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National Education Policy: विपक्ष ने मचा दिया हल्ला प्रधान ने ऐसा क्या कह दिया जो संसद में वापस लेना पड़ गया एक शब्द


Dharmendra Pradhan on National Education Policy: संसद के बजट सत्र का दूसरा पार्ट शुरू हो चुका है. और उम्मीद के मुताबिक यह सोमवार को हंगामेदार रहा. लेकिन इस दौरान कुछ ऐसा हुआ कि केंद्रीय मंत्री को अपने भाषण का एक शब्द वापस लेना पड़ गया और लोकसभा स्पीकर ने भी उसे सदन की कार्यवाही से हटाने का आदेश दिया.दरअसल सदन में प्रश्नकाल के दौरान केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने डीएमके सांसद टी सुमति के सवाल के जवाब में टिप्पणी की थी. 
सुमति ने आरोप लगाया था कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) को स्वीकार नहीं करने के कारण तमिलनाडु को पीएमश्री योजना के तहत आवंटित किए जाने वाले 2,000 करोड़ रुपये की केंद्रीय राशि अन्य राज्यों को ट्रांसफर कर दी गई है. इसके जवाब में शिक्षा मंत्री प्रधान ने डीएमके पर तमिलनाडु में छात्रों के साथ अन्याय करने का आरोप लगाया. मंत्री के बयान को लेकर डीएमके सदस्यों ने विरोध किया और हंगामे के चलते सदन की कार्यवाही करीब 11.30 बजे दोपहर 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई.
कनिमोझि बोलीं- मुझे दुख हुआ
जब कार्यवाही 12 बजे फिर से शुरू हुई लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने डीएमके सांसद कनिमोझि को अपनी बात रखने के लिए कहा. कनिमोझि ने कहा कि वह दुखी हैं कि केंद्रीय मंत्री ने तमिलनाडु के सांसदों, वहां की सरकार और राज्य के लोगों के बारे में इस तरह के शब्द का इस्तेमाल किया है. उन्होंने कहा कि तीन भाषाओं की नीति तमिलनाडु को स्वीकार्य नहीं है. 
प्रधान ने कहा, ‘मेरी प्रिय बहन ने जो कहा है, उसके बारे में मैं कहना चाहता हूं कि अगर मेरे शब्द से कोई आहत हुआ है तो मैं इस शब्द को वापस लेता हूं.’ इसके बाद बिरला ने कहा, ‘मैंने इस शब्द को रिकॉर्ड से निकाल दिया है.’ बाद में DMK सदस्यों ने सदन से वॉकआउट किया. 
क्या था धर्मेंद्र प्रधान का बयान?
दरअसल, प्रधान ने डीएमके पर राष्ट्रीय शिक्षा नीति से पीछे हटने के आरोप लगाए. उन्होंने बयान में कहा, ‘एक वक्त था, जब तमिलनाडु सरकार केंद्र सरकार के साथ राष्ट्रीय शिक्षा नीति पर एमओयू साइन करने को तैयार थी. तमिलनाडु के एजुकेशन मिनिस्टर कुछ सदस्यों के साथ हमारे पास आए थे और उन्होंने इसके लिए हामी भरी थी.’ प्रधान ने आगे कहा कि कई राज्य भी पीएमश्री योजना को अपना रहे हैं, जहां सत्ता में बीजेपी की सरकार नहीं है.
प्रधान ने आगे कहा, ‘हम तमिलनाडु को बजट आवंटित कर रहे हैं. लेकिन वे (DMK) कमिटेड नहीं हैं. वे बेईमान हैं और तमिलनाडु के छात्रों का भविष्य बर्बाद कर रहे हैं. वे राजनीति कर रहे हैं.’
बयान पर बिफरी डीएमके
प्रधान के इस बयान पर डीएमके सांसद नारेबाजी करने लगे. कनिमोझि ने इस पर आपत्ति जताते हुए कहा, ‘मुझे आपके बयान से दुख पहुंचा है कि तमिल बेइमान हैं. इसे वापस लिया जाना चाहिए.’ इसके बाद धर्मेंद्र प्रधान ने कहा, ‘अगर आपको दुख पहुंचा है तो मैं इसे वापस लेता हूं.’
(PTI इनपुट के साथ)
सुमति ने आरोप लगाया था कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) को स्वीकार नहीं करने के कारण तमिलनाडु को पीएमश्री योजना के तहत आवंटित किए जाने वाले 2,000 करोड़ रुपये की केंद्रीय राशि अन्य राज्यों को ट्रांसफर कर दी गई है. इसके जवाब में शिक्षा मंत्री प्रधान ने डीएमके पर तमिलनाडु में छात्रों के साथ अन्याय करने का आरोप लगाया. मंत्री के बयान को लेकर डीएमके सदस्यों ने विरोध किया और हंगामे के चलते सदन की कार्यवाही करीब 11.30 बजे दोपहर 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई.
कनिमोझि बोलीं- मुझे दुख हुआ
जब कार्यवाही 12 बजे फिर से शुरू हुई लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने डीएमके सांसद कनिमोझि को अपनी बात रखने के लिए कहा. कनिमोझि ने कहा कि वह दुखी हैं कि केंद्रीय मंत्री ने तमिलनाडु के सांसदों, वहां की सरकार और राज्य के लोगों के बारे में इस तरह के शब्द का इस्तेमाल किया है. उन्होंने कहा कि तीन भाषाओं की नीति तमिलनाडु को स्वीकार्य नहीं है. 
प्रधान ने कहा, ‘मेरी प्रिय बहन ने जो कहा है, उसके बारे में मैं कहना चाहता हूं कि अगर मेरे शब्द से कोई आहत हुआ है तो मैं इस शब्द को वापस लेता हूं.’ इसके बाद बिरला ने कहा, ‘मैंने इस शब्द को रिकॉर्ड से निकाल दिया है.’ बाद में DMK सदस्यों ने सदन से वॉकआउट किया. 
क्या था धर्मेंद्र प्रधान का बयान?
दरअसल, प्रधान ने डीएमके पर राष्ट्रीय शिक्षा नीति से पीछे हटने के आरोप लगाए. उन्होंने बयान में कहा, ‘एक वक्त था, जब तमिलनाडु सरकार केंद्र सरकार के साथ राष्ट्रीय शिक्षा नीति पर एमओयू साइन करने को तैयार थी. तमिलनाडु के एजुकेशन मिनिस्टर कुछ सदस्यों के साथ हमारे पास आए थे और उन्होंने इसके लिए हामी भरी थी.’ प्रधान ने आगे कहा कि कई राज्य भी पीएमश्री योजना को अपना रहे हैं, जहां सत्ता में बीजेपी की सरकार नहीं है.
प्रधान ने आगे कहा, ‘हम तमिलनाडु को बजट आवंटित कर रहे हैं. लेकिन वे (DMK) कमिटेड नहीं हैं. वे बेईमान हैं और तमिलनाडु के छात्रों का भविष्य बर्बाद कर रहे हैं. वे राजनीति कर रहे हैं.’
बयान पर बिफरी डीएमके
प्रधान के इस बयान पर डीएमके सांसद नारेबाजी करने लगे. कनिमोझि ने इस पर आपत्ति जताते हुए कहा, ‘मुझे आपके बयान से दुख पहुंचा है कि तमिल बेइमान हैं. इसे वापस लिया जाना चाहिए.’ इसके बाद धर्मेंद्र प्रधान ने कहा, ‘अगर आपको दुख पहुंचा है तो मैं इसे वापस लेता हूं.’
(PTI इनपुट के साथ)
कनिमोझि बोलीं- मुझे दुख हुआ
जब कार्यवाही 12 बजे फिर से शुरू हुई लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने डीएमके सांसद कनिमोझि को अपनी बात रखने के लिए कहा. कनिमोझि ने कहा कि वह दुखी हैं कि केंद्रीय मंत्री ने तमिलनाडु के सांसदों, वहां की सरकार और राज्य के लोगों के बारे में इस तरह के शब्द का इस्तेमाल किया है. उन्होंने कहा कि तीन भाषाओं की नीति तमिलनाडु को स्वीकार्य नहीं है. 
प्रधान ने कहा, ‘मेरी प्रिय बहन ने जो कहा है, उसके बारे में मैं कहना चाहता हूं कि अगर मेरे शब्द से कोई आहत हुआ है तो मैं इस शब्द को वापस लेता हूं.’ इसके बाद बिरला ने कहा, ‘मैंने इस शब्द को रिकॉर्ड से निकाल दिया है.’ बाद में DMK सदस्यों ने सदन से वॉकआउट किया. 
क्या था धर्मेंद्र प्रधान का बयान?
दरअसल, प्रधान ने डीएमके पर राष्ट्रीय शिक्षा नीति से पीछे हटने के आरोप लगाए. उन्होंने बयान में कहा, ‘एक वक्त था, जब तमिलनाडु सरकार केंद्र सरकार के साथ राष्ट्रीय शिक्षा नीति पर एमओयू साइन करने को तैयार थी. तमिलनाडु के एजुकेशन मिनिस्टर कुछ सदस्यों के साथ हमारे पास आए थे और उन्होंने इसके लिए हामी भरी थी.’ प्रधान ने आगे कहा कि कई राज्य भी पीएमश्री योजना को अपना रहे हैं, जहां सत्ता में बीजेपी की सरकार नहीं है.
प्रधान ने आगे कहा, ‘हम तमिलनाडु को बजट आवंटित कर रहे हैं. लेकिन वे (DMK) कमिटेड नहीं हैं. वे बेईमान हैं और तमिलनाडु के छात्रों का भविष्य बर्बाद कर रहे हैं. वे राजनीति कर रहे हैं.’
बयान पर बिफरी डीएमके
प्रधान के इस बयान पर डीएमके सांसद नारेबाजी करने लगे. कनिमोझि ने इस पर आपत्ति जताते हुए कहा, ‘मुझे आपके बयान से दुख पहुंचा है कि तमिल बेइमान हैं. इसे वापस लिया जाना चाहिए.’ इसके बाद धर्मेंद्र प्रधान ने कहा, ‘अगर आपको दुख पहुंचा है तो मैं इसे वापस लेता हूं.’
(PTI इनपुट के साथ)
जब कार्यवाही 12 बजे फिर से शुरू हुई लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने डीएमके सांसद कनिमोझि को अपनी बात रखने के लिए कहा. कनिमोझि ने कहा कि वह दुखी हैं कि केंद्रीय मंत्री ने तमिलनाडु के सांसदों, वहां की सरकार और राज्य के लोगों के बारे में इस तरह के शब्द का इस्तेमाल किया है. उन्होंने कहा कि तीन भाषाओं की नीति तमिलनाडु को स्वीकार्य नहीं है. 
प्रधान ने कहा, ‘मेरी प्रिय बहन ने जो कहा है, उसके बारे में मैं कहना चाहता हूं कि अगर मेरे शब्द से कोई आहत हुआ है तो मैं इस शब्द को वापस लेता हूं.’ इसके बाद बिरला ने कहा, ‘मैंने इस शब्द को रिकॉर्ड से निकाल दिया है.’ बाद में DMK सदस्यों ने सदन से वॉकआउट किया. 
क्या था धर्मेंद्र प्रधान का बयान?
दरअसल, प्रधान ने डीएमके पर राष्ट्रीय शिक्षा नीति से पीछे हटने के आरोप लगाए. उन्होंने बयान में कहा, ‘एक वक्त था, जब तमिलनाडु सरकार केंद्र सरकार के साथ राष्ट्रीय शिक्षा नीति पर एमओयू साइन करने को तैयार थी. तमिलनाडु के एजुकेशन मिनिस्टर कुछ सदस्यों के साथ हमारे पास आए थे और उन्होंने इसके लिए हामी भरी थी.’ प्रधान ने आगे कहा कि कई राज्य भी पीएमश्री योजना को अपना रहे हैं, जहां सत्ता में बीजेपी की सरकार नहीं है.
प्रधान ने आगे कहा, ‘हम तमिलनाडु को बजट आवंटित कर रहे हैं. लेकिन वे (DMK) कमिटेड नहीं हैं. वे बेईमान हैं और तमिलनाडु के छात्रों का भविष्य बर्बाद कर रहे हैं. वे राजनीति कर रहे हैं.’
बयान पर बिफरी डीएमके
प्रधान के इस बयान पर डीएमके सांसद नारेबाजी करने लगे. कनिमोझि ने इस पर आपत्ति जताते हुए कहा, ‘मुझे आपके बयान से दुख पहुंचा है कि तमिल बेइमान हैं. इसे वापस लिया जाना चाहिए.’ इसके बाद धर्मेंद्र प्रधान ने कहा, ‘अगर आपको दुख पहुंचा है तो मैं इसे वापस लेता हूं.’
(PTI इनपुट के साथ)
प्रधान ने कहा, ‘मेरी प्रिय बहन ने जो कहा है, उसके बारे में मैं कहना चाहता हूं कि अगर मेरे शब्द से कोई आहत हुआ है तो मैं इस शब्द को वापस लेता हूं.’ इसके बाद बिरला ने कहा, ‘मैंने इस शब्द को रिकॉर्ड से निकाल दिया है.’ बाद में DMK सदस्यों ने सदन से वॉकआउट किया. 
क्या था धर्मेंद्र प्रधान का बयान?
दरअसल, प्रधान ने डीएमके पर राष्ट्रीय शिक्षा नीति से पीछे हटने के आरोप लगाए. उन्होंने बयान में कहा, ‘एक वक्त था, जब तमिलनाडु सरकार केंद्र सरकार के साथ राष्ट्रीय शिक्षा नीति पर एमओयू साइन करने को तैयार थी. तमिलनाडु के एजुकेशन मिनिस्टर कुछ सदस्यों के साथ हमारे पास आए थे और उन्होंने इसके लिए हामी भरी थी.’ प्रधान ने आगे कहा कि कई राज्य भी पीएमश्री योजना को अपना रहे हैं, जहां सत्ता में बीजेपी की सरकार नहीं है.
प्रधान ने आगे कहा, ‘हम तमिलनाडु को बजट आवंटित कर रहे हैं. लेकिन वे (DMK) कमिटेड नहीं हैं. वे बेईमान हैं और तमिलनाडु के छात्रों का भविष्य बर्बाद कर रहे हैं. वे राजनीति कर रहे हैं.’
बयान पर बिफरी डीएमके
प्रधान के इस बयान पर डीएमके सांसद नारेबाजी करने लगे. कनिमोझि ने इस पर आपत्ति जताते हुए कहा, ‘मुझे आपके बयान से दुख पहुंचा है कि तमिल बेइमान हैं. इसे वापस लिया जाना चाहिए.’ इसके बाद धर्मेंद्र प्रधान ने कहा, ‘अगर आपको दुख पहुंचा है तो मैं इसे वापस लेता हूं.’
(PTI इनपुट के साथ)
क्या था धर्मेंद्र प्रधान का बयान?
दरअसल, प्रधान ने डीएमके पर राष्ट्रीय शिक्षा नीति से पीछे हटने के आरोप लगाए. उन्होंने बयान में कहा, ‘एक वक्त था, जब तमिलनाडु सरकार केंद्र सरकार के साथ राष्ट्रीय शिक्षा नीति पर एमओयू साइन करने को तैयार थी. तमिलनाडु के एजुकेशन मिनिस्टर कुछ सदस्यों के साथ हमारे पास आए थे और उन्होंने इसके लिए हामी भरी थी.’ प्रधान ने आगे कहा कि कई राज्य भी पीएमश्री योजना को अपना रहे हैं, जहां सत्ता में बीजेपी की सरकार नहीं है.
प्रधान ने आगे कहा, ‘हम तमिलनाडु को बजट आवंटित कर रहे हैं. लेकिन वे (DMK) कमिटेड नहीं हैं. वे बेईमान हैं और तमिलनाडु के छात्रों का भविष्य बर्बाद कर रहे हैं. वे राजनीति कर रहे हैं.’
बयान पर बिफरी डीएमके
प्रधान के इस बयान पर डीएमके सांसद नारेबाजी करने लगे. कनिमोझि ने इस पर आपत्ति जताते हुए कहा, ‘मुझे आपके बयान से दुख पहुंचा है कि तमिल बेइमान हैं. इसे वापस लिया जाना चाहिए.’ इसके बाद धर्मेंद्र प्रधान ने कहा, ‘अगर आपको दुख पहुंचा है तो मैं इसे वापस लेता हूं.’
(PTI इनपुट के साथ)
दरअसल, प्रधान ने डीएमके पर राष्ट्रीय शिक्षा नीति से पीछे हटने के आरोप लगाए. उन्होंने बयान में कहा, ‘एक वक्त था, जब तमिलनाडु सरकार केंद्र सरकार के साथ राष्ट्रीय शिक्षा नीति पर एमओयू साइन करने को तैयार थी. तमिलनाडु के एजुकेशन मिनिस्टर कुछ सदस्यों के साथ हमारे पास आए थे और उन्होंने इसके लिए हामी भरी थी.’ प्रधान ने आगे कहा कि कई राज्य भी पीएमश्री योजना को अपना रहे हैं, जहां सत्ता में बीजेपी की सरकार नहीं है.
प्रधान ने आगे कहा, ‘हम तमिलनाडु को बजट आवंटित कर रहे हैं. लेकिन वे (DMK) कमिटेड नहीं हैं. वे बेईमान हैं और तमिलनाडु के छात्रों का भविष्य बर्बाद कर रहे हैं. वे राजनीति कर रहे हैं.’
बयान पर बिफरी डीएमके
प्रधान के इस बयान पर डीएमके सांसद नारेबाजी करने लगे. कनिमोझि ने इस पर आपत्ति जताते हुए कहा, ‘मुझे आपके बयान से दुख पहुंचा है कि तमिल बेइमान हैं. इसे वापस लिया जाना चाहिए.’ इसके बाद धर्मेंद्र प्रधान ने कहा, ‘अगर आपको दुख पहुंचा है तो मैं इसे वापस लेता हूं.’
(PTI इनपुट के साथ)
प्रधान ने आगे कहा, ‘हम तमिलनाडु को बजट आवंटित कर रहे हैं. लेकिन वे (DMK) कमिटेड नहीं हैं. वे बेईमान हैं और तमिलनाडु के छात्रों का भविष्य बर्बाद कर रहे हैं. वे राजनीति कर रहे हैं.’
बयान पर बिफरी डीएमके
प्रधान के इस बयान पर डीएमके सांसद नारेबाजी करने लगे. कनिमोझि ने इस पर आपत्ति जताते हुए कहा, ‘मुझे आपके बयान से दुख पहुंचा है कि तमिल बेइमान हैं. इसे वापस लिया जाना चाहिए.’ इसके बाद धर्मेंद्र प्रधान ने कहा, ‘अगर आपको दुख पहुंचा है तो मैं इसे वापस लेता हूं.’
(PTI इनपुट के साथ)
बयान पर बिफरी डीएमके
प्रधान के इस बयान पर डीएमके सांसद नारेबाजी करने लगे. कनिमोझि ने इस पर आपत्ति जताते हुए कहा, ‘मुझे आपके बयान से दुख पहुंचा है कि तमिल बेइमान हैं. इसे वापस लिया जाना चाहिए.’ इसके बाद धर्मेंद्र प्रधान ने कहा, ‘अगर आपको दुख पहुंचा है तो मैं इसे वापस लेता हूं.’
(PTI इनपुट के साथ)
प्रधान के इस बयान पर डीएमके सांसद नारेबाजी करने लगे. कनिमोझि ने इस पर आपत्ति जताते हुए कहा, ‘मुझे आपके बयान से दुख पहुंचा है कि तमिल बेइमान हैं. इसे वापस लिया जाना चाहिए.’ इसके बाद धर्मेंद्र प्रधान ने कहा, ‘अगर आपको दुख पहुंचा है तो मैं इसे वापस लेता हूं.’
(PTI इनपुट के साथ)
(PTI इनपुट के साथ)

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