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Milk Price Hike: इस राज्य में अचानक पड़ी महंगाई की मार दूध के दाम में 4 रुपये प्रति लीटर की बढ़ोतरी


Karnataka Milk Price Hike News: कर्नाटक में सरकार के फैसले से लोगों की जेब को झटका लगने वाला है. राज्य सरकार ने नंदिनी ब्रांड के दूध और दही की कीमतों में चार रुपये प्रति लीटर/किलोग्राम की बढ़ोतरी का ऐलान किया है. यह नई दरें 1 अप्रैल 2025 से लागू होंगी. राज्य के पशुपालन मंत्री के वेंकटेश ने यह घोषणा की और बताया कि यह कदम डेयरी किसानों को प्रोत्साहित करने और दूध उत्पादन को बढ़ाने के लिए उठाया गया है.
कैबिनेट बैठक में फैसला
मंत्री ने बताया कि दूध और दही की कीमतों में बढ़ोतरी का फैसला मुख्यमंत्री सिद्धारमैया की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में लिया गया. वेंकटेश के मुताबिक राज्य में डेयरी उद्योग को प्रोत्साहन देने और दूध उत्पादन व प्रोसेसिंग लागत को ध्यान में रखते हुए नंदिनी ब्रांड के दूध और दही की कीमतें बढ़ाने का निर्णय लिया गया.
किसानों को मिलेगा सीधा लाभ
सरकार ने कहा है कि बढ़ी हुई कीमतों का सीधा फायदा दूध उत्पादकों को और इस क्षेत्र जुड़े लोगों को मिलेगा. इसके अलावा जून 2024 में नंदिनी दूध की कीमतों में जो 2 रुपये प्रति लीटर की बढ़ोतरी की गई थी उसे रद्द कर दिया गया है. अब नए रेट के हिसाब से ही दूध और दही की बिक्री होगी.
1 अप्रैल से कितनी बढ़ जाएगी दूध-दही की कीमतय़
टोंड मिल्क- ₹46 प्रति लीटर (पहले ₹42)
होमोजनाइज्ड टोंड मिल्क- ₹47 प्रति लीटर (पहले ₹43)
गाय का दूध (ग्रीन पैकेट)- ₹50 प्रति लीटर (पहले ₹46)
शुभम दूध- ₹52 प्रति लीटर (पहले ₹48)
दही- ₹54 प्रति किलोग्राम (पहले ₹50)
महंगाई का असर लेकिन किसानों को राहत
दूध और दही की कीमत बढ़ने से आम जनता पर थोड़ा अतिरिक्त बोझ पड़ेगा. लेकिन सरकार का कहना है कि इससे राज्य के डेयरी किसानों को उचित मूल्य मिलेगा और दूध उत्पादन को बढ़ावा मिलेगा. कर्नाटक में नंदिनी ब्रांड का दूध और दूध उत्पादों पर बहुत अधिक निर्भरता है. इसे कर्नाटक मिल्क फेडरेशन (KMF) के तहत बेचा जाता है और यह राज्य के लाखों लोगों की दैनिक जरूरत का हिस्सा है. सरकार चाहती है कि इस उद्योग को और मजबूत किया जाए ताकि किसानों और उपभोक्ताओं दोनों को लाभ मिल सके.
कैबिनेट बैठक में फैसला
मंत्री ने बताया कि दूध और दही की कीमतों में बढ़ोतरी का फैसला मुख्यमंत्री सिद्धारमैया की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में लिया गया. वेंकटेश के मुताबिक राज्य में डेयरी उद्योग को प्रोत्साहन देने और दूध उत्पादन व प्रोसेसिंग लागत को ध्यान में रखते हुए नंदिनी ब्रांड के दूध और दही की कीमतें बढ़ाने का निर्णय लिया गया.
किसानों को मिलेगा सीधा लाभ
सरकार ने कहा है कि बढ़ी हुई कीमतों का सीधा फायदा दूध उत्पादकों को और इस क्षेत्र जुड़े लोगों को मिलेगा. इसके अलावा जून 2024 में नंदिनी दूध की कीमतों में जो 2 रुपये प्रति लीटर की बढ़ोतरी की गई थी उसे रद्द कर दिया गया है. अब नए रेट के हिसाब से ही दूध और दही की बिक्री होगी.
1 अप्रैल से कितनी बढ़ जाएगी दूध-दही की कीमतय़
टोंड मिल्क- ₹46 प्रति लीटर (पहले ₹42)
होमोजनाइज्ड टोंड मिल्क- ₹47 प्रति लीटर (पहले ₹43)
गाय का दूध (ग्रीन पैकेट)- ₹50 प्रति लीटर (पहले ₹46)
शुभम दूध- ₹52 प्रति लीटर (पहले ₹48)
दही- ₹54 प्रति किलोग्राम (पहले ₹50)
महंगाई का असर लेकिन किसानों को राहत
दूध और दही की कीमत बढ़ने से आम जनता पर थोड़ा अतिरिक्त बोझ पड़ेगा. लेकिन सरकार का कहना है कि इससे राज्य के डेयरी किसानों को उचित मूल्य मिलेगा और दूध उत्पादन को बढ़ावा मिलेगा. कर्नाटक में नंदिनी ब्रांड का दूध और दूध उत्पादों पर बहुत अधिक निर्भरता है. इसे कर्नाटक मिल्क फेडरेशन (KMF) के तहत बेचा जाता है और यह राज्य के लाखों लोगों की दैनिक जरूरत का हिस्सा है. सरकार चाहती है कि इस उद्योग को और मजबूत किया जाए ताकि किसानों और उपभोक्ताओं दोनों को लाभ मिल सके.
मंत्री ने बताया कि दूध और दही की कीमतों में बढ़ोतरी का फैसला मुख्यमंत्री सिद्धारमैया की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में लिया गया. वेंकटेश के मुताबिक राज्य में डेयरी उद्योग को प्रोत्साहन देने और दूध उत्पादन व प्रोसेसिंग लागत को ध्यान में रखते हुए नंदिनी ब्रांड के दूध और दही की कीमतें बढ़ाने का निर्णय लिया गया.
किसानों को मिलेगा सीधा लाभ
सरकार ने कहा है कि बढ़ी हुई कीमतों का सीधा फायदा दूध उत्पादकों को और इस क्षेत्र जुड़े लोगों को मिलेगा. इसके अलावा जून 2024 में नंदिनी दूध की कीमतों में जो 2 रुपये प्रति लीटर की बढ़ोतरी की गई थी उसे रद्द कर दिया गया है. अब नए रेट के हिसाब से ही दूध और दही की बिक्री होगी.
1 अप्रैल से कितनी बढ़ जाएगी दूध-दही की कीमतय़
टोंड मिल्क- ₹46 प्रति लीटर (पहले ₹42)
होमोजनाइज्ड टोंड मिल्क- ₹47 प्रति लीटर (पहले ₹43)
गाय का दूध (ग्रीन पैकेट)- ₹50 प्रति लीटर (पहले ₹46)
शुभम दूध- ₹52 प्रति लीटर (पहले ₹48)
दही- ₹54 प्रति किलोग्राम (पहले ₹50)
महंगाई का असर लेकिन किसानों को राहत
दूध और दही की कीमत बढ़ने से आम जनता पर थोड़ा अतिरिक्त बोझ पड़ेगा. लेकिन सरकार का कहना है कि इससे राज्य के डेयरी किसानों को उचित मूल्य मिलेगा और दूध उत्पादन को बढ़ावा मिलेगा. कर्नाटक में नंदिनी ब्रांड का दूध और दूध उत्पादों पर बहुत अधिक निर्भरता है. इसे कर्नाटक मिल्क फेडरेशन (KMF) के तहत बेचा जाता है और यह राज्य के लाखों लोगों की दैनिक जरूरत का हिस्सा है. सरकार चाहती है कि इस उद्योग को और मजबूत किया जाए ताकि किसानों और उपभोक्ताओं दोनों को लाभ मिल सके.
किसानों को मिलेगा सीधा लाभ
सरकार ने कहा है कि बढ़ी हुई कीमतों का सीधा फायदा दूध उत्पादकों को और इस क्षेत्र जुड़े लोगों को मिलेगा. इसके अलावा जून 2024 में नंदिनी दूध की कीमतों में जो 2 रुपये प्रति लीटर की बढ़ोतरी की गई थी उसे रद्द कर दिया गया है. अब नए रेट के हिसाब से ही दूध और दही की बिक्री होगी.
1 अप्रैल से कितनी बढ़ जाएगी दूध-दही की कीमतय़
टोंड मिल्क- ₹46 प्रति लीटर (पहले ₹42)
होमोजनाइज्ड टोंड मिल्क- ₹47 प्रति लीटर (पहले ₹43)
गाय का दूध (ग्रीन पैकेट)- ₹50 प्रति लीटर (पहले ₹46)
शुभम दूध- ₹52 प्रति लीटर (पहले ₹48)
दही- ₹54 प्रति किलोग्राम (पहले ₹50)
महंगाई का असर लेकिन किसानों को राहत
दूध और दही की कीमत बढ़ने से आम जनता पर थोड़ा अतिरिक्त बोझ पड़ेगा. लेकिन सरकार का कहना है कि इससे राज्य के डेयरी किसानों को उचित मूल्य मिलेगा और दूध उत्पादन को बढ़ावा मिलेगा. कर्नाटक में नंदिनी ब्रांड का दूध और दूध उत्पादों पर बहुत अधिक निर्भरता है. इसे कर्नाटक मिल्क फेडरेशन (KMF) के तहत बेचा जाता है और यह राज्य के लाखों लोगों की दैनिक जरूरत का हिस्सा है. सरकार चाहती है कि इस उद्योग को और मजबूत किया जाए ताकि किसानों और उपभोक्ताओं दोनों को लाभ मिल सके.
सरकार ने कहा है कि बढ़ी हुई कीमतों का सीधा फायदा दूध उत्पादकों को और इस क्षेत्र जुड़े लोगों को मिलेगा. इसके अलावा जून 2024 में नंदिनी दूध की कीमतों में जो 2 रुपये प्रति लीटर की बढ़ोतरी की गई थी उसे रद्द कर दिया गया है. अब नए रेट के हिसाब से ही दूध और दही की बिक्री होगी.
1 अप्रैल से कितनी बढ़ जाएगी दूध-दही की कीमतय़
टोंड मिल्क- ₹46 प्रति लीटर (पहले ₹42)
होमोजनाइज्ड टोंड मिल्क- ₹47 प्रति लीटर (पहले ₹43)
गाय का दूध (ग्रीन पैकेट)- ₹50 प्रति लीटर (पहले ₹46)
शुभम दूध- ₹52 प्रति लीटर (पहले ₹48)
दही- ₹54 प्रति किलोग्राम (पहले ₹50)
महंगाई का असर लेकिन किसानों को राहत
दूध और दही की कीमत बढ़ने से आम जनता पर थोड़ा अतिरिक्त बोझ पड़ेगा. लेकिन सरकार का कहना है कि इससे राज्य के डेयरी किसानों को उचित मूल्य मिलेगा और दूध उत्पादन को बढ़ावा मिलेगा. कर्नाटक में नंदिनी ब्रांड का दूध और दूध उत्पादों पर बहुत अधिक निर्भरता है. इसे कर्नाटक मिल्क फेडरेशन (KMF) के तहत बेचा जाता है और यह राज्य के लाखों लोगों की दैनिक जरूरत का हिस्सा है. सरकार चाहती है कि इस उद्योग को और मजबूत किया जाए ताकि किसानों और उपभोक्ताओं दोनों को लाभ मिल सके.
1 अप्रैल से कितनी बढ़ जाएगी दूध-दही की कीमतय़
टोंड मिल्क- ₹46 प्रति लीटर (पहले ₹42)
होमोजनाइज्ड टोंड मिल्क- ₹47 प्रति लीटर (पहले ₹43)
गाय का दूध (ग्रीन पैकेट)- ₹50 प्रति लीटर (पहले ₹46)
शुभम दूध- ₹52 प्रति लीटर (पहले ₹48)
दही- ₹54 प्रति किलोग्राम (पहले ₹50)
महंगाई का असर लेकिन किसानों को राहत
दूध और दही की कीमत बढ़ने से आम जनता पर थोड़ा अतिरिक्त बोझ पड़ेगा. लेकिन सरकार का कहना है कि इससे राज्य के डेयरी किसानों को उचित मूल्य मिलेगा और दूध उत्पादन को बढ़ावा मिलेगा. कर्नाटक में नंदिनी ब्रांड का दूध और दूध उत्पादों पर बहुत अधिक निर्भरता है. इसे कर्नाटक मिल्क फेडरेशन (KMF) के तहत बेचा जाता है और यह राज्य के लाखों लोगों की दैनिक जरूरत का हिस्सा है. सरकार चाहती है कि इस उद्योग को और मजबूत किया जाए ताकि किसानों और उपभोक्ताओं दोनों को लाभ मिल सके.
टोंड मिल्क- ₹46 प्रति लीटर (पहले ₹42)
होमोजनाइज्ड टोंड मिल्क- ₹47 प्रति लीटर (पहले ₹43)
गाय का दूध (ग्रीन पैकेट)- ₹50 प्रति लीटर (पहले ₹46)
शुभम दूध- ₹52 प्रति लीटर (पहले ₹48)
दही- ₹54 प्रति किलोग्राम (पहले ₹50)
महंगाई का असर लेकिन किसानों को राहत
दूध और दही की कीमत बढ़ने से आम जनता पर थोड़ा अतिरिक्त बोझ पड़ेगा. लेकिन सरकार का कहना है कि इससे राज्य के डेयरी किसानों को उचित मूल्य मिलेगा और दूध उत्पादन को बढ़ावा मिलेगा. कर्नाटक में नंदिनी ब्रांड का दूध और दूध उत्पादों पर बहुत अधिक निर्भरता है. इसे कर्नाटक मिल्क फेडरेशन (KMF) के तहत बेचा जाता है और यह राज्य के लाखों लोगों की दैनिक जरूरत का हिस्सा है. सरकार चाहती है कि इस उद्योग को और मजबूत किया जाए ताकि किसानों और उपभोक्ताओं दोनों को लाभ मिल सके.
होमोजनाइज्ड टोंड मिल्क- ₹47 प्रति लीटर (पहले ₹43)
गाय का दूध (ग्रीन पैकेट)- ₹50 प्रति लीटर (पहले ₹46)
शुभम दूध- ₹52 प्रति लीटर (पहले ₹48)
दही- ₹54 प्रति किलोग्राम (पहले ₹50)
महंगाई का असर लेकिन किसानों को राहत
दूध और दही की कीमत बढ़ने से आम जनता पर थोड़ा अतिरिक्त बोझ पड़ेगा. लेकिन सरकार का कहना है कि इससे राज्य के डेयरी किसानों को उचित मूल्य मिलेगा और दूध उत्पादन को बढ़ावा मिलेगा. कर्नाटक में नंदिनी ब्रांड का दूध और दूध उत्पादों पर बहुत अधिक निर्भरता है. इसे कर्नाटक मिल्क फेडरेशन (KMF) के तहत बेचा जाता है और यह राज्य के लाखों लोगों की दैनिक जरूरत का हिस्सा है. सरकार चाहती है कि इस उद्योग को और मजबूत किया जाए ताकि किसानों और उपभोक्ताओं दोनों को लाभ मिल सके.
गाय का दूध (ग्रीन पैकेट)- ₹50 प्रति लीटर (पहले ₹46)
शुभम दूध- ₹52 प्रति लीटर (पहले ₹48)
दही- ₹54 प्रति किलोग्राम (पहले ₹50)
महंगाई का असर लेकिन किसानों को राहत
दूध और दही की कीमत बढ़ने से आम जनता पर थोड़ा अतिरिक्त बोझ पड़ेगा. लेकिन सरकार का कहना है कि इससे राज्य के डेयरी किसानों को उचित मूल्य मिलेगा और दूध उत्पादन को बढ़ावा मिलेगा. कर्नाटक में नंदिनी ब्रांड का दूध और दूध उत्पादों पर बहुत अधिक निर्भरता है. इसे कर्नाटक मिल्क फेडरेशन (KMF) के तहत बेचा जाता है और यह राज्य के लाखों लोगों की दैनिक जरूरत का हिस्सा है. सरकार चाहती है कि इस उद्योग को और मजबूत किया जाए ताकि किसानों और उपभोक्ताओं दोनों को लाभ मिल सके.
शुभम दूध- ₹52 प्रति लीटर (पहले ₹48)
दही- ₹54 प्रति किलोग्राम (पहले ₹50)
महंगाई का असर लेकिन किसानों को राहत
दूध और दही की कीमत बढ़ने से आम जनता पर थोड़ा अतिरिक्त बोझ पड़ेगा. लेकिन सरकार का कहना है कि इससे राज्य के डेयरी किसानों को उचित मूल्य मिलेगा और दूध उत्पादन को बढ़ावा मिलेगा. कर्नाटक में नंदिनी ब्रांड का दूध और दूध उत्पादों पर बहुत अधिक निर्भरता है. इसे कर्नाटक मिल्क फेडरेशन (KMF) के तहत बेचा जाता है और यह राज्य के लाखों लोगों की दैनिक जरूरत का हिस्सा है. सरकार चाहती है कि इस उद्योग को और मजबूत किया जाए ताकि किसानों और उपभोक्ताओं दोनों को लाभ मिल सके.
दही- ₹54 प्रति किलोग्राम (पहले ₹50)
महंगाई का असर लेकिन किसानों को राहत
दूध और दही की कीमत बढ़ने से आम जनता पर थोड़ा अतिरिक्त बोझ पड़ेगा. लेकिन सरकार का कहना है कि इससे राज्य के डेयरी किसानों को उचित मूल्य मिलेगा और दूध उत्पादन को बढ़ावा मिलेगा. कर्नाटक में नंदिनी ब्रांड का दूध और दूध उत्पादों पर बहुत अधिक निर्भरता है. इसे कर्नाटक मिल्क फेडरेशन (KMF) के तहत बेचा जाता है और यह राज्य के लाखों लोगों की दैनिक जरूरत का हिस्सा है. सरकार चाहती है कि इस उद्योग को और मजबूत किया जाए ताकि किसानों और उपभोक्ताओं दोनों को लाभ मिल सके.
महंगाई का असर लेकिन किसानों को राहत
दूध और दही की कीमत बढ़ने से आम जनता पर थोड़ा अतिरिक्त बोझ पड़ेगा. लेकिन सरकार का कहना है कि इससे राज्य के डेयरी किसानों को उचित मूल्य मिलेगा और दूध उत्पादन को बढ़ावा मिलेगा. कर्नाटक में नंदिनी ब्रांड का दूध और दूध उत्पादों पर बहुत अधिक निर्भरता है. इसे कर्नाटक मिल्क फेडरेशन (KMF) के तहत बेचा जाता है और यह राज्य के लाखों लोगों की दैनिक जरूरत का हिस्सा है. सरकार चाहती है कि इस उद्योग को और मजबूत किया जाए ताकि किसानों और उपभोक्ताओं दोनों को लाभ मिल सके.
दूध और दही की कीमत बढ़ने से आम जनता पर थोड़ा अतिरिक्त बोझ पड़ेगा. लेकिन सरकार का कहना है कि इससे राज्य के डेयरी किसानों को उचित मूल्य मिलेगा और दूध उत्पादन को बढ़ावा मिलेगा. कर्नाटक में नंदिनी ब्रांड का दूध और दूध उत्पादों पर बहुत अधिक निर्भरता है. इसे कर्नाटक मिल्क फेडरेशन (KMF) के तहत बेचा जाता है और यह राज्य के लाखों लोगों की दैनिक जरूरत का हिस्सा है. सरकार चाहती है कि इस उद्योग को और मजबूत किया जाए ताकि किसानों और उपभोक्ताओं दोनों को लाभ मिल सके.

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