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Mumbai Hoarding Case: रेलवे पुलिस और BMC अधिकारियों की अनदेखी के चौंकाने वाले दावे

परिचय

मुंबई के घाटकोपर में होर्डिंग गिरने की गंभीर घटना पर पुलिस के आरोपपत्र में हैरान करने वाला खुलासा हुआ है। इसमें बताया गया है कि रेलवे पुलिस और बृहन्मुंबई महानगरपालिका (BMC) के अधिकारियों के साथ-साथ स्ट्रक्चरल इंजीनियर और होर्डिंग खड़ा करने वाली कंपनी सम्भावित अवैध कृत्यों की अनदेखी की थी। अधिकारियों ने कहा कि अभी और गहन जांच की जरूरत है।

घटिया सामग्री का इस्तेमाल

13 मई को तेज हवाओं और धूल भरी आंधी के बीच घाटकोपर में एक पेट्रोल पंप के समीप एक विशाल होर्डिंग गिरने से 17 लोगों की मौत हो गई थी और 80 से अधिक लोग घायल हो गए थे। एक अधिकारी ने बताया कि अदालत में दाखिल आरोपपत्र में वीजेटीआई और आईएमडी के विचार शामिल हैं कि होर्डिंग की संरचना घटिया गुणवत्ता की थी और उसकी तेज हवाओं का सामना करने की क्षमता नहीं थी। उन्होंने कहा कि संरचना को खड़ा करने से पूर्व मिट्टी की जांच की गई थी, जिसमें पता चला कि जमीन में उसकी नींव पांच गुना मजबूत होनी चाहिए, लेकिन विज्ञापन कंपनी ने यह जांचने की जहमत नहीं उठायी कि नींव के निर्माण के लिए घटिया सामग्री का इस्तेमाल किया गया था।

महज 15 सेकंड में धराशायी

रिपोर्ट में कहा गया है कि कंपनी ने ढांचे का डिजाइन तैयार नहीं किया था और विशाल होर्डिंग महज 15 सेकंड के भीतर ही धराशायी हो गई। मुंबई पुलिस के विशेष जांच दल (एसआईटी) ने बृहन्मुंबई महानगरपालिका और राजकीय रेलवे पुलिस (जीआरपी) के अधिकारियों के संबंध में गहन जांच की गुंजाइश रखी है और वह उन अधिकारियों की भूमिका की भी जांच कर रहे हैं।

चार्जशीट में चौंकाने वाला दावा

दावा किया गया है कि ईगो मीडिया प्राइवेट लिमिटेड के मालिक भावेश भिंडे ने घटना के दिन स्ट्रक्चरल इंजीनियर को बुलाया था और खुद को बचाने के लिए उससे ढांचे के स्थिरता प्रमाण पत्र की प्रतियां मांगी थीं। आरोपपत्र में मुंबई रेलवे पुलिस के तत्कालीन आयुक्त कैसर खालिद का बयान भी शामिल है, जिन्हें डीजीपी कार्यालय से मंजूरी के बिना होर्डिंग को अनुमोदित करने में प्रशासनिक चूक और अनियमितताओं के लिए राज्य सरकार ने निलंबित कर दिया था।

होर्डिंग पेट्रोल पंप का हिस्सा?

खालिद के बयान के अनुसार, डीजीपी कार्यालय ने बीपीसीएल को रेलवे पुलिस की जमीन पर ईंधन पंप स्थापित करने की अनुमति दी थी, इसलिए उन्होंने मान लिया कि होर्डिंग पेट्रोल पंप का ही हिस्सा है। अधिकारी ने निलंबित आईपीएस अधिकारी के बयान का हवाला देते हुए कहा कि बीपीसीएल के सभी ईंधन पंपों पर होर्डिंग हैं, जिसके कारण खालिद ने यह अनुमान लगाया। उन्होंने दावा किया कि होर्डिंग की अनुमति के चलते पुलिस कल्याण कोष में पर्याप्त राशि आई।

अनुमति का दायरा

खालिद के बयान के अनुसार, मूल अनुमति 40 गुणा 40 फुट के होर्डिंग लगाने की थी, लेकिन फ्लाईओवर के कारण दृश्य अवरुद्ध हो रहा था, इसलिए आकार बढ़ाने की मंजूरी दी गई। उन्होंने दावा किया कि ऐसा इसलिए किया गया ताकि मौके पर मौजूद फ्लाईओवर से गुजरने वाले मोटर चालक होर्डिंग देख सकें।

जांच जारी

एसआईटी अधिकारी ने कहा कि उन अधिकारियों की भूमिका की जांच की जा रही है जिनमें बृहन्मुंबई महानगरपालिका और राजकीय रेलवे पुलिस के अधिकारी शामिल हो सकते हैं। यह सुनिश्चित करने की कोशिश हो रही है कि भविष्य में ऐसी अनदेखी वाले भयानक हादसे न हों।

निष्कर्ष

मुंबई होर्डिंग केस ने प्रशासनिक महकमें में अनियमितताओं की परतें खोल दी हैं। यह एक गंभीर मामला है जो बताता है कि छोटे-छोटे गलत निर्णय भी कितनी बड़ी त्रासदी में बदल सकते हैं। इस घटना से जुड़ी सभी पहलुओं की जांच और जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ सख्त कदम जरूरी हैं ताकि लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित हो सके और भविष्य में ऐसी दुर्घटनाओं से बचा जा सके।

(एजेंसी इनपुट के साथ)

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