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Raj Thackeray: राज ठाकरे के गंगाजल बयान पर सियासी संग्राम BJP मिनिस्‍टर ने कहा- हिंदू धर्म का अपमान बर्दाश्त नहीं


Raj Thackeray Ganga Jal controversy: महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (MNS) के प्रमुख राज ठाकरे की गंगाजल और महाकुंभ पर टिप्पणी से सियासी हलचल तेज हो गई है. उनके बयान पर प्रहार करते हुए भाजपा (BJP) के नेता और महाराष्ट्र में मंत्री नितेश राणे ने ठाकरे को आड़े हाथों लिया. उन्होंने कहा कि गंगा की सफाई को लेकर पीएम मोदी की सरकार ने कई बड़े कदम उठाए हैं. लेकिन राज ठाकरे को इसकी पूरी जानकारी नहीं है. उन्होंने ठाकरे पर हिंदू धर्म का अपमान करने का आरोप भी लगाया.
बीजेपी नेता नितेश राणे का पलटवार
बीजेपी विधायक नितेश राणे ने कहा कि राज ठाकरे को कम जानकारी है कि मोदी सरकार ने गंगा को स्वच्छ करने के लिए कितने प्रयास किए हैं. हिंदू धर्म का अपमान करने का अधिकार किसी को नहीं है. मैं खुद महाकुंभ में गया हूं और मेरी मां भी मेरे साथ थीं. लेकिन इससे हमें कोई नुकसान नहीं हुआ. राणे ने ठाकरे की टिप्पणी पर सवाल उठाते हुए कहा कि वे केवल हिंदू परंपराओं पर सवाल उठाते हैं. जबकि अन्य धार्मिक प्रथाओं पर चुप्पी साधे रहते हैं.
बकरीद पर सवाल क्यों नहीं उठते?
राणे ने कहा कि राज ठाकरे ने कभी बकरीद को लेकर सवाल क्यों नहीं उठाए? बकरीद के दौरान बड़ी मात्रा में खून नदियों और पानी में जाता है. लेकिन इस पर कोई कुछ नहीं कहता. हिंदू धर्म से जुड़े हर मुद्दे पर सवाल उठाना ही क्यों जरूरी है? रमजान के दौरान मोहम्मद अली रोड की स्थिति देखिए.. वहां किस तरह की गंदगी होती है. लेकिन इस पर कोई आवाज नहीं उठाता.

उद्धव ठाकरे पर भी साधा निशाना
नितेश राणे ने शिवसेना (UBT) प्रमुख उद्धव ठाकरे को भी निशाने पर लेते हुए कहा कि उन्हें ‘अल्लाह-हू-अकबर’ कहना बंद करना चाहिए. तभी उन्हें सही स्थिति समझ में आएगी. उन्होंने कहा कि हम ‘जय श्री राम’ के साथ ‘जय भवानी’ भी बोलते हैं. लेकिन उद्धव ठाकरे को यह बात समझ नहीं आती.
राज ठाकरे ने क्यों दिया विवादित बयान?
राज ठाकरे ने हाल ही में मनसे की स्थापना के 19 साल पूरे होने पर आयोजित एक कार्यक्रम में महाकुंभ और गंगाजल की पवित्रता पर सवाल उठाए थे. उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी के नेता बाला नंदगांवकर महाकुंभ से गंगाजल लेकर आए थे. लेकिन उन्होंने उसे पीने से इनकार कर दिया. ठाकरे ने कहा कि मैंने सोशल मीडिया पर गंगा नदी की स्थिति के कई वीडियो देखे हैं. जिनमें लोग नदी में नहाते हुए और शरीर खुजलाते हुए नजर आ रहे हैं. ऐसे में भला यह पानी पीने लायक कैसे हो सकता है?
कोई भी नदी पूरी तरह साफ नहीं..
मनसे प्रमुख ने आगे कहा कि भारत में कोई भी नदी पूरी तरह स्वच्छ नहीं है. उन्होंने कहा कि जब राजीव गांधी प्रधानमंत्री थे तब से मैं सुनता आ रहा हूं कि गंगा जल्द ही साफ हो जाएगी. लेकिन यह बस एक मिथक बनकर रह गया है. अब इस भ्रम से बाहर आने का समय आ गया है.
महाकुंभ को लेकर भी उठाए सवाल
राज ठाकरे ने कहा कि अगर लाखों लोग गोदावरी नदी में स्नान करेंगे तो क्या कोई उस पानी को पीएगा? उनकी इस टिप्पणी के बाद हिंदू संगठनों और संत समाज ने नाराजगी जताई. भारतीय जनता पार्टी के नेता गिरीश महाजन ने कहा कि महाकुंभ का आयोजन शास्त्रों के आधार पर किया जाता है और इसके पीछे वैज्ञानिक कारण भी होते हैं. उन्होंने ठाकरे की टिप्पणी को हिंदू धर्म के खिलाफ बताया और उनकी कड़ी आलोचना की.
क्या यह विवाद आगे बढ़ेगा?
राज ठाकरे के बयान के बाद राजनीतिक गलियारों में चर्चाएं तेज हो गई हैं. मनसे प्रमुख के इस बयान से बीजेपी और शिवसेना (UBT) के बीच सियासी बयानबाजी और बढ़ सकती है. आने वाले दिनों में इस मुद्दे पर और विवाद देखने को मिल सकता है.
बीजेपी नेता नितेश राणे का पलटवार
बीजेपी विधायक नितेश राणे ने कहा कि राज ठाकरे को कम जानकारी है कि मोदी सरकार ने गंगा को स्वच्छ करने के लिए कितने प्रयास किए हैं. हिंदू धर्म का अपमान करने का अधिकार किसी को नहीं है. मैं खुद महाकुंभ में गया हूं और मेरी मां भी मेरे साथ थीं. लेकिन इससे हमें कोई नुकसान नहीं हुआ. राणे ने ठाकरे की टिप्पणी पर सवाल उठाते हुए कहा कि वे केवल हिंदू परंपराओं पर सवाल उठाते हैं. जबकि अन्य धार्मिक प्रथाओं पर चुप्पी साधे रहते हैं.
बकरीद पर सवाल क्यों नहीं उठते?
राणे ने कहा कि राज ठाकरे ने कभी बकरीद को लेकर सवाल क्यों नहीं उठाए? बकरीद के दौरान बड़ी मात्रा में खून नदियों और पानी में जाता है. लेकिन इस पर कोई कुछ नहीं कहता. हिंदू धर्म से जुड़े हर मुद्दे पर सवाल उठाना ही क्यों जरूरी है? रमजान के दौरान मोहम्मद अली रोड की स्थिति देखिए.. वहां किस तरह की गंदगी होती है. लेकिन इस पर कोई आवाज नहीं उठाता.

उद्धव ठाकरे पर भी साधा निशाना
नितेश राणे ने शिवसेना (UBT) प्रमुख उद्धव ठाकरे को भी निशाने पर लेते हुए कहा कि उन्हें ‘अल्लाह-हू-अकबर’ कहना बंद करना चाहिए. तभी उन्हें सही स्थिति समझ में आएगी. उन्होंने कहा कि हम ‘जय श्री राम’ के साथ ‘जय भवानी’ भी बोलते हैं. लेकिन उद्धव ठाकरे को यह बात समझ नहीं आती.
राज ठाकरे ने क्यों दिया विवादित बयान?
राज ठाकरे ने हाल ही में मनसे की स्थापना के 19 साल पूरे होने पर आयोजित एक कार्यक्रम में महाकुंभ और गंगाजल की पवित्रता पर सवाल उठाए थे. उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी के नेता बाला नंदगांवकर महाकुंभ से गंगाजल लेकर आए थे. लेकिन उन्होंने उसे पीने से इनकार कर दिया. ठाकरे ने कहा कि मैंने सोशल मीडिया पर गंगा नदी की स्थिति के कई वीडियो देखे हैं. जिनमें लोग नदी में नहाते हुए और शरीर खुजलाते हुए नजर आ रहे हैं. ऐसे में भला यह पानी पीने लायक कैसे हो सकता है?
कोई भी नदी पूरी तरह साफ नहीं..
मनसे प्रमुख ने आगे कहा कि भारत में कोई भी नदी पूरी तरह स्वच्छ नहीं है. उन्होंने कहा कि जब राजीव गांधी प्रधानमंत्री थे तब से मैं सुनता आ रहा हूं कि गंगा जल्द ही साफ हो जाएगी. लेकिन यह बस एक मिथक बनकर रह गया है. अब इस भ्रम से बाहर आने का समय आ गया है.
महाकुंभ को लेकर भी उठाए सवाल
राज ठाकरे ने कहा कि अगर लाखों लोग गोदावरी नदी में स्नान करेंगे तो क्या कोई उस पानी को पीएगा? उनकी इस टिप्पणी के बाद हिंदू संगठनों और संत समाज ने नाराजगी जताई. भारतीय जनता पार्टी के नेता गिरीश महाजन ने कहा कि महाकुंभ का आयोजन शास्त्रों के आधार पर किया जाता है और इसके पीछे वैज्ञानिक कारण भी होते हैं. उन्होंने ठाकरे की टिप्पणी को हिंदू धर्म के खिलाफ बताया और उनकी कड़ी आलोचना की.
क्या यह विवाद आगे बढ़ेगा?
राज ठाकरे के बयान के बाद राजनीतिक गलियारों में चर्चाएं तेज हो गई हैं. मनसे प्रमुख के इस बयान से बीजेपी और शिवसेना (UBT) के बीच सियासी बयानबाजी और बढ़ सकती है. आने वाले दिनों में इस मुद्दे पर और विवाद देखने को मिल सकता है.
बीजेपी विधायक नितेश राणे ने कहा कि राज ठाकरे को कम जानकारी है कि मोदी सरकार ने गंगा को स्वच्छ करने के लिए कितने प्रयास किए हैं. हिंदू धर्म का अपमान करने का अधिकार किसी को नहीं है. मैं खुद महाकुंभ में गया हूं और मेरी मां भी मेरे साथ थीं. लेकिन इससे हमें कोई नुकसान नहीं हुआ. राणे ने ठाकरे की टिप्पणी पर सवाल उठाते हुए कहा कि वे केवल हिंदू परंपराओं पर सवाल उठाते हैं. जबकि अन्य धार्मिक प्रथाओं पर चुप्पी साधे रहते हैं.
बकरीद पर सवाल क्यों नहीं उठते?
राणे ने कहा कि राज ठाकरे ने कभी बकरीद को लेकर सवाल क्यों नहीं उठाए? बकरीद के दौरान बड़ी मात्रा में खून नदियों और पानी में जाता है. लेकिन इस पर कोई कुछ नहीं कहता. हिंदू धर्म से जुड़े हर मुद्दे पर सवाल उठाना ही क्यों जरूरी है? रमजान के दौरान मोहम्मद अली रोड की स्थिति देखिए.. वहां किस तरह की गंदगी होती है. लेकिन इस पर कोई आवाज नहीं उठाता.

उद्धव ठाकरे पर भी साधा निशाना
नितेश राणे ने शिवसेना (UBT) प्रमुख उद्धव ठाकरे को भी निशाने पर लेते हुए कहा कि उन्हें ‘अल्लाह-हू-अकबर’ कहना बंद करना चाहिए. तभी उन्हें सही स्थिति समझ में आएगी. उन्होंने कहा कि हम ‘जय श्री राम’ के साथ ‘जय भवानी’ भी बोलते हैं. लेकिन उद्धव ठाकरे को यह बात समझ नहीं आती.
राज ठाकरे ने क्यों दिया विवादित बयान?
राज ठाकरे ने हाल ही में मनसे की स्थापना के 19 साल पूरे होने पर आयोजित एक कार्यक्रम में महाकुंभ और गंगाजल की पवित्रता पर सवाल उठाए थे. उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी के नेता बाला नंदगांवकर महाकुंभ से गंगाजल लेकर आए थे. लेकिन उन्होंने उसे पीने से इनकार कर दिया. ठाकरे ने कहा कि मैंने सोशल मीडिया पर गंगा नदी की स्थिति के कई वीडियो देखे हैं. जिनमें लोग नदी में नहाते हुए और शरीर खुजलाते हुए नजर आ रहे हैं. ऐसे में भला यह पानी पीने लायक कैसे हो सकता है?
कोई भी नदी पूरी तरह साफ नहीं..
मनसे प्रमुख ने आगे कहा कि भारत में कोई भी नदी पूरी तरह स्वच्छ नहीं है. उन्होंने कहा कि जब राजीव गांधी प्रधानमंत्री थे तब से मैं सुनता आ रहा हूं कि गंगा जल्द ही साफ हो जाएगी. लेकिन यह बस एक मिथक बनकर रह गया है. अब इस भ्रम से बाहर आने का समय आ गया है.
महाकुंभ को लेकर भी उठाए सवाल
राज ठाकरे ने कहा कि अगर लाखों लोग गोदावरी नदी में स्नान करेंगे तो क्या कोई उस पानी को पीएगा? उनकी इस टिप्पणी के बाद हिंदू संगठनों और संत समाज ने नाराजगी जताई. भारतीय जनता पार्टी के नेता गिरीश महाजन ने कहा कि महाकुंभ का आयोजन शास्त्रों के आधार पर किया जाता है और इसके पीछे वैज्ञानिक कारण भी होते हैं. उन्होंने ठाकरे की टिप्पणी को हिंदू धर्म के खिलाफ बताया और उनकी कड़ी आलोचना की.
क्या यह विवाद आगे बढ़ेगा?
राज ठाकरे के बयान के बाद राजनीतिक गलियारों में चर्चाएं तेज हो गई हैं. मनसे प्रमुख के इस बयान से बीजेपी और शिवसेना (UBT) के बीच सियासी बयानबाजी और बढ़ सकती है. आने वाले दिनों में इस मुद्दे पर और विवाद देखने को मिल सकता है.
बकरीद पर सवाल क्यों नहीं उठते?
राणे ने कहा कि राज ठाकरे ने कभी बकरीद को लेकर सवाल क्यों नहीं उठाए? बकरीद के दौरान बड़ी मात्रा में खून नदियों और पानी में जाता है. लेकिन इस पर कोई कुछ नहीं कहता. हिंदू धर्म से जुड़े हर मुद्दे पर सवाल उठाना ही क्यों जरूरी है? रमजान के दौरान मोहम्मद अली रोड की स्थिति देखिए.. वहां किस तरह की गंदगी होती है. लेकिन इस पर कोई आवाज नहीं उठाता.

उद्धव ठाकरे पर भी साधा निशाना
नितेश राणे ने शिवसेना (UBT) प्रमुख उद्धव ठाकरे को भी निशाने पर लेते हुए कहा कि उन्हें ‘अल्लाह-हू-अकबर’ कहना बंद करना चाहिए. तभी उन्हें सही स्थिति समझ में आएगी. उन्होंने कहा कि हम ‘जय श्री राम’ के साथ ‘जय भवानी’ भी बोलते हैं. लेकिन उद्धव ठाकरे को यह बात समझ नहीं आती.
राज ठाकरे ने क्यों दिया विवादित बयान?
राज ठाकरे ने हाल ही में मनसे की स्थापना के 19 साल पूरे होने पर आयोजित एक कार्यक्रम में महाकुंभ और गंगाजल की पवित्रता पर सवाल उठाए थे. उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी के नेता बाला नंदगांवकर महाकुंभ से गंगाजल लेकर आए थे. लेकिन उन्होंने उसे पीने से इनकार कर दिया. ठाकरे ने कहा कि मैंने सोशल मीडिया पर गंगा नदी की स्थिति के कई वीडियो देखे हैं. जिनमें लोग नदी में नहाते हुए और शरीर खुजलाते हुए नजर आ रहे हैं. ऐसे में भला यह पानी पीने लायक कैसे हो सकता है?
कोई भी नदी पूरी तरह साफ नहीं..
मनसे प्रमुख ने आगे कहा कि भारत में कोई भी नदी पूरी तरह स्वच्छ नहीं है. उन्होंने कहा कि जब राजीव गांधी प्रधानमंत्री थे तब से मैं सुनता आ रहा हूं कि गंगा जल्द ही साफ हो जाएगी. लेकिन यह बस एक मिथक बनकर रह गया है. अब इस भ्रम से बाहर आने का समय आ गया है.
महाकुंभ को लेकर भी उठाए सवाल
राज ठाकरे ने कहा कि अगर लाखों लोग गोदावरी नदी में स्नान करेंगे तो क्या कोई उस पानी को पीएगा? उनकी इस टिप्पणी के बाद हिंदू संगठनों और संत समाज ने नाराजगी जताई. भारतीय जनता पार्टी के नेता गिरीश महाजन ने कहा कि महाकुंभ का आयोजन शास्त्रों के आधार पर किया जाता है और इसके पीछे वैज्ञानिक कारण भी होते हैं. उन्होंने ठाकरे की टिप्पणी को हिंदू धर्म के खिलाफ बताया और उनकी कड़ी आलोचना की.
क्या यह विवाद आगे बढ़ेगा?
राज ठाकरे के बयान के बाद राजनीतिक गलियारों में चर्चाएं तेज हो गई हैं. मनसे प्रमुख के इस बयान से बीजेपी और शिवसेना (UBT) के बीच सियासी बयानबाजी और बढ़ सकती है. आने वाले दिनों में इस मुद्दे पर और विवाद देखने को मिल सकता है.
राणे ने कहा कि राज ठाकरे ने कभी बकरीद को लेकर सवाल क्यों नहीं उठाए? बकरीद के दौरान बड़ी मात्रा में खून नदियों और पानी में जाता है. लेकिन इस पर कोई कुछ नहीं कहता. हिंदू धर्म से जुड़े हर मुद्दे पर सवाल उठाना ही क्यों जरूरी है? रमजान के दौरान मोहम्मद अली रोड की स्थिति देखिए.. वहां किस तरह की गंदगी होती है. लेकिन इस पर कोई आवाज नहीं उठाता.

उद्धव ठाकरे पर भी साधा निशाना
नितेश राणे ने शिवसेना (UBT) प्रमुख उद्धव ठाकरे को भी निशाने पर लेते हुए कहा कि उन्हें ‘अल्लाह-हू-अकबर’ कहना बंद करना चाहिए. तभी उन्हें सही स्थिति समझ में आएगी. उन्होंने कहा कि हम ‘जय श्री राम’ के साथ ‘जय भवानी’ भी बोलते हैं. लेकिन उद्धव ठाकरे को यह बात समझ नहीं आती.
राज ठाकरे ने क्यों दिया विवादित बयान?
राज ठाकरे ने हाल ही में मनसे की स्थापना के 19 साल पूरे होने पर आयोजित एक कार्यक्रम में महाकुंभ और गंगाजल की पवित्रता पर सवाल उठाए थे. उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी के नेता बाला नंदगांवकर महाकुंभ से गंगाजल लेकर आए थे. लेकिन उन्होंने उसे पीने से इनकार कर दिया. ठाकरे ने कहा कि मैंने सोशल मीडिया पर गंगा नदी की स्थिति के कई वीडियो देखे हैं. जिनमें लोग नदी में नहाते हुए और शरीर खुजलाते हुए नजर आ रहे हैं. ऐसे में भला यह पानी पीने लायक कैसे हो सकता है?
कोई भी नदी पूरी तरह साफ नहीं..
मनसे प्रमुख ने आगे कहा कि भारत में कोई भी नदी पूरी तरह स्वच्छ नहीं है. उन्होंने कहा कि जब राजीव गांधी प्रधानमंत्री थे तब से मैं सुनता आ रहा हूं कि गंगा जल्द ही साफ हो जाएगी. लेकिन यह बस एक मिथक बनकर रह गया है. अब इस भ्रम से बाहर आने का समय आ गया है.
महाकुंभ को लेकर भी उठाए सवाल
राज ठाकरे ने कहा कि अगर लाखों लोग गोदावरी नदी में स्नान करेंगे तो क्या कोई उस पानी को पीएगा? उनकी इस टिप्पणी के बाद हिंदू संगठनों और संत समाज ने नाराजगी जताई. भारतीय जनता पार्टी के नेता गिरीश महाजन ने कहा कि महाकुंभ का आयोजन शास्त्रों के आधार पर किया जाता है और इसके पीछे वैज्ञानिक कारण भी होते हैं. उन्होंने ठाकरे की टिप्पणी को हिंदू धर्म के खिलाफ बताया और उनकी कड़ी आलोचना की.
क्या यह विवाद आगे बढ़ेगा?
राज ठाकरे के बयान के बाद राजनीतिक गलियारों में चर्चाएं तेज हो गई हैं. मनसे प्रमुख के इस बयान से बीजेपी और शिवसेना (UBT) के बीच सियासी बयानबाजी और बढ़ सकती है. आने वाले दिनों में इस मुद्दे पर और विवाद देखने को मिल सकता है.
उद्धव ठाकरे पर भी साधा निशाना
नितेश राणे ने शिवसेना (UBT) प्रमुख उद्धव ठाकरे को भी निशाने पर लेते हुए कहा कि उन्हें ‘अल्लाह-हू-अकबर’ कहना बंद करना चाहिए. तभी उन्हें सही स्थिति समझ में आएगी. उन्होंने कहा कि हम ‘जय श्री राम’ के साथ ‘जय भवानी’ भी बोलते हैं. लेकिन उद्धव ठाकरे को यह बात समझ नहीं आती.
राज ठाकरे ने क्यों दिया विवादित बयान?
राज ठाकरे ने हाल ही में मनसे की स्थापना के 19 साल पूरे होने पर आयोजित एक कार्यक्रम में महाकुंभ और गंगाजल की पवित्रता पर सवाल उठाए थे. उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी के नेता बाला नंदगांवकर महाकुंभ से गंगाजल लेकर आए थे. लेकिन उन्होंने उसे पीने से इनकार कर दिया. ठाकरे ने कहा कि मैंने सोशल मीडिया पर गंगा नदी की स्थिति के कई वीडियो देखे हैं. जिनमें लोग नदी में नहाते हुए और शरीर खुजलाते हुए नजर आ रहे हैं. ऐसे में भला यह पानी पीने लायक कैसे हो सकता है?
कोई भी नदी पूरी तरह साफ नहीं..
मनसे प्रमुख ने आगे कहा कि भारत में कोई भी नदी पूरी तरह स्वच्छ नहीं है. उन्होंने कहा कि जब राजीव गांधी प्रधानमंत्री थे तब से मैं सुनता आ रहा हूं कि गंगा जल्द ही साफ हो जाएगी. लेकिन यह बस एक मिथक बनकर रह गया है. अब इस भ्रम से बाहर आने का समय आ गया है.
महाकुंभ को लेकर भी उठाए सवाल
राज ठाकरे ने कहा कि अगर लाखों लोग गोदावरी नदी में स्नान करेंगे तो क्या कोई उस पानी को पीएगा? उनकी इस टिप्पणी के बाद हिंदू संगठनों और संत समाज ने नाराजगी जताई. भारतीय जनता पार्टी के नेता गिरीश महाजन ने कहा कि महाकुंभ का आयोजन शास्त्रों के आधार पर किया जाता है और इसके पीछे वैज्ञानिक कारण भी होते हैं. उन्होंने ठाकरे की टिप्पणी को हिंदू धर्म के खिलाफ बताया और उनकी कड़ी आलोचना की.
क्या यह विवाद आगे बढ़ेगा?
राज ठाकरे के बयान के बाद राजनीतिक गलियारों में चर्चाएं तेज हो गई हैं. मनसे प्रमुख के इस बयान से बीजेपी और शिवसेना (UBT) के बीच सियासी बयानबाजी और बढ़ सकती है. आने वाले दिनों में इस मुद्दे पर और विवाद देखने को मिल सकता है.
नितेश राणे ने शिवसेना (UBT) प्रमुख उद्धव ठाकरे को भी निशाने पर लेते हुए कहा कि उन्हें ‘अल्लाह-हू-अकबर’ कहना बंद करना चाहिए. तभी उन्हें सही स्थिति समझ में आएगी. उन्होंने कहा कि हम ‘जय श्री राम’ के साथ ‘जय भवानी’ भी बोलते हैं. लेकिन उद्धव ठाकरे को यह बात समझ नहीं आती.
राज ठाकरे ने क्यों दिया विवादित बयान?
राज ठाकरे ने हाल ही में मनसे की स्थापना के 19 साल पूरे होने पर आयोजित एक कार्यक्रम में महाकुंभ और गंगाजल की पवित्रता पर सवाल उठाए थे. उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी के नेता बाला नंदगांवकर महाकुंभ से गंगाजल लेकर आए थे. लेकिन उन्होंने उसे पीने से इनकार कर दिया. ठाकरे ने कहा कि मैंने सोशल मीडिया पर गंगा नदी की स्थिति के कई वीडियो देखे हैं. जिनमें लोग नदी में नहाते हुए और शरीर खुजलाते हुए नजर आ रहे हैं. ऐसे में भला यह पानी पीने लायक कैसे हो सकता है?
कोई भी नदी पूरी तरह साफ नहीं..
मनसे प्रमुख ने आगे कहा कि भारत में कोई भी नदी पूरी तरह स्वच्छ नहीं है. उन्होंने कहा कि जब राजीव गांधी प्रधानमंत्री थे तब से मैं सुनता आ रहा हूं कि गंगा जल्द ही साफ हो जाएगी. लेकिन यह बस एक मिथक बनकर रह गया है. अब इस भ्रम से बाहर आने का समय आ गया है.
महाकुंभ को लेकर भी उठाए सवाल
राज ठाकरे ने कहा कि अगर लाखों लोग गोदावरी नदी में स्नान करेंगे तो क्या कोई उस पानी को पीएगा? उनकी इस टिप्पणी के बाद हिंदू संगठनों और संत समाज ने नाराजगी जताई. भारतीय जनता पार्टी के नेता गिरीश महाजन ने कहा कि महाकुंभ का आयोजन शास्त्रों के आधार पर किया जाता है और इसके पीछे वैज्ञानिक कारण भी होते हैं. उन्होंने ठाकरे की टिप्पणी को हिंदू धर्म के खिलाफ बताया और उनकी कड़ी आलोचना की.
क्या यह विवाद आगे बढ़ेगा?
राज ठाकरे के बयान के बाद राजनीतिक गलियारों में चर्चाएं तेज हो गई हैं. मनसे प्रमुख के इस बयान से बीजेपी और शिवसेना (UBT) के बीच सियासी बयानबाजी और बढ़ सकती है. आने वाले दिनों में इस मुद्दे पर और विवाद देखने को मिल सकता है.
राज ठाकरे ने क्यों दिया विवादित बयान?
राज ठाकरे ने हाल ही में मनसे की स्थापना के 19 साल पूरे होने पर आयोजित एक कार्यक्रम में महाकुंभ और गंगाजल की पवित्रता पर सवाल उठाए थे. उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी के नेता बाला नंदगांवकर महाकुंभ से गंगाजल लेकर आए थे. लेकिन उन्होंने उसे पीने से इनकार कर दिया. ठाकरे ने कहा कि मैंने सोशल मीडिया पर गंगा नदी की स्थिति के कई वीडियो देखे हैं. जिनमें लोग नदी में नहाते हुए और शरीर खुजलाते हुए नजर आ रहे हैं. ऐसे में भला यह पानी पीने लायक कैसे हो सकता है?
कोई भी नदी पूरी तरह साफ नहीं..
मनसे प्रमुख ने आगे कहा कि भारत में कोई भी नदी पूरी तरह स्वच्छ नहीं है. उन्होंने कहा कि जब राजीव गांधी प्रधानमंत्री थे तब से मैं सुनता आ रहा हूं कि गंगा जल्द ही साफ हो जाएगी. लेकिन यह बस एक मिथक बनकर रह गया है. अब इस भ्रम से बाहर आने का समय आ गया है.
महाकुंभ को लेकर भी उठाए सवाल
राज ठाकरे ने कहा कि अगर लाखों लोग गोदावरी नदी में स्नान करेंगे तो क्या कोई उस पानी को पीएगा? उनकी इस टिप्पणी के बाद हिंदू संगठनों और संत समाज ने नाराजगी जताई. भारतीय जनता पार्टी के नेता गिरीश महाजन ने कहा कि महाकुंभ का आयोजन शास्त्रों के आधार पर किया जाता है और इसके पीछे वैज्ञानिक कारण भी होते हैं. उन्होंने ठाकरे की टिप्पणी को हिंदू धर्म के खिलाफ बताया और उनकी कड़ी आलोचना की.
क्या यह विवाद आगे बढ़ेगा?
राज ठाकरे के बयान के बाद राजनीतिक गलियारों में चर्चाएं तेज हो गई हैं. मनसे प्रमुख के इस बयान से बीजेपी और शिवसेना (UBT) के बीच सियासी बयानबाजी और बढ़ सकती है. आने वाले दिनों में इस मुद्दे पर और विवाद देखने को मिल सकता है.
राज ठाकरे ने हाल ही में मनसे की स्थापना के 19 साल पूरे होने पर आयोजित एक कार्यक्रम में महाकुंभ और गंगाजल की पवित्रता पर सवाल उठाए थे. उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी के नेता बाला नंदगांवकर महाकुंभ से गंगाजल लेकर आए थे. लेकिन उन्होंने उसे पीने से इनकार कर दिया. ठाकरे ने कहा कि मैंने सोशल मीडिया पर गंगा नदी की स्थिति के कई वीडियो देखे हैं. जिनमें लोग नदी में नहाते हुए और शरीर खुजलाते हुए नजर आ रहे हैं. ऐसे में भला यह पानी पीने लायक कैसे हो सकता है?
कोई भी नदी पूरी तरह साफ नहीं..
मनसे प्रमुख ने आगे कहा कि भारत में कोई भी नदी पूरी तरह स्वच्छ नहीं है. उन्होंने कहा कि जब राजीव गांधी प्रधानमंत्री थे तब से मैं सुनता आ रहा हूं कि गंगा जल्द ही साफ हो जाएगी. लेकिन यह बस एक मिथक बनकर रह गया है. अब इस भ्रम से बाहर आने का समय आ गया है.
महाकुंभ को लेकर भी उठाए सवाल
राज ठाकरे ने कहा कि अगर लाखों लोग गोदावरी नदी में स्नान करेंगे तो क्या कोई उस पानी को पीएगा? उनकी इस टिप्पणी के बाद हिंदू संगठनों और संत समाज ने नाराजगी जताई. भारतीय जनता पार्टी के नेता गिरीश महाजन ने कहा कि महाकुंभ का आयोजन शास्त्रों के आधार पर किया जाता है और इसके पीछे वैज्ञानिक कारण भी होते हैं. उन्होंने ठाकरे की टिप्पणी को हिंदू धर्म के खिलाफ बताया और उनकी कड़ी आलोचना की.
क्या यह विवाद आगे बढ़ेगा?
राज ठाकरे के बयान के बाद राजनीतिक गलियारों में चर्चाएं तेज हो गई हैं. मनसे प्रमुख के इस बयान से बीजेपी और शिवसेना (UBT) के बीच सियासी बयानबाजी और बढ़ सकती है. आने वाले दिनों में इस मुद्दे पर और विवाद देखने को मिल सकता है.
कोई भी नदी पूरी तरह साफ नहीं..
मनसे प्रमुख ने आगे कहा कि भारत में कोई भी नदी पूरी तरह स्वच्छ नहीं है. उन्होंने कहा कि जब राजीव गांधी प्रधानमंत्री थे तब से मैं सुनता आ रहा हूं कि गंगा जल्द ही साफ हो जाएगी. लेकिन यह बस एक मिथक बनकर रह गया है. अब इस भ्रम से बाहर आने का समय आ गया है.
महाकुंभ को लेकर भी उठाए सवाल
राज ठाकरे ने कहा कि अगर लाखों लोग गोदावरी नदी में स्नान करेंगे तो क्या कोई उस पानी को पीएगा? उनकी इस टिप्पणी के बाद हिंदू संगठनों और संत समाज ने नाराजगी जताई. भारतीय जनता पार्टी के नेता गिरीश महाजन ने कहा कि महाकुंभ का आयोजन शास्त्रों के आधार पर किया जाता है और इसके पीछे वैज्ञानिक कारण भी होते हैं. उन्होंने ठाकरे की टिप्पणी को हिंदू धर्म के खिलाफ बताया और उनकी कड़ी आलोचना की.
क्या यह विवाद आगे बढ़ेगा?
राज ठाकरे के बयान के बाद राजनीतिक गलियारों में चर्चाएं तेज हो गई हैं. मनसे प्रमुख के इस बयान से बीजेपी और शिवसेना (UBT) के बीच सियासी बयानबाजी और बढ़ सकती है. आने वाले दिनों में इस मुद्दे पर और विवाद देखने को मिल सकता है.
मनसे प्रमुख ने आगे कहा कि भारत में कोई भी नदी पूरी तरह स्वच्छ नहीं है. उन्होंने कहा कि जब राजीव गांधी प्रधानमंत्री थे तब से मैं सुनता आ रहा हूं कि गंगा जल्द ही साफ हो जाएगी. लेकिन यह बस एक मिथक बनकर रह गया है. अब इस भ्रम से बाहर आने का समय आ गया है.
महाकुंभ को लेकर भी उठाए सवाल
राज ठाकरे ने कहा कि अगर लाखों लोग गोदावरी नदी में स्नान करेंगे तो क्या कोई उस पानी को पीएगा? उनकी इस टिप्पणी के बाद हिंदू संगठनों और संत समाज ने नाराजगी जताई. भारतीय जनता पार्टी के नेता गिरीश महाजन ने कहा कि महाकुंभ का आयोजन शास्त्रों के आधार पर किया जाता है और इसके पीछे वैज्ञानिक कारण भी होते हैं. उन्होंने ठाकरे की टिप्पणी को हिंदू धर्म के खिलाफ बताया और उनकी कड़ी आलोचना की.
क्या यह विवाद आगे बढ़ेगा?
राज ठाकरे के बयान के बाद राजनीतिक गलियारों में चर्चाएं तेज हो गई हैं. मनसे प्रमुख के इस बयान से बीजेपी और शिवसेना (UBT) के बीच सियासी बयानबाजी और बढ़ सकती है. आने वाले दिनों में इस मुद्दे पर और विवाद देखने को मिल सकता है.
महाकुंभ को लेकर भी उठाए सवाल
राज ठाकरे ने कहा कि अगर लाखों लोग गोदावरी नदी में स्नान करेंगे तो क्या कोई उस पानी को पीएगा? उनकी इस टिप्पणी के बाद हिंदू संगठनों और संत समाज ने नाराजगी जताई. भारतीय जनता पार्टी के नेता गिरीश महाजन ने कहा कि महाकुंभ का आयोजन शास्त्रों के आधार पर किया जाता है और इसके पीछे वैज्ञानिक कारण भी होते हैं. उन्होंने ठाकरे की टिप्पणी को हिंदू धर्म के खिलाफ बताया और उनकी कड़ी आलोचना की.
क्या यह विवाद आगे बढ़ेगा?
राज ठाकरे के बयान के बाद राजनीतिक गलियारों में चर्चाएं तेज हो गई हैं. मनसे प्रमुख के इस बयान से बीजेपी और शिवसेना (UBT) के बीच सियासी बयानबाजी और बढ़ सकती है. आने वाले दिनों में इस मुद्दे पर और विवाद देखने को मिल सकता है.
राज ठाकरे ने कहा कि अगर लाखों लोग गोदावरी नदी में स्नान करेंगे तो क्या कोई उस पानी को पीएगा? उनकी इस टिप्पणी के बाद हिंदू संगठनों और संत समाज ने नाराजगी जताई. भारतीय जनता पार्टी के नेता गिरीश महाजन ने कहा कि महाकुंभ का आयोजन शास्त्रों के आधार पर किया जाता है और इसके पीछे वैज्ञानिक कारण भी होते हैं. उन्होंने ठाकरे की टिप्पणी को हिंदू धर्म के खिलाफ बताया और उनकी कड़ी आलोचना की.
क्या यह विवाद आगे बढ़ेगा?
राज ठाकरे के बयान के बाद राजनीतिक गलियारों में चर्चाएं तेज हो गई हैं. मनसे प्रमुख के इस बयान से बीजेपी और शिवसेना (UBT) के बीच सियासी बयानबाजी और बढ़ सकती है. आने वाले दिनों में इस मुद्दे पर और विवाद देखने को मिल सकता है.
क्या यह विवाद आगे बढ़ेगा?
राज ठाकरे के बयान के बाद राजनीतिक गलियारों में चर्चाएं तेज हो गई हैं. मनसे प्रमुख के इस बयान से बीजेपी और शिवसेना (UBT) के बीच सियासी बयानबाजी और बढ़ सकती है. आने वाले दिनों में इस मुद्दे पर और विवाद देखने को मिल सकता है.
राज ठाकरे के बयान के बाद राजनीतिक गलियारों में चर्चाएं तेज हो गई हैं. मनसे प्रमुख के इस बयान से बीजेपी और शिवसेना (UBT) के बीच सियासी बयानबाजी और बढ़ सकती है. आने वाले दिनों में इस मुद्दे पर और विवाद देखने को मिल सकता है.

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