India Road Projects: देशभर में सड़क और राजमार्ग निर्माण की बड़ी योजनाओं में शामिल 637 परियोजनाओं में देरी हो रही है. इस बात की जानकारी केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने राज्यसभा में लिखित उत्तर के माध्यम से दी. उन्होंने बताया कि भारतमाला परियोजना के तहत आने वाली कई परियोजनाओं सहित ये देरी मुख्य रूप से भूमि अधिग्रहण में आ रही परेशानियों और ठेकेदारों की आर्थिक समस्याओं के चलते हो रही है.
भूमि अधिग्रहण सबसे बड़ी समस्या
नितिन गडकरी ने संसद में कहा कि परियोजनाओं में देरी का सबसे बड़ा कारण भूमि अधिग्रहण है. किसी भी सड़क या राजमार्ग परियोजना के लिए जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया बेहद जटिल और समय लेने वाली होती है. इसमें कई बार कानूनी अड़चनें, मुआवजे को लेकर विवाद और स्थानीय लोगों के विरोध का सामना करना पड़ता है. जिससे निर्माण कार्य शुरू ही नहीं हो पाता या बीच में अटक जाता है.
ठेकेदारों की वित्तीय दिक्कतें भी जिम्मेदार
गडकरी ने कहा कि ठेकेदारों की आर्थिक स्थिति भी परियोजनाओं में देरी का एक बड़ा कारण है. कई बार कंपनियां वित्तीय संकट में फंस जाती हैं उनके पास परियोजना को समय पर पूरा करने के लिए पर्याप्त पूंजी नहीं होती. ऐसे में काम की गति धीमी हो जाती है या कई बार निर्माण कार्य पूरी तरह रुक जाता है. सरकार ने इस समस्या को दूर करने के लिए बैंकों और वित्तीय संस्थानों के साथ मिलकर कदम उठाने की प्रक्रिया शुरू की है.
और भी कई कारण हैं..
मंत्री ने बताया कि इन देरी के पीछे अन्य कारण भी हैं. इनमें निर्माण सामग्री की कमी, मजदूरों की अनुपलब्धता और मौसम से जुड़ी अप्रत्याशित घटनाएं शामिल हैं. मानसून के समय भारी बारिश के चलते भी सड़क निर्माण का काम प्रभावित होता है. इसके अलावा कई बार पर्यावरणीय मंजूरी और स्थानीय प्रशासनिक अड़चनें भी देरी का कारण बनती हैं.
भारतमाला परियोजना भी प्रभावित
गडकरी ने साफ किया कि देरी की यह समस्या केवल सामान्य सड़क परियोजनाओं तक सीमित नहीं है बल्कि भारतमाला परियोजना जैसी महत्वाकांक्षी योजनाओं में भी यही समस्याएं आ रही हैं. भारतमाला परियोजना देशभर में आधुनिक और सुरक्षित सड़क नेटवर्क बनाने के लिए शुरू की गई थी. लेकिन भूमि अधिग्रहण और वित्तीय अड़चनों ने इस योजना को भी प्रभावित किया है.
सरकार की ओर से उठाए जा रहे कदम
गडकरी ने कहा कि इन चुनौतियों से निपटने के लिए सरकार कई पहल कर रही है. भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया को तेज और सरल बनाने के लिए डिजिटल सिस्टम को अपनाया जा रहा है. इसके साथ ही वित्तीय संकट से जूझ रहे ठेकेदारों को राहत देने के लिए आसान भुगतान प्रक्रियाएं लागू की जा रही हैं. सरकार परियोजनाओं की प्रगति की लगातार समीक्षा कर रही है और हर स्तर पर मॉनिटरिंग को मजबूत किया गया है.
परियोजनाओं को समय पर पूरा करने का प्रयास
मंत्री ने यह भी कहा कि सरकार का लक्ष्य है कि जो परियोजनाएं देरी का शिकार हैं.. उन्हें जल्द से जल्द पूरा किया जाए. इसके लिए राज्यों के साथ समन्वय बढ़ाया जा रहा है, विवादों को निपटाने के लिए फास्ट ट्रैक प्रक्रिया अपनाई जा रही है और तकनीकी समाधान भी खोजे जा रहे हैं. उन्होंने आश्वासन दिया कि केंद्र सरकार इन परियोजनाओं को समय पर पूरा करने के लिए हर जरूरी कदम उठा रही है.
(एजेंसी इनपुट के साथ)
भूमि अधिग्रहण सबसे बड़ी समस्या
नितिन गडकरी ने संसद में कहा कि परियोजनाओं में देरी का सबसे बड़ा कारण भूमि अधिग्रहण है. किसी भी सड़क या राजमार्ग परियोजना के लिए जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया बेहद जटिल और समय लेने वाली होती है. इसमें कई बार कानूनी अड़चनें, मुआवजे को लेकर विवाद और स्थानीय लोगों के विरोध का सामना करना पड़ता है. जिससे निर्माण कार्य शुरू ही नहीं हो पाता या बीच में अटक जाता है.
ठेकेदारों की वित्तीय दिक्कतें भी जिम्मेदार
गडकरी ने कहा कि ठेकेदारों की आर्थिक स्थिति भी परियोजनाओं में देरी का एक बड़ा कारण है. कई बार कंपनियां वित्तीय संकट में फंस जाती हैं उनके पास परियोजना को समय पर पूरा करने के लिए पर्याप्त पूंजी नहीं होती. ऐसे में काम की गति धीमी हो जाती है या कई बार निर्माण कार्य पूरी तरह रुक जाता है. सरकार ने इस समस्या को दूर करने के लिए बैंकों और वित्तीय संस्थानों के साथ मिलकर कदम उठाने की प्रक्रिया शुरू की है.
और भी कई कारण हैं..
मंत्री ने बताया कि इन देरी के पीछे अन्य कारण भी हैं. इनमें निर्माण सामग्री की कमी, मजदूरों की अनुपलब्धता और मौसम से जुड़ी अप्रत्याशित घटनाएं शामिल हैं. मानसून के समय भारी बारिश के चलते भी सड़क निर्माण का काम प्रभावित होता है. इसके अलावा कई बार पर्यावरणीय मंजूरी और स्थानीय प्रशासनिक अड़चनें भी देरी का कारण बनती हैं.
भारतमाला परियोजना भी प्रभावित
गडकरी ने साफ किया कि देरी की यह समस्या केवल सामान्य सड़क परियोजनाओं तक सीमित नहीं है बल्कि भारतमाला परियोजना जैसी महत्वाकांक्षी योजनाओं में भी यही समस्याएं आ रही हैं. भारतमाला परियोजना देशभर में आधुनिक और सुरक्षित सड़क नेटवर्क बनाने के लिए शुरू की गई थी. लेकिन भूमि अधिग्रहण और वित्तीय अड़चनों ने इस योजना को भी प्रभावित किया है.
सरकार की ओर से उठाए जा रहे कदम
गडकरी ने कहा कि इन चुनौतियों से निपटने के लिए सरकार कई पहल कर रही है. भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया को तेज और सरल बनाने के लिए डिजिटल सिस्टम को अपनाया जा रहा है. इसके साथ ही वित्तीय संकट से जूझ रहे ठेकेदारों को राहत देने के लिए आसान भुगतान प्रक्रियाएं लागू की जा रही हैं. सरकार परियोजनाओं की प्रगति की लगातार समीक्षा कर रही है और हर स्तर पर मॉनिटरिंग को मजबूत किया गया है.
परियोजनाओं को समय पर पूरा करने का प्रयास
मंत्री ने यह भी कहा कि सरकार का लक्ष्य है कि जो परियोजनाएं देरी का शिकार हैं.. उन्हें जल्द से जल्द पूरा किया जाए. इसके लिए राज्यों के साथ समन्वय बढ़ाया जा रहा है, विवादों को निपटाने के लिए फास्ट ट्रैक प्रक्रिया अपनाई जा रही है और तकनीकी समाधान भी खोजे जा रहे हैं. उन्होंने आश्वासन दिया कि केंद्र सरकार इन परियोजनाओं को समय पर पूरा करने के लिए हर जरूरी कदम उठा रही है.
(एजेंसी इनपुट के साथ)
नितिन गडकरी ने संसद में कहा कि परियोजनाओं में देरी का सबसे बड़ा कारण भूमि अधिग्रहण है. किसी भी सड़क या राजमार्ग परियोजना के लिए जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया बेहद जटिल और समय लेने वाली होती है. इसमें कई बार कानूनी अड़चनें, मुआवजे को लेकर विवाद और स्थानीय लोगों के विरोध का सामना करना पड़ता है. जिससे निर्माण कार्य शुरू ही नहीं हो पाता या बीच में अटक जाता है.
ठेकेदारों की वित्तीय दिक्कतें भी जिम्मेदार
गडकरी ने कहा कि ठेकेदारों की आर्थिक स्थिति भी परियोजनाओं में देरी का एक बड़ा कारण है. कई बार कंपनियां वित्तीय संकट में फंस जाती हैं उनके पास परियोजना को समय पर पूरा करने के लिए पर्याप्त पूंजी नहीं होती. ऐसे में काम की गति धीमी हो जाती है या कई बार निर्माण कार्य पूरी तरह रुक जाता है. सरकार ने इस समस्या को दूर करने के लिए बैंकों और वित्तीय संस्थानों के साथ मिलकर कदम उठाने की प्रक्रिया शुरू की है.
और भी कई कारण हैं..
मंत्री ने बताया कि इन देरी के पीछे अन्य कारण भी हैं. इनमें निर्माण सामग्री की कमी, मजदूरों की अनुपलब्धता और मौसम से जुड़ी अप्रत्याशित घटनाएं शामिल हैं. मानसून के समय भारी बारिश के चलते भी सड़क निर्माण का काम प्रभावित होता है. इसके अलावा कई बार पर्यावरणीय मंजूरी और स्थानीय प्रशासनिक अड़चनें भी देरी का कारण बनती हैं.
भारतमाला परियोजना भी प्रभावित
गडकरी ने साफ किया कि देरी की यह समस्या केवल सामान्य सड़क परियोजनाओं तक सीमित नहीं है बल्कि भारतमाला परियोजना जैसी महत्वाकांक्षी योजनाओं में भी यही समस्याएं आ रही हैं. भारतमाला परियोजना देशभर में आधुनिक और सुरक्षित सड़क नेटवर्क बनाने के लिए शुरू की गई थी. लेकिन भूमि अधिग्रहण और वित्तीय अड़चनों ने इस योजना को भी प्रभावित किया है.
सरकार की ओर से उठाए जा रहे कदम
गडकरी ने कहा कि इन चुनौतियों से निपटने के लिए सरकार कई पहल कर रही है. भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया को तेज और सरल बनाने के लिए डिजिटल सिस्टम को अपनाया जा रहा है. इसके साथ ही वित्तीय संकट से जूझ रहे ठेकेदारों को राहत देने के लिए आसान भुगतान प्रक्रियाएं लागू की जा रही हैं. सरकार परियोजनाओं की प्रगति की लगातार समीक्षा कर रही है और हर स्तर पर मॉनिटरिंग को मजबूत किया गया है.
परियोजनाओं को समय पर पूरा करने का प्रयास
मंत्री ने यह भी कहा कि सरकार का लक्ष्य है कि जो परियोजनाएं देरी का शिकार हैं.. उन्हें जल्द से जल्द पूरा किया जाए. इसके लिए राज्यों के साथ समन्वय बढ़ाया जा रहा है, विवादों को निपटाने के लिए फास्ट ट्रैक प्रक्रिया अपनाई जा रही है और तकनीकी समाधान भी खोजे जा रहे हैं. उन्होंने आश्वासन दिया कि केंद्र सरकार इन परियोजनाओं को समय पर पूरा करने के लिए हर जरूरी कदम उठा रही है.
(एजेंसी इनपुट के साथ)
ठेकेदारों की वित्तीय दिक्कतें भी जिम्मेदार
गडकरी ने कहा कि ठेकेदारों की आर्थिक स्थिति भी परियोजनाओं में देरी का एक बड़ा कारण है. कई बार कंपनियां वित्तीय संकट में फंस जाती हैं उनके पास परियोजना को समय पर पूरा करने के लिए पर्याप्त पूंजी नहीं होती. ऐसे में काम की गति धीमी हो जाती है या कई बार निर्माण कार्य पूरी तरह रुक जाता है. सरकार ने इस समस्या को दूर करने के लिए बैंकों और वित्तीय संस्थानों के साथ मिलकर कदम उठाने की प्रक्रिया शुरू की है.
और भी कई कारण हैं..
मंत्री ने बताया कि इन देरी के पीछे अन्य कारण भी हैं. इनमें निर्माण सामग्री की कमी, मजदूरों की अनुपलब्धता और मौसम से जुड़ी अप्रत्याशित घटनाएं शामिल हैं. मानसून के समय भारी बारिश के चलते भी सड़क निर्माण का काम प्रभावित होता है. इसके अलावा कई बार पर्यावरणीय मंजूरी और स्थानीय प्रशासनिक अड़चनें भी देरी का कारण बनती हैं.
भारतमाला परियोजना भी प्रभावित
गडकरी ने साफ किया कि देरी की यह समस्या केवल सामान्य सड़क परियोजनाओं तक सीमित नहीं है बल्कि भारतमाला परियोजना जैसी महत्वाकांक्षी योजनाओं में भी यही समस्याएं आ रही हैं. भारतमाला परियोजना देशभर में आधुनिक और सुरक्षित सड़क नेटवर्क बनाने के लिए शुरू की गई थी. लेकिन भूमि अधिग्रहण और वित्तीय अड़चनों ने इस योजना को भी प्रभावित किया है.
सरकार की ओर से उठाए जा रहे कदम
गडकरी ने कहा कि इन चुनौतियों से निपटने के लिए सरकार कई पहल कर रही है. भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया को तेज और सरल बनाने के लिए डिजिटल सिस्टम को अपनाया जा रहा है. इसके साथ ही वित्तीय संकट से जूझ रहे ठेकेदारों को राहत देने के लिए आसान भुगतान प्रक्रियाएं लागू की जा रही हैं. सरकार परियोजनाओं की प्रगति की लगातार समीक्षा कर रही है और हर स्तर पर मॉनिटरिंग को मजबूत किया गया है.
परियोजनाओं को समय पर पूरा करने का प्रयास
मंत्री ने यह भी कहा कि सरकार का लक्ष्य है कि जो परियोजनाएं देरी का शिकार हैं.. उन्हें जल्द से जल्द पूरा किया जाए. इसके लिए राज्यों के साथ समन्वय बढ़ाया जा रहा है, विवादों को निपटाने के लिए फास्ट ट्रैक प्रक्रिया अपनाई जा रही है और तकनीकी समाधान भी खोजे जा रहे हैं. उन्होंने आश्वासन दिया कि केंद्र सरकार इन परियोजनाओं को समय पर पूरा करने के लिए हर जरूरी कदम उठा रही है.
(एजेंसी इनपुट के साथ)
गडकरी ने कहा कि ठेकेदारों की आर्थिक स्थिति भी परियोजनाओं में देरी का एक बड़ा कारण है. कई बार कंपनियां वित्तीय संकट में फंस जाती हैं उनके पास परियोजना को समय पर पूरा करने के लिए पर्याप्त पूंजी नहीं होती. ऐसे में काम की गति धीमी हो जाती है या कई बार निर्माण कार्य पूरी तरह रुक जाता है. सरकार ने इस समस्या को दूर करने के लिए बैंकों और वित्तीय संस्थानों के साथ मिलकर कदम उठाने की प्रक्रिया शुरू की है.
और भी कई कारण हैं..
मंत्री ने बताया कि इन देरी के पीछे अन्य कारण भी हैं. इनमें निर्माण सामग्री की कमी, मजदूरों की अनुपलब्धता और मौसम से जुड़ी अप्रत्याशित घटनाएं शामिल हैं. मानसून के समय भारी बारिश के चलते भी सड़क निर्माण का काम प्रभावित होता है. इसके अलावा कई बार पर्यावरणीय मंजूरी और स्थानीय प्रशासनिक अड़चनें भी देरी का कारण बनती हैं.
भारतमाला परियोजना भी प्रभावित
गडकरी ने साफ किया कि देरी की यह समस्या केवल सामान्य सड़क परियोजनाओं तक सीमित नहीं है बल्कि भारतमाला परियोजना जैसी महत्वाकांक्षी योजनाओं में भी यही समस्याएं आ रही हैं. भारतमाला परियोजना देशभर में आधुनिक और सुरक्षित सड़क नेटवर्क बनाने के लिए शुरू की गई थी. लेकिन भूमि अधिग्रहण और वित्तीय अड़चनों ने इस योजना को भी प्रभावित किया है.
सरकार की ओर से उठाए जा रहे कदम
गडकरी ने कहा कि इन चुनौतियों से निपटने के लिए सरकार कई पहल कर रही है. भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया को तेज और सरल बनाने के लिए डिजिटल सिस्टम को अपनाया जा रहा है. इसके साथ ही वित्तीय संकट से जूझ रहे ठेकेदारों को राहत देने के लिए आसान भुगतान प्रक्रियाएं लागू की जा रही हैं. सरकार परियोजनाओं की प्रगति की लगातार समीक्षा कर रही है और हर स्तर पर मॉनिटरिंग को मजबूत किया गया है.
परियोजनाओं को समय पर पूरा करने का प्रयास
मंत्री ने यह भी कहा कि सरकार का लक्ष्य है कि जो परियोजनाएं देरी का शिकार हैं.. उन्हें जल्द से जल्द पूरा किया जाए. इसके लिए राज्यों के साथ समन्वय बढ़ाया जा रहा है, विवादों को निपटाने के लिए फास्ट ट्रैक प्रक्रिया अपनाई जा रही है और तकनीकी समाधान भी खोजे जा रहे हैं. उन्होंने आश्वासन दिया कि केंद्र सरकार इन परियोजनाओं को समय पर पूरा करने के लिए हर जरूरी कदम उठा रही है.
(एजेंसी इनपुट के साथ)
और भी कई कारण हैं..
मंत्री ने बताया कि इन देरी के पीछे अन्य कारण भी हैं. इनमें निर्माण सामग्री की कमी, मजदूरों की अनुपलब्धता और मौसम से जुड़ी अप्रत्याशित घटनाएं शामिल हैं. मानसून के समय भारी बारिश के चलते भी सड़क निर्माण का काम प्रभावित होता है. इसके अलावा कई बार पर्यावरणीय मंजूरी और स्थानीय प्रशासनिक अड़चनें भी देरी का कारण बनती हैं.
भारतमाला परियोजना भी प्रभावित
गडकरी ने साफ किया कि देरी की यह समस्या केवल सामान्य सड़क परियोजनाओं तक सीमित नहीं है बल्कि भारतमाला परियोजना जैसी महत्वाकांक्षी योजनाओं में भी यही समस्याएं आ रही हैं. भारतमाला परियोजना देशभर में आधुनिक और सुरक्षित सड़क नेटवर्क बनाने के लिए शुरू की गई थी. लेकिन भूमि अधिग्रहण और वित्तीय अड़चनों ने इस योजना को भी प्रभावित किया है.
सरकार की ओर से उठाए जा रहे कदम
गडकरी ने कहा कि इन चुनौतियों से निपटने के लिए सरकार कई पहल कर रही है. भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया को तेज और सरल बनाने के लिए डिजिटल सिस्टम को अपनाया जा रहा है. इसके साथ ही वित्तीय संकट से जूझ रहे ठेकेदारों को राहत देने के लिए आसान भुगतान प्रक्रियाएं लागू की जा रही हैं. सरकार परियोजनाओं की प्रगति की लगातार समीक्षा कर रही है और हर स्तर पर मॉनिटरिंग को मजबूत किया गया है.
परियोजनाओं को समय पर पूरा करने का प्रयास
मंत्री ने यह भी कहा कि सरकार का लक्ष्य है कि जो परियोजनाएं देरी का शिकार हैं.. उन्हें जल्द से जल्द पूरा किया जाए. इसके लिए राज्यों के साथ समन्वय बढ़ाया जा रहा है, विवादों को निपटाने के लिए फास्ट ट्रैक प्रक्रिया अपनाई जा रही है और तकनीकी समाधान भी खोजे जा रहे हैं. उन्होंने आश्वासन दिया कि केंद्र सरकार इन परियोजनाओं को समय पर पूरा करने के लिए हर जरूरी कदम उठा रही है.
(एजेंसी इनपुट के साथ)
मंत्री ने बताया कि इन देरी के पीछे अन्य कारण भी हैं. इनमें निर्माण सामग्री की कमी, मजदूरों की अनुपलब्धता और मौसम से जुड़ी अप्रत्याशित घटनाएं शामिल हैं. मानसून के समय भारी बारिश के चलते भी सड़क निर्माण का काम प्रभावित होता है. इसके अलावा कई बार पर्यावरणीय मंजूरी और स्थानीय प्रशासनिक अड़चनें भी देरी का कारण बनती हैं.
भारतमाला परियोजना भी प्रभावित
गडकरी ने साफ किया कि देरी की यह समस्या केवल सामान्य सड़क परियोजनाओं तक सीमित नहीं है बल्कि भारतमाला परियोजना जैसी महत्वाकांक्षी योजनाओं में भी यही समस्याएं आ रही हैं. भारतमाला परियोजना देशभर में आधुनिक और सुरक्षित सड़क नेटवर्क बनाने के लिए शुरू की गई थी. लेकिन भूमि अधिग्रहण और वित्तीय अड़चनों ने इस योजना को भी प्रभावित किया है.
सरकार की ओर से उठाए जा रहे कदम
गडकरी ने कहा कि इन चुनौतियों से निपटने के लिए सरकार कई पहल कर रही है. भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया को तेज और सरल बनाने के लिए डिजिटल सिस्टम को अपनाया जा रहा है. इसके साथ ही वित्तीय संकट से जूझ रहे ठेकेदारों को राहत देने के लिए आसान भुगतान प्रक्रियाएं लागू की जा रही हैं. सरकार परियोजनाओं की प्रगति की लगातार समीक्षा कर रही है और हर स्तर पर मॉनिटरिंग को मजबूत किया गया है.
परियोजनाओं को समय पर पूरा करने का प्रयास
मंत्री ने यह भी कहा कि सरकार का लक्ष्य है कि जो परियोजनाएं देरी का शिकार हैं.. उन्हें जल्द से जल्द पूरा किया जाए. इसके लिए राज्यों के साथ समन्वय बढ़ाया जा रहा है, विवादों को निपटाने के लिए फास्ट ट्रैक प्रक्रिया अपनाई जा रही है और तकनीकी समाधान भी खोजे जा रहे हैं. उन्होंने आश्वासन दिया कि केंद्र सरकार इन परियोजनाओं को समय पर पूरा करने के लिए हर जरूरी कदम उठा रही है.
(एजेंसी इनपुट के साथ)
भारतमाला परियोजना भी प्रभावित
गडकरी ने साफ किया कि देरी की यह समस्या केवल सामान्य सड़क परियोजनाओं तक सीमित नहीं है बल्कि भारतमाला परियोजना जैसी महत्वाकांक्षी योजनाओं में भी यही समस्याएं आ रही हैं. भारतमाला परियोजना देशभर में आधुनिक और सुरक्षित सड़क नेटवर्क बनाने के लिए शुरू की गई थी. लेकिन भूमि अधिग्रहण और वित्तीय अड़चनों ने इस योजना को भी प्रभावित किया है.
सरकार की ओर से उठाए जा रहे कदम
गडकरी ने कहा कि इन चुनौतियों से निपटने के लिए सरकार कई पहल कर रही है. भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया को तेज और सरल बनाने के लिए डिजिटल सिस्टम को अपनाया जा रहा है. इसके साथ ही वित्तीय संकट से जूझ रहे ठेकेदारों को राहत देने के लिए आसान भुगतान प्रक्रियाएं लागू की जा रही हैं. सरकार परियोजनाओं की प्रगति की लगातार समीक्षा कर रही है और हर स्तर पर मॉनिटरिंग को मजबूत किया गया है.
परियोजनाओं को समय पर पूरा करने का प्रयास
मंत्री ने यह भी कहा कि सरकार का लक्ष्य है कि जो परियोजनाएं देरी का शिकार हैं.. उन्हें जल्द से जल्द पूरा किया जाए. इसके लिए राज्यों के साथ समन्वय बढ़ाया जा रहा है, विवादों को निपटाने के लिए फास्ट ट्रैक प्रक्रिया अपनाई जा रही है और तकनीकी समाधान भी खोजे जा रहे हैं. उन्होंने आश्वासन दिया कि केंद्र सरकार इन परियोजनाओं को समय पर पूरा करने के लिए हर जरूरी कदम उठा रही है.
(एजेंसी इनपुट के साथ)
गडकरी ने साफ किया कि देरी की यह समस्या केवल सामान्य सड़क परियोजनाओं तक सीमित नहीं है बल्कि भारतमाला परियोजना जैसी महत्वाकांक्षी योजनाओं में भी यही समस्याएं आ रही हैं. भारतमाला परियोजना देशभर में आधुनिक और सुरक्षित सड़क नेटवर्क बनाने के लिए शुरू की गई थी. लेकिन भूमि अधिग्रहण और वित्तीय अड़चनों ने इस योजना को भी प्रभावित किया है.
सरकार की ओर से उठाए जा रहे कदम
गडकरी ने कहा कि इन चुनौतियों से निपटने के लिए सरकार कई पहल कर रही है. भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया को तेज और सरल बनाने के लिए डिजिटल सिस्टम को अपनाया जा रहा है. इसके साथ ही वित्तीय संकट से जूझ रहे ठेकेदारों को राहत देने के लिए आसान भुगतान प्रक्रियाएं लागू की जा रही हैं. सरकार परियोजनाओं की प्रगति की लगातार समीक्षा कर रही है और हर स्तर पर मॉनिटरिंग को मजबूत किया गया है.
परियोजनाओं को समय पर पूरा करने का प्रयास
मंत्री ने यह भी कहा कि सरकार का लक्ष्य है कि जो परियोजनाएं देरी का शिकार हैं.. उन्हें जल्द से जल्द पूरा किया जाए. इसके लिए राज्यों के साथ समन्वय बढ़ाया जा रहा है, विवादों को निपटाने के लिए फास्ट ट्रैक प्रक्रिया अपनाई जा रही है और तकनीकी समाधान भी खोजे जा रहे हैं. उन्होंने आश्वासन दिया कि केंद्र सरकार इन परियोजनाओं को समय पर पूरा करने के लिए हर जरूरी कदम उठा रही है.
(एजेंसी इनपुट के साथ)
सरकार की ओर से उठाए जा रहे कदम
गडकरी ने कहा कि इन चुनौतियों से निपटने के लिए सरकार कई पहल कर रही है. भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया को तेज और सरल बनाने के लिए डिजिटल सिस्टम को अपनाया जा रहा है. इसके साथ ही वित्तीय संकट से जूझ रहे ठेकेदारों को राहत देने के लिए आसान भुगतान प्रक्रियाएं लागू की जा रही हैं. सरकार परियोजनाओं की प्रगति की लगातार समीक्षा कर रही है और हर स्तर पर मॉनिटरिंग को मजबूत किया गया है.
परियोजनाओं को समय पर पूरा करने का प्रयास
मंत्री ने यह भी कहा कि सरकार का लक्ष्य है कि जो परियोजनाएं देरी का शिकार हैं.. उन्हें जल्द से जल्द पूरा किया जाए. इसके लिए राज्यों के साथ समन्वय बढ़ाया जा रहा है, विवादों को निपटाने के लिए फास्ट ट्रैक प्रक्रिया अपनाई जा रही है और तकनीकी समाधान भी खोजे जा रहे हैं. उन्होंने आश्वासन दिया कि केंद्र सरकार इन परियोजनाओं को समय पर पूरा करने के लिए हर जरूरी कदम उठा रही है.
(एजेंसी इनपुट के साथ)
गडकरी ने कहा कि इन चुनौतियों से निपटने के लिए सरकार कई पहल कर रही है. भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया को तेज और सरल बनाने के लिए डिजिटल सिस्टम को अपनाया जा रहा है. इसके साथ ही वित्तीय संकट से जूझ रहे ठेकेदारों को राहत देने के लिए आसान भुगतान प्रक्रियाएं लागू की जा रही हैं. सरकार परियोजनाओं की प्रगति की लगातार समीक्षा कर रही है और हर स्तर पर मॉनिटरिंग को मजबूत किया गया है.
परियोजनाओं को समय पर पूरा करने का प्रयास
मंत्री ने यह भी कहा कि सरकार का लक्ष्य है कि जो परियोजनाएं देरी का शिकार हैं.. उन्हें जल्द से जल्द पूरा किया जाए. इसके लिए राज्यों के साथ समन्वय बढ़ाया जा रहा है, विवादों को निपटाने के लिए फास्ट ट्रैक प्रक्रिया अपनाई जा रही है और तकनीकी समाधान भी खोजे जा रहे हैं. उन्होंने आश्वासन दिया कि केंद्र सरकार इन परियोजनाओं को समय पर पूरा करने के लिए हर जरूरी कदम उठा रही है.
(एजेंसी इनपुट के साथ)
परियोजनाओं को समय पर पूरा करने का प्रयास
मंत्री ने यह भी कहा कि सरकार का लक्ष्य है कि जो परियोजनाएं देरी का शिकार हैं.. उन्हें जल्द से जल्द पूरा किया जाए. इसके लिए राज्यों के साथ समन्वय बढ़ाया जा रहा है, विवादों को निपटाने के लिए फास्ट ट्रैक प्रक्रिया अपनाई जा रही है और तकनीकी समाधान भी खोजे जा रहे हैं. उन्होंने आश्वासन दिया कि केंद्र सरकार इन परियोजनाओं को समय पर पूरा करने के लिए हर जरूरी कदम उठा रही है.
(एजेंसी इनपुट के साथ)
मंत्री ने यह भी कहा कि सरकार का लक्ष्य है कि जो परियोजनाएं देरी का शिकार हैं.. उन्हें जल्द से जल्द पूरा किया जाए. इसके लिए राज्यों के साथ समन्वय बढ़ाया जा रहा है, विवादों को निपटाने के लिए फास्ट ट्रैक प्रक्रिया अपनाई जा रही है और तकनीकी समाधान भी खोजे जा रहे हैं. उन्होंने आश्वासन दिया कि केंद्र सरकार इन परियोजनाओं को समय पर पूरा करने के लिए हर जरूरी कदम उठा रही है.
(एजेंसी इनपुट के साथ)
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