ (द्वार) बंद करना पड़ेगा. चुनाव आयोग, सुप्रीम कोर्ट और विधानसभा अध्यक्ष पहले ही बता चुके हैं कि गद्दार कौन है. सबसे बड़ा फैसला जनता ने दे दिया है. अब कोई सुपारी काम नहीं आएगी.
शिवसेना (यूबीटी) पर करारा प्रहार
शिंदे ने पुराने घटनाक्रम का भी जिक्र किया और कहा कि जब भी किसी ने उद्धव ठाकरे की सरकार की आलोचना की उसके खिलाफ कार्रवाई की गई. उन्होंने अभिनेत्री कंगना रनौत का उदाहरण देते हुए कहा कि 2020 में जब कंगना ने सुशांत सिंह राजपूत मामले को लेकर उद्धव सरकार की आलोचना की थी तो उनके मुंबई स्थित ऑफिस को बीएमसी ने बुलडोजर चलाकर तोड़ दिया था. उस समय शिंदे खुद भी महा विकास अघाड़ी (एमवीए) सरकार में मंत्री थे लेकिन अब वह साफ तौर पर उस कार्यवाही को गलत बता रहे हैं.
गद्दार के आरोपों का इतिहास
2022 में एकनाथ शिंदे ने शिवसेना में बड़ी बगावत करते हुए पार्टी को दो फाड़ कर दिया था. उन्होंने बीजेपी के साथ हाथ मिलाया था. जिससे उद्धव ठाकरे की सरकार गिर गई और उनकी जगह शिंदे महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री बने. तभी से ठाकरे गुट के लोग शिंदे को लगातार ‘गद्दार’ कह रहे हैं. हालांकि शिंदे हमेशा इस आरोप को नकारते आए हैं. शिंदे दावा करते रहे हैं कि उन्होंने शिवसेना के असली विचारों को बचाने का काम किया है.
कुनाल कामरा पर मामला दर्ज
विवाद बढ़ने के बाद मुंबई पुलिस ने कुनाल कामरा के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है. फिलहाल कामरा शहर में नहीं हैं. उन्होंने पुलिस से समन का जवाब देने के लिए एक हफ्ते का समय मांगा है. इस विवाद पर महायुति गठबंधन के नेताओं ने कामरा की आलोचना की है और इसे मर्यादा के खिलाफ बताया है. वहीं उद्धव ठाकरे गुट और अन्य विपक्षी दलों ने कामरा का समर्थन किया है. इसे अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का मामला बताया है.
जनता का फैसला सबसे ऊपर
एकनाथ शिंदे ने कहा कि चाहे कोई भी कितनी भी कोशिश कर ले.. जनता का फैसला सबसे बड़ा होता है. उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट, चुनाव आयोग और विधानसभा अध्यक्ष के फैसलों के बाद अब जनता ने भी साफ कर दिया है कि कौन सही है और कौन गलत. उन्होंने विपक्ष पर तंज कसते हुए कहा कि अब जितना भी पैसा खर्च कर लिया जाए, झूठ फैलाने के लिए सुपारी दे दी जाए लेकिन सच्चाई नहीं बदली जा सकती.
शिवसेना (यूबीटी) पर करारा प्रहार
शिंदे ने पुराने घटनाक्रम का भी जिक्र किया और कहा कि जब भी किसी ने उद्धव ठाकरे की सरकार की आलोचना की उसके खिलाफ कार्रवाई की गई. उन्होंने अभिनेत्री कंगना रनौत का उदाहरण देते हुए कहा कि 2020 में जब कंगना ने सुशांत सिंह राजपूत मामले को लेकर उद्धव सरकार की आलोचना की थी तो उनके मुंबई स्थित ऑफिस को बीएमसी ने बुलडोजर चलाकर तोड़ दिया था. उस समय शिंदे खुद भी महा विकास अघाड़ी (एमवीए) सरकार में मंत्री थे लेकिन अब वह साफ तौर पर उस कार्यवाही को गलत बता रहे हैं.
गद्दार के आरोपों का इतिहास
2022 में एकनाथ शिंदे ने शिवसेना में बड़ी बगावत करते हुए पार्टी को दो फाड़ कर दिया था. उन्होंने बीजेपी के साथ हाथ मिलाया था. जिससे उद्धव ठाकरे की सरकार गिर गई और उनकी जगह शिंदे महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री बने. तभी से ठाकरे गुट के लोग शिंदे को लगातार ‘गद्दार’ कह रहे हैं. हालांकि शिंदे हमेशा इस आरोप को नकारते आए हैं. शिंदे दावा करते रहे हैं कि उन्होंने शिवसेना के असली विचारों को बचाने का काम किया है.
कुनाल कामरा पर मामला दर्ज
विवाद बढ़ने के बाद मुंबई पुलिस ने कुनाल कामरा के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है. फिलहाल कामरा शहर में नहीं हैं. उन्होंने पुलिस से समन का जवाब देने के लिए एक हफ्ते का समय मांगा है. इस विवाद पर महायुति गठबंधन के नेताओं ने कामरा की आलोचना की है और इसे मर्यादा के खिलाफ बताया है. वहीं उद्धव ठाकरे गुट और अन्य विपक्षी दलों ने कामरा का समर्थन किया है. इसे अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का मामला बताया है.
जनता का फैसला सबसे ऊपर
एकनाथ शिंदे ने कहा कि चाहे कोई भी कितनी भी कोशिश कर ले.. जनता का फैसला सबसे बड़ा होता है. उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट, चुनाव आयोग और विधानसभा अध्यक्ष के फैसलों के बाद अब जनता ने भी साफ कर दिया है कि कौन सही है और कौन गलत. उन्होंने विपक्ष पर तंज कसते हुए कहा कि अब जितना भी पैसा खर्च कर लिया जाए, झूठ फैलाने के लिए सुपारी दे दी जाए लेकिन सच्चाई नहीं बदली जा सकती.
शिंदे ने पुराने घटनाक्रम का भी जिक्र किया और कहा कि जब भी किसी ने उद्धव ठाकरे की सरकार की आलोचना की उसके खिलाफ कार्रवाई की गई. उन्होंने अभिनेत्री कंगना रनौत का उदाहरण देते हुए कहा कि 2020 में जब कंगना ने सुशांत सिंह राजपूत मामले को लेकर उद्धव सरकार की आलोचना की थी तो उनके मुंबई स्थित ऑफिस को बीएमसी ने बुलडोजर चलाकर तोड़ दिया था. उस समय शिंदे खुद भी महा विकास अघाड़ी (एमवीए) सरकार में मंत्री थे लेकिन अब वह साफ तौर पर उस कार्यवाही को गलत बता रहे हैं.
गद्दार के आरोपों का इतिहास
2022 में एकनाथ शिंदे ने शिवसेना में बड़ी बगावत करते हुए पार्टी को दो फाड़ कर दिया था. उन्होंने बीजेपी के साथ हाथ मिलाया था. जिससे उद्धव ठाकरे की सरकार गिर गई और उनकी जगह शिंदे महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री बने. तभी से ठाकरे गुट के लोग शिंदे को लगातार ‘गद्दार’ कह रहे हैं. हालांकि शिंदे हमेशा इस आरोप को नकारते आए हैं. शिंदे दावा करते रहे हैं कि उन्होंने शिवसेना के असली विचारों को बचाने का काम किया है.
कुनाल कामरा पर मामला दर्ज
विवाद बढ़ने के बाद मुंबई पुलिस ने कुनाल कामरा के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है. फिलहाल कामरा शहर में नहीं हैं. उन्होंने पुलिस से समन का जवाब देने के लिए एक हफ्ते का समय मांगा है. इस विवाद पर महायुति गठबंधन के नेताओं ने कामरा की आलोचना की है और इसे मर्यादा के खिलाफ बताया है. वहीं उद्धव ठाकरे गुट और अन्य विपक्षी दलों ने कामरा का समर्थन किया है. इसे अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का मामला बताया है.
जनता का फैसला सबसे ऊपर
एकनाथ शिंदे ने कहा कि चाहे कोई भी कितनी भी कोशिश कर ले.. जनता का फैसला सबसे बड़ा होता है. उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट, चुनाव आयोग और विधानसभा अध्यक्ष के फैसलों के बाद अब जनता ने भी साफ कर दिया है कि कौन सही है और कौन गलत. उन्होंने विपक्ष पर तंज कसते हुए कहा कि अब जितना भी पैसा खर्च कर लिया जाए, झूठ फैलाने के लिए सुपारी दे दी जाए लेकिन सच्चाई नहीं बदली जा सकती.
गद्दार के आरोपों का इतिहास
2022 में एकनाथ शिंदे ने शिवसेना में बड़ी बगावत करते हुए पार्टी को दो फाड़ कर दिया था. उन्होंने बीजेपी के साथ हाथ मिलाया था. जिससे उद्धव ठाकरे की सरकार गिर गई और उनकी जगह शिंदे महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री बने. तभी से ठाकरे गुट के लोग शिंदे को लगातार ‘गद्दार’ कह रहे हैं. हालांकि शिंदे हमेशा इस आरोप को नकारते आए हैं. शिंदे दावा करते रहे हैं कि उन्होंने शिवसेना के असली विचारों को बचाने का काम किया है.
कुनाल कामरा पर मामला दर्ज
विवाद बढ़ने के बाद मुंबई पुलिस ने कुनाल कामरा के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है. फिलहाल कामरा शहर में नहीं हैं. उन्होंने पुलिस से समन का जवाब देने के लिए एक हफ्ते का समय मांगा है. इस विवाद पर महायुति गठबंधन के नेताओं ने कामरा की आलोचना की है और इसे मर्यादा के खिलाफ बताया है. वहीं उद्धव ठाकरे गुट और अन्य विपक्षी दलों ने कामरा का समर्थन किया है. इसे अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का मामला बताया है.
जनता का फैसला सबसे ऊपर
एकनाथ शिंदे ने कहा कि चाहे कोई भी कितनी भी कोशिश कर ले.. जनता का फैसला सबसे बड़ा होता है. उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट, चुनाव आयोग और विधानसभा अध्यक्ष के फैसलों के बाद अब जनता ने भी साफ कर दिया है कि कौन सही है और कौन गलत. उन्होंने विपक्ष पर तंज कसते हुए कहा कि अब जितना भी पैसा खर्च कर लिया जाए, झूठ फैलाने के लिए सुपारी दे दी जाए लेकिन सच्चाई नहीं बदली जा सकती.
2022 में एकनाथ शिंदे ने शिवसेना में बड़ी बगावत करते हुए पार्टी को दो फाड़ कर दिया था. उन्होंने बीजेपी के साथ हाथ मिलाया था. जिससे उद्धव ठाकरे की सरकार गिर गई और उनकी जगह शिंदे महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री बने. तभी से ठाकरे गुट के लोग शिंदे को लगातार ‘गद्दार’ कह रहे हैं. हालांकि शिंदे हमेशा इस आरोप को नकारते आए हैं. शिंदे दावा करते रहे हैं कि उन्होंने शिवसेना के असली विचारों को बचाने का काम किया है.
कुनाल कामरा पर मामला दर्ज
विवाद बढ़ने के बाद मुंबई पुलिस ने कुनाल कामरा के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है. फिलहाल कामरा शहर में नहीं हैं. उन्होंने पुलिस से समन का जवाब देने के लिए एक हफ्ते का समय मांगा है. इस विवाद पर महायुति गठबंधन के नेताओं ने कामरा की आलोचना की है और इसे मर्यादा के खिलाफ बताया है. वहीं उद्धव ठाकरे गुट और अन्य विपक्षी दलों ने कामरा का समर्थन किया है. इसे अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का मामला बताया है.
जनता का फैसला सबसे ऊपर
एकनाथ शिंदे ने कहा कि चाहे कोई भी कितनी भी कोशिश कर ले.. जनता का फैसला सबसे बड़ा होता है. उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट, चुनाव आयोग और विधानसभा अध्यक्ष के फैसलों के बाद अब जनता ने भी साफ कर दिया है कि कौन सही है और कौन गलत. उन्होंने विपक्ष पर तंज कसते हुए कहा कि अब जितना भी पैसा खर्च कर लिया जाए, झूठ फैलाने के लिए सुपारी दे दी जाए लेकिन सच्चाई नहीं बदली जा सकती.
कुनाल कामरा पर मामला दर्ज
विवाद बढ़ने के बाद मुंबई पुलिस ने कुनाल कामरा के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है. फिलहाल कामरा शहर में नहीं हैं. उन्होंने पुलिस से समन का जवाब देने के लिए एक हफ्ते का समय मांगा है. इस विवाद पर महायुति गठबंधन के नेताओं ने कामरा की आलोचना की है और इसे मर्यादा के खिलाफ बताया है. वहीं उद्धव ठाकरे गुट और अन्य विपक्षी दलों ने कामरा का समर्थन किया है. इसे अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का मामला बताया है.
जनता का फैसला सबसे ऊपर
एकनाथ शिंदे ने कहा कि चाहे कोई भी कितनी भी कोशिश कर ले.. जनता का फैसला सबसे बड़ा होता है. उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट, चुनाव आयोग और विधानसभा अध्यक्ष के फैसलों के बाद अब जनता ने भी साफ कर दिया है कि कौन सही है और कौन गलत. उन्होंने विपक्ष पर तंज कसते हुए कहा कि अब जितना भी पैसा खर्च कर लिया जाए, झूठ फैलाने के लिए सुपारी दे दी जाए लेकिन सच्चाई नहीं बदली जा सकती.
विवाद बढ़ने के बाद मुंबई पुलिस ने कुनाल कामरा के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है. फिलहाल कामरा शहर में नहीं हैं. उन्होंने पुलिस से समन का जवाब देने के लिए एक हफ्ते का समय मांगा है. इस विवाद पर महायुति गठबंधन के नेताओं ने कामरा की आलोचना की है और इसे मर्यादा के खिलाफ बताया है. वहीं उद्धव ठाकरे गुट और अन्य विपक्षी दलों ने कामरा का समर्थन किया है. इसे अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का मामला बताया है.
जनता का फैसला सबसे ऊपर
एकनाथ शिंदे ने कहा कि चाहे कोई भी कितनी भी कोशिश कर ले.. जनता का फैसला सबसे बड़ा होता है. उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट, चुनाव आयोग और विधानसभा अध्यक्ष के फैसलों के बाद अब जनता ने भी साफ कर दिया है कि कौन सही है और कौन गलत. उन्होंने विपक्ष पर तंज कसते हुए कहा कि अब जितना भी पैसा खर्च कर लिया जाए, झूठ फैलाने के लिए सुपारी दे दी जाए लेकिन सच्चाई नहीं बदली जा सकती.
जनता का फैसला सबसे ऊपर
एकनाथ शिंदे ने कहा कि चाहे कोई भी कितनी भी कोशिश कर ले.. जनता का फैसला सबसे बड़ा होता है. उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट, चुनाव आयोग और विधानसभा अध्यक्ष के फैसलों के बाद अब जनता ने भी साफ कर दिया है कि कौन सही है और कौन गलत. उन्होंने विपक्ष पर तंज कसते हुए कहा कि अब जितना भी पैसा खर्च कर लिया जाए, झूठ फैलाने के लिए सुपारी दे दी जाए लेकिन सच्चाई नहीं बदली जा सकती.
एकनाथ शिंदे ने कहा कि चाहे कोई भी कितनी भी कोशिश कर ले.. जनता का फैसला सबसे बड़ा होता है. उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट, चुनाव आयोग और विधानसभा अध्यक्ष के फैसलों के बाद अब जनता ने भी साफ कर दिया है कि कौन सही है और कौन गलत. उन्होंने विपक्ष पर तंज कसते हुए कहा कि अब जितना भी पैसा खर्च कर लिया जाए, झूठ फैलाने के लिए सुपारी दे दी जाए लेकिन सच्चाई नहीं बदली जा सकती.

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